असम News

मागुरी मोटापुंग बील में अठखेलियां करते पक्षी। तस्वीर में दिख रहा इंडियन ऑयल का कारखाना। तस्वीर - बोंदिता बरुआ/मोंगाबे।

असमः तेल कुएं में विस्फोट के तीन साल बाद पुराने रूप में लौट रही मगुरी मोटापुंग बील

असम में 27 मई,  2020 को आर्द्रभूमि मगुरी मोटापुंग बील के पास बागजान में ऑयल इंडिया लिमिटेड के मालिकाना हक वाले तेल क्षेत्र में गैस रिसाव हुआ। इस वजह से…
मागुरी मोटापुंग बील में अठखेलियां करते पक्षी। तस्वीर में दिख रहा इंडियन ऑयल का कारखाना। तस्वीर - बोंदिता बरुआ/मोंगाबे।
नगांव में धान रोपते किसान। असम में किए गए एक अध्ययन के दौरान चावल के खेतों में ग्रेटर फाल्स वैम्पायर बैट को देखा गया था। तस्वीर- दिगन्त तालुकदार/विकिमीडिया कॉमन्स।

धान की फसलों के लिए प्राकृतिक कीटनाशक हैं चमगादड़,असम में एक अध्ययन में आया सामने

असम में हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि चमगादड़ धान की फसल को होने वाले नुकसान को कम करने में सहायक हो सकते हैं।…
नगांव में धान रोपते किसान। असम में किए गए एक अध्ययन के दौरान चावल के खेतों में ग्रेटर फाल्स वैम्पायर बैट को देखा गया था। तस्वीर- दिगन्त तालुकदार/विकिमीडिया कॉमन्स।
मानस नेशनल पार्क में बादलदार तेंदुए की कैमरा-ट्रैप तस्वीर। बादलदार तेंदुए काफी हद तक जंगली, शर्मीले जानवर हैं जिन्हें दुनिया में "सबसे छोटी बड़ी बिल्ली" माना जाता है। तस्वीर- साल्वाडोर लिंगदोह/डब्ल्यूआईआई।

प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए बादलदार तेंदुए ने विकसित किए अपने तरीके

बादलदार तेंदुओं (क्लाउडेड तेंदुआ) ने जंगल में खुद को बचाए रखने के लिए सह-अस्तित्व की बारीक रणनीतियां विकसित की हैं। इसमें चरम गतिविधि का समय अन्य मांसाहारी जीवों के साथ…
मानस नेशनल पार्क में बादलदार तेंदुए की कैमरा-ट्रैप तस्वीर। बादलदार तेंदुए काफी हद तक जंगली, शर्मीले जानवर हैं जिन्हें दुनिया में "सबसे छोटी बड़ी बिल्ली" माना जाता है। तस्वीर- साल्वाडोर लिंगदोह/डब्ल्यूआईआई।
महाराष्ट्र के ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व में बाघ और उसके शावक की 2016 की तस्वीर। तस्वीर- अजिंक्य विश्वेकर/विकिमीडिया कॉमन्स।

बाघ तस्करो के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश, असम से महाराष्ट्र तक फैला था सिंडिकेट

हाल के दिनों में मिली एक बड़ी सफलता में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली से असम के गुवाहाटी तक फैले अवैध शिकार के सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया गया। यह वन्यजीव अपराध नियंत्रण…
महाराष्ट्र के ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व में बाघ और उसके शावक की 2016 की तस्वीर। तस्वीर- अजिंक्य विश्वेकर/विकिमीडिया कॉमन्स।
चाय बागान श्रमिक। तस्वीर - CC BY-NC-SA 3.0 IGO © यूनेस्को-UNEVOC/अमिताव चंद्रा।

चाय बागान की महिला मजदूरों के लिए सर्पदंश बड़ा खतरा, हर साल होती हैं कई मौत

पाही भूमिज उस दिन को याद करके कांप उठती हैं। वह कहती हैं कि मौत से बच निकलने के लिए वह ऊपर वाले की शुक्रगुजार है। भूमिज असम के शिवसागर…
चाय बागान श्रमिक। तस्वीर - CC BY-NC-SA 3.0 IGO © यूनेस्को-UNEVOC/अमिताव चंद्रा।
साल 2018 में भारतीय हिमालय क्षेत्र (IHR) के लिए किए गए जलवायु की अनिश्चितता के आकलन के मुताबिक, असम सबसे ज्यादा संवेदनशील राज्य है। तस्वीर: बंदिता बरुआ।

अचानक बाढ़ और सूखे जैसे हालात से प्रभावित हो रही है असम की खेती

साल 2022 में असम में हुई रिकार्ड तोड़ बारिश के बाद आई बाढ़ पिछले एक दशक में राज्य में आई सबसे भयावह बाढ़ थी। इसके ठीक पहले असम के कुछ…
साल 2018 में भारतीय हिमालय क्षेत्र (IHR) के लिए किए गए जलवायु की अनिश्चितता के आकलन के मुताबिक, असम सबसे ज्यादा संवेदनशील राज्य है। तस्वीर: बंदिता बरुआ।
उदलगुरी के चाय बागानों में घूमते हाथी। तस्वीर- सयान बनर्जी 

[कमेंट्री] असम के मानव-हाथी संघर्ष क्षेत्र से दो मांओं की कहानी

नवंबर, 2022 के पहले सप्ताह में सुबह करीब 5:30 बजे असम के उदलगुरी जिले के एक गांव में हाथी के बच्चे की धान के खेत में एक मौत हो जाने…
उदलगुरी के चाय बागानों में घूमते हाथी। तस्वीर- सयान बनर्जी 
उत्तरी लखीमपुर, असम में मिसिंग जनजाति का एक घर। बाढ़ग्रस्त इलाकों में रह रहे लोग बाढ़ से बचने के लिए चांग घोर अवधारणा को अपना रहे हैं। तस्वीर- pranabnlp /विकिमीडिया कॉमन्स

कैसे असम का मिसिंग समुदाय वास्तुशिल्प डिजाइन के जरिए बाढ़ से मुकाबला कर रहा है

ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसे मेधिपामुआ गांव में दिसंबर की गुनगुनी धूप हर तरफ फैली है। गांव के कुछ पुरुष, महिलाएं और बच्चे झुंड बनाकर जमीन से कुछ फीट ऊपर…
उत्तरी लखीमपुर, असम में मिसिंग जनजाति का एक घर। बाढ़ग्रस्त इलाकों में रह रहे लोग बाढ़ से बचने के लिए चांग घोर अवधारणा को अपना रहे हैं। तस्वीर- pranabnlp /विकिमीडिया कॉमन्स
लोको पायलट महत्वपूर्ण हाथी गलियारों के आसपास सुरक्षा उपायों को लागू करने में लापरवाही का आरोप लगाते हैं। तस्वीर: पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे।

ट्रेन से हाथियों की टक्कर के बाद असम के लोको पायलटों के अनुभव, क्या है समाधान

"हत्यारा कहलाना किसी को पसंद नहीं है। किसी भी प्राणी की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराना विचलित करने वाला हो सकता है। हाथी की तो बात ही छोड़िए। कुत्ते, बकरी…
लोको पायलट महत्वपूर्ण हाथी गलियारों के आसपास सुरक्षा उपायों को लागू करने में लापरवाही का आरोप लगाते हैं। तस्वीर: पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे।
सिलचर का करीब 80 फीसदी हिस्सा जलमग्न हो गया। तस्वीर- सुभदीप दत्ता

[वीडियो] भीषण बाढ़ से असम में जन-जीवन अस्त-व्यस्त, जाल-माल को भारी क्षति

असम में नेशनल हाईवे 31 के किनारे जिस ओर नजर जाती है, पानी ही पानी दिखता है। यहां कुछ दिन पहले तक धान की लहलहाती फसल दिखती थी। इसी हाइवे…
सिलचर का करीब 80 फीसदी हिस्सा जलमग्न हो गया। तस्वीर- सुभदीप दत्ता
चाय बागान में हाथी। तस्वीर- अंशुमा बासुमतारी

चाय की प्याली से जुड़ा है हाथियों का संरक्षण

भारत और भूटान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा 40-एकड़ में फैला है तेंजिंग बोडोसा का चाय बागान। इसे पहली नजर में देखकर असम के तमाम चाय बागानों जैसा एक और…
चाय बागान में हाथी। तस्वीर- अंशुमा बासुमतारी