वन अधिकार News

पंचनथंगी के पास मौजूद अभयारण्य में स्लेंडर लोरिस। तस्वीर- SEEDS ट्रस्ट।

वन समुदाय के अधिकार और तमिलनाडु में स्लेंडर लोरिस का संरक्षण, समझिए क्या है समस्या

तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले का पंचनथंगी इलाका सुदूर क्षेत्र में बसा हुआ एक छोटा सा गांव है। यह गांव हरी-भरी और छोटी-मोटी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां पहुंचना बेहद…
पंचनथंगी के पास मौजूद अभयारण्य में स्लेंडर लोरिस। तस्वीर- SEEDS ट्रस्ट।
तडोबा टाइगर रिजर्व में सड़क पार करता एक वयस्क नर बाघ। एक बाघ 40 वर्ग किमी की सीमा तक कब्जा कर सकता है। इस बाघ के क्षेत्र में लगभग आठ गांव स्थित हैं। तस्वीर- सेंथिल कुमार।

वन्यजीवों के साथ इंसानी गतिविधियों को लंबे वक़्त से कैमरे में कैद करने वाले फोटोग्राफर से एक बातचीत

मानव-वन्यजीव संपर्क बढ़ रहा है। लेकिन उनमें से सभी सकारात्मक नहीं हैं। भारत में हर साल इंसानों और जानवरों के बीच टकराव के कारण सैकड़ों लोगों और जानवरों की मौत…
तडोबा टाइगर रिजर्व में सड़क पार करता एक वयस्क नर बाघ। एक बाघ 40 वर्ग किमी की सीमा तक कब्जा कर सकता है। इस बाघ के क्षेत्र में लगभग आठ गांव स्थित हैं। तस्वीर- सेंथिल कुमार।
दार्जिलिंग में चाय के बगान। तस्वीर- व्याचेस्लाव अर्जेनबर्ग/विकिमीडिया कॉमन्स

देश में वनों की स्थिति: बढ़ रहा है पौधारोपण और घट रहे हैं वन

भारत सरकार ने हाल ही में वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 (आईएसएफआर) जारी किया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दो साल पहले की तुलना में देश के वन क्षेत्र…
दार्जिलिंग में चाय के बगान। तस्वीर- व्याचेस्लाव अर्जेनबर्ग/विकिमीडिया कॉमन्स
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में जंगल से सटे गांव के खेत। ऐसे गांव में किसान पुश्तों से खेती करते आ रहे हैं, लेकिन वनाधिकार कानून के ठीक से लागू न होने की वजह से उनके अधिकार छिनने का खतरा है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

[कॉमेंट्री] बीते सदी में वन अधिकार को लेकर बदलता नजरिया और उससे जूझते लोग

कोविड-19 के दौरान न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया था कि जब तक कोरोना है तब तक लोगों उनके रहवास से बेदखल नहीं किया जाए। उदाहरण के लिए जबलपुर उच्च न्यायालय…
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में जंगल से सटे गांव के खेत। ऐसे गांव में किसान पुश्तों से खेती करते आ रहे हैं, लेकिन वनाधिकार कानून के ठीक से लागू न होने की वजह से उनके अधिकार छिनने का खतरा है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे
साबरमती नदी किनारे स्थित थर्मल पावर स्टेशन। देश में कोयले की कमी की चर्चा के बीच कई ऊर्जा संयंत्र बंद होने की कगार पर हैं। तस्वीर- कोशी/विकिमीडिया कॉमन्स

क्या देश में कोयला संकट से तैयार हो रहा कानूनों में परिवर्तन का रास्ता?

पिछले कुछ दिनों से, देश के ताप विद्युत संयत्रों में कोयले की कमी की चर्चा जोरों पर है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इसकी वजह से देश में…
साबरमती नदी किनारे स्थित थर्मल पावर स्टेशन। देश में कोयले की कमी की चर्चा के बीच कई ऊर्जा संयंत्र बंद होने की कगार पर हैं। तस्वीर- कोशी/विकिमीडिया कॉमन्स
पिछले दो दशकों में उत्तराखंड ने 1,200 से अधिक तेंदुओं को खोया है। तस्वीर- डेविड राजू/विकिमीडिया कॉमन्स

उत्तराखंड में तेंदुओं के साथ जीवन और जिम कार्बेट की विरासत

लगभग सौ साल पुरानी बात है। एक आदमखोर तेंदुए ने रुद्रप्रयाग के क्षेत्र में भारी तबाही मचा रखी थी। आठ साल में कम से कम 125 लोगों की जान लेने…
पिछले दो दशकों में उत्तराखंड ने 1,200 से अधिक तेंदुओं को खोया है। तस्वीर- डेविड राजू/विकिमीडिया कॉमन्स
खारे पानी को पंप के माध्यम से पाटा पर इकट्ठा किया जा रहा है। यहां वाष्पीकरण के बाद नमक बनने की प्रक्रिया शुरू होगी। आजकल अगरिया सोलर पंप का इस्तेमाल भी करते हैं। तस्वीर- ध्वनित पांड्या/एएचआरएम

नमक की जरूरत सबको पर हाशिए पर है नमक बनाने वाला समुदाय

मानसून ढलान पर है। इस मानसून के आखिरी महीने या कहें सितंबर के आखिरी सोमवार का दिन था। 48-वर्षीय गुणवंत रामजी कोली कच्छ के पूर्वी रण के एक पोखर में…
खारे पानी को पंप के माध्यम से पाटा पर इकट्ठा किया जा रहा है। यहां वाष्पीकरण के बाद नमक बनने की प्रक्रिया शुरू होगी। आजकल अगरिया सोलर पंप का इस्तेमाल भी करते हैं। तस्वीर- ध्वनित पांड्या/एएचआरएम
भारत सरकार के आदिवासी मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार में फरवरी, 2021 तक वनाधिकार को लेकर सिर्फ 8022 दावे पेश किये गये थे, दिलचस्प है कि इनमें से बिहार सरकार ने सिर्फ 121 दावों को स्वीकृत किया है। तस्वीर- जगदरी/फ्लिकर

[वीडियो] 13 साल बाद भी बिहार में सिर्फ 121 परिवार हासिल कर पाये वनाधिकार

दीपनारायण प्रसाद कहते हैं, हमारे इलाके से सात से आठ हजार के करीब लोगों ने वनाधिकार पट्टे के लिए आवेदन दिया था। मगर मेरी जानकारी में वाल्मिकीनगर के जंगल में…
भारत सरकार के आदिवासी मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार में फरवरी, 2021 तक वनाधिकार को लेकर सिर्फ 8022 दावे पेश किये गये थे, दिलचस्प है कि इनमें से बिहार सरकार ने सिर्फ 121 दावों को स्वीकृत किया है। तस्वीर- जगदरी/फ्लिकर
रोजी-रोटी के लिए वन गुज्जर मवेशियों पर निर्भर है। वन विभाग की सख्ती की वजह से वे मवेशी चराने के लिए जंगल नहीं जा सकते। तस्वीर- निशांत सैनी

जंगल की रक्षा करने वाले शिवालिक के टोंगिया और वन गुर्जरों का वनाधिकार अधर में

अप्रैल की अलसाई दोपहरी में उत्तराखंड के हरिद्वार के हरिपुर टोंगिया गांव की महिला पाल्लो देवी (52) बैठी जूट की रस्सियां बुन रही थीं। बदन पर गुलाबी सलवार-कुर्ती और चेहरे…
रोजी-रोटी के लिए वन गुज्जर मवेशियों पर निर्भर है। वन विभाग की सख्ती की वजह से वे मवेशी चराने के लिए जंगल नहीं जा सकते। तस्वीर- निशांत सैनी
फिल्म शेरनी के एक दृष्य में जंगल का मुआयना करती अभिनेत्री विद्या बालन। तस्वीर साभार- शेरनी फिल्म

[साक्षात्कार] संरक्षण और मानव-वन्यजीव टकराव की ओर ध्यान आकर्षित करने का एक गंभीर प्रयास है शेरनी

जंगल और जैव-विविधता के मामले भारत की दुनिया में ख़ास पहचान है। ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच संस्था के अनुसार दुनिया के वनस्पतियों और जीवों के कुल दर्ज़ प्रजातियों का लगभग आठ…
फिल्म शेरनी के एक दृष्य में जंगल का मुआयना करती अभिनेत्री विद्या बालन। तस्वीर साभार- शेरनी फिल्म