जम्मू और कश्मीर News

इस रिवरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के जरिए जम्मू-कश्मीर में तवी नदी को रोजगार के खास मौके पैदा करने वाली बनाया जाएगा। तस्वीर- पॉल ला पोर्टे/विकीमीडिया कॉम्नस।

जम्मू के तवी रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट से हो सकता है नदी को नुकसान, पर्यावरणविदों ने जताई चिंता

जम्मू-कश्मीर में सरकार की ओर से बनाए जा रहे तवी रिवरफ्रंट को लेकर पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भी चिंता जताई है कि इससे पर्यावरण को खतरा है और जलवायु परिवर्तन के…
इस रिवरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के जरिए जम्मू-कश्मीर में तवी नदी को रोजगार के खास मौके पैदा करने वाली बनाया जाएगा। तस्वीर- पॉल ला पोर्टे/विकीमीडिया कॉम्नस।
जम्मू में महिलाओं को पानी लाने के लिए पहाड़ी पर काफी ऊपर तक जाना पड़ता है। तस्वीर- आलोक पठानिया

जम्मू के जिलों में बढ़ते तापमान से स्थानीय जनजातियों की आजीविका को खतरा

जम्मू यूनिवर्सिटी के भूगोल विभाग की एक रिसर्च टीम ने जलवायु परिवर्तन से पड़ने वाले प्रभाव के आधार पर जम्मू और कश्मीर में जम्मू प्रांत के 10 जिलों की रैंकिंग…
जम्मू में महिलाओं को पानी लाने के लिए पहाड़ी पर काफी ऊपर तक जाना पड़ता है। तस्वीर- आलोक पठानिया
कश्मीर के किसानों ने जंगली सूअरों को दूर रखने और अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए अपने खेतों में लोगों को तैनात किया है। तस्वीर- आकिब हुसैन 

कश्मीर में जंगली सूअरों की वापसी से हंगुल के निवास स्थान और फसल खतरे में

कश्मीर में 30 साल बाद 2013 में, जंगली सूअर फिर से सामने आए और तब से उनकी संख्या बढ़ती जा रही है। इससे स्थानीय निवासियों और वन्यजीव विशेषज्ञों में चिंता…
कश्मीर के किसानों ने जंगली सूअरों को दूर रखने और अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए अपने खेतों में लोगों को तैनात किया है। तस्वीर- आकिब हुसैन 
पेरियार वन्यजीव अभयारण्य में सड़क पार करता बाइसन (जंगली भैंसा)। प्रतीकात्मक तस्वीर। तस्वीर- सैमसन जोसेफ/विकिमीडिया कॉमन्स 

जम्मू-कश्मीर में बढ़ते राजमार्ग और सड़क दुर्घटनाओं में जानवरों के मरने की बढ़ती घटनाएं

सितंबर 2011 में, जम्मू यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेन एनवायरनमेंट (आईएमई) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने जम्मू-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सियार के एक जोड़े को मरा हुआ पाया। वन्यजीव…
पेरियार वन्यजीव अभयारण्य में सड़क पार करता बाइसन (जंगली भैंसा)। प्रतीकात्मक तस्वीर। तस्वीर- सैमसन जोसेफ/विकिमीडिया कॉमन्स 

कश्मीर की गर्म सर्दियों की वजह से जल्दी खिल रहे हैं गुल तूर के फूल

गुल तूर के पीले फूलों का खिलना, कश्मीर में दर्द भरी आंखों के लिए एक सुकून रहा है। कश्मीर में लंबी सर्दियों के बाद यह रंग गायब है। आम तौर…

विदेशी प्रजातियों के पौधों के लिए बौने हैं पहाड़, बढ़ रही तादाद और तेजी से हो रहा फैलाव

परवेज़ डार पेशे से वनस्पति विज्ञानी हैं। उन्होंने साल 2012 और 2017 में कश्मीर में सड़कों के आसपास घूमकर अच्छा-खासा समय बिताया। इसमें पहाड़ी दर्रा सिंथन टॉप भी शामिल है।…
पोषक तत्वों से भरपूर करेवा केसर व बादाम की खेती के लिए के लिए अहम है। तस्वीर- शाज़ सैयद/मोंगाबे 

[वीडियो] बुनियादी ढांचे के नीचे दम तोड़ती कश्मीर के करेवा की उपजाऊ जमीन

केसर की धरती कहे जाने वाले पंपोर इलाके के बीच से एक राष्ट्रीय राजमार्ग (NH44) होकर गुजर रहा है। केसर की खेती करने वाले इश्फाक अहमद यहां खड़े होकर इस…
पोषक तत्वों से भरपूर करेवा केसर व बादाम की खेती के लिए के लिए अहम है। तस्वीर- शाज़ सैयद/मोंगाबे 

भारत में लिथियम खोज एक उम्मीद की किरण, खदान से बैटरी बनने तक एक लंबी यात्रा बाकी

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) द्वारा जम्मू और कश्मीर में लिथियम भंडार की प्रारंभिक खोज पर हाल ही में की गई घोषणा ने दुर्लभ क्षार धातु पर निर्भर कई उद्योगों को…
श्रीनगर और उसके आसपास के इलाकों में हवा को प्रदूषित करतीं सीमेंट फैक्ट्रियां। तस्वीर- मोहम्मद दाऊद।

प्रदूषित हुआ धरती का स्वर्ग: कश्मीर में खराब होती हवा की गुणवत्ता सांस के मरीजों के लिए बड़ा खतरा

दिसंबर का महीना काफी कोहरे वाला था। यहां के युवा और बूढ़े लोग श्रीनगर के डलगेट में मौजूद चेस्ट एंड डिजीज (CD) हॉस्पिटल जाने के लिए पहाड़ चढ़ रहे थे।…
श्रीनगर और उसके आसपास के इलाकों में हवा को प्रदूषित करतीं सीमेंट फैक्ट्रियां। तस्वीर- मोहम्मद दाऊद।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के सल्लार क्षेत्र का एक जंगल। तस्वीर- आमिर बिन रफ़ी

कश्मीर में खुद से संवर रहे जंगल, बेहतर हो रही मिट्टी की सेहत और कार्बन सिंक

शहर के शोर-शराबे से दूर, दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले में सालार जंगल दिसंबर की हांड़ कंपा देने वाली सर्दियों में भी वसंत के मौसम की तरह गुलजार है। कोहरे…
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के सल्लार क्षेत्र का एक जंगल। तस्वीर- आमिर बिन रफ़ी
20वीं सदी की शुरुआत से ही हंगुल की संख्या में गिरावट आ रही है। शोधकर्ताओं का कहना है कि हंगुल आवास के पास कारखानों से होने वाले उत्सर्जन ने हंगुल के शरीर विज्ञान और भोजन के पैटर्न को प्रभावित किया है। तस्वीर- मोहम्मद दाऊद

सिकुड़ते जंगलों की वजह से विलुप्ति की कगार पर जाता कश्मीरी का शर्मीला हिरण हंगुल

जंगलों से आच्छादित हिमालय की तलहटी में पाया जाने वाला एक शर्मीला हिरण अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहा है। कश्मीर के जंगली हंगुल के आवास और संख्या पर औद्योगीकरण,…
20वीं सदी की शुरुआत से ही हंगुल की संख्या में गिरावट आ रही है। शोधकर्ताओं का कहना है कि हंगुल आवास के पास कारखानों से होने वाले उत्सर्जन ने हंगुल के शरीर विज्ञान और भोजन के पैटर्न को प्रभावित किया है। तस्वीर- मोहम्मद दाऊद
The inside view of Pal Bagh Nag. In the absence of any covering, the leaves have fallen into the spring.

कश्मीर के झरनों का महत्त्व और उनके संरक्षण की आवश्यकता

नूरा, कश्मीर में श्रीनगर के बुर्जमा क्षेत्र में स्थित एक स्थानीय झरने ‘अस्तन नाग’ के पास घूम रही हैं। वह कुछ देर रुकती हैं और झरने की ओर जाने लगती…
The inside view of Pal Bagh Nag. In the absence of any covering, the leaves have fallen into the spring.
(बाएं से) नशीमन अशरफ, महरीन खलील और उल्फत मजीद। तस्वीर- मेहरीन खलील और उल्फत मजीद और हिरा अज़मत

केसर, जैव विविधता और हिमनद: कश्मीर की महिला वैज्ञानिक कर रही हैं क्षेत्र के जलवायु गतिविधियों का नेतृव

इस जलवायु परिवर्तन से स्थानीय पारिस्थितिकी, आजीविका और उन्हें बनाए रखने वाले नेटवर्क के लिए खतरा है। वैज्ञानिक नशीमन अशरफ, उल्फत मजीद और महरीन खलील अलग-अलग पृष्ठभूमि से हैं और…
(बाएं से) नशीमन अशरफ, महरीन खलील और उल्फत मजीद। तस्वीर- मेहरीन खलील और उल्फत मजीद और हिरा अज़मत
कश्मीर में खननः [वीडियो] नदी किनारे खनन से संकट में कश्मीर की मछलियां

[वीडियो] नदी किनारे खनन से संकट में कश्मीर की मछलियां

कश्मीर की मीठे पानी की धाराओं में जलीय जीवन खतरे में है। इसकी वजह है-बेतहाशा खनन। झेलम नदी और उसकी सहायक नदियों में बजरी, बोल्डर और रेत निकालने के लिए…
कश्मीर में खननः [वीडियो] नदी किनारे खनन से संकट में कश्मीर की मछलियां
हर साल मई के तीसरे सप्ताह में धान के खेतों की जुताई से पहले गांव के बुजुर्ग मछली पकड़ने जाने के लिए एक दिन चुनते हैं। साथ ही, वे पंजथ नाग झरने की सफाई भी करते हैं। तस्वीर- वसीम दार

कश्मीर: मछली पकड़ने के उत्सव से जुड़ा एक झरने का अस्तित्व

कश्मीर की वादियों में एक ऐसा भी गांव है जहां साल में एक बार सभी बच्चे-बूढ़े मछली पकड़ने के लिए छुट्टी लेते हैं। प्रथम दृष्टया यह कहानी बीते दिनों की…
हर साल मई के तीसरे सप्ताह में धान के खेतों की जुताई से पहले गांव के बुजुर्ग मछली पकड़ने जाने के लिए एक दिन चुनते हैं। साथ ही, वे पंजथ नाग झरने की सफाई भी करते हैं। तस्वीर- वसीम दार
बैनर तस्वीर: हंगुल का झुंड। तस्वीर- ताहिरशॉल/विकिमीडिया कॉमन्स

[वीडियो] बढ़ने लगी कश्मीर के राजकीय पशु हंगुल की आबादी, भोजन और आवास की कमी अब भी चुनौती

हंगुल या कश्मीरी हिरण की गिरती संख्या चिंता का सबब रहा है। पर मार्च 2021 में सामने आई संख्या उत्साहजनक है। वन्यजीव संरक्षण विभाग के अनुसार, लुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल…
बैनर तस्वीर: हंगुल का झुंड। तस्वीर- ताहिरशॉल/विकिमीडिया कॉमन्स
जम्मू-कश्मीर: दो विरोधाभासी कानून के साथ लागू होने से वन-अधिकार को लेकर धुंधलाती तस्वीर

जम्मू-कश्मीर: दो विरोधाभासी कानून के साथ लागू होने से वन-अधिकार को लेकर धुंधलाती तस्वीर

कैपरान, अनंतनाग जिले का एक सरहदी कस्बाई गांव है जो चारों तरफ से पहाड़ों और घास के मैदानों से घिरा है। यहां आस-पास के तकरीबन दस गांवों के बाशिंदों के…
जम्मू-कश्मीर: दो विरोधाभासी कानून के साथ लागू होने से वन-अधिकार को लेकर धुंधलाती तस्वीर
सांप से लेकर तेंदुए तक की जान बचा रही कश्मीर की आलिया

सांप से लेकर तेंदुए तक की जान बचा रहीं हैं कश्मीर की आलिया मीर

पिछले साल दिसंबर में श्रीनगर की गलियों में एक तेंदुआ भटकता हुआ दिखा। इसका एक वीडियो भी सामने आया। तेंदुआ जंगल के बाड़े को पार कर बाग-ए-महताब इलाके में चला…
सांप से लेकर तेंदुए तक की जान बचा रही कश्मीर की आलिया
कश्मीर के पहलगाम घाटी में ट्राउट मछली। तस्वीर- मैथ्यू लैयर्ड एकर्ड / विकिमीडिया कॉमन्स

कभी विदेशों से लाया गया ट्राउट मछली का बीज, अब कश्मीर में फल-फूल रहा कारोबार

कश्मीर में ट्राउट मछली का कारोबार जोर पकड़ रहा है। यहां पाली जा रही मछली के अंडों की मांग देश के दूसरे हिस्सों में भी हो रही है। ट्राउट मछली…
कश्मीर के पहलगाम घाटी में ट्राउट मछली। तस्वीर- मैथ्यू लैयर्ड एकर्ड / विकिमीडिया कॉमन्स
दक्षिणपूर्व कर्नाटक में बिलीगिरिंगा पहाड़ी का तेंदुआ। देशभर में कर्नाटक तेंदुए की अनुमानित संख्या (1,783) में दूसरे स्थान पर है। फोटो- उदय किरण/विकिमीडिया कॉमन्स

देश में 60 फीसदी और मध्यप्रदेश में 88 फीसदी बढ़ी तेंदुए की आबादी, इंसानों के साथ संघर्ष रोकना बड़ी चुनौती

आए दिन देश के किसी कोने से तेंदुए के पीछे लाठी-डंडा लेकर दौड़ते लोगों की तस्वीर नजर आती है। कभी पंजाब के खेतों से तो कभी मध्यप्रदेश के किसी रिहायशी…
दक्षिणपूर्व कर्नाटक में बिलीगिरिंगा पहाड़ी का तेंदुआ। देशभर में कर्नाटक तेंदुए की अनुमानित संख्या (1,783) में दूसरे स्थान पर है। फोटो- उदय किरण/विकिमीडिया कॉमन्स

संपादक की नजर में 2020: वायरस से जुड़ी चिंता के बीच पर्यावरण को लेकर मिले मौके चूक जाने का वर्ष

आधिकारिक तौर पर भारत में कोविड-19 का पहला मामला केरल के थ्रीसुर में जनवरी 2020 में दर्ज किया गया था। अभी दिसंबर 2020 में 90-वर्षीय ब्रिटेन का एक नागरिक इस…
कॉमन क्रो। भोपाल के वन विहार में नेक्टर प्लांट पर तितलियां फूलों का रस लेती हुई नजर आती हैं। फोटो- मोहम्मद खालिक

सुंदरता बनी जी का जंजाल: क्या तितली पार्क बनाने से बचेगा यह जीता-जागता फूल!

क्यारियों में लगे रंग-बिरंगे फूल और उसपर मंडराती अनगिनत तितलियां। एक साथ हजारों तितलियों को उड़ता देखकर लगता है मानो खूबसूरत फूल हवा में तैर रहे हों। यह दृश्य भोपाल…
कॉमन क्रो। भोपाल के वन विहार में नेक्टर प्लांट पर तितलियां फूलों का रस लेती हुई नजर आती हैं। फोटो- मोहम्मद खालिक
बुद्गम जंगल से गुजरता हुआ पावर लाइन। इन बिजली के तारों की वजह से पेड़ों को काटा गया। फोटो- अथर परवेज

आदिवासियों को जंगल से उजाड़ने वाली जम्मू-कश्मीर सरकार को क्या वाकई है पर्यावरण की चिंता

जम्मू-कश्मीर की ऊंची पहाड़ियों पर घने जंगलों के किनारे बेहद छोटी-छोटी झोपड़ियां नजर आती हैं। पत्थर, मिट्टी और घास-फूस से बने ये घर गुज्जर समुदाय के लोगों का आशियाना है।…
बुद्गम जंगल से गुजरता हुआ पावर लाइन। इन बिजली के तारों की वजह से पेड़ों को काटा गया। फोटो- अथर परवेज
बैनर इलस्ट्रेशन- कश्मीर में जन्मे गजल कादरी ने इस तस्वीर को बनाया है। अब वे अमेरिका में रहते हैं।

लोग आते गए और कारवां बनता गया: श्रीनगर के डल झील की सफाई के लिए बाप-बेटी आये आगे तो शहर को मिली प्रेरणा

एक सिगरेट की ठूंठ ने श्रीनगर के तारिक ए पतलू का जीवन बदल दिया। अब रोजाना जब अपनी सेहत की चिंता में लोग मॉर्निंग वॉक के लिए निकलते हैं तो…
बैनर इलस्ट्रेशन- कश्मीर में जन्मे गजल कादरी ने इस तस्वीर को बनाया है। अब वे अमेरिका में रहते हैं।