प्राकृतिक संसाधन News

छत्तीसगढ़ के सरगुजा ज़िले के साल्ही गांव से लगे हसदेव अरण्य के जंगल में आदिवासी पेड़ कटने का विरोध कर रहे हैं। पिछले कई दिनों से यहां प्रदर्शन हो रहे हैं। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल

कोयले के लिए हसदेव अरण्य में काटे जा सकते हैं साढ़े चार लाख पेड़, रात-दिन जागकर पेड़ों की रक्षा कर रहे हैं आदिवासी

देश में चारों तरफ लोगों को यह सलाह दी जा रही है कि जानलेवा धूप है, घर से ना निकालें। छत्तीसगढ़ में भी कई इलाकों में मौसम का पारा 46…
छत्तीसगढ़ के सरगुजा ज़िले के साल्ही गांव से लगे हसदेव अरण्य के जंगल में आदिवासी पेड़ कटने का विरोध कर रहे हैं। पिछले कई दिनों से यहां प्रदर्शन हो रहे हैं। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल
लातेहार समाहरणालय के बाहर रांकीकला पंचायत के आदिवासी बहुल लंका गांव के लोग। इनके हाथों में निजी पट्टा के दस्तावेज हैं। तस्वीर- असगर खान

झारखंड में वन अधिकार कानून बेहाल, दावा एकड़ में लेकिन पट्टा डिसमिल में

जतन सिंह खरवार की उम्र साठ छूने वाली है और इन पर परिवार के आठ लोगों की जिम्मेदारी है। जीविका का साधन सिर्फ खेती है। जिस जमीन को जोतकर जतन…
लातेहार समाहरणालय के बाहर रांकीकला पंचायत के आदिवासी बहुल लंका गांव के लोग। इनके हाथों में निजी पट्टा के दस्तावेज हैं। तस्वीर- असगर खान
छत्तीसगढ़ के जंगलों में आग लगी हुई है, जंगल की आग बुझाने वाला वन विभाग का मैदानी अमला अनुपस्थित है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल

छत्तीसगढ़ के वनों में धधक रही आग और वन विभाग का मैदानी अमला हड़ताल पर

यह पिछले महीने की 27 तारीख़ का मामला है, जब राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिज़र्व में आग लगने की ख़बर सामने आई। अकबरपुर रेंज के बालेटा-पृथ्वीपुरा नाका में आग की…
छत्तीसगढ़ के जंगलों में आग लगी हुई है, जंगल की आग बुझाने वाला वन विभाग का मैदानी अमला अनुपस्थित है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल
बारापुल्ला नाले की पहले और बाद की स्थिति। तस्वीर- एकेटीसी

दिल्ली की 700 साल पुरानी निजामुद्दीन बस्ती में लौट रही पुरानी रौनक

दिल्ली की निजामुद्दीन बस्ती अपने आप में एक अलग दुनिया है। इसे सूफी संतों और धार्मिक स्थलों के लिए भी जाना जाता है। लोधी कॉलोनी और खान मार्केट जैसे पड़ोसी…
बारापुल्ला नाले की पहले और बाद की स्थिति। तस्वीर- एकेटीसी
औद्योगिक क्षेत्र से होने वाले कुल कार्बन उत्सर्जन का लगभग एक तिहाई लौह और इस्पात क्षेत्र से होता है। तस्वीर- जॉन ब्यूफोर्ट/Publicdomainpictures.net

भारत के स्टील क्षेत्र के सामने खपत बढ़ाने और कार्बन उत्सर्जन कम करने की चुनौती

हाल ही में टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक ने कहा था कि भारत में ग्रीन स्टील के उत्पादन के लिए जरूरी गैस और स्क्रैप उपलब्ध नहीं है। इसके एक महीने…
औद्योगिक क्षेत्र से होने वाले कुल कार्बन उत्सर्जन का लगभग एक तिहाई लौह और इस्पात क्षेत्र से होता है। तस्वीर- जॉन ब्यूफोर्ट/Publicdomainpictures.net
तवा नदी नर्मदा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है। गर्मियों में यह नदी अब सूखने लगी है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

विश्व जल दिवसः नर्मदा नदी के किनारे क्यों सूखने लगे बोर, गिरता जा रहा भूजल स्तर

नर्मदापुरम (होशंदाबाद) जिले के पिपरिया में बीजनवाड़ा गांव के निवासी सत्यनारायण पटेल का घर पासा नदी के बिल्कुल करीब है। मध्य प्रदेश के इस क्षेत्र के लिए नदी के इतने…
तवा नदी नर्मदा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है। गर्मियों में यह नदी अब सूखने लगी है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे
बैनर तस्वीर: बाजोली-होली जलविद्युत परियोजना का एक दृश्य। तस्वीर- विशेष प्रबंध

हिमाचल में आदिवासियों को उजाड़ती पनबिजली परियोजना

25 मार्च 2014 की तारीख, हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला स्थित झरौता गांव के लोग इस तारीख को भूल नहीं सकते। इसी दिन कम से कम 31 महिलाओं को पुलिस…
बैनर तस्वीर: बाजोली-होली जलविद्युत परियोजना का एक दृश्य। तस्वीर- विशेष प्रबंध
कूनो अभ्यारण्य का मुख्य द्वार। कूनो में एशियाई शेरों को लाने की योजना साल 1996 से शुरू हुई थी। तस्वीर- शहरोज़ अफरीदी

गिर के शेरों के नाम पर विस्थापन, 26 साल गुजरे, अब आ रहे हैं अफ्रीकी चीते

आदिवासी समुदाय के मदनू साल 1996 को कभी नहीं भूल सकते। तब मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें बेहतर जिंदगी का सपना दिखाकर शयोपुर जिले में स्थित कूनो वन्यजीव अभायरण्य से…
कूनो अभ्यारण्य का मुख्य द्वार। कूनो में एशियाई शेरों को लाने की योजना साल 1996 से शुरू हुई थी। तस्वीर- शहरोज़ अफरीदी
महाशीर सर्वे के दौरान नदी से एक महाशीर को निकाला गया। परिक्षण के बाद उसे वापस नदी में छोड़ दिया गया। तस्वीर-ए जे टी जॉनसिंह, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया और एनसीएफ/विकिमीडिया कॉमन्स

[वीडियो] क्या पानी के टाइगर महाशीर के लायक नहीं रह गया नर्मदा का पानी?

मध्यप्रदेश में बड़वानी जिले के नर्मदा नदी के किनारे मछली पकड़ रहीं द्वारकी, पास पड़ी टोकरी की तरफ, इशारा करती हैं। दिन भर की मशक्कत के बाद भी उनकी यह…
महाशीर सर्वे के दौरान नदी से एक महाशीर को निकाला गया। परिक्षण के बाद उसे वापस नदी में छोड़ दिया गया। तस्वीर-ए जे टी जॉनसिंह, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया और एनसीएफ/विकिमीडिया कॉमन्स
अध्ययन में नवीकरणीय परियोजनाओं सहित विभिन्न परियोजनाओं के लिए कोयला खदानों की भूमि का उपयोग करने का आह्वान किया गया है। तस्वीर- मयंक अग्रवाल / मोंगाबे

सबसे बड़ा कोयला उत्पादक जिला कोरबा कैसे पकड़ेगा स्वच्छ ऊर्जा की राह

भारत में एनर्जी ट्रांजिशन यानी जीवाश्म ईंधन से स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ने के रास्ते में  जमीन एक बड़ी जरूरत है। साथ ही, कोयला खनन को वैज्ञानिक तरीके से बंद…
अध्ययन में नवीकरणीय परियोजनाओं सहित विभिन्न परियोजनाओं के लिए कोयला खदानों की भूमि का उपयोग करने का आह्वान किया गया है। तस्वीर- मयंक अग्रवाल / मोंगाबे
गुरुग्राम, हरियाणा में एक निर्माण स्थल पर काम करती महिलाएं। प्रतिकात्मक तस्वीर- माइकल कैनन/विकिमीडिया कॉमन्स

अवैध खनन से विनाश की तरफ अरावली के अरण्य, हरियाणा सरकार मूकदर्शक

हरियाणा में खनन के दौरान पांच लोगों की मौत ने अरावली पर्वतमाला में अवैध खनन को फिर चर्चा में ला दिया है। इस साल जनवरी में भिवानी जिले के तोशाम…
गुरुग्राम, हरियाणा में एक निर्माण स्थल पर काम करती महिलाएं। प्रतिकात्मक तस्वीर- माइकल कैनन/विकिमीडिया कॉमन्स
‘इज ऑफ डूइंग बिजनस’ के नाम पर पर्यावरण मंत्रालय जारी कर रहा नए-नए आदेश

‘इज ऑफ डूइंग बिजनस’ के नाम पर पर्यावरण मंत्रालय जारी कर रहा नए-नए आदेश

बीते कुछ महीनों में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की तरफ से दो महत्वपूर्ण संशोधन का प्रस्ताव आया है- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 और जैवविविधता कानून 2002 ।…
‘इज ऑफ डूइंग बिजनस’ के नाम पर पर्यावरण मंत्रालय जारी कर रहा नए-नए आदेश
कुएं की खुदाई में मारुवन परियोजना की टीम की मदद करते स्थानीय लोग। गौरव गुर्जर द्वारा फोटो।

जापानी विधि से राजस्थान के मरुस्थल में तैयार हो रहा वन

जंगली पेड़ों के जानकार गौरव गुर्जर जोधपुर में पले-बढ़े हैं। पढ़ाई और रोजगार के लिए वे अपने घर से दूर जाने वाले गौरव गुर्जर को इसका अंदाजा यह नहीं था…
कुएं की खुदाई में मारुवन परियोजना की टीम की मदद करते स्थानीय लोग। गौरव गुर्जर द्वारा फोटो।
भुवनेश्वरी चंदोला, रावतगांव की आखिरी बची हुई ग्रामीणों में से एक हैं। वह अपने पति ओमप्रकाश चंदोला और मेजर गोर्की के साथ ऐसे फल और सब्जियां उगाने की कोशिश कर रहीं हैं जो अब उनके गांव में नहीं उगती हैं। तस्वीर- अर्चना सिंह

एक फौजी की कोशिश से दोबारा आबाद हुए उत्तराखंड के ‘भुतहा गांव’

उत्तराखंड को देव भूमि के नाम से जाना जाता है, लेकिन हाल के वर्षों में यह राज्य जलवायु परिवर्तन, कुदरती हादसों और उसकी वजह से हो रहे पलायन को लेकर…
भुवनेश्वरी चंदोला, रावतगांव की आखिरी बची हुई ग्रामीणों में से एक हैं। वह अपने पति ओमप्रकाश चंदोला और मेजर गोर्की के साथ ऐसे फल और सब्जियां उगाने की कोशिश कर रहीं हैं जो अब उनके गांव में नहीं उगती हैं। तस्वीर- अर्चना सिंह
दार्जिलिंग में चाय के बगान। तस्वीर- व्याचेस्लाव अर्जेनबर्ग/विकिमीडिया कॉमन्स

देश में वनों की स्थिति: बढ़ रहा है पौधारोपण और घट रहे हैं वन

भारत सरकार ने हाल ही में वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 (आईएसएफआर) जारी किया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दो साल पहले की तुलना में देश के वन क्षेत्र…
दार्जिलिंग में चाय के बगान। तस्वीर- व्याचेस्लाव अर्जेनबर्ग/विकिमीडिया कॉमन्स
हिमालय से गुजरती कई नदियों को नेपाल की सरकार पनबिजली उत्पन्न करने के स्रोत के रूप में देखती है जिनका दोहन अभी होना है। तस्वीर-जोनस ग्रेटजर/मोंगाबे

नेपाल में अंधाधुंध निर्माण में लगा है चीन, हिमालय के नाजुक पारिस्थितिकी को खतरा

बजरी से भरा एक ट्रक नेपाल के स्याब्रुबेसी की सड़क पर धूल का गुबार उड़ाते हुए बेधड़क चलता जा रहा है। इलाके में सड़क को चौड़ा करने का काम चल…
हिमालय से गुजरती कई नदियों को नेपाल की सरकार पनबिजली उत्पन्न करने के स्रोत के रूप में देखती है जिनका दोहन अभी होना है। तस्वीर-जोनस ग्रेटजर/मोंगाबे
[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?

कोविड, किसान आंदोलन, उदारीकरण, पेसा, नेट जीरो से जोड़कर देखा जाएगा साल 2021

अभी 2022 दहलीज पर खड़ा है और इसके साथ ओमीक्रॉन भी। पूरी मानव सभ्यता इस उम्मीद में है कि कोविड के डेल्टा ने 2021 में जो तबाही मचाई वैसे आगे…
[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?
खेत में फसल के साथ पशुधन, पेड़, बागवानी के साथ एक किसान का घर। यह कृषि वानिकी का एक उदाहरण है। ऐसे मॉडल अपनाने से जलवायु परिवर्तन की रफ्तार कम हो सकती है। तस्वीर- वर्ल्ड एग्रोफोरेस्ट्री सेंटर/देवश्री नायक/फ़्लिकर

ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में कारगर हैं प्रकृति आधारित समाधान

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूनेप) और प्रकृति संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ (आईयूसीएन) की हाल ही में जारी रिपोर्ट चर्चा में है। रिपोर्ट के लेखकों का कहना है कि भारत…
खेत में फसल के साथ पशुधन, पेड़, बागवानी के साथ एक किसान का घर। यह कृषि वानिकी का एक उदाहरण है। ऐसे मॉडल अपनाने से जलवायु परिवर्तन की रफ्तार कम हो सकती है। तस्वीर- वर्ल्ड एग्रोफोरेस्ट्री सेंटर/देवश्री नायक/फ़्लिकर
चटपट बानी, पठानकोट। तस्वीर- जसकरण सिंह

[वीडियो] पौराणिक मान्यताओं की वजह से बचे हैं पंजाब के ये पवित्र वन, संरक्षण की जरूरत

खेती-बाड़ी के मामले में देश में अव्वल पंजाब जंगल के मामले में कमजोर पड़ जाता है। यहां छिटफुट इलाकों में ही जंगल बच गए हैं। ये भी जंगल इसलिए बचे…
चटपट बानी, पठानकोट। तस्वीर- जसकरण सिंह
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र के पास जंगलों में खुलेआम कूड़ा डाला जा रहा है। तस्वीर- कपिल काजल।

हिमाचल में ट्रीटमेंट प्लांट ही बन रहा प्रदूषण का कारण

आज से करीब 20 साल पहले हिमाचल प्रदेश के माजरा गांव की करमों देवी ने पीने के पानी के लिए एक कुआं खोदवाया। बीते 20 साल से यह कुआं करमों…
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र के पास जंगलों में खुलेआम कूड़ा डाला जा रहा है। तस्वीर- कपिल काजल।
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बैलाडीला लौह अयस्क खदानों का एक दृश्य। तस्वीर- सुरेश यादव

छत्तीसगढ़ में लौह अयस्क के खनन के लिए जंगलों की कटाई

छत्तीसगढ़ में एक बड़े हिस्से में जंगल है जो न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर की आबोहवा के लिए जरूरी है। पर राज्य में लौह अयस्क का प्रचूर भंडार भी…
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बैलाडीला लौह अयस्क खदानों का एक दृश्य। तस्वीर- सुरेश यादव
वेटलैंड की रक्षा के लिए प्रकृति-आधारित समाधानों ने जल सुरक्षा में सुधार, जैव विविधता में वृद्धि, और एक विकासशील शहर में एक सार्वजनिक स्थान की रक्षा करने में मदद की है। शुचिता झा/मोंगाबे

[वीडियो] कितना सफल रहा भोपाल की बड़ी झील में दो दशक लंबा संरक्षण का प्रयास?

सुबह के सात बज रहे हैं। लेकिन भोपाल के बोरवन जंगल में रात का अंधेरा पेड़ों की ओट में छिपा बैठा है। चिड़ियों की चहचहाहट के बीच अपनी सेहत को…
वेटलैंड की रक्षा के लिए प्रकृति-आधारित समाधानों ने जल सुरक्षा में सुधार, जैव विविधता में वृद्धि, और एक विकासशील शहर में एक सार्वजनिक स्थान की रक्षा करने में मदद की है। शुचिता झा/मोंगाबे
पंजाब के एक धान के खेत का दृश्य। तस्वीर- जसपिंदर सिंह दूहेवाला

हरियाणा में गंभीर हो चला है भूजल का गिरता स्तर

भूजल के खपत के मामले में भारत, विश्व के शीर्ष देशों में आता है। यहां 80 फीसदी से अधिक घरेलू जल आपूर्ति, भूजल से ही होती है। हर साल देश…
पंजाब के एक धान के खेत का दृश्य। तस्वीर- जसपिंदर सिंह दूहेवाला
खेत पर कटाई करते मजदूर। इलाके में बाघ की इतनी दहशत है कि किसानों को कम काम के लिए भी अधिक मात्रा में मजदूर रखने की जरूरत होती है, ताकि बाघ के हमले से बचा जा सके। तस्वीर- सौरभ कटकुरवार

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 30 साल बाद फिर दिखने लगे बाघ, इंसानों के साथ संघर्ष शुरू

हाल के वर्षों तक महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में स्थानीय लोग बेफिक्र होकर जंगल में चले जाया करते थे। जलावन की लकड़ी हो, फल-फूल इकट्ठा करना हो या अपने खेतों में…
खेत पर कटाई करते मजदूर। इलाके में बाघ की इतनी दहशत है कि किसानों को कम काम के लिए भी अधिक मात्रा में मजदूर रखने की जरूरत होती है, ताकि बाघ के हमले से बचा जा सके। तस्वीर- सौरभ कटकुरवार
साबरमती नदी किनारे स्थित थर्मल पावर स्टेशन। देश में कोयले की कमी की चर्चा के बीच कई ऊर्जा संयंत्र बंद होने की कगार पर हैं। तस्वीर- कोशी/विकिमीडिया कॉमन्स

क्या देश में कोयला संकट से तैयार हो रहा कानूनों में परिवर्तन का रास्ता?

पिछले कुछ दिनों से, देश के ताप विद्युत संयत्रों में कोयले की कमी की चर्चा जोरों पर है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इसकी वजह से देश में…
साबरमती नदी किनारे स्थित थर्मल पावर स्टेशन। देश में कोयले की कमी की चर्चा के बीच कई ऊर्जा संयंत्र बंद होने की कगार पर हैं। तस्वीर- कोशी/विकिमीडिया कॉमन्स
वर्ष 2020 में तीन लाख से अधिक पर्यटक सुंदर नर्सरी देखने आए। कोविड महामारी के दौरान इतनी भारी संख्या में पर्यटकों का आना अच्छा संकेत है। तस्वीर- अर्चना सिंह

दिल्ली की सुंदर नर्सरी: बंजर जमीन से प्रसिद्ध हेरिटेज पार्क तक का सुंदर सफर

देश के अधिकतर शहर धीरे-धीरे कॉन्क्रीट के जंगल बनते जा रहे हैं। ऐसे ही माहौल के बीच दिल्ली में 90 एकड़ में फैली सुंदर नर्सरी, राहत की सांस देती है। …
वर्ष 2020 में तीन लाख से अधिक पर्यटक सुंदर नर्सरी देखने आए। कोविड महामारी के दौरान इतनी भारी संख्या में पर्यटकों का आना अच्छा संकेत है। तस्वीर- अर्चना सिंह
बिहार के सुलतानगंज में नाव से गंगा पार करते श्रद्धालु। फिल्मकार सिद्धार्थ अग्रवाल ने गंगासागर से गंगोत्री तक की पैदल यात्रा कर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है। तस्वीर- सिद्धार्थ अग्रवाल

[समीक्षा] मूविंग अप्स्ट्रीम: गंगा- हजार किस्से मिले नदी के साथ चलने में

‘मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था/ वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था।’ अंजुम रहबर के इस शेर की मदद से उत्तराखंड का एक युवक यूं तो अपने कुनबे…
बिहार के सुलतानगंज में नाव से गंगा पार करते श्रद्धालु। फिल्मकार सिद्धार्थ अग्रवाल ने गंगासागर से गंगोत्री तक की पैदल यात्रा कर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है। तस्वीर- सिद्धार्थ अग्रवाल
उदयपुर को झीलों का शहर कहा जाता है, लेकिन यहां के झील दिन-ब-दिन खत्म होते जा रहे हैं। तस्वीर- अर्चना सिंह

[वीडियो] उदयपुर का आकर्षण ही बन रहा इसका काल, अधिक पर्यटन से खतरे में यहां के झील और पहाड़

राजस्थान का उदयपुर शहर सदियों से आकर्षण का केंद्र रहा है। अंग्रेज अधिकारियों से लेकर हॉलीवुड के सितारों तक को यह शहर अपनी तरफ आकर्षित करता रहा है। हालांकि, पिछले…
उदयपुर को झीलों का शहर कहा जाता है, लेकिन यहां के झील दिन-ब-दिन खत्म होते जा रहे हैं। तस्वीर- अर्चना सिंह
वर्ष 2020 में मैंग्रोव लगाने की अभियान चलाया गया था। तस्वीर- साबिज बाहिनी

[वीडियो] देखने में अक्षम पर अपने नेतृत्व से गांव को चक्रवात झेलने में बनाया सक्षम

इस साल भारी बारिश से देश के विभिन्न हिस्सों में शहर और गांव बेहाल हैं। चारों तरफ मौसम के मार और उससे होने वाली तकलीफों की चर्चा है। इसी बीच…
वर्ष 2020 में मैंग्रोव लगाने की अभियान चलाया गया था। तस्वीर- साबिज बाहिनी
छोटा नागपुर की पहाड़ियों से निकलकर दामोदर नदी हुगली नदी में जाकर मिलती है। प्रदूषण और बाढ़ की वजह से नदी काफी चर्चित रहती है। तस्वीर- राहुल सिंह

[वीडियो] झारखंड और पश्चिम बंगाल में दामोदर नदी का ‘शोक’ अब भी जारी

दामोदर नदी, झारखंड और पश्चिम बंगाल के करोड़ों लोगों के लिए जीवनरेखा है पर इसे बंगाल के शोक के तौर पर जाना जाता है। दशकों से इस पर काम होने…
छोटा नागपुर की पहाड़ियों से निकलकर दामोदर नदी हुगली नदी में जाकर मिलती है। प्रदूषण और बाढ़ की वजह से नदी काफी चर्चित रहती है। तस्वीर- राहुल सिंह