प्राकृतिक संसाधन News

पोषक तत्वों से भरपूर करेवा केसर व बादाम की खेती के लिए के लिए अहम है। तस्वीर- शाज़ सैयद/मोंगाबे 

[वीडियो] बुनियादी ढांचे के नीचे दम तोड़ती कश्मीर के करेवा की उपजाऊ जमीन

केसर की धरती कहे जाने वाले पंपोर इलाके के बीच से एक राष्ट्रीय राजमार्ग (NH44) होकर गुजर रहा है। केसर की खेती करने वाले इश्फाक अहमद यहां खड़े होकर इस…
पोषक तत्वों से भरपूर करेवा केसर व बादाम की खेती के लिए के लिए अहम है। तस्वीर- शाज़ सैयद/मोंगाबे 

भारत में लिथियम खोज एक उम्मीद की किरण, खदान से बैटरी बनने तक एक लंबी यात्रा बाकी

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) द्वारा जम्मू और कश्मीर में लिथियम भंडार की प्रारंभिक खोज पर हाल ही में की गई घोषणा ने दुर्लभ क्षार धातु पर निर्भर कई उद्योगों को…
जोशीमठ के बाजार में चहलकदमी करता एक आदमी। फोटो: मनीष कुमार/मोंगाबे।

उत्तराखंडः धंसती जमीन और अस्थायी पुनर्वास के बीच फंसे जोशीमठ के लोग

फौज से रिटायर होने के बाद अब्बल सिंह (65) ने जोशीमठ में अपने सपनों का घर बनाया। कस्बे की पहाड़ी ढलानों पर बने इस तीन मंजिला घर में उन्होंने लगभग…
जोशीमठ के बाजार में चहलकदमी करता एक आदमी। फोटो: मनीष कुमार/मोंगाबे।
2019 में बिना खरपतवार वाली सिरपुर आर्द्रभूमि। तस्वीर साभार- भालू मोंधे।

चार रामसर साइट्स के बावजूद क्यों धीमा है मध्य प्रदेश में वेटलैंड संरक्षण

मध्य प्रदेश 2022 में अपने तीन नए वेटलैंड्स (आद्रभूमि) को रामसर साइट का दर्जा दिए जाने का जश्न मना रहा है। लेकिन रामसर साइट में शामिल होने के लिए इंतजार…
2019 में बिना खरपतवार वाली सिरपुर आर्द्रभूमि। तस्वीर साभार- भालू मोंधे।
पंचनथंगी के पास मौजूद अभयारण्य में स्लेंडर लोरिस। तस्वीर- SEEDS ट्रस्ट।

वन समुदाय के अधिकार और तमिलनाडु में स्लेंडर लोरिस का संरक्षण, समझिए क्या है समस्या

तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले का पंचनथंगी इलाका सुदूर क्षेत्र में बसा हुआ एक छोटा सा गांव है। यह गांव हरी-भरी और छोटी-मोटी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां पहुंचना बेहद…
पंचनथंगी के पास मौजूद अभयारण्य में स्लेंडर लोरिस। तस्वीर- SEEDS ट्रस्ट।
जोशीमठ में दरारों की वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शहर में अब तक 849 मकानों में दरारें देखी गईं। शहर के 838 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे

जोशीमठ संकटः 46 सालों से बनती आ रही कमेटियां, क्या इस बार नहीं होगी सुझावों की अनदेखी

जैसे ही उत्तराखंड के जोशीमठ से मकानों में दरारों की ख़बरों की शुरुआत हुई, वैसे ही राज्य और केंद्र सरकारें हरकत में आयीं और आनन-फानन में जोशीमठ में हो रहे…
जोशीमठ में दरारों की वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शहर में अब तक 849 मकानों में दरारें देखी गईं। शहर के 838 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे
बिरला इंडस्ट्रियल एंड टेक्नोलॉजिकल म्यूजियम, कोलकाता में फोटो खिंचवाते कोयला खदान के श्रमिकों का भित्ति चित्र। तस्वीर- बिश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स

भारत में बढ़ती सौर ऊर्जा के बावजूद कोयला ऊर्जा का प्रमुख स्रोत बना रहेगा

भारत के ऊर्जा स्रोतों में सौर ऊर्जा एक प्रमुख स्रोत के रूप में उभरेगा, लेकिन कोयला अभी भी देश के ऊर्जा क्षेत्र का मुख्य आधार बना रहेगा। आने वाले दशक…
बिरला इंडस्ट्रियल एंड टेक्नोलॉजिकल म्यूजियम, कोलकाता में फोटो खिंचवाते कोयला खदान के श्रमिकों का भित्ति चित्र। तस्वीर- बिश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स

सुंदरबन: दूरदर्शी नीति के अभाव में ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण का गंवाया बेहतर अवसर

सीमेंट ब्लॉक की लाइनें एक लावारिस कब्रिस्तान के पत्थर की तरह दिखती हैं। एक खेत से सटा पुराना टूटा-फूटा एक मंजिला घर किसी डरावनी फिल्म के सेट जैसा दिखता है।…
तेलंगाना के खम्मम जिले में अपने तेल ताड़ के खेत में एक ताड़ का किसान। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे

धान से लेकर पाम तक: पानी की अधिक खपत करने वाली फसलों की ओर तेलंगाना का रुख

बासठ साल के बी.बुच्छया तेलंगाना के खम्मम जिले में पाम या ताड़ की खेती करने वाले एक किसान हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी 12 एकड़ की जमीन पर ताड़…
तेलंगाना के खम्मम जिले में अपने तेल ताड़ के खेत में एक ताड़ का किसान। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे
मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के समापन के दो सप्ताह बाद जैव विविधता शिखर सम्मेलन हो रहा है। तस्वीर: संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता/फ़्लिकर।

कॉप15: साल 2030 तक 30% जैव-विविधता को बचाने पर भारत का जोर, सहमति बनाना बड़ी चुनौती

संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (कॉप15) को लेकर आयोजक देश कनाडा में गहमागहमी बढ़ गई है। जैव विविधता को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए यहां ऐतिहासिक समझौते पर…
मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के समापन के दो सप्ताह बाद जैव विविधता शिखर सम्मेलन हो रहा है। तस्वीर: संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता/फ़्लिकर।
खम्मम जिले के नेलकोंडापल्ली मंडल के कोराटलागुडेम गांव में अपने ताड़ के तेल के बागान में बी. बुच्चैया। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे

पाम ऑयलः सब्सिडी के सहारे बढ़ती तेलंगाना में ताड़ की खेती, भविष्य में नुकसान की आशंका

तेलंगाना का खम्मम जिला पूरे राज्य में ताड़ की खेती के लिए जाना जाता है। यह राज्य के चार ऐसे चुनिन्दा जिलों में से है जहां 1990 के दशक में…
खम्मम जिले के नेलकोंडापल्ली मंडल के कोराटलागुडेम गांव में अपने ताड़ के तेल के बागान में बी. बुच्चैया। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे
भारत और बांग्लादेश ने हाल ही में कुशियारा नदी से पानी साझा करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। तस्वीर- अबू सिद्दीकी / मोंगाबे।

भारत और बांग्लादेश के बीच पानी साझा करने पर प्रभावी समझौते की मांग

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस वर्ष उनकी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये। समझौते के तहत दोनों सरकारें नवंबर से…
भारत और बांग्लादेश ने हाल ही में कुशियारा नदी से पानी साझा करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। तस्वीर- अबू सिद्दीकी / मोंगाबे।
तडोबा टाइगर रिजर्व में सड़क पार करता एक वयस्क नर बाघ। एक बाघ 40 वर्ग किमी की सीमा तक कब्जा कर सकता है। इस बाघ के क्षेत्र में लगभग आठ गांव स्थित हैं। तस्वीर- सेंथिल कुमार।

वन्यजीवों के साथ इंसानी गतिविधियों को लंबे वक़्त से कैमरे में कैद करने वाले फोटोग्राफर से एक बातचीत

मानव-वन्यजीव संपर्क बढ़ रहा है। लेकिन उनमें से सभी सकारात्मक नहीं हैं। भारत में हर साल इंसानों और जानवरों के बीच टकराव के कारण सैकड़ों लोगों और जानवरों की मौत…
तडोबा टाइगर रिजर्व में सड़क पार करता एक वयस्क नर बाघ। एक बाघ 40 वर्ग किमी की सीमा तक कब्जा कर सकता है। इस बाघ के क्षेत्र में लगभग आठ गांव स्थित हैं। तस्वीर- सेंथिल कुमार।
The inside view of Pal Bagh Nag. In the absence of any covering, the leaves have fallen into the spring.

कश्मीर के झरनों का महत्त्व और उनके संरक्षण की आवश्यकता

नूरा, कश्मीर में श्रीनगर के बुर्जमा क्षेत्र में स्थित एक स्थानीय झरने ‘अस्तन नाग’ के पास घूम रही हैं। वह कुछ देर रुकती हैं और झरने की ओर जाने लगती…
The inside view of Pal Bagh Nag. In the absence of any covering, the leaves have fallen into the spring.

[वीडियो] पृथ्वी के लिए ‘कोड रेड’, ताजे पानी के जलीय जीवों की संख्या में 83% की गिरावट: रिपोर्ट

बीते 50 वर्षों में दुनिया में ताजे पानी के जलीय जीवों की संख्या में 83% की कमी आई है। जंगली जीवों के मामले में यह आंकड़ा 69% का है। यानी…
दुनिया भर में जुगनुओं के लिए उनके आवास का नुकसान, रात की कृत्रिम रोशनी से प्रकाश प्रदूषण और कीटनाशकों को सबसे बड़ा खतरा माना जाता है। तस्वीर- अनस्प्लैश 

कृत्रिम प्रकाश से कैसे कम हो रही है जुगनुओं की संख्या

कीट प्राकृतिक प्रकाश व्यवस्था के संतुलन में काम करते हैं और प्रकाश की तीव्रता, तरंग दैर्ध्य (वेवलेंथ), स्रोतों और अन्य बदलावों के प्रति संवेदनशील होते हैं। निशाचर (रात को चलने…
दुनिया भर में जुगनुओं के लिए उनके आवास का नुकसान, रात की कृत्रिम रोशनी से प्रकाश प्रदूषण और कीटनाशकों को सबसे बड़ा खतरा माना जाता है। तस्वीर- अनस्प्लैश 
हरसिद्धि प्रखंड के सोनवरसा गांव में 400 साल पुराने बरगद के पेड़ की पहचान की गई और स्थानीय लोगों के सहयोग से इसे संरक्षित किया गया है। तस्वीर- शशि शेखर

चंपारण के गार्डियन: पुराने पेड़ों को बचाने की एक अनोखी पहल

दुनियाभर में पेड़ों को बचाने के लिए कई अभियान चल रहे हैं। लेकिन बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में पुराने दरख्तों को सहेजने का एक अनोखा अभियान चल रहा है।…
हरसिद्धि प्रखंड के सोनवरसा गांव में 400 साल पुराने बरगद के पेड़ की पहचान की गई और स्थानीय लोगों के सहयोग से इसे संरक्षित किया गया है। तस्वीर- शशि शेखर
एनसीआर के गुरुग्राम जैसे शहरों के अनियोजित व्यावसायीकरण और विकास का ख़ामियाजा अरावली को भुगतना पड़ रहा है। तस्वीर: अरावली बचाओ नागरिक आंदोलन

अरावली की तबाही का सबब बन सकता है एनसीआर ड्राफ्ट प्लान-2041

साल 2005 से लागू एनसीआर क्षेत्रीय योजना- 2021 को आगे बढ़ाने के लिए एनसीआर मसौदे की क्षेत्रीय योजना- 2041 को प्रस्ताव लाया गया है। इस ड्राफ्ट प्लान को एनसीआर में…
एनसीआर के गुरुग्राम जैसे शहरों के अनियोजित व्यावसायीकरण और विकास का ख़ामियाजा अरावली को भुगतना पड़ रहा है। तस्वीर: अरावली बचाओ नागरिक आंदोलन
ब्लास्ट के बाद समुद्र तल पर मरी हुई मछलियों को इकट्ठा करता हुआ एक मछुआरा। तस्वीर- दर्शन जयवर्धने

श्रीलंका में ब्लास्ट फिशिंग से तबाह हो रहे समुद्री जीव, भारत से अवैध तरीके से लाया जा रहा विस्फोटक

समुद्र के किनारे एक सुहानी सुबह थी, पूर्वी श्रीलंका के पिजन आइलैंड नेशनल पार्क में नौका विहार करने वाले पर्यटकों के एक समूह को एक असामान्य झटका महसूस हुआ। इतने…
ब्लास्ट के बाद समुद्र तल पर मरी हुई मछलियों को इकट्ठा करता हुआ एक मछुआरा। तस्वीर- दर्शन जयवर्धने
हिमाचल प्रदेश में एक अप्रैल से 30 जून 2022 तक 2,763 आग की घटनाएं दर्ज की गईं, जिसमें प्रति दिन औसतन 31 आग लगीं। तस्वीर- सुमित महार/हिमाधरा कलेक्टिव

दबाव में हिमाचल की पारिस्थितिकी, इस साल अप्रैल से जून तक रोज औसतन 31 बार लगी आग

बीते महीने हिमाचल के किन्नौर स्थित जंगी गांव के 66-वर्षीय किसान रोशन लाल जंगल की आग से परेशान रहे। गांव से सटे जंगल में बीते 12 जून को आग लग…
हिमाचल प्रदेश में एक अप्रैल से 30 जून 2022 तक 2,763 आग की घटनाएं दर्ज की गईं, जिसमें प्रति दिन औसतन 31 आग लगीं। तस्वीर- सुमित महार/हिमाधरा कलेक्टिव
2019 के दौरान बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान में आग।

जंगल में लगने वाली आग के नुकसान और फायदे

जंगल की आग यानि  फॉरेस्ट फायर्स को अनियंत्रित आग माना जाता है। इससे अक्सर जंगलों, घास के मैदानों, ब्रशलैंड और टुंड्रा प्रदेश के पेड़-पौधों की व्यापक तबाही के रूप में…
2019 के दौरान बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान में आग।
मध्यप्रदेश सरकार 37,420 वर्ग किलोमीटर को इस निजीकरण के दायरे में लाने का विचार कर रही है। फोटो- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे हिन्दी

मध्य प्रदेश: 16 सौ करोड़ खर्च कर लगे 20 करोड़ पौधे, कितने बचे पता नहीं

“दस साल पहले जंगल खूब घना था। शाम होते ही सड़क पर सन्नाटा पसर जाता था। लोग निकलते नहीं थे घर से। डर रहता था जंगली जानवरों का, लेकिन अब…
मध्यप्रदेश सरकार 37,420 वर्ग किलोमीटर को इस निजीकरण के दायरे में लाने का विचार कर रही है। फोटो- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे हिन्दी

निकोबार द्वीप की तबाही की वजह बन सकता है कंटेनर टर्मिनल

भारत सरकार ग्रेट निकोबार द्वीप (जीएनआई) पर विकास की कई बड़ी परियोजनाओं पर तेजी से काम कर रही है। इस द्वीप पर एक अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांस-शिपमेंट टर्मिनल, एक सैन्य और…
अररिया जिले की वृक्षवाटिका का जंगल। बिहार सरकार ने इस जंगल को खुला चिड़ियाघर के रूप में विकसित करने का निर्णय लियाहै। तस्वीर- उमेश कुमार राय

बिहार: एक तरफ हरियाली बढ़ाने का दावा, दूसरी ओर काटे जा रहे वन

पिछले साल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से पर्यावरण की रक्षा की अपील की थी और इसके लिए हरियाली बचाने और जल संरक्षण पर जोर दिया था। उन्होंने…
अररिया जिले की वृक्षवाटिका का जंगल। बिहार सरकार ने इस जंगल को खुला चिड़ियाघर के रूप में विकसित करने का निर्णय लियाहै। तस्वीर- उमेश कुमार राय
रूफस-थ्रोटेड व्रेन-बब्बलर (Spelaeornis caudatus)। तस्वीर- माइक प्रिंस / फ़्लिकर

नेपाल और भारत में निर्माण के नियम ‘वन्यजीवों के हित में’ पर पक्षियों के नहीं

भारत और नेपाल जैसे विकासशील देशों के लिए बिजली, सड़क, पुल, रेलवे लाइन जैसे मूलभूत ढ़ांचा का निर्माण बहुत जरूरी है। हालांकि, ये निर्माण अक्सर जंगलों के बीच से गुजरते…
रूफस-थ्रोटेड व्रेन-बब्बलर (Spelaeornis caudatus)। तस्वीर- माइक प्रिंस / फ़्लिकर
प्लास्टिक का उत्पादन जीवाश्म ईंधन उद्योग से मजबूती से जुड़ा हुआ है और जैसे-जैसे तेल की मांग घट रही है वैसे-वैसे पेट्रोकैमिकल उद्योग प्लास्टिक के उत्पादन में तेजी ला रहे हैं। तस्वीर- लुई वेस्ट / फ़्लिकर।

हमने पृथ्वी पर रासायनिक प्रदूषण की निर्धारित सीमा-रेखा पार कर ली है- अध्ययन

पूरी दुनिया में उत्पादन के क्षेत्रों में मानव-निर्मित रसायन और सिंथैटिक प्रदूषक तत्वों का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। जबकि हमारे प्लेनेट पर पहले से ही ऐसे हजारों रसायन इस्तेमाल…
प्लास्टिक का उत्पादन जीवाश्म ईंधन उद्योग से मजबूती से जुड़ा हुआ है और जैसे-जैसे तेल की मांग घट रही है वैसे-वैसे पेट्रोकैमिकल उद्योग प्लास्टिक के उत्पादन में तेजी ला रहे हैं। तस्वीर- लुई वेस्ट / फ़्लिकर।
जौनपुर शहर में गोमती नदी में कुल 14 नाले गिरते हैं और इन नालों से प्रतिदिन 30 एमएलडी कचरा डिस्चार्ज होता है। तस्वीर- आनंद देव/मोंगाबे

जौनपुर से गोमती में बहने वाले कचरे का अनुमान भी नहीं लगा पा रहा प्रशासन, कैसे होगी नदी साफ?

गंगा की सहायक नदी है गोमती। गंगा नदी की सफाई के लिए केंद्र स्तर पर नमामि गंगे नाम से योजना चलाई जा रही है। इसके तहत सहायक नदियों की सफाई…
जौनपुर शहर में गोमती नदी में कुल 14 नाले गिरते हैं और इन नालों से प्रतिदिन 30 एमएलडी कचरा डिस्चार्ज होता है। तस्वीर- आनंद देव/मोंगाबे
तिलाड़ी मेमोरियल की तस्वीर। तिलाड़ी विद्रोह टिहरी राजशाही की क्रूरता और जंगल से लोगों को बेदखल किये जाने के खिलाफ था। तस्वीर- हृदयेश जोशी

तिलाड़ी विद्रोह की 92वीं बरसी, आज भी जंगल और वन अधिकारों का वही संघर्ष

करीब 100 साल पहले जिस वक्त महाराष्ट्र में मुलशी पेटा के किसान देश का पहला बांध विरोधी आंदोलन चला रहे थे, सुदूर उत्तर के हिमालयी पहाड़ों में भी जन-संघर्ष मुखर…
तिलाड़ी मेमोरियल की तस्वीर। तिलाड़ी विद्रोह टिहरी राजशाही की क्रूरता और जंगल से लोगों को बेदखल किये जाने के खिलाफ था। तस्वीर- हृदयेश जोशी
पिछले साल स्वीडिश अंतरिक्ष निगम के साथ मिलकर हार्वर्ड अनुसंधान इकाई द्वारा स्ट्रैटोस्फेरिक गुब्बारे के साथ एक सौर सोलर जियोइंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के परीक्षण की योजना बनाई गई थी। इसे लोगों के भारी विरोध के बाद स्थगित कर दिया गया था। फोटो-नासा/गोद्दर्द/बैरल के सौजन्य से।0

सूरज को मद्धम कर पृथ्वी को ठंडा करने की कोशिश रोकी जाए, कह रहे हैं वैज्ञानिक

देश में लू का मौसम चल रहा है। देश के कई हिस्सों का तापमान सदियों का रिकार्ड तोड़ रहा है और जनजीवन अस्त-व्यस्त है। कई लोग इसे जलवायु परिवर्तन का…
पिछले साल स्वीडिश अंतरिक्ष निगम के साथ मिलकर हार्वर्ड अनुसंधान इकाई द्वारा स्ट्रैटोस्फेरिक गुब्बारे के साथ एक सौर सोलर जियोइंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के परीक्षण की योजना बनाई गई थी। इसे लोगों के भारी विरोध के बाद स्थगित कर दिया गया था। फोटो-नासा/गोद्दर्द/बैरल के सौजन्य से।0
भागीरथी इको सेंसटिव ज़ोन के इस क्षेत्र में हज़ारों पेड़ सड़क चौड़ीकरण के लिये कटेंगे। तस्वीर- हृदयेश जोशी

उत्तराखंडः गंगोत्री मार्ग के घने जंगल मुश्किल में, भागीरथी इको सेंसेटिव जोन में पेड़ों पर मंडराता खतरा

उत्तरकाशी ज़िले के भटवाड़ी ब्लॉक में रहने वाले मोहन सिंह राणा ने 17 साल सेना में नौकरी की। अब यह रिटायर फौजी संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र में अपने जंगलों को बचाने…
भागीरथी इको सेंसटिव ज़ोन के इस क्षेत्र में हज़ारों पेड़ सड़क चौड़ीकरण के लिये कटेंगे। तस्वीर- हृदयेश जोशी