प्राकृतिक संसाधन News

तमिलनाडु के अनामलाई पहाड़ियों में सड़क पार करते हुए एक हाथी और उसका बच्चा। खराब तरीके से बनाई गई सड़कों और रेलवे लाइनों की वजह से एशियाई हाथियों की गाड़ियों से टक्कर हो रही है, जिससे वे मारे जा रहे हैं या घायल हो रहे हैं। तस्वीर- श्रीधर विजयकृष्णन/NCF

हाथियों की सड़क और रेलवे पटरियों पर होने वाली मौतों को रोकने के लिए नई हैंडबुक जारी

इस साल की शुरुआत में, कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास एक ट्रेन से एक हाथी और उसके बच्चे को टक्कर मार दी, जिससे दोनों की मौत हो गई। कुछ महीने…
तमिलनाडु के अनामलाई पहाड़ियों में सड़क पार करते हुए एक हाथी और उसका बच्चा। खराब तरीके से बनाई गई सड़कों और रेलवे लाइनों की वजह से एशियाई हाथियों की गाड़ियों से टक्कर हो रही है, जिससे वे मारे जा रहे हैं या घायल हो रहे हैं। तस्वीर- श्रीधर विजयकृष्णन/NCF
कन्याकुमारी तट के पास पर्यटक। तस्वीर: के.ए. शाजी।

जैवविविधता से समृद्ध वेड्ज बैंक में तेल और गैस की खोज की योजना चिंता का विषय

इस साल की शुरुआत में भारत सरकार ने हाइड्रोकार्बन अन्वेषण एवं लाइसेंसिंग नीति (HELP) 2016 के प्रावधानों के तहत कन्याकुमारी तट पर तीन तेल और गैस ब्लॉकों में खोज और…
कन्याकुमारी तट के पास पर्यटक। तस्वीर: के.ए. शाजी।
असम के बारपेटा में बिहार के प्रवासी मधुमक्खी पालक। तस्वीर- सुरजीत शर्मा/मोंगाबे 

[वीडियो] शहद की तलाश में मधुमक्खियों के साथ यात्रा कर रहे किसान, बेहतर हुआ शहद उत्पादन

असम के नुमालीगढ़ क्षेत्र के बोरसापोरी गांव के दूर क्षितिज पर सूरज डूब रहा था। दूर-दूर तक फैले सरसों के खेतों में मधुमक्खियों की भिनभिनाहट के बीच लीला चरण दत्ता…
असम के बारपेटा में बिहार के प्रवासी मधुमक्खी पालक। तस्वीर- सुरजीत शर्मा/मोंगाबे 
मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के आदिवासी गांवों से होकर बहती नर्मदा नदी। तस्वीर - रचित तिवारी।

[कमेंट्री] नर्मदा नदी पर क्रूज: क्या यह वैध, उचित या न्यायोचित है?

मध्य प्रदेश के पर्यटन विभाग ने साल 2022 की शुरुआत में नर्मदा नदी पर पर्यटकों के लिए क्रूज शिप सेवा शुरू करने का प्रस्ताव रखा था। ये क्रूज अभी तक…
मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के आदिवासी गांवों से होकर बहती नर्मदा नदी। तस्वीर - रचित तिवारी।
बेंगलुरु के रहने वाले वॉटर डिवाइनर एस. सैमसन तांबे के उपकरण से बोर पॉइंट खोजने की कोशिश कर रहे हैं। पास ही खड़े बच्चे उन्हें काम करते हुए देख रहे हैं। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 

वाटर डिवाइनिंगः नारियल और सूखी टहनियों से भूजल खोजने का पारंपरिक तरीका

शनमुगन ने अपनी धोती ऊपर उठाई और बड़ी ही सावधानी से अपना एक पैर जमीन पर रखा। कुछ महसूस न होने पर वह दूसरी दिशा की ओर बढ़ गए। फिर…
बेंगलुरु के रहने वाले वॉटर डिवाइनर एस. सैमसन तांबे के उपकरण से बोर पॉइंट खोजने की कोशिश कर रहे हैं। पास ही खड़े बच्चे उन्हें काम करते हुए देख रहे हैं। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 
राम-मोल किसान खरपतवार हटाने के लिए हल्की जुताई जैसी प्राकृतिक खेती तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। इसे स्थानीय भाषा में विखेड़ा कहा जाता है। तस्वीर- सात्विक-प्रमोटिंग इकोलॉजिकल एग्रीकल्चर के सौजन्य से।

सूखे इलाकों में फसल उगाने के लिए परंपरागत राम-मोल कृषि तकनीक पर भरोसा

मई का महीना करीब है और कच्छ के धरमपुर गांव में सूरज अभी से आग बरसा रहा था। इसकी परवाह किए बिना मवाभाई डांगर अपने अरंडी की फसल का जायजा…
राम-मोल किसान खरपतवार हटाने के लिए हल्की जुताई जैसी प्राकृतिक खेती तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। इसे स्थानीय भाषा में विखेड़ा कहा जाता है। तस्वीर- सात्विक-प्रमोटिंग इकोलॉजिकल एग्रीकल्चर के सौजन्य से।
हाथीपाखना गांव का निवासी हुंडी या मंदिर में प्रार्थना कर रहा है। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 

घटते फॉरेस्ट कॉमन्स, कोरापुट के आदिवासी समुदायों के लिए त्यौहार मनाना हुआ मुश्किल

ओडिशा के कोरापुट जिले में चैता परब का मौसम है। इन दिनों ज्यादातर आदिवासी महुआ के पेड़ के फूलों से बनी स्थानीय शराब महुली का लुत्फ उठाने के लिए बेताब…
हाथीपाखना गांव का निवासी हुंडी या मंदिर में प्रार्थना कर रहा है। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 
बेयरफुट इकोलॉजिस्टों को वैज्ञानिक डेटा संग्रह और विश्लेषण में प्रशिक्षित किया जाता है जिसे वे प्रभावी संरक्षण प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक पारिस्थितिक ज्ञान के साथ एकीकृत कर सकते हैं। तस्वीर- मोंगाबे के लिए अभिषेक एन. चिन्नाप्पा 

पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का मेल: जलवायु परिवर्तन का दस्तावेजीकरण करते पर्यावरणविद्

तमिलनाडु के सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व के गलिथिम्बम गांव के महालिंगम बालन हफ्ते में एक बार कई अलग-अलग वन क्षेत्रों का दौरा करते हैं और विभिन्न पारिस्थितिक पहलुओं का बारीकी से…
बेयरफुट इकोलॉजिस्टों को वैज्ञानिक डेटा संग्रह और विश्लेषण में प्रशिक्षित किया जाता है जिसे वे प्रभावी संरक्षण प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक पारिस्थितिक ज्ञान के साथ एकीकृत कर सकते हैं। तस्वीर- मोंगाबे के लिए अभिषेक एन. चिन्नाप्पा 
रेशमकीट से मूगा रेशम निकालने की प्रक्रिया। तस्वीर विकिमीडिया कॉमन्स के जरिए मयूरिमदास द्वारा (CC BY-SA 4.0)।

मौसम में बदलाव और जैव विविधता के नुकसान के बीच भारतीय परंपरा को सहेजते जीआई टैग

दार्जिलिंग की चाय, कांचीपुरम का रेशम और ओडिशा पट्टचित्र में कौन-सी चीज एक जैसी है? इन सभी के पास खास भौगोलिक संकेत या जीआई टैग हैं। भौगोलिक संकेत बौद्धिक संपदा…
रेशमकीट से मूगा रेशम निकालने की प्रक्रिया। तस्वीर विकिमीडिया कॉमन्स के जरिए मयूरिमदास द्वारा (CC BY-SA 4.0)।
उरावु लैब्स में पानी की शुद्धता की जांच करता हुआ एक कर्मचारी। उरावु लिक्विड डेसीकेंट तकनीक का इस्तेमाल करता है जो हवा से नमी को सोखता है। फिर इसे फिल्टर और विशोषण प्रक्रिया के जरिए भेजा जाता है, ताकि पानी में दूषित पदार्थ न हों। मोंगाबे के लिए अभिषेक एन. चिन्नाप्पा द्वारा ली गई तस्वीर।

नई तकनीक से हवा से तैयार हो रहा किफायती पीने योग्य पानी

बेंगलुरु जैसे भारतीय महानगर पिछले कुछ समय से डे जीरो (किसी दिन पूरी तरह पानी नहीं मिलना) के संभावित खतरे से दो-चार हैं। शहर में जल संसाधनों का कुप्रबंधन इतना…
उरावु लैब्स में पानी की शुद्धता की जांच करता हुआ एक कर्मचारी। उरावु लिक्विड डेसीकेंट तकनीक का इस्तेमाल करता है जो हवा से नमी को सोखता है। फिर इसे फिल्टर और विशोषण प्रक्रिया के जरिए भेजा जाता है, ताकि पानी में दूषित पदार्थ न हों। मोंगाबे के लिए अभिषेक एन. चिन्नाप्पा द्वारा ली गई तस्वीर।
बिहार के गया स्थित ईंट भट्टे में कोयला बोझते ब्रजेश कुमार और राजेंद्र पासवान। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे के लिए 

ईंट उद्योग में प्रदूषण कम करने की कोशिश में बिहार, क्या हैं मुश्किलें

ब्रजेश कुमार अपने तेज हाथों से लगातार ईंट भट्टे में कोयला झोंक रहे हैं। उनके सधे हाथ इस तरह लय में चल रहे हैं जिससे इसकी आवाज संगीत जैसी सुनाई…
बिहार के गया स्थित ईंट भट्टे में कोयला बोझते ब्रजेश कुमार और राजेंद्र पासवान। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे के लिए 
कोयला खदान। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राज्यों के पास खनन भूमि पर टैक्स लगाने का पूरा अधिकार है। तस्वीर- राहुल सिंह

खनिजों पर टैक्स वसूल सकेंगे राज्य, सुप्रीम कोर्ट के फैसले और झारखंड के विधेयक से उद्योग चिंतित

अब खनिज-बहुल राज्य पिछली तारीख यानी 1 अप्रैल, 2005 से खनिज भूमि पर टैक्स वसूल सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों के टैक्स से जुड़े अधिकारों के आलोक में…
कोयला खदान। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राज्यों के पास खनन भूमि पर टैक्स लगाने का पूरा अधिकार है। तस्वीर- राहुल सिंह
वायनाड के प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य जारी है। तस्वीर- विशेष व्यवस्था।

वायनाड से सबक: केरल में आपदा प्रबंधन रणनीति के बजाय जोखिम कम करने की जरूरत

जहां कभी लोगों की बस्तियां थीं, हरियाली थी, वह इलाका अब पूरी तरह से उजाड़ हो चुका है। हर तरफ मलबा, मिट्टी और बड़े-बड़े पत्थर बिखरे दिख रहे हैं। ऐसा…
वायनाड के प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य जारी है। तस्वीर- विशेष व्यवस्था।
नौशेरा फॉरेस्ट डिवीजन के सुंदरबनी जंगल में बिखरी चीड़-देवदार की पत्तियों को इकट्ठा किया जा रहा है। तस्वीर- राकेश वर्मा

आग की जगह आजीविका के अवसर देतीं चीड़ की ज्वलनशील पत्तियां

जैसे ही जम्मू-कश्मीर के सुंदरबनी के जंगलों में बसंत का सूरज लंबे-लंबे चीड़ (Pinus roxburgii) के पेड़ों पर चमकना शुरू होता है, वैसे ही जंगल के पास रहने वाले लोग…
नौशेरा फॉरेस्ट डिवीजन के सुंदरबनी जंगल में बिखरी चीड़-देवदार की पत्तियों को इकट्ठा किया जा रहा है। तस्वीर- राकेश वर्मा
बजट की तैयारी में शामिल अधिकारियों की ‘लॉक-इन’ प्रक्रिया शुरू होने से पहले हर साल एक पारंपरिक हलवा समारोह आयोजित किया जाता है। तस्वीर साभार- पीआईबी

एनडीए-3 का पहला बजट पर्यावरण अनुकूल, लेकिन अमल को लेकर संदेह बरकरार

पिछले महीने संपन्न हुए आम चुनावों में मिले झटकों के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपना सातवां बजट पेश किया। यह मौजूदा सरकार का पहला बजट…
बजट की तैयारी में शामिल अधिकारियों की ‘लॉक-इन’ प्रक्रिया शुरू होने से पहले हर साल एक पारंपरिक हलवा समारोह आयोजित किया जाता है। तस्वीर साभार- पीआईबी
बन्नी में खाने योग्य घास खेवई की एक डंडी लेकर दिखाते रसूल भाई (बाएं)। वाडा कोली समुदाय के दीना भाई विलायती बबूल के पेड़ की डाल से निकला गोंद दिखाते हुए। वह इस गोंद को पेड़ से इकट्ठा करते हैं और कच्छ के वन निगम में बेचते हैं। तस्वीर- अजेरा परवीन रहमान/मोंगाबे के लिए।

बन्नी की खाने वाली घासों के खतरा बन रहा है विलायती बबूल का फैलाव

गुजरात के कच्छ में स्थित बन्नी के घास के मैदान के निवासी रसूल भाई वह समय याद करते हैं जब उनके दादा-परदादा किस्से सुनाते थे कि कैसे वे खाने वाले…
बन्नी में खाने योग्य घास खेवई की एक डंडी लेकर दिखाते रसूल भाई (बाएं)। वाडा कोली समुदाय के दीना भाई विलायती बबूल के पेड़ की डाल से निकला गोंद दिखाते हुए। वह इस गोंद को पेड़ से इकट्ठा करते हैं और कच्छ के वन निगम में बेचते हैं। तस्वीर- अजेरा परवीन रहमान/मोंगाबे के लिए।
गोवा के पंजिम में एक पेड़ को मापते शोधकर्ता। तस्वीर: नंदिनी वेल्हो।

बड़े होते शहरों में सिकुड़ती हरियाली

इस साल की रिकॉर्ड तोड़ गर्मी में किसी भी भारतीय शहर की सड़कों पर चलते हुए आपको चिलचिलाती गर्मी में चक्कर आ सकता है। हालांकि, पेड़ों से भरी सड़क पर…
गोवा के पंजिम में एक पेड़ को मापते शोधकर्ता। तस्वीर: नंदिनी वेल्हो।
अप्रैल 2016 में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के चितई के पास चीड़ के जंगलों में लगी आग। फाइल तस्वीर- Ramwik/विकिमीडिया कॉमन्स

बकाया वेतन, संसाधनों का अभाव, जंगल की आग से कैसे लड़ेंगे उत्तराखंड के अग्नि प्रहरी

इस साल उत्तराखंड के लगभग सभी जिलों में वनाग्नि के मामले दर्ज किये गए। राज्य की दोनों प्रशासनिक इकाइयों में सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में उत्तरकाशी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, देहरादून…
अप्रैल 2016 में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के चितई के पास चीड़ के जंगलों में लगी आग। फाइल तस्वीर- Ramwik/विकिमीडिया कॉमन्स
बड़वानी जिले के कुकरा राजघाट गांव की रहनेवाली सुमित्रा दरबार। यह गांव बड़वानी जिले की बड़वानी तहसील के बिरखेड़ा पंचायत में पड़ता है और पिछले साल की बाढ़ के दौरान टापू बन गया था। तस्वीर- राहुल सिंह/मोंगाबे

सरदार सरोवर के जलस्तर में बदलाव से अधर में लटकी हजारों परिवारों की जिंदगियां

मध्य प्रदेश के धार जिले के एकलवाड़ा गाँव के 73 वर्षीय जगदीश सिंह तोमर को पिछले साल सितंबर में नर्मदा नदी में आई बाढ़ के बाद अपना पुश्तैनी मकान छोड़ना…
बड़वानी जिले के कुकरा राजघाट गांव की रहनेवाली सुमित्रा दरबार। यह गांव बड़वानी जिले की बड़वानी तहसील के बिरखेड़ा पंचायत में पड़ता है और पिछले साल की बाढ़ के दौरान टापू बन गया था। तस्वीर- राहुल सिंह/मोंगाबे
बाराजान पठार से बहने वाली एक प्राकृतिक जलधारा पर निर्माणाधीन एक छोटा बांध। तस्वीर-मैत्रेय पृथ्वीराज घोरपड़े

उत्तरी गोवा के गांवों में बढ़ती पानी की किल्लत, नए हवाई अड्डे को जिम्मेदार ठहराते लोग

पिछले कई दिनों से, हर सुबह उदय महाले एक उम्मीद के साथ अपने बाथरूम का नल खोलते हैं कि शायद आज उसमें पानी आ जाए। लेकिन ऐसा होता नहीं है।…
बाराजान पठार से बहने वाली एक प्राकृतिक जलधारा पर निर्माणाधीन एक छोटा बांध। तस्वीर-मैत्रेय पृथ्वीराज घोरपड़े
वधावन तट से शैलफिश और मोलस्क इकट्ठा करती मछुआरिन। तस्वीर - मीना मेनन।

मछुआरों के विरोध के बावजूद महाराष्ट्र में बंदरगाह परियोजना को पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी

महाराष्ट्र का वधावन गांव दहानू तालुका में स्थित है। यहां अंतर-ज्वारीय क्षेत्र पांच वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह क्षेत्र हरे समुद्री शैवाल या उलवा और नरम मैरून और…
वधावन तट से शैलफिश और मोलस्क इकट्ठा करती मछुआरिन। तस्वीर - मीना मेनन।
ब्लैक वेटल (अकेशिया मेरनसी)। तस्वीर- फॉरेस्ट और किम स्टार/विकिकिमीडिया कॉमन्स

विलायती बबूल की छाया में पनप रहे देसी शोला के पौधे

पश्चिमी घाट में वैज्ञानिकों की एक टीम ने पाया कि विदेशी पेड़ों की छाया में शोला वनों की मूल प्रजातियों के पुनर्जनन यानी फिर से फलने फूलने की संभावना होती…
ब्लैक वेटल (अकेशिया मेरनसी)। तस्वीर- फॉरेस्ट और किम स्टार/विकिकिमीडिया कॉमन्स
अपने खेतों में काम करते हुए मोनपा जनजाति के कुछ लोग। तस्वीर- सुरजीत शर्मा/मोंगाबे 

[वीडियो] क्या अरुणाचल के बढ़ते बिजली संकट को हल कर पाएंगी पारंपरिक पनचक्कियां

रूपा बौद्ध मठ में काफी चहल पहल है। उत्तर पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले के रूपा उप-मंडल में रहने वाली एक प्रमुख जनजाति शेरटुकपेन अपने सबसे लोकप्रिय…
अपने खेतों में काम करते हुए मोनपा जनजाति के कुछ लोग। तस्वीर- सुरजीत शर्मा/मोंगाबे 
हसदेव समुदाय की महिलाओं के साथ गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार से नवाजे गए आलोक शुक्ला। तस्वीर गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार के जरिए।

[इंटरव्यू] गोल्डमैन पुरस्कार से नवाजे गए आलोक शुक्ला ने कहा, “यह जल, जंगल, जमीन के लिए संघर्ष कर रहे आदिवासियों का सम्मान”

छत्तीसगढ़ में पर्यावरण को बचाने के लिए काम करने वाले जमीनी कार्यकर्ताओं के लिए 29 अप्रैल का दिन खास रहा। इस दिन राज्य के पर्यावरण कार्यकर्ता आलोक शुक्ला को संकटग्रस्त…
हसदेव समुदाय की महिलाओं के साथ गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार से नवाजे गए आलोक शुक्ला। तस्वीर गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार के जरिए।
ओडिशा के सुंदरगढ़ के फुलधुडी गांव में अपनी मशरूम की फसल के साथ खड़ी कुछ महिलाएं। तस्वीर- ऐश्वर्या मोहंती/मोंगाबे।

भूसे और पराली से मशरूम की खेती ने ओडिशा के गांवों की बदली तस्वीर

ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के फुलधुडी गांव में रहने वाली 30 साल की भारती प्रूसेच के घर के पीछे की जमीन कई साल से बंजर पड़ी थी। लेकिन आज यही…
ओडिशा के सुंदरगढ़ के फुलधुडी गांव में अपनी मशरूम की फसल के साथ खड़ी कुछ महिलाएं। तस्वीर- ऐश्वर्या मोहंती/मोंगाबे।
नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड की चारदीवारी के पास हाथियों का झुंड। तस्वीर: रोहित चौधरी।

हाथियों को रास्ता देने के लिए गिराई जा रही दीवार, लंबे संघर्ष के बाद सफलता

भारत में पर्यावरण एक्टिविजम के लिए एक ऐतिहासिक क्षण तब आया जब 17 मार्च को नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) ने अपनी टाउनशिप में 2.2 किलोमीटर लंबी चारदीवारी को गिराना शुरू…
नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड की चारदीवारी के पास हाथियों का झुंड। तस्वीर: रोहित चौधरी।
देश से बाहर भेजने के लिए नमक की पैकेजिंग करते मजदूर। नमक उत्पादन को बेमौसम बारिश से बचाने के लिए यांत्रिक टर्बुलेशन, सौर पैनलों की मदद से गर्मी को रेगुलेट करने और खारे पानी के तापमान को बढ़ाने और वाष्पीकरण में मदद करने वाली रासायनिक रंगों जैसी तकनीकों का पता लगाया जा रहा है। तस्वीर- रवलीन कौर/मोंगाबे।

गुजरातः नमक उत्पादन पर अनिश्चित मौसम की मार, बढ़ रही लागत

आषाढ़ी बीज, कच्छी समुदाय का नया साल है। यह दिन गुजरात के कच्छ क्षेत्र में मानसून की शुरुआत का प्रतीक भी है। यह त्योहार जून के आखिर में आता है।…
देश से बाहर भेजने के लिए नमक की पैकेजिंग करते मजदूर। नमक उत्पादन को बेमौसम बारिश से बचाने के लिए यांत्रिक टर्बुलेशन, सौर पैनलों की मदद से गर्मी को रेगुलेट करने और खारे पानी के तापमान को बढ़ाने और वाष्पीकरण में मदद करने वाली रासायनिक रंगों जैसी तकनीकों का पता लगाया जा रहा है। तस्वीर- रवलीन कौर/मोंगाबे।
भारत में दिखने वाला ओरिएंटल पाइड हॉर्नबिल। फोटो: तिशा मुखर्जी/Wikimedia Commons।

कैसे प्राकृतिक रंग पैदा करने वाले पौधों के खत्म होने से आया ग्रामीण अभयारण्य का विचार

असम के चराईदेव जिले के चाला गांव में सफराई नदी के किनारे घोड़े के खुर के आकार में बना यह हरा-भरा जंगल 680 हेक्टेयर का है। यहीं पर एक 152…
भारत में दिखने वाला ओरिएंटल पाइड हॉर्नबिल। फोटो: तिशा मुखर्जी/Wikimedia Commons।
केरल का एक जंगल। तस्वीर - गो ग्रीन केरल हॉलीडेज/ पिक्सल्स।

सुप्रीम कोर्ट ने वन क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए बहाल की पुरानी व्यापक परिभाषा

सुप्रीम कोर्ट ने 19 फरवरी को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) को वनों की पुरानी परिभाषा को बहाल करने का निर्देश दिया। इस परिभाषा में जंगलों की…
केरल का एक जंगल। तस्वीर - गो ग्रीन केरल हॉलीडेज/ पिक्सल्स।
गोपाल सरकार अक्टूबर 2023 के बाद रेत और गाद से ढके अपने खेत को पुराने रूप में लाने की कोशिश कर रहे हैं। यह बाढ़  पड़ोसी राज्य सिक्किम से शुरू हुई थी और इसने पश्चिम बंगाल में तीस्ता नदी के किनारे जलपाईगुड़ी जिले के एक हिस्से पर असर डाला। तस्वीर - अरुणिमा कर।

सिक्किम की बाढ़ के बाद गाद और रसायनों से प्रभावित उत्तरी बंगाल के किसान

पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से में जलपाईगुड़ी जिले के 54 वर्षीय किसान गोपाल सरकार को पिछली सर्दियों में सब्जियों की खेती करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उनका एक…
गोपाल सरकार अक्टूबर 2023 के बाद रेत और गाद से ढके अपने खेत को पुराने रूप में लाने की कोशिश कर रहे हैं। यह बाढ़  पड़ोसी राज्य सिक्किम से शुरू हुई थी और इसने पश्चिम बंगाल में तीस्ता नदी के किनारे जलपाईगुड़ी जिले के एक हिस्से पर असर डाला। तस्वीर - अरुणिमा कर।