पानी बचाओ

छतर सिंह ने स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर जैसलमेर में सैकड़ों खड़ीनों को पुनर्जीवित करने में मदद की है। तस्वीर- अमीर मलिक/मोंगाबे

[वीडियो] खड़ीन: राजस्थान में जल संग्रह की परंपरागत तकनीक से लहलहाती फसलें

"मान लो, आपकी हथेली जैसलमेर का कोई इलाका है और आपकी हथेली के बीच तक पहुंचने वाली ढलान खड़ीन है।” आसान से शब्दों में खड़ीन का मतलब समझाते हुए किसान…
छतर सिंह ने स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर जैसलमेर में सैकड़ों खड़ीनों को पुनर्जीवित करने में मदद की है। तस्वीर- अमीर मलिक/मोंगाबे
झाबुआ जिले में सामुदायिक श्रमदान 'हलमा' में शामिल होने जा रहीं भील महिलाएं। झाबुआ-अलीराजपुर के 1,322 गांवों में 500 कुओं की मरम्मत और गहरीकरण,मेड बधान, नलकूप सुधारने, चैकडैम, बोरीबधान बनाने जैसी जल संरचनाओं के निर्माण का काम हलमा से भील समुदाय ने किए हैं। तस्वीर- सतीश मालवीय/मोंगाबे

हलमा: सामुदायिक भागीदारी से सूखे का हल निकालते झाबुआ के आदिवासी

मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के सूखे पहाड़ गर्मी की शुरुआत में ही आग उगल रहे हैं। साढ़ गांव की बाड़ी बोदरी फलिया की एक बेहद जर्जर झोपड़ी में 12…
झाबुआ जिले में सामुदायिक श्रमदान 'हलमा' में शामिल होने जा रहीं भील महिलाएं। झाबुआ-अलीराजपुर के 1,322 गांवों में 500 कुओं की मरम्मत और गहरीकरण,मेड बधान, नलकूप सुधारने, चैकडैम, बोरीबधान बनाने जैसी जल संरचनाओं के निर्माण का काम हलमा से भील समुदाय ने किए हैं। तस्वीर- सतीश मालवीय/मोंगाबे
आटपाडी में अपने शिमला मिर्च के पौधों की देखभाल करती एक महिला। तस्वीर- जयसिंह चव्हाण/मोंगाबे

[वीडियो] समान सिंचाई के मॉडल से बदलती महाराष्ट्र के इस सूखाग्रस्त क्षेत्र की तस्वीर

लगभग 1.5 लाख से ज्यादा आबादी वाले दक्षिणी महाराष्ट्र के सांगली जिले के आटपाडी तालुका (प्रशासनिक प्रभाग) में लगभग 60 गाँव हैं। यह इलाका सह्याद्रि के सुदूर पूर्वी हिस्से में…
आटपाडी में अपने शिमला मिर्च के पौधों की देखभाल करती एक महिला। तस्वीर- जयसिंह चव्हाण/मोंगाबे
रांची शहर की तस्वीर रांची हिल्स से ली गई है। यह समुद्र तल से 2064 फुट की ऊंचाई पर बसा है। तस्वीर- बिश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स

हिल स्टेशन रांची में पानी के लिए क्यों मच रहा हाहाकार?

रांची में रहने वाली चालीस साल की सुगन बिन्हा ने पानी का भीषण संकट कई बार देखा है लेकिन इस बार जैसी परेशानी उन्होंने पहले कभी नहीं झेली। इस गर्मी…
रांची शहर की तस्वीर रांची हिल्स से ली गई है। यह समुद्र तल से 2064 फुट की ऊंचाई पर बसा है। तस्वीर- बिश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र के पास जंगलों में खुलेआम कूड़ा डाला जा रहा है। तस्वीर- कपिल काजल।

हिमाचल में ट्रीटमेंट प्लांट ही बन रहा प्रदूषण का कारण

आज से करीब 20 साल पहले हिमाचल प्रदेश के माजरा गांव की करमों देवी ने पीने के पानी के लिए एक कुआं खोदवाया। बीते 20 साल से यह कुआं करमों…
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र के पास जंगलों में खुलेआम कूड़ा डाला जा रहा है। तस्वीर- कपिल काजल।
भारत के अरुणाचल प्रदेश में धान के खेत में मछलीपालन भी होता है। यह समन्वित खेती का एक उदाहरण है। तस्वीर- अश्वनी कुमार/विकिमीडिया कॉमन्स

खेती में तालाब को शामिल कर अच्छी फसल ले रहे कई किसान

खेती-किसानी पर जलवायु परिवर्तन का असर सबसे अधिक होता है। मौसम की अनिश्चितता से किसान काफी परेशानी झेल रहे हैं। पर खेती में नए तरीकों को शामिल करने से इनकी…
भारत के अरुणाचल प्रदेश में धान के खेत में मछलीपालन भी होता है। यह समन्वित खेती का एक उदाहरण है। तस्वीर- अश्वनी कुमार/विकिमीडिया कॉमन्स
जलवायु परिवर्तन की चपेट में बिहार, लेकिन बचाव का कोई एक्शन प्लान नहीं

जलवायु परिवर्तन की चपेट में बिहार, लेकिन बचाव का कोई एक्शन प्लान नहीं

तमाम समस्याओं से जूझते बिहार के लिए एक और बुरी खबर! क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन की मार भी राज्य पर सबसे अधिक पड़ने वाली है। यह खुलासा हुआ है…
जलवायु परिवर्तन की चपेट में बिहार, लेकिन बचाव का कोई एक्शन प्लान नहीं
राजस्थानः बारिश की बूंद बचाकर हजारों परिवार ने पाई लोहे तक को गला देने वाले पानी से निजात

[वीडियो] राजस्थानः बारिश की बूंद बचाकर हजारों परिवार ने पाई लोहे तक को गला देने वाले पानी से निजात

मिलिये 60-साल की प्रेम दरोगा से जो जयपुर जिले की दूदू पंचायत समिति के भोजपुर गांव की रहने वाली हैं। चार साल पहले तक इनको प्रतिदिन आठ किलोमीटर पैदल चलना…
राजस्थानः बारिश की बूंद बचाकर हजारों परिवार ने पाई लोहे तक को गला देने वाले पानी से निजात
अमरकंटक में जंगलों के बीच से गुजरती नर्मदा। यहां जंगल से निकली छोटी-छोटी जलधाराएं नर्मदा को विशाल बनाती जाती है। तस्वीर- अजय ताव/फ्लिकर

नर्मदा के उद्गम से ही शुरू हो रही है नदी को खत्म करने की कोशिश

मध्य भारत की जीवन रेखा मानी जाने वाली नर्मदा नदी के लिए उद्गम स्थल से ही अस्तित्व का संकट शुरू होने लगा है। यह नदी मध्यप्रदेश के अमरकंटक के आस-पास…
अमरकंटक में जंगलों के बीच से गुजरती नर्मदा। यहां जंगल से निकली छोटी-छोटी जलधाराएं नर्मदा को विशाल बनाती जाती है। तस्वीर- अजय ताव/फ्लिकर
बुंदेलखंड

जल सहेलीः पानी को तरसते बुंदेलखंड में महिलाओं के अभियान से जगी नई उम्मीद

मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र की महिलाएं पानी की तलाश में दूर-दूर तक भटकती हैं। गर्मी के दिनों में यह तस्वीर काफी आम है। छतरपुर जिले के चौधरीखेरा गांव की गंगा…
बुंदेलखंड
बूंद-बूंद पानी बचाने वाले आबिद सूरती की कहानी, पानी बचाने में लगाई पूरी जिंदगी

बूंद बूंद का संघर्ष: 85 वर्ष के आबिद सुरती ने अपने 13 सालों के प्रयास से बचाया करोड़ों लीटर पानी

आपके घर में नल से पानी गिरने की टप-टप की आवाज़ आती है तो आप क्या करते हैं? सामान्यतः लोग अनसुना कर देते हैं। लेकिन देश में एक 85 साल…
बूंद-बूंद पानी बचाने वाले आबिद सूरती की कहानी, पानी बचाने में लगाई पूरी जिंदगी
पिथारा गांव के किसान उमेश कुमार अपने हरे-भरे खेत में खड़े होकर फसलों को दिखा रहे हैं। फोटो- सोशल एक्शन फॉर रूरल डेवलपमेंट (एसएआरडीए)

पानी बचाने के छोटे-छोटे प्रयोग से झारखंड के किसानों की बढ़ी आमदनी

उमेश कुमार सिमडेगा जिले के एक मेहनती किसान हैं। पहाड़ियों और हरे जंगल से घिरा उनका गांव एक सकारात्मक परिवर्तन से गुजर रहा है। पिछले कुछ सालों से उमेश अपने…
पिथारा गांव के किसान उमेश कुमार अपने हरे-भरे खेत में खड़े होकर फसलों को दिखा रहे हैं। फोटो- सोशल एक्शन फॉर रूरल डेवलपमेंट (एसएआरडीए)