Articles by Manish Chandra Mishra

Manish Chandra Mishra is an Assistant Editor at Mongabay India, currently based in Delhi. A multimedia journalist with over a decade of experience in mainstream media, he has established himself as a versatile reporter focused on environmental issues. Manish began his career with radio and soon transitioned to electronic media, later moving to print journalism. He has worked with prominent newspapers, including DB Post, Dainik Bhaskar, Dainik Jagran, and Haribhoomi. In 2019, he embraced freelancing, collaborating with notable outlets such as Firstpost, Down to Earth, Zenger, Ozy, India Spend, and 101 Reporters. Hailing from an agricultural family in Madhubani, Bihar, Manish feels a profound connection to nature, which inspires his reporting. You can follow him on Twitter at @hellomishra.

उत्तरप्रदेश के पीलीभीत में जब खत्म हुए शिकारी तो तिगुना हुआ बाघ का कुनबा

माना जाता है कि बाघ की दहाड़ करीब तीन किलोमीटर तक सुनी जा सकती है। विडंबना यह है कि अपनी बहादुरी के लिए चर्चित यह सुंदर जीव भी खतरे में…
बुद्गम जंगल से गुजरता हुआ पावर लाइन। इन बिजली के तारों की वजह से पेड़ों को काटा गया। फोटो- अथर परवेज

आदिवासियों को जंगल से उजाड़ने वाली जम्मू-कश्मीर सरकार को क्या वाकई है पर्यावरण की चिंता

जम्मू-कश्मीर की ऊंची पहाड़ियों पर घने जंगलों के किनारे बेहद छोटी-छोटी झोपड़ियां नजर आती हैं। पत्थर, मिट्टी और घास-फूस से बने ये घर गुज्जर समुदाय के लोगों का आशियाना है।…
बुद्गम जंगल से गुजरता हुआ पावर लाइन। इन बिजली के तारों की वजह से पेड़ों को काटा गया। फोटो- अथर परवेज
कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान झिरिया घाट गांव के लोगो ने श्रमदान कर नया कुआं खोदा। फोटो- मनीष चन्द्र मिश्र

मध्यप्रदेश के इस गांव में कुओं के सामने हैंडपंप और बोरवेल फेल, पारंपरिक साधन से सूखे का समाधान

हरियाली ओढ़े विंध्याचल के पर्वत मध्यप्रदेश की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। मध्यप्रदेश के सतना जिले का मझगवां तहसील भी इसी खूबसूरत जंगल के बीच है। यहां के गांवों…
कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान झिरिया घाट गांव के लोगो ने श्रमदान कर नया कुआं खोदा। फोटो- मनीष चन्द्र मिश्र
इंसानों से टकराव की वजह से कहीं विलुप्त न हो जाएं ये भालू

इंसानों से टकराव की वजह से कहीं विलुप्त न हो जाएं ये भालू

स्लॉथ बियर भालू की एकमात्र प्रजाति है जो अपने से हजारों गुना छोटी चींटियों का शिकार कर उन्हें अपने भोजन के तौर पर इस्तेमाल करता है। इस भालू के मुख्य…
इंसानों से टकराव की वजह से कहीं विलुप्त न हो जाएं ये भालू
बूंद-बूंद पानी बचाने वाले आबिद सूरती की कहानी, पानी बचाने में लगाई पूरी जिंदगी

बूंद बूंद का संघर्ष: 85 वर्ष के आबिद सुरती ने अपने 13 सालों के प्रयास से बचाया करोड़ों लीटर पानी

आपके घर में नल से पानी गिरने की टप-टप की आवाज़ आती है तो आप क्या करते हैं? सामान्यतः लोग अनसुना कर देते हैं। लेकिन देश में एक 85 साल…
बूंद-बूंद पानी बचाने वाले आबिद सूरती की कहानी, पानी बचाने में लगाई पूरी जिंदगी
कोयला खदान

पर्यावरण के लिए कोयला खनन बंद होना जरूरी पर ऐसी स्थिति में बेरोजगार हो रहे लाखों लोगों के भविष्य का क्या!

झारखंड का रामगढ़ जिला भविष्य में आने वाली एक अजीबोगरीब चुनौती से रू-ब-रू कराता है। इस जिले के 54,000 घर अपने जीवन-यापन के लिए कोयला-खदानों पर निर्भर हैं। इनमें से…
कोयला खदान
छत्तीसगढ़ की चाय इसी बागान से आती है। यह बागान वन विभाग द्वारा जशपुर के सारूडीह गांव में एक दशक पहले बना था। फोटो- वन विभाग

पेश है छत्तीसगढ़ की चाय, स्वाद-सुगंध में दार्जिलिंग टी के बराबर, लेकिन जलवायु परिवर्तन से चुनौती

चाय पीने वालों की दुनिया में असम या दार्जिलिंग की चाय का नाम ही काफी है। कुछ ऐसा कि बड़ी-बड़ी कंपनियां भी प्रचार में यह बताना नहीं भूलतीं कि उनकी…
छत्तीसगढ़ की चाय इसी बागान से आती है। यह बागान वन विभाग द्वारा जशपुर के सारूडीह गांव में एक दशक पहले बना था। फोटो- वन विभाग

पर्यावरण और संरक्षण की खबरों के लिए मोंगाबे-हिन्दी में आपका स्वागत है

मोंगाबे-हिन्दी को आपके साथ साझा करते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। इस समाचार वेबसाइट का उद्देश्य भारत की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा, हिन्दी में पर्यावरण और…
मादा खरमोर राजस्थान के आसमान में उड़ान भरती हुई। राजस्थान का शोकलिया-केकरी क्षेत्र में खरमोर प्रजनन के लिए आते हैं। फोटो- अंगद अछाप्पा/विकिमीडिया कॉमन्स

इंसानी विकास की होड़ से संकट में खरमोर पक्षी का अस्तित्व

मालवी में भाट कुकड़ा, हिंदी में खरमोर और अंग्रेजी में लैसर फ्लोरिकन। अलग-अलग बोली-भाषाओं में इस पक्षी के अनेक नाम हैं, लेकिन हर स्थान पर इस पक्षी से जुड़ी एक…
मादा खरमोर राजस्थान के आसमान में उड़ान भरती हुई। राजस्थान का शोकलिया-केकरी क्षेत्र में खरमोर प्रजनन के लिए आते हैं। फोटो- अंगद अछाप्पा/विकिमीडिया कॉमन्स
झामरकोटरा के इस खदान से फॉस्फेट निकाला जाता है। इसकी वजह से ग्रामीणों की जिंदगी तबाह हो गई है। फोटो- सोहैल खान

पौधों में जान डालने वाले फॉस्फेट के खदानों ने गांव के गांव कर दिए तबाह

सिंचाई की व्यवस्था होने के बावजूद अगर फसल सूखने या मुरझाने लगे तो परेशान किसान को बताया जाता है कि मिट्टी में फॉस्फोरस की कमी हो गई है। फिर किसान…
झामरकोटरा के इस खदान से फॉस्फेट निकाला जाता है। इसकी वजह से ग्रामीणों की जिंदगी तबाह हो गई है। फोटो- सोहैल खान
कोविड-19 लॉकडाउन में बढ़े इंटरनेट के इस्तेमाल से भी जलवायु पर असर, पेश है इको फ्रेंडली वेबसाइट की तकनीक

कोविड-19 लॉकडाउन में बढ़े इंटरनेट के इस्तेमाल से भी जलवायु पर असर, पेश है इको फ्रेंडली वेबसाइट की तकनीक

कोविड-19 महामारी की वजह से लगाए लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था को करोड़ों-अरबों का नुकसान हुआ, लेकिन आम धारणा यह बनी कि पर्यावरण पर इसका अच्छा प्रभाव हुआ। लॉकडाउन के…
कोविड-19 लॉकडाउन में बढ़े इंटरनेट के इस्तेमाल से भी जलवायु पर असर, पेश है इको फ्रेंडली वेबसाइट की तकनीक
मधुमक्खी की नजदीक से ली गई तस्वीर। फोटो- जॉन सुलिवन विकिमीडिया कॉमन्स

मधुमक्खियों पर दिखने लगा वायु प्रदूषण का असर, खेती पर भी आएगा संकट

वायु प्रदूषण को लेकर देश के कुछ महानगर और औद्योगिक शहरों की चर्चा होती है, जहां प्रदूषण का स्तर मानक से काफी अधिक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि…
मधुमक्खी की नजदीक से ली गई तस्वीर। फोटो- जॉन सुलिवन विकिमीडिया कॉमन्स
बैनर इलस्ट्रेशन- कश्मीर में जन्मे गजल कादरी ने इस तस्वीर को बनाया है। अब वे अमेरिका में रहते हैं।

लोग आते गए और कारवां बनता गया: श्रीनगर के डल झील की सफाई के लिए बाप-बेटी आये आगे तो शहर को मिली प्रेरणा

एक सिगरेट की ठूंठ ने श्रीनगर के तारिक ए पतलू का जीवन बदल दिया। अब रोजाना जब अपनी सेहत की चिंता में लोग मॉर्निंग वॉक के लिए निकलते हैं तो…
बैनर इलस्ट्रेशन- कश्मीर में जन्मे गजल कादरी ने इस तस्वीर को बनाया है। अब वे अमेरिका में रहते हैं।
महरौली पुरातत्व पार्क से कुतुब मिनार का एक दृष्य। फोटो- दीपन्विता गीता नियोगी।

अंग्रेजों का पीपल-बरगद के डर से लेकर मुगलों के 600 साल पुराने पेड़, दिल्ली की हरियाली को कितना जानते हैं आप

‘ट्रेन टू पाकिस्तान’ जैसे उपन्यास लिखने वाले और अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के संपादक रह चुके खुशवंत सिंह ने दिल्ली को दुनिया की सबसे हरी-भरी राजधानी का खिताब दिया था।…
महरौली पुरातत्व पार्क से कुतुब मिनार का एक दृष्य। फोटो- दीपन्विता गीता नियोगी।
हैदराबाद में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बनाया गया है। फोटो- आईमहेश विकिमीडिया कॉमन्स

क्या देश की महत्वाकांक्षी इलेक्ट्रिक वाहन की योजना पर्यावरण और समाज के लिए और मुश्किल पैदा करेगी?

पिछले कुछ सालों से भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (इवी) को बढ़ावा देने की बात करती रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई दफा भारत की सड़कों पर…
हैदराबाद में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बनाया गया है। फोटो- आईमहेश विकिमीडिया कॉमन्स
वैज्ञानिकों ने जंगली कपास को उन्नत किस्म में बदलने का प्रयास किया है। फोटो- एससीसीएफ नेटिव लैंडस्केप एंड गार्डन सेंटर

भारत में रंगीन कपास पर तीन दशक से चल रहा प्रयोग, अगले साल तक खेतों में लहलहा सकती है फसल

कपास या रूई का नाम सुनते ही हमारे जेहन में सफेद रंग की छवि बनती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कपास भी रंग बिरंगा होता है? दुनिया भर…
वैज्ञानिकों ने जंगली कपास को उन्नत किस्म में बदलने का प्रयास किया है। फोटो- एससीसीएफ नेटिव लैंडस्केप एंड गार्डन सेंटर
भारत में किसान धान की फसल लेने के बाद पराली को इस तरह जलाते हैं। इसकी वजह से भी प्रदूषण में काफी बढ़ोतरी होती है। फोटो- नील पाल्मर (सीआईएटी)/ विकिमीडिया कॉमन्स

चालीस साल पहले आया था वायु प्रदूषण से निपटने का कानून, नई चुनौती से निपटने में कितना है कारगर

उत्तर भारत जब पूरी तरह वायु प्रदूषण के चपेट में है और लोगों का सांस लेना दूभर हो रहा है तब प्रत्येक साल की तरह, फिर से सबको इससे निपटने…
भारत में किसान धान की फसल लेने के बाद पराली को इस तरह जलाते हैं। इसकी वजह से भी प्रदूषण में काफी बढ़ोतरी होती है। फोटो- नील पाल्मर (सीआईएटी)/ विकिमीडिया कॉमन्स
बैनर तस्वीर- रामवीर तंवर के प्रयास से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अब तक 20 से अधिक तालाबों का पुनरुद्धार किया जा चुका है। इलस्ट्रेशन- स्वाति खरबंदा

नोएडा के बढ़ते कंक्रीट के जंगलों में तालाब बचाने की जद्दोजहद में लगा एक इंजीनियर

वो रामवीर तंवर के स्कूल के दिन थे। स्कूल की छुट्टी होते ही रोज घर की तरफ भागना। घर पहुंचना और कुछ खाने-पीने के समान के साथ मवेशियों को लेकर…
बैनर तस्वीर- रामवीर तंवर के प्रयास से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अब तक 20 से अधिक तालाबों का पुनरुद्धार किया जा चुका है। इलस्ट्रेशन- स्वाति खरबंदा
डेंगू के मच्छर जमे हुए पानी में पनपते हैं और दिन में सक्रिए रहते हैं। फोटो- एस. गोपीकृष्णा वारियर/मोंगाबे

हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक शोध से डेंगू को समझने में मिली मदद, कोविड से भी निपटने में मिल सकता है फायदा

पूरी दुनिया इस वक्त कोविड-19 के टीके की राह देख रही है। लेकिन, क्या टीका खोजना इतना आसान है! दो दशक से डेंगू का टीका खोजने का प्रयास हो रहा…
डेंगू के मच्छर जमे हुए पानी में पनपते हैं और दिन में सक्रिए रहते हैं। फोटो- एस. गोपीकृष्णा वारियर/मोंगाबे
कोडागू स्थित मंदिर के सामने नाग देवता का स्थान फोटो यू. प्रशांत बल्लुलल्या

देश में आस्था के सहारे होता था सांपों का संरक्षण, बदलने लगा है परिदृश्य

धार्मिक स्थल के साथ-साथ पेड़-पौधे और वन भी भारतीय समाज में आस्था के प्रतीक रहे हैं। लोग प्राकृतिक संसाधनों को विभिन्न देवी-देवताओं से जोड़कर पूजते रहे हैं। भारत में पवित्र…
कोडागू स्थित मंदिर के सामने नाग देवता का स्थान फोटो यू. प्रशांत बल्लुलल्या
- नारायण चौधरी ने समाज के लोगों को साथ लेकर तालाब बचाने का अभियान शुरू किया जिसकी वजह से मिथिला के कई तालाब फिर से जीवित हो उठे। इलस्ट्रेशन- शीना देवियह

मुश्किल में मिथिला के तालाब, लोगों के प्रयास से आ रहे सकारात्मक बदलाव

‘पग-पग पोखर माछ मखान, सरस बोल मुस्की मुख पान, ई थिक मिथिला केर पहचान।’ मैथिली भाषा की यह कहावत इस क्षेत्र के संपन्न प्राकृतिक वातावरण और यहां के लोगों के…
- नारायण चौधरी ने समाज के लोगों को साथ लेकर तालाब बचाने का अभियान शुरू किया जिसकी वजह से मिथिला के कई तालाब फिर से जीवित हो उठे। इलस्ट्रेशन- शीना देवियह
भारत के राज्य तेलंगाना में बना सौर ऊर्जा का प्लांट। फोटो- थॉमस लॉयड ग्रुप/विकिमीडिया कॉमन्स

अक्षय ऊर्जा की रौनक में भूल न जाए मजदूरों के हित की बात

हाल ही में जब केंद्र सरकार ने व्यावसायिक कोयला खनन की अनुमति दी तो सरकार का सबसे मुखर विरोध कोयला खनन में कार्य कर रहे कर्मचारियों की तरफ से किया…
भारत के राज्य तेलंगाना में बना सौर ऊर्जा का प्लांट। फोटो- थॉमस लॉयड ग्रुप/विकिमीडिया कॉमन्स
बाढ़ का पानी मुसरंबाग में इस तरह घुस आया था। फोटो- सुमंत आर

शहरों के बाढ़ की कहानी, झीलों के शहर हैदराबाद की जुबानी

अक्टूबर 13 को निज़ामों के शहर हैदराबाद में जब लोग सोकर उठे तो उनके प्यारे शहर में हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा था। विडंबना यह कि इस…
बाढ़ का पानी मुसरंबाग में इस तरह घुस आया था। फोटो- सुमंत आर
पिथारा गांव के किसान उमेश कुमार अपने हरे-भरे खेत में खड़े होकर फसलों को दिखा रहे हैं। फोटो- सोशल एक्शन फॉर रूरल डेवलपमेंट (एसएआरडीए)

पानी बचाने के छोटे-छोटे प्रयोग से झारखंड के किसानों की बढ़ी आमदनी

उमेश कुमार सिमडेगा जिले के एक मेहनती किसान हैं। पहाड़ियों और हरे जंगल से घिरा उनका गांव एक सकारात्मक परिवर्तन से गुजर रहा है। पिछले कुछ सालों से उमेश अपने…
पिथारा गांव के किसान उमेश कुमार अपने हरे-भरे खेत में खड़े होकर फसलों को दिखा रहे हैं। फोटो- सोशल एक्शन फॉर रूरल डेवलपमेंट (एसएआरडीए)
दीमकों द्वारा बनाये गए अधिकतर टीले इतने मजबूत होते हैं कि सिर्फ ड्रिल करने या हथौड़े से ही तोड़े जा सकते हैं फोटो निखिल मोरे

दीमक होते हैं गजब के कारीगर, बनाते हैं हजारों साल तक खड़े रहने वाला टीला

कीटों की दुनिया में अगर वास्तुकारों या आर्किटेक्ट की बात की जाए तो दीमक निसन्देह इसके बादशाह माने जाएंगे।  मिट्टी, पानी और अपने लार को मिलाकर दीमक जैसा टीला तैयार…
दीमकों द्वारा बनाये गए अधिकतर टीले इतने मजबूत होते हैं कि सिर्फ ड्रिल करने या हथौड़े से ही तोड़े जा सकते हैं फोटो निखिल मोरे
कोडरमा और गिरिडिह जिले में अभ्रक का अवैध खनन बेरोकटोक जारी है। फोटो- विशेष प्रबंध

झारखंड में अभ्रक का अवैध खनन जारी, होने वाले जान-माल के नुकसान का कोई  लेखा-जोखा नहीं 

श्याम (नाम बदला हुआ) जंगल की तरफ से दौड़ता हुआ आया। साथ लगे गुमटी से मुठ्ठी भर चने खरीदे और उसी गति से वापस भाग गया। ये चने उसने खुद…
कोडरमा और गिरिडिह जिले में अभ्रक का अवैध खनन बेरोकटोक जारी है। फोटो- विशेष प्रबंध
तीस्ता नदी के किनारे शोधकर्ताओं ने मेढ़क की प्रजातियों की पहचान की। फोटो-

जलवायु परिवर्तन और शिकार की वजह से खत्म हो रहे सिक्किम के तीस्ता नदी के मेढ़क

जलवायु परिवर्तन की मार अब मेढकों पर भी। हाल ही में आए शोध से पता चला है कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की वजह से तीस्ता नदी के आसपास…
तीस्ता नदी के किनारे शोधकर्ताओं ने मेढ़क की प्रजातियों की पहचान की। फोटो-

महाराष्ट्र के एक विद्युत संयंत्र में इंसानों के साथ रहने लगे हैं बाघ, क्या होगा भविष्य

चंद्रपुर, महाराष्ट्र। बाघ का नाम आते ही घने जंगल याद आते हैं। ऐसे जंगल जहां बाघ निश्चिंत भाव से विचरण कर रहे हैं और उन्हें इंसानी गतिविधियों की कोई फिक्र…
राजस्थान के बीकानेर में ऊंट पालने का स्थान फोटो- नीडपिक्स

सात साल में 37 फीसदी कम हो गई ऊंटों की आबादी, क्या दूध व्यापार से बदलेगी तस्वीर

जब देश में लॉकडाउन सख्ती से लागू था उन्हीं दिनों मुंबई की एक महिला ने प्रधानमंत्री को टैग करते हुए ट्वीट किया। ऑटिज्म से ग्रसित अपने साढ़े तीन साल के…
राजस्थान के बीकानेर में ऊंट पालने का स्थान फोटो- नीडपिक्स
जादूगौड़ा की पहाड़ियों में वर्ष 1967 से ही खनन का काम होता आ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि लोगों का जीवन स्तर सुधरने के बजाए यहां के लोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो गए हैं। फोटो- - सुभ्रजीत सेन

[वीडियो] भारत के परमाणु सपनों को उड़ान देने वाले क्षेत्र की हृदय विदारक दास्तान

जादूगोड़ा, झारखंड। सोलह साल की अनामिका ओराम का एक मासूम सा सपना है कि वो भी अन्य बच्चों की तरह पढ़े-लिखे। पर इस बच्ची का यह छोटा सा सपना भी…
जादूगौड़ा की पहाड़ियों में वर्ष 1967 से ही खनन का काम होता आ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि लोगों का जीवन स्तर सुधरने के बजाए यहां के लोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो गए हैं। फोटो- - सुभ्रजीत सेन