Articles by Manish Chandra Mishra

राहुल राम

राहुल राम: संगीत और पर्यावरण के मुद्दों के समागम के प्रयास में

नब्बे के दशक के शुरुआती साल में जब देश में आर्थिक सुधारों की शुरुआत हो रही थी, उन्हीं दिनों मुझे नर्मदा घाटी की यात्रा का मौका मिला। नर्मदा बचाओ आंदोलन…
राहुल राम
दक्षिणपूर्व कर्नाटक में बिलीगिरिंगा पहाड़ी का तेंदुआ। देशभर में कर्नाटक तेंदुए की अनुमानित संख्या (1,783) में दूसरे स्थान पर है। फोटो- उदय किरण/विकिमीडिया कॉमन्स

देश में 60 फीसदी और मध्यप्रदेश में 88 फीसदी बढ़ी तेंदुए की आबादी, इंसानों के साथ संघर्ष रोकना बड़ी चुनौती

आए दिन देश के किसी कोने से तेंदुए के पीछे लाठी-डंडा लेकर दौड़ते लोगों की तस्वीर नजर आती है। कभी पंजाब के खेतों से तो कभी मध्यप्रदेश के किसी रिहायशी…
दक्षिणपूर्व कर्नाटक में बिलीगिरिंगा पहाड़ी का तेंदुआ। देशभर में कर्नाटक तेंदुए की अनुमानित संख्या (1,783) में दूसरे स्थान पर है। फोटो- उदय किरण/विकिमीडिया कॉमन्स

संपादक की नजर में 2020: वायरस से जुड़ी चिंता के बीच पर्यावरण को लेकर मिले मौके चूक जाने का वर्ष

आधिकारिक तौर पर भारत में कोविड-19 का पहला मामला केरल के थ्रीसुर में जनवरी 2020 में दर्ज किया गया था। अभी दिसंबर 2020 में 90-वर्षीय ब्रिटेन का एक नागरिक इस…
कॉमन क्रो। भोपाल के वन विहार में नेक्टर प्लांट पर तितलियां फूलों का रस लेती हुई नजर आती हैं। फोटो- मोहम्मद खालिक

सुंदरता बनी जी का जंजाल: क्या तितली पार्क बनाने से बचेगा यह जीता-जागता फूल!

क्यारियों में लगे रंग-बिरंगे फूल और उसपर मंडराती अनगिनत तितलियां। एक साथ हजारों तितलियों को उड़ता देखकर लगता है मानो खूबसूरत फूल हवा में तैर रहे हों। यह दृश्य भोपाल…
कॉमन क्रो। भोपाल के वन विहार में नेक्टर प्लांट पर तितलियां फूलों का रस लेती हुई नजर आती हैं। फोटो- मोहम्मद खालिक
बैनर तस्वीर- कुल्हिया वाइल्ड लाइफ सेंचुरी ओडिशा से लगी सड़क पर हाथी। फोटो - अरिंदम भट्टाचार्य/फ्लिकर

तकनीक के सहारे हाथियों से बचाव, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में हो रहे नए प्रयोग

मनोरम पठारी क्षेत्र में बसे जशपुर जिले के गांव अमूमन शांत रहते हैं। यहां जंगल के सटे गांवों में तो चिड़ियों की आवाज के अलावा घंटों कोई दूसरी आवाज नहीं…
बैनर तस्वीर- कुल्हिया वाइल्ड लाइफ सेंचुरी ओडिशा से लगी सड़क पर हाथी। फोटो - अरिंदम भट्टाचार्य/फ्लिकर
यह तस्वीर पन्ना जिले के आदिवासी गांव मानस सागर की है। आंकड़ों के अनुसार प्रत्येक राज्य में स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल में मात्र 15 फीसदी की ही बढ़ोत्तरी हुई है। यानी एक बड़ी आबादी साफ इंधन का इस्तेमाल नहीं कर रही है। फोटो- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे-हिन्दी

सरकारी सर्वेक्षण से खुली प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की पोल, बहुत कम इस्तेमाल हो रहा एलपीजी

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुछ बड़ी उपलब्धियों में ‘प्रधानमंत्री उज्जवला योजना’ की गिनती होती है। सरकार दावा करती है कि इस कार्यक्रम की मदद से देश के 98…
यह तस्वीर पन्ना जिले के आदिवासी गांव मानस सागर की है। आंकड़ों के अनुसार प्रत्येक राज्य में स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल में मात्र 15 फीसदी की ही बढ़ोत्तरी हुई है। यानी एक बड़ी आबादी साफ इंधन का इस्तेमाल नहीं कर रही है। फोटो- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे-हिन्दी
भारतीय भेड़िया की प्रतिकात्मक तस्वीर। फोटो- डेविस क्वान/फ्लिकर

बॉक्साइट खनन से सूख रही छत्तीसगढ़ और झारखंड की बुरहा नदी, भेड़ियों के एक मात्र ठिकाने पर भी खतरा

छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर बॉक्साइट की खनन की वजह से देश के एक मात्र भेड़िया अभ्यारण्य के लिए खतरा उत्पन्न होने लगा है। चमकते एल्युमीनियम बनाने के लिए…
भारतीय भेड़िया की प्रतिकात्मक तस्वीर। फोटो- डेविस क्वान/फ्लिकर
पाम ऑइल 10 वर्ष की बच्ची सामेला कभी स्कूल नहीं जा पाई। वह अपनी दादी के साथ बेवेल देगुल के ताड़ के खेत में काम करती है। फोटो- अल्बर्टस वेम्ब्रिएन्टो

भारत और चीन के पाम ऑयल की जरूरत पूरी करने की कीमत चुका रहा इंडोनेशिया का आदिवासी समाज

इंडोनेशिया के पापुआ का बोवेन दिगोल क्षेत्र। घने जंगलों के लिए मशहूर इस इलाके की नई पहचान पाम ऑयल से है। ताड़ के बीजों से निकाले गए तेल को पाम…
पाम ऑइल 10 वर्ष की बच्ची सामेला कभी स्कूल नहीं जा पाई। वह अपनी दादी के साथ बेवेल देगुल के ताड़ के खेत में काम करती है। फोटो- अल्बर्टस वेम्ब्रिएन्टो
लद्दाख का गड़ेरिया। हिमालय में भेड़ जैसे शाकाहारी जीव पालने वाले लोगों के साथ ही कई दूसरे मांसाहारी जीव भी रहते हैं। ऐसे में उनका मांसाहारी जीवों के साथ संबंध काफी नाजुक होता है। फोटो- कोशी/फ्लिकर

जंगली जानवर और इंसान क्यों बन जाते हैं जानी-दुश्मन, हिमालय में हुए अध्ययन से सामने आया जवाब

कल्पना कीजिए आपके घर के आसपास कोई मांसाहारी जीव नजर आ जाए। ऐसे जीव को देखकर आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी! आपको गुस्सा आ सकता है, आप डर सकते हैं या…
लद्दाख का गड़ेरिया। हिमालय में भेड़ जैसे शाकाहारी जीव पालने वाले लोगों के साथ ही कई दूसरे मांसाहारी जीव भी रहते हैं। ऐसे में उनका मांसाहारी जीवों के साथ संबंध काफी नाजुक होता है। फोटो- कोशी/फ्लिकर
जंगल की बीच बसे उमरावन गांव को गाजर घास से चारो तरफ से घेर लिया है। यहां खेलते बच्चों को कई चर्मरोग और त्वचा संबंधी रोग का खतरा है। फोटो- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे हिन्दी

[वीडियो] खेतों के बाद अब जंगलों में भी गाजर घास की घुसपैठ, नहीं रोका तो होगा बड़ा नुकसान

पन्ना टाइगर रिजर्व के घने जंगलों के बीच एक उजड़ चुका गांव हैं उमरावन। विशाल पेड़ों और झाड़ियों के झुरमुट से गुजरता एक पथरीला रास्ता इस गांव को जाता है।…
जंगल की बीच बसे उमरावन गांव को गाजर घास से चारो तरफ से घेर लिया है। यहां खेलते बच्चों को कई चर्मरोग और त्वचा संबंधी रोग का खतरा है। फोटो- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे हिन्दी
प्रवासी पक्षी कॉमन क्रेन अपनी लंबी उड़ान भरता हुआ। प्रवास के लिए पक्षी हजारो किलोमीटर की उड़ान भरते हैं। फोटो- उदया किरण/विकिमीडिया कॉमन्स

पक्षी हो या इंसान, दोनों के लिए प्रवास का दंश एक समान

करीब छः महीने पहले देश में माइग्रेशन और माइग्रेन्ट का मुद्दा छाया हुआ था। लॉकडाउन लगने के बाद हजारों-लाखों प्रवासी मजदूर सड़क पर थे। रोजी-रोटी की उम्मीद में बड़े शहरों…
प्रवासी पक्षी कॉमन क्रेन अपनी लंबी उड़ान भरता हुआ। प्रवास के लिए पक्षी हजारो किलोमीटर की उड़ान भरते हैं। फोटो- उदया किरण/विकिमीडिया कॉमन्स
कावर झील के आसपास रहने वाले मछुआरों के लिए यह आजीविका का साधन है। फोटो- समीर वर्मा

बिहार को मिले पहले रामसर स्थल से क्यों खुश है मछुआरे

बिहार की राजधानी पटना से तकरीबन डेढ़ सौ किलोमीटर दूर बेगुसराय में एशिया का सबसे बड़ा गोखुर झील है। इसका नाम कावर ताल है। जब नदी अपना रास्ता बदल देती…
कावर झील के आसपास रहने वाले मछुआरों के लिए यह आजीविका का साधन है। फोटो- समीर वर्मा
सूर्यास्त के समय केन नदी का दृष्य। केन-बेतबा लिंक परियोजना के दूसरे चरण में 40 मीटर ऊंचा और 2,218 मीटर लंबा बांध प्रस्तावित है। फोटो- क्रिस्टोफर क्रे/फ्लिकर 

केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना पर पर्यावरण मंत्रालय ने मांगे नए आंकड़े, नए सिरे से होगा आंकलन

भारत की पहली नदी जोड़ो परियोजना के तहत केन-बेतवा लिंक के दूसरे चरण में बांध बनने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। हालांकि पर्यावरण मंत्रालय इसको लेकर कुछ असहज है।…
सूर्यास्त के समय केन नदी का दृष्य। केन-बेतबा लिंक परियोजना के दूसरे चरण में 40 मीटर ऊंचा और 2,218 मीटर लंबा बांध प्रस्तावित है। फोटो- क्रिस्टोफर क्रे/फ्लिकर 
ब्यास नदी की कछार में रेत पर धूप सेंकता घड़ियाल। रेत खनन की वजह से इनका यह स्थान छिन सकता है, जिस पर ये आराम करने के साथ-साथ अंडा भी देते हैं। फोटो- विवेक गुप्ता

दशकों बाद पंजाब की नदी में फिर नजर आ रहे घड़ियाल, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का भी योगदान

दशकों से पंजाब में यह माना जा रहा था कि घड़ियाल खत्म हो गए। तीन साल पहले इस जलजन्तु को लेकर एक छोटी सी कोशिश हुई और फिर इसके संरक्षण…
ब्यास नदी की कछार में रेत पर धूप सेंकता घड़ियाल। रेत खनन की वजह से इनका यह स्थान छिन सकता है, जिस पर ये आराम करने के साथ-साथ अंडा भी देते हैं। फोटो- विवेक गुप्ता
पन्ना टाइगर रिजर्व के इलाके में जंगल से मवेशी चराकर आते आदिवासी। मध्यप्रदेश के जंगल आदिवासियों की जीवनरेखा है। फोटो- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे हिन्दी

मध्य प्रदेश में वनों को कॉर्पोरेट को देने की कोशिश हुई तेज, हो सकता है मुखर विरोध

देश की राजधानी दिल्ली में किसान सड़कों पर हैं और आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया तीन कृषि कानून किसान-विरोधी है और निजी कंपनियों को फायदा…
पन्ना टाइगर रिजर्व के इलाके में जंगल से मवेशी चराकर आते आदिवासी। मध्यप्रदेश के जंगल आदिवासियों की जीवनरेखा है। फोटो- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे हिन्दी
पटना में ठोस कचरे को खुलेआम जलाया जाता है जिससे वायु प्रदूषित होती है। फोटो- समीर वर्मा

बिहार में प्रदूषित हवा का असर दिखना शुरू, हर साल 60 हजार लोगों को हो रहा फेफड़े का कैंसर

सत्तर की उम्र में राज कुमार यादव एक गंभीर रोग से जूझ रहे हैं। तीन महीने से वह अस्पताल में भर्ती हैं। बार-बार खांसी का दौरा पड़ता है और कभी-कभी…
पटना में ठोस कचरे को खुलेआम जलाया जाता है जिससे वायु प्रदूषित होती है। फोटो- समीर वर्मा

उत्तरप्रदेश के पीलीभीत में जब खत्म हुए शिकारी तो तिगुना हुआ बाघ का कुनबा

माना जाता है कि बाघ की दहाड़ करीब तीन किलोमीटर तक सुनी जा सकती है। विडंबना यह है कि अपनी बहादुरी के लिए चर्चित यह सुंदर जीव भी खतरे में…
बुद्गम जंगल से गुजरता हुआ पावर लाइन। इन बिजली के तारों की वजह से पेड़ों को काटा गया। फोटो- अथर परवेज

आदिवासियों को जंगल से उजाड़ने वाली जम्मू-कश्मीर सरकार को क्या वाकई है पर्यावरण की चिंता

जम्मू-कश्मीर की ऊंची पहाड़ियों पर घने जंगलों के किनारे बेहद छोटी-छोटी झोपड़ियां नजर आती हैं। पत्थर, मिट्टी और घास-फूस से बने ये घर गुज्जर समुदाय के लोगों का आशियाना है।…
बुद्गम जंगल से गुजरता हुआ पावर लाइन। इन बिजली के तारों की वजह से पेड़ों को काटा गया। फोटो- अथर परवेज
कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान झिरिया घाट गांव के लोगो ने श्रमदान कर नया कुआं खोदा। फोटो- मनीष चन्द्र मिश्र

मध्यप्रदेश के इस गांव में कुओं के सामने हैंडपंप और बोरवेल फेल, पारंपरिक साधन से सूखे का समाधान

हरियाली ओढ़े विंध्याचल के पर्वत मध्यप्रदेश की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। मध्यप्रदेश के सतना जिले का मझगवां तहसील भी इसी खूबसूरत जंगल के बीच है। यहां के गांवों…
कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान झिरिया घाट गांव के लोगो ने श्रमदान कर नया कुआं खोदा। फोटो- मनीष चन्द्र मिश्र
इंसानों से टकराव की वजह से कहीं विलुप्त न हो जाएं ये भालू

इंसानों से टकराव की वजह से कहीं विलुप्त न हो जाएं ये भालू

स्लॉथ बियर भालू की एकमात्र प्रजाति है जो अपने से हजारों गुना छोटी चींटियों का शिकार कर उन्हें अपने भोजन के तौर पर इस्तेमाल करता है। इस भालू के मुख्य…
इंसानों से टकराव की वजह से कहीं विलुप्त न हो जाएं ये भालू
बूंद-बूंद पानी बचाने वाले आबिद सूरती की कहानी, पानी बचाने में लगाई पूरी जिंदगी

बूंद बूंद का संघर्ष: 85 वर्ष के आबिद सुरती ने अपने 13 सालों के प्रयास से बचाया करोड़ों लीटर पानी

आपके घर में नल से पानी गिरने की टप-टप की आवाज़ आती है तो आप क्या करते हैं? सामान्यतः लोग अनसुना कर देते हैं। लेकिन देश में एक 85 साल…
बूंद-बूंद पानी बचाने वाले आबिद सूरती की कहानी, पानी बचाने में लगाई पूरी जिंदगी
कोयला खदान

पर्यावरण के लिए कोयला खनन बंद होना जरूरी पर ऐसी स्थिति में बेरोजगार हो रहे लाखों लोगों के भविष्य का क्या!

झारखंड का रामगढ़ जिला भविष्य में आने वाली एक अजीबोगरीब चुनौती से रू-ब-रू कराता है। इस जिले के 54,000 घर अपने जीवन-यापन के लिए कोयला-खदानों पर निर्भर हैं। इनमें से…
कोयला खदान
छत्तीसगढ़ की चाय इसी बागान से आती है। यह बागान वन विभाग द्वारा जशपुर के सारूडीह गांव में एक दशक पहले बना था। फोटो- वन विभाग

पेश है छत्तीसगढ़ की चाय, स्वाद-सुगंध में दार्जिलिंग टी के बराबर, लेकिन जलवायु परिवर्तन से चुनौती

चाय पीने वालों की दुनिया में असम या दार्जिलिंग की चाय का नाम ही काफी है। कुछ ऐसा कि बड़ी-बड़ी कंपनियां भी प्रचार में यह बताना नहीं भूलतीं कि उनकी…
छत्तीसगढ़ की चाय इसी बागान से आती है। यह बागान वन विभाग द्वारा जशपुर के सारूडीह गांव में एक दशक पहले बना था। फोटो- वन विभाग

पर्यावरण और संरक्षण की खबरों के लिए मोंगाबे-हिन्दी में आपका स्वागत है

मोंगाबे-हिन्दी को आपके साथ साझा करते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। इस समाचार वेबसाइट का उद्देश्य भारत की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा, हिन्दी में पर्यावरण और…
मादा खरमोर राजस्थान के आसमान में उड़ान भरती हुई। राजस्थान का शोकलिया-केकरी क्षेत्र में खरमोर प्रजनन के लिए आते हैं। फोटो- अंगद अछाप्पा/विकिमीडिया कॉमन्स

इंसानी विकास की होड़ से संकट में खरमोर पक्षी का अस्तित्व

मालवी में भाट कुकड़ा, हिंदी में खरमोर और अंग्रेजी में लैसर फ्लोरिकन। अलग-अलग बोली-भाषाओं में इस पक्षी के अनेक नाम हैं, लेकिन हर स्थान पर इस पक्षी से जुड़ी एक…
मादा खरमोर राजस्थान के आसमान में उड़ान भरती हुई। राजस्थान का शोकलिया-केकरी क्षेत्र में खरमोर प्रजनन के लिए आते हैं। फोटो- अंगद अछाप्पा/विकिमीडिया कॉमन्स
झामरकोटरा के इस खदान से फॉस्फेट निकाला जाता है। इसकी वजह से ग्रामीणों की जिंदगी तबाह हो गई है। फोटो- सोहैल खान

पौधों में जान डालने वाले फॉस्फेट के खदानों ने गांव के गांव कर दिए तबाह

सिंचाई की व्यवस्था होने के बावजूद अगर फसल सूखने या मुरझाने लगे तो परेशान किसान को बताया जाता है कि मिट्टी में फॉस्फोरस की कमी हो गई है। फिर किसान…
झामरकोटरा के इस खदान से फॉस्फेट निकाला जाता है। इसकी वजह से ग्रामीणों की जिंदगी तबाह हो गई है। फोटो- सोहैल खान
कोविड-19 लॉकडाउन में बढ़े इंटरनेट के इस्तेमाल से भी जलवायु पर असर, पेश है इको फ्रेंडली वेबसाइट की तकनीक

कोविड-19 लॉकडाउन में बढ़े इंटरनेट के इस्तेमाल से भी जलवायु पर असर, पेश है इको फ्रेंडली वेबसाइट की तकनीक

कोविड-19 महामारी की वजह से लगाए लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था को करोड़ों-अरबों का नुकसान हुआ, लेकिन आम धारणा यह बनी कि पर्यावरण पर इसका अच्छा प्रभाव हुआ। लॉकडाउन के…
कोविड-19 लॉकडाउन में बढ़े इंटरनेट के इस्तेमाल से भी जलवायु पर असर, पेश है इको फ्रेंडली वेबसाइट की तकनीक
मधुमक्खी की नजदीक से ली गई तस्वीर। फोटो- जॉन सुलिवन विकिमीडिया कॉमन्स

मधुमक्खियों पर दिखने लगा वायु प्रदूषण का असर, खेती पर भी आएगा संकट

वायु प्रदूषण को लेकर देश के कुछ महानगर और औद्योगिक शहरों की चर्चा होती है, जहां प्रदूषण का स्तर मानक से काफी अधिक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि…
मधुमक्खी की नजदीक से ली गई तस्वीर। फोटो- जॉन सुलिवन विकिमीडिया कॉमन्स
बैनर इलस्ट्रेशन- कश्मीर में जन्मे गजल कादरी ने इस तस्वीर को बनाया है। अब वे अमेरिका में रहते हैं।

लोग आते गए और कारवां बनता गया: श्रीनगर के डल झील की सफाई के लिए बाप-बेटी आये आगे तो शहर को मिली प्रेरणा

एक सिगरेट की ठूंठ ने श्रीनगर के तारिक ए पतलू का जीवन बदल दिया। अब रोजाना जब अपनी सेहत की चिंता में लोग मॉर्निंग वॉक के लिए निकलते हैं तो…
बैनर इलस्ट्रेशन- कश्मीर में जन्मे गजल कादरी ने इस तस्वीर को बनाया है। अब वे अमेरिका में रहते हैं।
महरौली पुरातत्व पार्क से कुतुब मिनार का एक दृष्य। फोटो- दीपन्विता गीता नियोगी।

अंग्रेजों का पीपल-बरगद के डर से लेकर मुगलों के 600 साल पुराने पेड़, दिल्ली की हरियाली को कितना जानते हैं आप

‘ट्रेन टू पाकिस्तान’ जैसे उपन्यास लिखने वाले और अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के संपादक रह चुके खुशवंत सिंह ने दिल्ली को दुनिया की सबसे हरी-भरी राजधानी का खिताब दिया था।…
महरौली पुरातत्व पार्क से कुतुब मिनार का एक दृष्य। फोटो- दीपन्विता गीता नियोगी।