Articles by Shailesh Shrivastava

हरिद्वार के श्यामपुर रेंज में राजाजी नेशनल पार्क की सीमा पर लगा वॉच टॉवर। तस्वीर- वर्षा सिंह (बाएं) गुलदार की प्रतीकात्मक तस्वीर। तस्वीर- उदय किरण/विकिमीडिया कॉमन्स

कोशिशों पर करोड़ों खर्च, उत्तराखंड में काबू के बाहर मानव-वन्यजीव संघर्ष

इस साल एक जनवरी को जब सभी लोग नए साल की ख़ुशियां मना रहे थे, तभी उत्तराखंड के पौड़ी के चौबट्टाखाल तहसील का पांथर गांव गुस्से में था। इस गाँव…
हरिद्वार के श्यामपुर रेंज में राजाजी नेशनल पार्क की सीमा पर लगा वॉच टॉवर। तस्वीर- वर्षा सिंह (बाएं) गुलदार की प्रतीकात्मक तस्वीर। तस्वीर- उदय किरण/विकिमीडिया कॉमन्स
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के सल्लार क्षेत्र का एक जंगल। तस्वीर- आमिर बिन रफ़ी

कश्मीर में खुद से संवर रहे जंगल, बेहतर हो रही मिट्टी की सेहत और कार्बन सिंक

शहर के शोर-शराबे से दूर, दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले में सालार जंगल दिसंबर की हांड़ कंपा देने वाली सर्दियों में भी वसंत के मौसम की तरह गुलजार है। कोहरे…
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के सल्लार क्षेत्र का एक जंगल। तस्वीर- आमिर बिन रफ़ी
मणिपुर का लोकतक तालाब 38 स्थानीय मछलियों का घर है। वेटलैंड्स जैव-विविधता को पनाह देने के साथ-साथ इंसानों के लिए रोजगार के मौके भी प्रदान करता है। तस्वीर- कार्तिक चंद्रमौली/मोंगाबे-हिन्दी

आर्थिक सर्वेक्षण: जलवायु वित्त पर भारत का जोर, जी-20 में विकासशील देशों के रुख को मिलेगी मजबूती

भारत ने संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण के जरिए विकासशील देशों के लिए ग्रीन फाइनेंस (पर्यावरण को बचाने के लिए धन की व्यवस्था) की खातिर मुखरता से अपनी बात रखी है। इसमें कहा गया है…
मणिपुर का लोकतक तालाब 38 स्थानीय मछलियों का घर है। वेटलैंड्स जैव-विविधता को पनाह देने के साथ-साथ इंसानों के लिए रोजगार के मौके भी प्रदान करता है। तस्वीर- कार्तिक चंद्रमौली/मोंगाबे-हिन्दी
2019 में बिना खरपतवार वाली सिरपुर आर्द्रभूमि। तस्वीर साभार- भालू मोंधे।

चार रामसर साइट्स के बावजूद क्यों धीमा है मध्य प्रदेश में वेटलैंड संरक्षण

मध्य प्रदेश 2022 में अपने तीन नए वेटलैंड्स (आद्रभूमि) को रामसर साइट का दर्जा दिए जाने का जश्न मना रहा है। लेकिन रामसर साइट में शामिल होने के लिए इंतजार…
2019 में बिना खरपतवार वाली सिरपुर आर्द्रभूमि। तस्वीर साभार- भालू मोंधे।
ऑर्किड प्लयोन प्रेकॉक्स का व्यापार एक सामान्य फर्न प्रजाति के नाम से किया जाता है। तस्वीर- कुमार पौडल 

अवैध ऑर्किड व्यापार से नेपाल के ‘पौधों के बाघ’ पर खतरा मंडराया

काठमांडू - नेपाली नव वर्ष के पहले दिन (अप्रैल के दूसरे सप्ताह के आसपास) एक खास फूल की झलक पाने के लिए भारत और नेपाल से हजारों लोग पूर्वी नेपाल…
ऑर्किड प्लयोन प्रेकॉक्स का व्यापार एक सामान्य फर्न प्रजाति के नाम से किया जाता है। तस्वीर- कुमार पौडल 
दिल्ली के विनोद नगर मेट्रो स्टेशन के पास ऐसे बहुत से इलेक्ट्रिक रिक्शा देखने को मिल सकते हैं। तस्वीर-मनीष कुमार

डीजल-पेट्रोल की गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रोककर इलेक्ट्रिक गाड़ियां बढ़ाने की तैयारी में चंडीगढ़

केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ ने 20 सितंबर 2022 को अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति रिलीज़ की थी। इस नीति के ज़रिए चंडीगढ़ डीजल-पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों को कम करके इलेक्ट्रिक…
दिल्ली के विनोद नगर मेट्रो स्टेशन के पास ऐसे बहुत से इलेक्ट्रिक रिक्शा देखने को मिल सकते हैं। तस्वीर-मनीष कुमार
पश्चिम बंगाल में चारा खाता हाथी। उत्तरी पश्चिम बंगाल में एक अध्ययन में पाया गया कि हाथी की भी खाने को लेकर अपनी पसंद और नापसंद होती है। पौधों की रिकॉर्ड की गई 286 प्रजातियों में से उन्होंने लगभग 130 प्रजातियों को खाना पसंद किया था। तस्वीर- प्रियंका दास 

भोजन स्वादानुसार! खाने को लेकर हाथियों की अपनी पसंद

कोयम्बटूर में सलीम अली सेंटर फॉर ऑर्निथोलॉजी एंड नेचुरल हिस्ट्री (SACON) के वैज्ञानिकों द्वारा PLOS One में हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि हर…
पश्चिम बंगाल में चारा खाता हाथी। उत्तरी पश्चिम बंगाल में एक अध्ययन में पाया गया कि हाथी की भी खाने को लेकर अपनी पसंद और नापसंद होती है। पौधों की रिकॉर्ड की गई 286 प्रजातियों में से उन्होंने लगभग 130 प्रजातियों को खाना पसंद किया था। तस्वीर- प्रियंका दास 
स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ जगह की कमी की समस्या नहीं है, बल्कि, डॉक्टरों की कमी, खून उपलब्ध न होना, और अल्ट्रा साउंड मशीन के तकनीकी स्टाफ का न होना भी मरीजों की परेशानी का कारण है। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे

जोशीमठ संकटः खतरे की जद में जोशीमठ का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, परेशानी में गर्भवती महिलाएं

जोशीमठ निवासी उषा शाही पर मकानों में आई दरार की समस्या का असर कहीं अधिक हुआ। दरारों की वजह से खतरनाक हो चुके मकानों को छोड़कर जब लोग सुरक्षित स्थानों…
स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ जगह की कमी की समस्या नहीं है, बल्कि, डॉक्टरों की कमी, खून उपलब्ध न होना, और अल्ट्रा साउंड मशीन के तकनीकी स्टाफ का न होना भी मरीजों की परेशानी का कारण है। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे
पंचनथंगी के पास मौजूद अभयारण्य में स्लेंडर लोरिस। तस्वीर- SEEDS ट्रस्ट।

वन समुदाय के अधिकार और तमिलनाडु में स्लेंडर लोरिस का संरक्षण, समझिए क्या है समस्या

तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले का पंचनथंगी इलाका सुदूर क्षेत्र में बसा हुआ एक छोटा सा गांव है। यह गांव हरी-भरी और छोटी-मोटी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां पहुंचना बेहद…
पंचनथंगी के पास मौजूद अभयारण्य में स्लेंडर लोरिस। तस्वीर- SEEDS ट्रस्ट।
गन्ना किसान महाराष्ट्र के सतारा में एक चीनी मिल के पास तुलाई और बिक्री के लिए इंतजार कर रहे हैं। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे

गन्ने के कचरे से बायो-सीएनजी: स्वच्छ ईंधन में चीनी मिलों की बढ़ती भूमिका

गन्ना उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की चीनी मिलें स्वच्छ ईंधन के लिए एक नया प्रयोग कर रही हैं। ये मिलें परिवहन ईंधन के नए स्रोत बायो-सीएनजी के उत्पादन में गन्ने के…
गन्ना किसान महाराष्ट्र के सतारा में एक चीनी मिल के पास तुलाई और बिक्री के लिए इंतजार कर रहे हैं। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे
जोशीमठ में दरारों की वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शहर में अब तक 849 मकानों में दरारें देखी गईं। शहर के 838 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे

जोशीमठ संकटः 46 सालों से बनती आ रही कमेटियां, क्या इस बार नहीं होगी सुझावों की अनदेखी

जैसे ही उत्तराखंड के जोशीमठ से मकानों में दरारों की ख़बरों की शुरुआत हुई, वैसे ही राज्य और केंद्र सरकारें हरकत में आयीं और आनन-फानन में जोशीमठ में हो रहे…
जोशीमठ में दरारों की वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शहर में अब तक 849 मकानों में दरारें देखी गईं। शहर के 838 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे
पैंगोंग हिमनद झील, लद्दाख। पर्माफ्रॉस्ट डिग्रेडेशन हाइड्रोलॉजिकल सिस्टम में पर्याप्त बदलाव के लिए जिम्मेदार है। तस्वीर- वजाहत इकबाल/विकिमीडिया कॉमन्स।

खतरे की आहट: ग्लोबल वार्मिंग से हिमालय में भूमिगत हलचल

अप्रैल 2022 के अंत तक नेपाल के एवरेस्ट क्षेत्र में समुद्र तल से 3555 मीटर की ऊँचाई पर बेस शहर – नामचे बाज़ार – में जीवन और व्यवसाय पहले जैसा…
पैंगोंग हिमनद झील, लद्दाख। पर्माफ्रॉस्ट डिग्रेडेशन हाइड्रोलॉजिकल सिस्टम में पर्याप्त बदलाव के लिए जिम्मेदार है। तस्वीर- वजाहत इकबाल/विकिमीडिया कॉमन्स।
ओडिशा के नुआपाड़ा जिलें के खोलीभीतर गाँव में लगा एक विकेंद्रीकित सौर ऊर्जा का एक प्लांट। तस्वीर-मनीष कुमार/मोंगाबे

ओडिशा की नई अक्षय ऊर्जा नीति और 10 गीगावाट का लक्ष्य

ओडिशा को भले ही अक्षय ऊर्जा की उच्च क्षमता वाला राज्य नहीं माना जाता हो, लेकिन राज्य सरकार अपनी नई ऊर्जा नीति के साथ इसी तरफ बढ़ती नज़र आ रही…
ओडिशा के नुआपाड़ा जिलें के खोलीभीतर गाँव में लगा एक विकेंद्रीकित सौर ऊर्जा का एक प्लांट। तस्वीर-मनीष कुमार/मोंगाबे

यूपी के गाज़ियाबाद में सामूहिक प्रयासों से शुरू होते शहरी जंगल, कम होता प्रदूषण

करीब तीन साल पहले गाज़ियाबाद के प्रताप विहार इलाके में नगर निगम की लगभग 600 वर्ग मीटर की एक जमीन पर कचरा फेंका जाने लगा। एक तरफ मेडिकल कॉलेज और…
गुमला जिले के गुनिया गांव के सीताराम उरांव अपने तरबूज के खेत में काम कर रहे हैं। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे

सर्द रातों में सिंचाई की समस्या का समाधान बनती सौर बिजली

राजस्थान के गंगानगर जिले में लुढ़कता पारा नए रिकॉर्ड बना रहा है। हालात ऐसे हैं कि लोग गर्म रजाई में भी ठिठुर रहे हैं। ऐसे वक्त में मोहनपुरा गांव के…
गुमला जिले के गुनिया गांव के सीताराम उरांव अपने तरबूज के खेत में काम कर रहे हैं। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे
कार्बन उत्सर्जन की कीमत इसलिए है क्योंकि कार्बन आधारित गैसें, मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड है, उत्सर्जन में सबसे प्रचुर मात्रा में ग्रीनहाउस गैसें हैं। तस्वीर-  मार्सिनजोज़्विआक/पिक्साबे

कार्बन मूल्य-निर्धारण क्या है?

उन्नीस सौ बीस के दशक में एक ब्रिटिश अर्थशास्त्री आर्थर पिगौ ने उद्योगों को उनके द्वारा किए गए प्रदूषण की लागत के लिए भुगतान करने के सामाजिक लाभों पर प्रकाश…
कार्बन उत्सर्जन की कीमत इसलिए है क्योंकि कार्बन आधारित गैसें, मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड है, उत्सर्जन में सबसे प्रचुर मात्रा में ग्रीनहाउस गैसें हैं। तस्वीर-  मार्सिनजोज़्विआक/पिक्साबे
बिरला इंडस्ट्रियल एंड टेक्नोलॉजिकल म्यूजियम, कोलकाता में फोटो खिंचवाते कोयला खदान के श्रमिकों का भित्ति चित्र। तस्वीर- बिश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स

भारत में बढ़ती सौर ऊर्जा के बावजूद कोयला ऊर्जा का प्रमुख स्रोत बना रहेगा

भारत के ऊर्जा स्रोतों में सौर ऊर्जा एक प्रमुख स्रोत के रूप में उभरेगा, लेकिन कोयला अभी भी देश के ऊर्जा क्षेत्र का मुख्य आधार बना रहेगा। आने वाले दशक…
बिरला इंडस्ट्रियल एंड टेक्नोलॉजिकल म्यूजियम, कोलकाता में फोटो खिंचवाते कोयला खदान के श्रमिकों का भित्ति चित्र। तस्वीर- बिश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स
ब्लू माउंटेन के परिदृश्य को दिखाती तस्वीर। तस्वीर- कार्तिक बालासुब्रमण्यन।

मिजोरम के ब्लू माउंटेन में पेड़ों की काई में मिले डायटम के नमूने

डायटम पर रिसर्च और खोजबीन करने वाले कार्तिक बालासुब्रमण्यम को जब मिजोरम के ब्लू माउंटेन पर होने वाले खोजी अभियान के लिए बुलाया गया तो उन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं…
ब्लू माउंटेन के परिदृश्य को दिखाती तस्वीर। तस्वीर- कार्तिक बालासुब्रमण्यन।
20वीं सदी की शुरुआत से ही हंगुल की संख्या में गिरावट आ रही है। शोधकर्ताओं का कहना है कि हंगुल आवास के पास कारखानों से होने वाले उत्सर्जन ने हंगुल के शरीर विज्ञान और भोजन के पैटर्न को प्रभावित किया है। तस्वीर- मोहम्मद दाऊद

सिकुड़ते जंगलों की वजह से विलुप्ति की कगार पर जाता कश्मीरी का शर्मीला हिरण हंगुल

जंगलों से आच्छादित हिमालय की तलहटी में पाया जाने वाला एक शर्मीला हिरण अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहा है। कश्मीर के जंगली हंगुल के आवास और संख्या पर औद्योगीकरण,…
20वीं सदी की शुरुआत से ही हंगुल की संख्या में गिरावट आ रही है। शोधकर्ताओं का कहना है कि हंगुल आवास के पास कारखानों से होने वाले उत्सर्जन ने हंगुल के शरीर विज्ञान और भोजन के पैटर्न को प्रभावित किया है। तस्वीर- मोहम्मद दाऊद
पेड़ों के भीतर छिपता हुआ हाथी। भारत की राष्ट्रीय जैव-विविधता कार्य योजना को लागू करने के लिए 12 अरब डॉलर वार्षिक का अनुमान लगाया गया है। तस्वीर- एस गोपीकृष्ण वारियर/मोंगाबे

जैव-विविधता वित्त और इसकी अहमियत

जैव-विविधता के संरक्षण के लिए पूंजी जुटाना और उसका प्रबंधन करना जैव विविधता वित्त या बायो डायवर्सिटी फाइनेंस है। यह संरक्षण वित्त के जैसे व्यापक विषय के तहत आता है,…
पेड़ों के भीतर छिपता हुआ हाथी। भारत की राष्ट्रीय जैव-विविधता कार्य योजना को लागू करने के लिए 12 अरब डॉलर वार्षिक का अनुमान लगाया गया है। तस्वीर- एस गोपीकृष्ण वारियर/मोंगाबे
फरक्का बैराज के पास गंगा नदी। गंगा के लोअर स्ट्रेच या लोअर स्ट्रीम में फरक्का से फ्रेजरगंज तक मछुआरों के सामाजिक-आर्थिक आकलन में पता चला है कि हिलसा जैसी मछलियां मछुआरों की आय में 38.84% का योगदान करती हैं। तस्वीर- राहुल सिंह

भारत में कैसे कम हुई हिलसा मछली, इस दुर्लभ प्रजाति को बचाने में क्या हैं चुनौतियां?

पश्चिम बंगाल में फरक्का के प्रसनजीत मंडल (30) का पुश्तैनी काम मछली पकड़ना है। लेकिन इन दिनों वह रिक्शा चला कर भी गुजारा करते हैं। साथ ही अपने दोस्तों के…
फरक्का बैराज के पास गंगा नदी। गंगा के लोअर स्ट्रेच या लोअर स्ट्रीम में फरक्का से फ्रेजरगंज तक मछुआरों के सामाजिक-आर्थिक आकलन में पता चला है कि हिलसा जैसी मछलियां मछुआरों की आय में 38.84% का योगदान करती हैं। तस्वीर- राहुल सिंह
बल्ली द्वीप पर मृत मैंग्रोव के बगल में लगाए गए नए मैंग्रोव। विशेषज्ञों का कहना है कि उन क्षेत्रों में जहां लहर का वेग अधिक है, और कटाव तेज है, वहां मैंग्रोव तब तक नहीं बचेंगे जब तक कि मैंग्रोव को लहरों से सुरक्षित नहीं किया जाता। तस्वीर- सुभ्रजीत सेन/मोंगाबे।

[वीडियो] सुंदरबनः तटीय कटाव और मवेशियों की वजह से मुश्किल में मैंग्रोव के नए पौधे

भारत के सुंदरबन में स्थित एक द्वीप पखिरालय घाट के पश्चिम में 700 से 800 मीटर हिस्से में मैंग्रोव (समुद्री तट पर उगने वाला पौधा या झाड़ी) को लगाना, 2020…
बल्ली द्वीप पर मृत मैंग्रोव के बगल में लगाए गए नए मैंग्रोव। विशेषज्ञों का कहना है कि उन क्षेत्रों में जहां लहर का वेग अधिक है, और कटाव तेज है, वहां मैंग्रोव तब तक नहीं बचेंगे जब तक कि मैंग्रोव को लहरों से सुरक्षित नहीं किया जाता। तस्वीर- सुभ्रजीत सेन/मोंगाबे।

सुंदरबन: दूरदर्शी नीति के अभाव में ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण का गंवाया बेहतर अवसर

सीमेंट ब्लॉक की लाइनें एक लावारिस कब्रिस्तान के पत्थर की तरह दिखती हैं। एक खेत से सटा पुराना टूटा-फूटा एक मंजिला घर किसी डरावनी फिल्म के सेट जैसा दिखता है।…

[कमेंट्री] हिमालय के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में समृद्ध जैव-विविधता के संरक्षण के विविध पहलू

हिमालय के पूर्वी क्षेत्र में जैव-विविधता से समृद्ध हिंदुकुश हिमालय दुर्लभ, स्थानीय और संकटग्रस्त वनस्पतियों और जीवों की कई प्रजातियों का आवास है। वैश्विक जैव विविधता के तीन हॉटस्पॉट, हिमालय,…
जूनागढ़, गुजरात में एक धान के खेत में काम करती महिलाएँ। अगर भारत के स्वच्छ वायु लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाता है तो प्रजनन आयु की महिलाओं में एनीमिया का प्रसार 53 प्रतिशत से गिरकर 39.5% हो जाएगा। तस्वीर- बर्नार्ड गगनोन/विकिमीडिया कॉमन्स

गहराते वायु प्रदूषण से महिलाओं में बढ़ा एनीमिया का खतरा, जल्द कदम उठाने की जरूरत

अगर भारत साफ-सुथरी हवा और ऊर्जा के लक्ष्यों को पूरा करता है तो इससे कई तरह के फायदे होंगे। एक लाभ यह होगा कि प्रजनन वाली आयु की महिलाओं में…
जूनागढ़, गुजरात में एक धान के खेत में काम करती महिलाएँ। अगर भारत के स्वच्छ वायु लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाता है तो प्रजनन आयु की महिलाओं में एनीमिया का प्रसार 53 प्रतिशत से गिरकर 39.5% हो जाएगा। तस्वीर- बर्नार्ड गगनोन/विकिमीडिया कॉमन्स
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के पास डुमरी गांव में ग्रामीण खेतों में काम करते हुए। तस्वीर- मनीष शांडिल्य

[वीडियो] बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व में बढ़ता मानव-बाघ संघर्ष और सह-अस्तित्व के रास्ते

वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व (वीटीआर) बिहार का इकलौता टाइगर रिजर्व है। करीब 900 वर्ग किलोमीटर में फैला वीटीआर बाघ संरक्षण में एक सफल हस्तक्षेप साबित हुआ है। साल 2010 में यहाँ…
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के पास डुमरी गांव में ग्रामीण खेतों में काम करते हुए। तस्वीर- मनीष शांडिल्य
तेलंगाना के करीमनगर जिलें में परगी में लगा एक पवन ऊर्जा का मिल। तस्वीर-मनीष कुमार/मोंगाबे

ग्रीन बॉन्ड के लिए फ्रेमवर्क सही दिशा में कदम लेकिन आगे है लंबा रास्ता

जलवायु परिवर्तन को रोकने से जुड़े कदमों (क्लाइमेट एक्शन) के लिए फंड मुहैया कराने में निवेशकों का भरोसा बढ़ाने के लिए सरकार ने एक कदम और बढ़ाया है। भारत सरकार…
तेलंगाना के करीमनगर जिलें में परगी में लगा एक पवन ऊर्जा का मिल। तस्वीर-मनीष कुमार/मोंगाबे
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में सरसो के खेत। सीक्वेंस की जानकारी के आधार पर, स्टेवियोल ग्लाइकोसाइड्स का उत्पादन करने वाले जैवसंश्लेषण जीन पर पेटेंट का मालिकाना हक स्विस मुख्यालय वाली बायोटेक कंपनी इवोल्वा के पास है। तस्वीर- अभिजीत कर गुप्ता/विकिमीडिया कॉमन्स

कॉप15: छाया रहेगा डिजिटल जेनेटिक इन्फॉर्मेशन से समान लाभ का मुद्दा

संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (कॉप15) में डिजिटल सीक्वेंस इन्फॉर्मेशन (डीएसाई) पर जोरदार बहस चल रही है। सम्मेलन में शामिल सभी पक्ष जेनेटिक स्रोतों (डीएसाई) तक पहुंच और लाभ साझाकरण…
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में सरसो के खेत। सीक्वेंस की जानकारी के आधार पर, स्टेवियोल ग्लाइकोसाइड्स का उत्पादन करने वाले जैवसंश्लेषण जीन पर पेटेंट का मालिकाना हक स्विस मुख्यालय वाली बायोटेक कंपनी इवोल्वा के पास है। तस्वीर- अभिजीत कर गुप्ता/विकिमीडिया कॉमन्स
तेलंगाना के खम्मम जिले में अपने तेल ताड़ के खेत में एक ताड़ का किसान। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे

धान से लेकर पाम तक: पानी की अधिक खपत करने वाली फसलों की ओर तेलंगाना का रुख

बासठ साल के बी.बुच्छया तेलंगाना के खम्मम जिले में पाम या ताड़ की खेती करने वाले एक किसान हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी 12 एकड़ की जमीन पर ताड़…
तेलंगाना के खम्मम जिले में अपने तेल ताड़ के खेत में एक ताड़ का किसान। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे
मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के समापन के दो सप्ताह बाद जैव विविधता शिखर सम्मेलन हो रहा है। तस्वीर: संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता/फ़्लिकर।

कॉप15: साल 2030 तक 30% जैव-विविधता को बचाने पर भारत का जोर, सहमति बनाना बड़ी चुनौती

संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (कॉप15) को लेकर आयोजक देश कनाडा में गहमागहमी बढ़ गई है। जैव विविधता को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए यहां ऐतिहासिक समझौते पर…
मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के समापन के दो सप्ताह बाद जैव विविधता शिखर सम्मेलन हो रहा है। तस्वीर: संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता/फ़्लिकर।