Articles by Shailesh Shrivastava

कॉप27: जलवायु एजेंडा में शामिल हुआ ‘लॉस एंड डैमेज’ का मुद्दा, रंग लाई भारत की कोशिशें

पूर्वी मिस्र में शर्म-अल-शेख में आयोजित कॉप27 (COP27) संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन से एक आशावादी जानकारी सामने आई है। सभी भाग लेने वाले देशों ने सम्मेलन के आधिकारिक एजेंडे पर…
उत्तर भारत में बढ़ता वायु प्रदूषण और तकनीकी विशेषज्ञों की कमी से जूझते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड: रिपोर्ट

उत्तर भारत में बढ़ता वायु प्रदूषण और तकनीकी विशेषज्ञों की कमी से जूझते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड: रिपोर्ट

इस साल एक नवम्बर को देश की राजधानी नई दिल्ली पूरी तरह से प्रदूषित जहरीली हवा के चंगुल में दिखी। इस दिन इस साल के वायु प्रदूषण के सारे रिकॉर्ड…
उत्तर भारत में बढ़ता वायु प्रदूषण और तकनीकी विशेषज्ञों की कमी से जूझते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड: रिपोर्ट
फ्राइडे फॉर फ्यूचर नामक समूह ने कॉप 26 सम्मेलन स्थल के बाहर मार्च में हिस्सा लिया। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे

कॉप27: जलवायु संकट में फंसी दुनिया क्या मिस्र में खोज पाएगी समाधान

मध्य भारत में स्थित छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य के घने जंगलों में एक कोयला खनन परियोजना का विरोध चल रहा है। इसका विरोध करने वाले गोंड आदिवासी नहीं जानते कि…
फ्राइडे फॉर फ्यूचर नामक समूह ने कॉप 26 सम्मेलन स्थल के बाहर मार्च में हिस्सा लिया। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे
पवन चक्की से कुछ दूर जलावन के लिए लकड़ियां इकट्ठा करता एक किसान। नेट जीरो को लेकर भारत की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जानकारों की राय है कि वर्तमान स्थिति में भारत की नीति निर्माण में भारी विरोधाभास है। तस्वीर- वेस्तास/याहू/फ्लिकर

पुरानी पवन चक्कियों की क्षमता बढ़ाने की नई नीति से कैसे बदलेगा ऊर्जा क्षेत्र

भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने हाल ही में पवन ऊर्जा को देश में बढ़ावा देने के लिए एक ड्राफ्ट नीति जारी की है। इस नीति का…
पवन चक्की से कुछ दूर जलावन के लिए लकड़ियां इकट्ठा करता एक किसान। नेट जीरो को लेकर भारत की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जानकारों की राय है कि वर्तमान स्थिति में भारत की नीति निर्माण में भारी विरोधाभास है। तस्वीर- वेस्तास/याहू/फ्लिकर
औद्योगिक क्षेत्र से होने वाले कुल कार्बन उत्सर्जन का लगभग एक तिहाई लौह और इस्पात क्षेत्र से होता है। तस्वीर- जॉन ब्यूफोर्ट/Publicdomainpictures.net

ऑटोमोबाइल से लेकर अंतरिक्ष अभियान तक उपयोग हो सकेगी ‘स्मार्ट मटेरियल्स’ से बनी बिजली

औद्योगिक गतिविधियों और ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रियाओं में बड़े पैमाने पर अपशिष्ट-ताप उत्सर्जित होता है। यह गर्मी वायुमंडल में अवशोषित हो जाती है। भारत में वैज्ञानिकों का एक समूह कुछ…
औद्योगिक क्षेत्र से होने वाले कुल कार्बन उत्सर्जन का लगभग एक तिहाई लौह और इस्पात क्षेत्र से होता है। तस्वीर- जॉन ब्यूफोर्ट/Publicdomainpictures.net
मुरलेन नेशनल पार्क में एक मार्बल बिल्ली। इस जंगल में अमित कुमार बल ने तेंदुआ, पीले गले वाला मार्टन, केकड़ा खाने वाला नेवला, असामी मकाक (बन्दर), भौंकने वाले हिरण, जंगली सूअर सहित कई वन्यजीव देखे। तस्वीर- अमित कुमार बल

[साक्षात्कार] अमेजन के जंगल से क्यों होती है मिजोरम के घने जंगलों की तुलना

साल 2019 में सितंबर की एक सुबह मिजोरम के चंफाई जिले के छोटे और खूबसूरत मुरलेन गांव के 240 निवासी हैरान थे। छब्बीस साल के शोधकर्ता अमित कुमार बल बहुत…
मुरलेन नेशनल पार्क में एक मार्बल बिल्ली। इस जंगल में अमित कुमार बल ने तेंदुआ, पीले गले वाला मार्टन, केकड़ा खाने वाला नेवला, असामी मकाक (बन्दर), भौंकने वाले हिरण, जंगली सूअर सहित कई वन्यजीव देखे। तस्वीर- अमित कुमार बल
लेह और हिमालयी क्षेत्र में बढ़ते पर्यटन से बढ़ता कचरा। तस्वीर- जुआन डेल रियो/लोकल फ्यूचर्स।

लेह में पर्यटकों की बढ़ती भीड़ से पर्यावरण प्रभावित होने की आशंका

अक्टूबर 2020 में रोहतांग दर्रे पर अटल सुरंग (टनल) खुलने के बाद पिछले दो वर्षों के दौरान इस क्षेत्र में वाहनों का आवागमन बहुत बढ़ा है। लद्दाख के लेह शहर…
लेह और हिमालयी क्षेत्र में बढ़ते पर्यटन से बढ़ता कचरा। तस्वीर- जुआन डेल रियो/लोकल फ्यूचर्स।

इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों से जुड़ी समस्याओं को कैसे सुलझा रहे हैं बेंगलुरु के ये स्टार्टअप्स

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है और साथ ही इनमें प्रयोग होने वाले बैटरियों की खरीद भी बढ़ रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों को जीवाश्म ईंधन…
तडोबा टाइगर रिजर्व में सड़क पार करता एक वयस्क नर बाघ। एक बाघ 40 वर्ग किमी की सीमा तक कब्जा कर सकता है। इस बाघ के क्षेत्र में लगभग आठ गांव स्थित हैं। तस्वीर- सेंथिल कुमार।

वन्यजीवों के साथ इंसानी गतिविधियों को लंबे वक़्त से कैमरे में कैद करने वाले फोटोग्राफर से एक बातचीत

मानव-वन्यजीव संपर्क बढ़ रहा है। लेकिन उनमें से सभी सकारात्मक नहीं हैं। भारत में हर साल इंसानों और जानवरों के बीच टकराव के कारण सैकड़ों लोगों और जानवरों की मौत…
तडोबा टाइगर रिजर्व में सड़क पार करता एक वयस्क नर बाघ। एक बाघ 40 वर्ग किमी की सीमा तक कब्जा कर सकता है। इस बाघ के क्षेत्र में लगभग आठ गांव स्थित हैं। तस्वीर- सेंथिल कुमार।
मानसून धान के खेत में स्वेच्छा से कोंकणी रान माणूस अतिथि। तस्वीर- कोंकणी रान माणूस

पर्यावरण को सहेजते हुए आगे बढ़ता कोंकण का इको-टूरिज्म

महाराष्ट्र में पर्यटन को लेकर एक नई पहल लोकप्रिय हो रही है। इसमें पर्यटकों को स्थानीय समुदायों की जीवन शैली और उनके कम कार्बन-फुटप्रिंट यानी किसी इकाई (व्यक्ति या संस्था)…
मानसून धान के खेत में स्वेच्छा से कोंकणी रान माणूस अतिथि। तस्वीर- कोंकणी रान माणूस
पराली जलाने के स्थान पर मशीनों को किराए पर लेने या खरीदने की लागत छोटे और सीमांत किसान वहन नहीं कर सकते। तस्वीर- 2011CIAT / नील पामर / फ़्लिकर

[वीडियो] तमाम सरकारी ‘समाधानों’ के बावजूद उत्तर भारत में क्यों लौट रहा है पराली संकट

देश में पराली जलाने यानी धान के अवशेष को खेतों में जलाने की समस्या साल-दर-साल बढ़ती जा रही है। पराली जलाने की समस्या सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा संकट…
पराली जलाने के स्थान पर मशीनों को किराए पर लेने या खरीदने की लागत छोटे और सीमांत किसान वहन नहीं कर सकते। तस्वीर- 2011CIAT / नील पामर / फ़्लिकर
गणेश प्रतिमाओं से इस साल दो मिट्टी एकत्रित हुई है उसे अगले साल मूर्तियां बनाने में इस्तेमाल में लाया जाएगा। तस्वीर- वेदसूत्र / विकिमीडिया कॉमन्स

पुणे में गणेश प्रतिमाओं की मिट्टी को दोबारा उपयोग में लाकर पर्यावरण बचाने की पहल

दिनेश गोले महाराष्ट्र के पेण में रहने वाले एक मूर्तिकार हैं जो कई वर्षों से गणेश उत्सव के लिए मूर्तियां बनाते हैं। पेण, पुणे से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी…
गणेश प्रतिमाओं से इस साल दो मिट्टी एकत्रित हुई है उसे अगले साल मूर्तियां बनाने में इस्तेमाल में लाया जाएगा। तस्वीर- वेदसूत्र / विकिमीडिया कॉमन्स
The inside view of Pal Bagh Nag. In the absence of any covering, the leaves have fallen into the spring.

कश्मीर के झरनों का महत्त्व और उनके संरक्षण की आवश्यकता

नूरा, कश्मीर में श्रीनगर के बुर्जमा क्षेत्र में स्थित एक स्थानीय झरने ‘अस्तन नाग’ के पास घूम रही हैं। वह कुछ देर रुकती हैं और झरने की ओर जाने लगती…
The inside view of Pal Bagh Nag. In the absence of any covering, the leaves have fallen into the spring.

[वीडियो] पृथ्वी के लिए ‘कोड रेड’, ताजे पानी के जलीय जीवों की संख्या में 83% की गिरावट: रिपोर्ट

बीते 50 वर्षों में दुनिया में ताजे पानी के जलीय जीवों की संख्या में 83% की कमी आई है। जंगली जीवों के मामले में यह आंकड़ा 69% का है। यानी…
देश का 30% भौगोलिक क्षेत्र संरक्षित करने के लिए अब निजी प्रयासों से जैव-विविधता समृद्ध क्षेत्र चिन्हित किए जा रहे हैं। तस्वीर- वर्षा सिंह

जैव-विविधता को सहेजने के लिए सामुदायिक भागीदारी से बढ़ेगा संरक्षित क्षेत्र

जैव-विविधता पर गहराते संकट को हल करने के लिए दुनिया भर में कई तरह की कोशिशें चल रही हैं। इन्हीं में से एक है  साल 2030 तक धरती के 30…
देश का 30% भौगोलिक क्षेत्र संरक्षित करने के लिए अब निजी प्रयासों से जैव-विविधता समृद्ध क्षेत्र चिन्हित किए जा रहे हैं। तस्वीर- वर्षा सिंह
स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा आधारित खाना पकाने के विकल्पों को बढ़ाना भारत में चुनौतीपूर्ण है। नतीजतन, लोग, विशेष रूप से छोटे शहरों और ग्रामीण भारत में, खाना पकाने के लिए ठोस ईंधन जलाते हैं। फोटो: संयम बहगा/विकिमीडिया कॉमन्स।

खाना पकाने के स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने के लिए एलपीजी सब्सिडी तंत्र में बदलाव जरूरी है

हाल के महीनों में एलपीजी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के बावजूद क्या यह भारत में खाना पकाने का सबसे लोकप्रिय ईंधन बना रह सकता है? व्यापक रूप से लोकप्रिय…
स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा आधारित खाना पकाने के विकल्पों को बढ़ाना भारत में चुनौतीपूर्ण है। नतीजतन, लोग, विशेष रूप से छोटे शहरों और ग्रामीण भारत में, खाना पकाने के लिए ठोस ईंधन जलाते हैं। फोटो: संयम बहगा/विकिमीडिया कॉमन्स।
बैनर तस्वीर: गढ़चिरौली के जंगलों में रात में हाथियों की आवाजाही को कैप्चर करते हुए एक ड्रोन शॉट। तस्वीर- आरईएसक्यू सीटी / महाराष्ट्र वन विभाग

[वीडियो] वन्यजीवों की ड्रोन से निगरानी से कैसे कम होगा इंसान और जंगली जीवों के बीच संघर्ष

पूर्वी महाराष्ट्र में स्थित गढ़चिरौली जिले में जंगल के आसपास बसे गांवों में इन दिनों कौतूहल है। यहां के लोगों की नजर जब भी आसमान की ओर जाती है उन्हें…
बैनर तस्वीर: गढ़चिरौली के जंगलों में रात में हाथियों की आवाजाही को कैप्चर करते हुए एक ड्रोन शॉट। तस्वीर- आरईएसक्यू सीटी / महाराष्ट्र वन विभाग
पुणे में स्थित एक बायो-सीएनजी स्टेशन। बायो-सीएनजी को सीधे सीएनजी से चलने वाले वाहनों में डाला जा सकता है। तस्वीर-मनीष कुमार

क्या बायो-सीएनजी बन सकता है भारत के नवीन ऊर्जा के भविष्य का एक प्रभावशाली विकल्प?

इस साल अगस्त के महीने में पंजाब सरकार ने घोषणा की कि राज्य में संपीडित (कंप्रेस्ड) बायोगैस (सीबीजी) का व्यावसायिक उत्पादन संगरूर के भुट्टन कलन नाम के गांव से बड़े…
पुणे में स्थित एक बायो-सीएनजी स्टेशन। बायो-सीएनजी को सीधे सीएनजी से चलने वाले वाहनों में डाला जा सकता है। तस्वीर-मनीष कुमार