Shailesh Shrivastava

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अरुणाचल प्रदेशः पैतृक भूमि को बचाए रखने के लिए इदु मिश्मी का सामुदायिक संरक्षण

क्या अरुणाचल के बढ़ते बिजली संकट को हल कर पाएंगी पारंपरिक पनचक्कियां

बंगाल का ‘भांगा मेला’, जहां कचरा बेकार नहीं जाता

खराब और पुराने टायर क्यों हैं पर्यावरण के लिए गंभीर मुद्दा?

असंरक्षित नदियों में भी होना चाहिए घड़ियालों का संरक्षण

हर समय पक्षियों के झुंड की रक्षा करता है ये गांव

आंकड़ों के अभाव में भारत के पूर्वोत्तर में प्रभावित हो रहा है ऊदबिलावों का संरक्षण

दक्षिण पश्चिमी भारत के मैंग्रोव में मिले फाइबर जैसे माइक्रोप्लास्टिक

मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों ने बदला अपना बसेरा, जंगलों को छोड़ धान के खेतों में ढूंढी नई जगह

केरल में किसानों ने उगाए अलग-अलग प्रकार के केले, पारंपरिक किस्मों के संरक्षण में मिली मदद

उफ़्फ़ ये गर्मी! क्यों बढ़ता ही जा रहा है पृथ्वी का पारा?

हिम तेंदुओं की संख्या 700 पार हुई, अगला कदम दीर्घकालिक निगरानी

15 साल बाद भी कछुआ चाल से वन अधिकार कानून का कार्यान्वयन, नई रिपोर्ट में दावा

भूसे और पराली से मशरूम की खेती ने ओडिशा के गांवों की बदली तस्वीर

हाथियों को रास्ता देने के लिए गिराई जा रही दीवार, लंबे संघर्ष के बाद सफलता

बिजली की तेजी से बढ़ रही हैं देश में करंट लगने से हाथियों की मौतें

लीची शहद के लिए मशहूर बिहार उत्पादन में आगे, पर दूसरे राज्यों पर निर्भर किसान

अरुणाचल में मेंढकों की तीन नई प्रजातियां मिली, आवास के आधार पर रखे गए उनके नाम

पक्षियों को भा रहे छोटे शहर, जलपक्षियों पर अपने तरह के पहले रिसर्च से सामने आई रोचक जानकारियां

घर जरूर लौटते हैं अजगर, समय लगता है लेकिन लौट आते हैं: स्टडी

वन्यजीवों की पहचान और निगरानी के लिए भारत में हो रहा ईडीएनए तकनीक का इस्तेमाल

सोलर फेंसिंग मशीन: यूपी के किसानों की जरूरत, ‘खेत सुरक्षा योजना’ करवा रही है इंतजार

भारत के हरित विकास को बढ़ावा देने वाली कंपनियों ने राजनीतिक दलों को दिया करोड़ों का चंदा

कैसे प्राकृतिक रंग पैदा करने वाले पौधों के खत्म होने से आया ग्रामीण अभयारण्य का विचार

केमफोली नाइट मेंढकों की जेनेटिक जानकारी से बेहतर बनेगी संरक्षण की रणनीति

[एक्सप्लेनर] हीटवेव में हो रही है बढ़ोतरी, क्या प्रभावी हैं भारत के हीट एक्शन प्लान?

चराई या आग: सवाना में बढ़ती घास से निपटने का कौन सा तरीका बेहतर

प्राकृतिक रुकावटों से कम हो रहा नीली भेड़ों में जीन का आदान-प्रदान

खड़ीन: राजस्थान में जल संग्रह की परंपरागत तकनीक से लहलहाती फसलें

सिक्किम की बाढ़ के बाद गाद और रसायनों से प्रभावित उत्तरी बंगाल के किसान

अरुणाचल प्रदेश की सैंक्चरी में घास के मैदान घटने से स्थानीय पक्षियों पर खतरा

लुप्त होती परंपरा बचाने के लिए केरल के आदिवासियों ने दोबारा शुरू की बाजरे की खेती

प्रकृति से प्रेरित समाचार