भारत News

तवा नदी नर्मदा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है। गर्मियों में यह नदी अब सूखने लगी है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

विश्व जल दिवसः नर्मदा नदी के किनारे क्यों सूखने लगे बोर, गिरता जा रहा भूजल स्तर

नर्मदापुरम (होशंदाबाद) जिले के पिपरिया में बीजनवाड़ा गांव के निवासी सत्यनारायण पटेल का घर पासा नदी के बिल्कुल करीब है। मध्य प्रदेश के इस क्षेत्र के लिए नदी के इतने…
तवा नदी नर्मदा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है। गर्मियों में यह नदी अब सूखने लगी है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे
महाराष्ट्र के पुणे जिले स्थित मयूरेश्वर वन्यजीव अभयारण्य में भारतीय भेड़िया। तस्वीर- रुद्राक्ष चोडनकर/विकिमीडिया कॉमन्स

क्यों मुश्किल है भारतीय भेड़ियों की गणना, क्या संरक्षण में मिलेगा फायदा

भेड़िया दिखने में एक दूसरे से इतने करीब होते हैं कि उनकी अलग-अलग पहचान करना मुश्किल है। इसकी गणना के लिए अध्ययनकर्ता तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं। जैसे पुणे के…
महाराष्ट्र के पुणे जिले स्थित मयूरेश्वर वन्यजीव अभयारण्य में भारतीय भेड़िया। तस्वीर- रुद्राक्ष चोडनकर/विकिमीडिया कॉमन्स
अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता अपर्णा लाजमी पश्चिमी घाट के जंगलों में छिपकली की तलाश कर रही हैं। तस्वीर साभार- अपर्णा लाजमी।

करोड़ों वर्ष पहले श्रीलंका और भारत के बीच नहीं था समुद्र, छिपकली की कहानी से सामने आया रहस्य

आपने घर की दीवारों से चिपक कर रेंगते आम घरेलू छिपकली को जरूर देखा होगा। इस छिपकली का इतिहास लाखों वर्ष पुराना है। दक्षिण एशिया के अधिकांश घरों में हर…
अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता अपर्णा लाजमी पश्चिमी घाट के जंगलों में छिपकली की तलाश कर रही हैं। तस्वीर साभार- अपर्णा लाजमी।
छत्तीसगढ़ में इंद्रावती नदी पर चित्रकोट जलप्रपात। इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित बोधघाट परियोजना 40 वर्षों से लंबित है और इस वर्ष इसे नए सिरे से गति मिली है। तस्वीर- इशांत 46एनटी / विकिमीडिया कॉमन्स

देश में मेगा पनबिजली परियोजनाओं की हो रही वापसी, क्या यह व्यवहारिक है

बीते कुछ सालों में, पुरानी पनबिजली परियोजनाओं में राज्य सरकारों की दिलचस्पी बढ़ी है। चाहे किसी भी दल की सरकार हो, इन परियोजनाओं के लिए कई राज्यों में एक साझा…
छत्तीसगढ़ में इंद्रावती नदी पर चित्रकोट जलप्रपात। इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित बोधघाट परियोजना 40 वर्षों से लंबित है और इस वर्ष इसे नए सिरे से गति मिली है। तस्वीर- इशांत 46एनटी / विकिमीडिया कॉमन्स
प्रयागराज स्थित संगम का एक दृष्य। आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में गर्मी की वजह से मौसम की चरम घटनाओं में वृद्धि होगी। इससे स्थलीय, मीठे पानी, तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के जैव विविधता का नुकसान होगा। तस्वीर- प्रियम/विकिमीडिया कॉमन्स

जलवायु परिवर्तन का असर जैवविविधता से लेकर समाज तक, नई आईपीसीसी रिपोर्ट में आया सामने

इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज या आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट बता रही है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से लोगों के स्वास्थ्य के साथ पृथ्वी की सेहत भी खराब हो…
प्रयागराज स्थित संगम का एक दृष्य। आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में गर्मी की वजह से मौसम की चरम घटनाओं में वृद्धि होगी। इससे स्थलीय, मीठे पानी, तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के जैव विविधता का नुकसान होगा। तस्वीर- प्रियम/विकिमीडिया कॉमन्स
बैनर तस्वीरः ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग परिवहन सहित कई अन्य क्षेत्रों को ऊर्जा देने के लिए किया जा सकता है। तस्वीर- मिरकोन / विकिमीडिया कॉमन्स

ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी: हाइड्रोजन को फ्यूचर फ्यूल बनाने की कोशिश

भारत सरकार ने फरवरी 2022 में ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी (हरित हाइड्रोजन नीति) की घोषणा की। इसके तहत हाइड्रोजन उत्पादन के लिए कम कार्बन उत्सर्जन वाली तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा…
बैनर तस्वीरः ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग परिवहन सहित कई अन्य क्षेत्रों को ऊर्जा देने के लिए किया जा सकता है। तस्वीर- मिरकोन / विकिमीडिया कॉमन्स
इंडियन कोबरा (स्पैक्टिकल्ड कोबरा) को रेस्क्यू करते रिंकू कुमार गुप्ता। तस्वीर- ओंकार सिंह जनौटी

[वीडियो] ‘सर्पदंश का इलाज मौजूद’ ये लाइन भारत में हजारों जानें बचा सकती है

गोवा में गुड़ी गांव के लोगों ने स्थानीय एनिमल रेस्क्यू स्वॉड को फोन किया। अक्टूबर 2019 की वह कॉल आबादी में घुसे एक सांप के बारे में थी। स्वॉड की…
इंडियन कोबरा (स्पैक्टिकल्ड कोबरा) को रेस्क्यू करते रिंकू कुमार गुप्ता। तस्वीर- ओंकार सिंह जनौटी
नरेन हांसदा ने संथाली और बंगाली भाषाओं में कम से कम 120 गीतों की रचना की है। तस्वीर- तज़ीन कुरैशी

एक संथाली गायक का भागीरथी प्रयास, गीतों के सहारे संवार रहे जंगल

पीठ तक लटकते लंबे बाल और दोतारा के साथ नरेन हंसदा पहली नजर में किसी रॉकस्टार लगते हैं। लेकिन जब वह गाना शुरू करते हैं तो उनकी यह छवि जाती…
नरेन हांसदा ने संथाली और बंगाली भाषाओं में कम से कम 120 गीतों की रचना की है। तस्वीर- तज़ीन कुरैशी
सोलर पार्क से सटे खेत में टमाटर की टोकरी ढोते किसान। तस्वीर- अभिषेक एन चिन्नप्पा/मोंगाबे

अक्षय ऊर्जा में सब ‘अच्छा’ होने के मिथक को तोड़ता पावागढ़ सौर पार्क

कर्नाटक के तुमकुर जिले के पावागढ़ तालुका के किसानों के लिए सूरज की किरणों से वैसा लगाव नहीं रहा है जैसा अन्य क्षेत्र के लोगों का होता है। यह वही…
सोलर पार्क से सटे खेत में टमाटर की टोकरी ढोते किसान। तस्वीर- अभिषेक एन चिन्नप्पा/मोंगाबे
भारत में जंगलों में पारंपरिक तौर से निवास करने वाले लोग वन पर निर्भर हैं। जैव विविधता अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव उनके अधिकारों को कमजोर कर सकता है। तस्वीर- इंडिया वाटर पोर्टल/फ्लिकर

[कमेंट्री] जैव विविधता अधिनियम में संशोधन: किसके हित और किसका संरक्षण?

केंद्र सरकार ने हाल ही में जैव विविधता अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव दिया है जिसपर तमाम जन संगठनों और पर्यावरणविदों ने अपनी तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। खास बात…
भारत में जंगलों में पारंपरिक तौर से निवास करने वाले लोग वन पर निर्भर हैं। जैव विविधता अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव उनके अधिकारों को कमजोर कर सकता है। तस्वीर- इंडिया वाटर पोर्टल/फ्लिकर
प्लास्टिक कचरे को छांटते कर्मचारी। अक्सर कचरे के ढेर को आग के हवाले कर दिया जाता है, जिससे हानिकारक प्रदूषण होता है। तस्वीर- विश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स

देश में कचरा प्रबंधन की तीन सफल मिसाल

हम में से अधिकतर लोग अपने कूड़े को कचरे के डिब्‍बों या नगरपालिका के कचरा उठाने वाली गाड़ियों में फेंक देने के बाद भूल जाते हैं। फिर सारी जिम्मेदारी नगर…
प्लास्टिक कचरे को छांटते कर्मचारी। अक्सर कचरे के ढेर को आग के हवाले कर दिया जाता है, जिससे हानिकारक प्रदूषण होता है। तस्वीर- विश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स
‘इज ऑफ डूइंग बिजनस’ के नाम पर पर्यावरण मंत्रालय जारी कर रहा नए-नए आदेश

‘इज ऑफ डूइंग बिजनस’ के नाम पर पर्यावरण मंत्रालय जारी कर रहा नए-नए आदेश

बीते कुछ महीनों में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की तरफ से दो महत्वपूर्ण संशोधन का प्रस्ताव आया है- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 और जैवविविधता कानून 2002 ।…
‘इज ऑफ डूइंग बिजनस’ के नाम पर पर्यावरण मंत्रालय जारी कर रहा नए-नए आदेश

स्वच्छ ऊर्जा की मदद से देसी स्टार्टअप बदल रहे हैं गांवों की तस्वीर

गुजरात के सूरत जिले का एक तटीय गांव है ओलपाड। गांव के बगल में पानी ही पानी है, लेकिन यहां पीने लायक पानी की किल्लत है। समुद्र का खारा पानी,…
बैनर तस्वीर: मुंबई के धारावी में प्लास्टिक रीसाइक्लिंग यूनिट की एक तस्वीर। अनुमान के मुताबिक मुंबई का 60% प्लास्टिक धारावी में रीसाइकल होता है। तस्वीर- Cory Doctorow/फ्लिकर

कैसे होगा प्‍लास्टिक पर पलटवार!

पिछले कुछ सालों में कई वैश्विक संस्थानों और विशेषज्ञों ने बढ़ते प्लास्टिक कचरे पर रिपोर्ट प्रकाशित की है। जैसे संयुक्‍त राष्‍ट्र जलवायु परिवर्तन सम्‍मेलन (कॉप26) के आयोजन से ठीक पहले…
बैनर तस्वीर: मुंबई के धारावी में प्लास्टिक रीसाइक्लिंग यूनिट की एक तस्वीर। अनुमान के मुताबिक मुंबई का 60% प्लास्टिक धारावी में रीसाइकल होता है। तस्वीर- Cory Doctorow/फ्लिकर
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस या कहें व्यवसाय को आसान बनाने की प्रक्रिया में राजग सरकार पर्यावरण नियमों को लगातार कमजोर करती रही है। इससे जंगलों को नुकसान हो रहा है। तस्वीर-पॉल हैमिल्टन/विकिमीडिया कॉमन्स

[कमेंट्री] पर्यावरण संबंधी मुद्दों को तरजीह देने के बाद भी क्या सच में हरा-भरा है बजट 2022!

बीते 1 फरवरी को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 का जो बजट पेश किया, वह प्रथम दृष्ट्या पर्यावरण संबंधी चुनौतियों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया लगता…
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस या कहें व्यवसाय को आसान बनाने की प्रक्रिया में राजग सरकार पर्यावरण नियमों को लगातार कमजोर करती रही है। इससे जंगलों को नुकसान हो रहा है। तस्वीर-पॉल हैमिल्टन/विकिमीडिया कॉमन्स
जैव विविधता से संपन्न पूर्वोत्तर राज्यों में जंगल लगातार कम हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबित पूर्वोत्तर में 1,69,521 वर्ग किलोमीटर जंगल है, जो कि पिछली सर्वेक्षण रिपोर्ट 2019 के मुताबले 1,020 वर्ग किमी कम है। तस्वीर- सौरभ सावंत/विकिमीडिया कॉमन्स

विश्लेषण: पिछले दो साल में नागालैंड राज्य के बराबर जंगल हुए ‘खराब’

भारत में जंगलों की स्थिति को लेकर 13 जनवरी का दिन अहम रहा। इस दिन केंद्र सरकार ने वन सर्वेक्षण रिपोर्ट, 2021 (इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट यानी आईएसएफआर) जारी की।…
जैव विविधता से संपन्न पूर्वोत्तर राज्यों में जंगल लगातार कम हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबित पूर्वोत्तर में 1,69,521 वर्ग किलोमीटर जंगल है, जो कि पिछली सर्वेक्षण रिपोर्ट 2019 के मुताबले 1,020 वर्ग किमी कम है। तस्वीर- सौरभ सावंत/विकिमीडिया कॉमन्स
उत्तराखंड स्थित हिमालय के जंगल। तस्वीर- पॉल हैमिल्टन/विकिमीडिया कॉमन्स

जैव विविधता संशोधन कानून का महत्व क्या है और क्यों हुआ इसका विरोध?

जैव विविधता संशोधन बिल (2021) फिलहाल संसदीय संयुक्त समिति के पास है। जैव विविधता कानून (2002) के कुछ प्रावधानों में संशोधन के वास्ते यह बिल अस्तित्व में आया। पूरी दुनिया…
उत्तराखंड स्थित हिमालय के जंगल। तस्वीर- पॉल हैमिल्टन/विकिमीडिया कॉमन्स
दार्जिलिंग में चाय के बगान। तस्वीर- व्याचेस्लाव अर्जेनबर्ग/विकिमीडिया कॉमन्स

देश में वनों की स्थिति: बढ़ रहा है पौधारोपण और घट रहे हैं वन

भारत सरकार ने हाल ही में वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 (आईएसएफआर) जारी किया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दो साल पहले की तुलना में देश के वन क्षेत्र…
दार्जिलिंग में चाय के बगान। तस्वीर- व्याचेस्लाव अर्जेनबर्ग/विकिमीडिया कॉमन्स
प्लास्टिक कचरों के बीच प्लास्टिक बॉटल की तलाश में एक कचरा बीनने वाला। तस्वीर- कार्तिक चंद्रमौली/मोंगाबे

अर्थव्यवस्था पर भारी प्लास्टिक कचरे का गणित

वर्तमान सामाजिक व्यवस्था में कचरा भी बहुत तेजी से बढ़ रहा है। 2012 में दुनिया में प्रति वर्ष 1.3 अरब टन नगरीय ठोस कचरा पैदा हुआ था। फिर 2018 में…
प्लास्टिक कचरों के बीच प्लास्टिक बॉटल की तलाश में एक कचरा बीनने वाला। तस्वीर- कार्तिक चंद्रमौली/मोंगाबे
अधिकतर विकसित देश अपना प्लास्टिक कचरा रिसाइकलिंग के लिए बांग्लादेश भेजते हैं। यहां अधिकतर कचरा खुले में या फिर नदियों में जा मिलता है। तस्वीर- मारूफ रहमान/पिक्साबे

प्‍लास्टिक की जीवन यात्रा: जन्‍म से नायक, लावारिस मौत, दैत्‍य के रूप में पुनर्जन्‍म

प्‍लास्टिक हमारे जीवन में किसी बॉलीवुड फिल्म के नायक की तरह आता है। सर्वगुण संपन्न। अनेक जरूरतों के लिए सबसे उपयुक्त, कम लागत में तैयार हो जाने वाला समाधान। इससे…
अधिकतर विकसित देश अपना प्लास्टिक कचरा रिसाइकलिंग के लिए बांग्लादेश भेजते हैं। यहां अधिकतर कचरा खुले में या फिर नदियों में जा मिलता है। तस्वीर- मारूफ रहमान/पिक्साबे
[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?

कोविड, किसान आंदोलन, उदारीकरण, पेसा, नेट जीरो से जोड़कर देखा जाएगा साल 2021

अभी 2022 दहलीज पर खड़ा है और इसके साथ ओमीक्रॉन भी। पूरी मानव सभ्यता इस उम्मीद में है कि कोविड के डेल्टा ने 2021 में जो तबाही मचाई वैसे आगे…
[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?
60 वर्षीय जानकीअम्मा कभी शहद इकट्ठा करने का काम करती थीं, लेकिन आज वे एक अवॉर्ड विनिंग कंपनी की डायरेक्टर हैं। तस्वीर- आरथी मेनन

जानकीअम्माः शहद बटोरने वाली निरक्षर महिला से कंपनी डायरेक्टर का सफर, यूएन से मिला सम्मान

जीवन के 60 वसंत देख चुकी जानकीअम्मा आज एक कृषि उत्पाद कंपनी की डायरेक्टर हैं। दक्षिण भारत के आदिम जनजाति कुरुंबा से वास्ता रखने वाली अम्मा कभी शहद इकट्ठा करने…
60 वर्षीय जानकीअम्मा कभी शहद इकट्ठा करने का काम करती थीं, लेकिन आज वे एक अवॉर्ड विनिंग कंपनी की डायरेक्टर हैं। तस्वीर- आरथी मेनन
अपने सम्बोधन में भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब देशों को जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद के तौर पर अमीर देशों से एक लाख करोड़ डॉलर की मांग की।। तस्वीर- संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन/कियारा वर्थ

जलवायु परिवर्तन को लेकर कॉप-26 में क्या हुआ हासिल?

संयुक्त राष्ट्र का 26वां जलवायु परिवर्तन सम्मेलन को आयोजन यूनाइटेड किंगडम के ग्लासगो में आयोजित किया गया था। इसे कॉप-26 के नाम से भी जाना जाता है। इस सम्मेलन का…
अपने सम्बोधन में भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब देशों को जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद के तौर पर अमीर देशों से एक लाख करोड़ डॉलर की मांग की।। तस्वीर- संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन/कियारा वर्थ
योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन के समय तीन लाख रुपए की एकमुश्त राशि जमा करनी पड़ती है, जिसमें लोगों को मुश्किलें आ रही हैं। तस्वीर- वर्षा सिंह

बड़ी परियोजनाओं पर रहा ध्यान और हाशिए पर गया रूपटॉप सोलर

साल 2022 जितना नजदीक आ रहा है, भारत के लिए रूफटॉप सोलर ऊर्जा का लक्ष्य पाना मुश्किल होता जा रहा है। रूफटॉप सोलर यानी छतों पर सोलर पैनल लगाकर ऊर्जा…
योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन के समय तीन लाख रुपए की एकमुश्त राशि जमा करनी पड़ती है, जिसमें लोगों को मुश्किलें आ रही हैं। तस्वीर- वर्षा सिंह
ग्लोब स्किमर के पंख। समुद्री जीवविज्ञानी चार्ल्स एंडरसन का कहना है कि ग्लोब स्किमर एक ऐसी उड़ान मशीन है जिसका डिजाइन उच्च कोटि का है। तस्वीर- Harum.koh/विकिमीडिया कॉमन्स

हिंद महासागर के ऊपर बिना रुके सबसे लंबी दूरी तक पलायन करते हैं ड्रैगनफ्लाई पतंगे

समुद्री रास्ते से मालदीव जाने के दौरान जीवविज्ञानी चार्ल्स एंडरसन ने झुंड के झुंड पतंगे देखे। इसे अंग्रेजी में ड्रैगनफ्लाई कहते हैं। ये पतंगे पूर्वी अफ्रीका की ओर उड़ान भर…
ग्लोब स्किमर के पंख। समुद्री जीवविज्ञानी चार्ल्स एंडरसन का कहना है कि ग्लोब स्किमर एक ऐसी उड़ान मशीन है जिसका डिजाइन उच्च कोटि का है। तस्वीर- Harum.koh/विकिमीडिया कॉमन्स

पोखर-तालाब पर लग रहे हैं सोलर पैनल, क्या है इसका भविष्य? 

भूरबन्धा, असम राज्य के मोरीगांव ज़िले का एक ऐसा गांव है जहां वर्ष 2017 तक बिजली नहीं पहुच पाई थी। गाँव में पढ़ाई करने वाले छात्र अक्सर किरोसिन तेल से…
गुजरात के हाइवे पर मवेशियों को ले जाते चरवाहे। मीथेन उत्सर्जन में मवेशियों की भी भूमिका होती है। मीथेन गैस उत्सर्जन में कटौती की जाए तो देश में कई लोगों की आजीविका संकट में आ जाएगी। तस्वीर- दिव्या मुदप्पा/विकिमीडिया

कॉप-26 और मीथेन उत्सर्जन: वैश्विक जलवायु परिवर्तन की बातचीत में भारतीय मवेशी भी रहे मुद्दा

हाल ही में संपन्न हुए ग्लासगो पर्यावरण सम्मेलन की कुछेक उपलब्धियों में मीथेन गैस के उत्सर्जन में कटौती करना भी शामिल है। हालांकि भारत ने अपने को इससे दूर रखा…
गुजरात के हाइवे पर मवेशियों को ले जाते चरवाहे। मीथेन उत्सर्जन में मवेशियों की भी भूमिका होती है। मीथेन गैस उत्सर्जन में कटौती की जाए तो देश में कई लोगों की आजीविका संकट में आ जाएगी। तस्वीर- दिव्या मुदप्पा/विकिमीडिया
फ्राइडे फॉर फ्यूचर नामक समूह ने कॉप 26 सम्मेलन स्थल के बाहर मार्च में हिस्सा लिया। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे

कॉप-26: ग्लासगो वार्ता में बेचे गए बस सपने, आर्थिक मदद और ठोस कार्रवाई नदारद

दो सप्ताह की बातचीत के बाद ग्लासगो में चल रहा संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन शनिवार को समाप्त हो गया।  आखिर में जो हासिल हुआ उसे आयोजकों ने उपलब्धि बताई…
फ्राइडे फॉर फ्यूचर नामक समूह ने कॉप 26 सम्मेलन स्थल के बाहर मार्च में हिस्सा लिया। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे
क्लाइमेट जस्टिस की मांग को लेकर ग्लासगो में कॉप 26 सम्मेलन स्थल पर प्रदर्शन करते प्रदर्शनकारी। तस्वीर- सौम्य सरकार/मोंगाबे

कॉप-26: मौसमी आपदाएं बढ़ रहीं हैं, क्या लॉस एंड डैमेज को लेकर बात होगी!

ग्लासगो में चल रहा संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन अब खत्म होने की कगार पर है। अब इस समझौते में सक्रिय राजनयिक और वार्ताकार के बीच इस बात को लेकर जद्दोजहद…
क्लाइमेट जस्टिस की मांग को लेकर ग्लासगो में कॉप 26 सम्मेलन स्थल पर प्रदर्शन करते प्रदर्शनकारी। तस्वीर- सौम्य सरकार/मोंगाबे
तमिलनाडु स्थित एक ताप ऊर्जा संयंत्र। कोविड-19 महामारी का प्रकोप कम होने पर ऊर्जा जरूरत की पूर्ति के लिए भारत में कोयले की खपत बढ़ी है। तस्वीर- राजकुमार/विकिमीडिया कॉमन्स 

कॉप-26 और भारत: वैश्विक कार्बन बजट, न्याय की लड़ाई और विकासशील देशों का नेतृत्व

कोविड-19 महामारी की वजह से विश्व भर में लगे लॉकडाउन ने कार्बन उत्सर्जन में थोड़ी कमी जरूर की थी। पर वैश्विक अर्थव्यवस्था खुलने के साथ उत्सर्जन भी तेजी से बढ़ा…
तमिलनाडु स्थित एक ताप ऊर्जा संयंत्र। कोविड-19 महामारी का प्रकोप कम होने पर ऊर्जा जरूरत की पूर्ति के लिए भारत में कोयले की खपत बढ़ी है। तस्वीर- राजकुमार/विकिमीडिया कॉमन्स