भारत News

अफ्रीकी कैटफ़िश को नए और कठिन माहौल पसंद है और वे यहां आसानी से अपना विकास कर सकती हैं। तस्वीर– सौम्यब्रत रॉय / विकिमीडिया कॉमन्स

बढ़ते तापमान के सहारे गंगा में बढ़ रही घुसपैठिए मछलियों की संख्या

गंगा नदी घाटी में 25 किलोमीटर के दायरे में क्षेत्रीय जलवायु मॉडल (रीजनल क्लाइमेट मॉडल) के जरिए अध्ययन किया गया। अध्ययन के नतीजों के आधार पर भविष्यवाणी की गई कि…
अफ्रीकी कैटफ़िश को नए और कठिन माहौल पसंद है और वे यहां आसानी से अपना विकास कर सकती हैं। तस्वीर– सौम्यब्रत रॉय / विकिमीडिया कॉमन्स

नवीन ऊर्जा का वित्तीय संकट: बढ़ रहा है टैक्स, घटती जा रही है सब्सिडी

भारत के नवीन ऊर्जा के क्षेत्र में अब निवेश बढ़ता दिख रहा है। कोरोना महामारी के बाद अब इस क्षेत्र के बाज़ार में फिर से उछाल देखने को मिला है।…
पेंच टाइगर रिजर्व में विचरण करते चीतल। यह जंगल मध्यप्रदेश के सिवनी और छिंदवाड़ा जिले के बीच फैला हुआ है। तस्वीर- लिंडा डी वोल्डर/फ्लिकर

भारत में जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने की जंगलों की क्षमता को बढ़ा-चढ़ा कर आंका गया, अध्ययन

वनों के पुनर्रोपण और कृषिवानिकी के जरिए अतिरिक्त कार्बन को सोखकर जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने की कोशिश हो रही है। पर इसके जरिए जो लक्ष्य हासिल…
पेंच टाइगर रिजर्व में विचरण करते चीतल। यह जंगल मध्यप्रदेश के सिवनी और छिंदवाड़ा जिले के बीच फैला हुआ है। तस्वीर- लिंडा डी वोल्डर/फ्लिकर
बैनर तस्वीर: हरियाणा के रोहतक जिले में एक गेहूं का खेत। तस्वीर- कपिल काजल

[वीडियो] हीटवेव की मार से उत्तर भारत में गेहूं के दाने हुए खराब

36 वर्षीय हरदीप कौर और उनके 39 वर्षीय पति चमकौर सिंह के पास उत्तर भारतीय राज्य पंजाब के बठिंडा जिले में दो एकड़ कृषि भूमि है। मार्च और अप्रैल में…
बैनर तस्वीर: हरियाणा के रोहतक जिले में एक गेहूं का खेत। तस्वीर- कपिल काजल
अब तक पूरे भारत में 2.37 लाख सोलर वाटर पंप स्थापित किए जा चुके हैं और 35 लाख सोलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य है। तस्वीर- सीसीएएफएस/2014/प्रशांत विश्वनाथन/फ्लिकर

ऊर्जा के विकेंद्रीकृत स्रोत से हो रही किसानों की मदद

बीते कुछ महीनों से विट्ठल रेड्डी रात में चैन से सो पा रहे हैं।  अब उन्हें खुद के गन्ने के खेत में जंगली सुअरों के आ जाने की चिंता नहीं…
अब तक पूरे भारत में 2.37 लाख सोलर वाटर पंप स्थापित किए जा चुके हैं और 35 लाख सोलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य है। तस्वीर- सीसीएएफएस/2014/प्रशांत विश्वनाथन/फ्लिकर
11 देशों के 41 संगठनों से जुड़े 57 शोधकर्ताओं की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने 60 देशों से ली गई चने की 3,366 जीनोम रेखाओं की सिक्वेंसिंग की। तस्वीर- जॉर्ज रॉयन/विकिमीडिया कॉमन्स

वैज्ञानिकों ने तैयार किया चने का जीनोम सीक्वेंस, फसलों में सुधार से जुड़े प्रयासों को मिलेगा बढ़ावा

शोधकर्ताओं ने चने की अनुवांशिक सिक्वेंसिंग की है। इस तरह उन्होंने प्रोटीन युक्त चने का एक विस्तृत जीनोम मैप तैयार किया है। इस मैप ने उसके माइग्रेशन और उद्गम की…
11 देशों के 41 संगठनों से जुड़े 57 शोधकर्ताओं की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने 60 देशों से ली गई चने की 3,366 जीनोम रेखाओं की सिक्वेंसिंग की। तस्वीर- जॉर्ज रॉयन/विकिमीडिया कॉमन्स
मेंधालेखा में ग्राम सभा की बैठक। तस्वीर- मेंधालेखा / विकिमीडिया कॉमन्स

[कॉमेंट्री ] पंचायती राज: 30 साल में कितना मजबूत हुआ लोकतंत्र?

भारत में लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत करने के लिहाज से साल 1992 को मील का पत्थर माना जाता है। तीन दशक पहले इसी साल संविधान में 73वां (पंचायती…
मेंधालेखा में ग्राम सभा की बैठक। तस्वीर- मेंधालेखा / विकिमीडिया कॉमन्स
हरियाणा के यमुनानगर में रेत खनन के चलते होने वाली दुर्घटनाओं की खबरें मीडिया में बनी रहती हैं। तस्वीर- वर्षा सिंह/मोंगाबे

रेत खनन: 16 महीनों में 400 से अधिक मौत, पर्यावरण के साथ जान का भी नुकसान

आमतौर पर नदियों से होने वाले अवैध और अवैज्ञानिक रेत खनन को पर्यावरण और जलीय जीवों पर खतरे के रूप में देखा जाता है। लेकिन इसका एक और स्याह पक्ष…
हरियाणा के यमुनानगर में रेत खनन के चलते होने वाली दुर्घटनाओं की खबरें मीडिया में बनी रहती हैं। तस्वीर- वर्षा सिंह/मोंगाबे
विशेषज्ञ चेतावनी देते हुए कहते हैं कि जैसे-जैसे जलभृतो से पानी गायब होता जायेगा, वैसे ही भूमि या तो अचानक रूप से या फिर आहिस्ता-आहिस्ता बैठती जाएगी। इससे भूमि का क्षरण हो सकता है।

भूजल स्तर में गिरावट से धंस रही जमीन, भविष्य में बढ़ेंगी मुश्किलें

भारत का उत्तरी क्षेत्र का मैदानी इलाका बेहद उपजाऊ है। हालांकि इस उपजाऊ क्षेत्र में मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। जमीन के नीचे का जल स्तर तेजी से खत्म होता…
विशेषज्ञ चेतावनी देते हुए कहते हैं कि जैसे-जैसे जलभृतो से पानी गायब होता जायेगा, वैसे ही भूमि या तो अचानक रूप से या फिर आहिस्ता-आहिस्ता बैठती जाएगी। इससे भूमि का क्षरण हो सकता है।
सुंदर फूलों वाले उष्णकटिबंधीय अमेरिकी झाड़ी लैंटाना को आईयूसीएन द्वारा शीर्ष 10 सबसे खराब आक्रामक प्रजातियों में से एक माना जाता है। तस्वीर- मोक्की/विकिमीडिया कॉमन्स

भारत में घुसपैठ कर गए जीव-जंतुओं से हो रहा लाखों-करोड़ों का नुकसान

घुसपैठिया शब्द पढ़कर हमारे जेहन में किसी पड़ोसी देश से आए किसी इंसान की तस्वीर उभरती है। पर देश में घुसपैठ कई तरह से हो रहा है और उससे लाखों-करोड़ों…
सुंदर फूलों वाले उष्णकटिबंधीय अमेरिकी झाड़ी लैंटाना को आईयूसीएन द्वारा शीर्ष 10 सबसे खराब आक्रामक प्रजातियों में से एक माना जाता है। तस्वीर- मोक्की/विकिमीडिया कॉमन्स
गम्बूसिया अलग-अलग तापमान में जीवित रह सकते हैं। साथ ही पानी में मौजूद रसायनिक और जैविक सामग्री के साथ भी जीवित रह सकता है। तस्वीर- NOZO/विकिमीडिया कॉमन्स

उत्तर प्रदेश में मच्छर नियंत्रण के लिए हो रहा गम्बूसिया मछली का इस्तेमाल, भविष्य के लिए खतरनाक

मॉनसून का इंतजार चल रहा है। मॉनसून के साथ-साथ मच्छरों का मौसम भी आने वाला है। 2021 में उत्तर प्रदेश के कई जिलों ने डेंगू और मलेरिया जैसे घातक बीमारी…
गम्बूसिया अलग-अलग तापमान में जीवित रह सकते हैं। साथ ही पानी में मौजूद रसायनिक और जैविक सामग्री के साथ भी जीवित रह सकता है। तस्वीर- NOZO/विकिमीडिया कॉमन्स
उदयपुर में मॉनसून की बारिश। हवा में धूल से भी बारिश का पैटर्न बदलता है। तस्वीर- मैके सैवेज/विकिमीडिया कॉमन्स

वैश्विक और स्थानीय घटनाओं से कैसे प्रभावित होता है भारतीय ग्रीष्मकालीन मॉनसून?

आमिर खान की फिल्म लगान में एक बहुत मशहूर दृश्य है जिसमें सूखे से परेशान लोग बादल की राह देख रहे हैं। उस सूखाग्रस्त इलाके में काले बादल आते हैं…
उदयपुर में मॉनसून की बारिश। हवा में धूल से भी बारिश का पैटर्न बदलता है। तस्वीर- मैके सैवेज/विकिमीडिया कॉमन्स

कोयला संकट से उजागर होती ऊर्जा क्षेत्र की कुछ बड़ी खामियां

शशांक पाठक झारखंड के रांची शहर में एक फोटोकॉपी की दुकान चलाते हैं। शहर के कोकर इलाके में स्थित उनकी दुकान की आमदनी सीधे बिजली पर निर्भर है। पिछले कुछ…
शहरों की कई विशेषताओं के कारण ऐसे क्षेत्र बनते हैं जहां अधिक गर्मी होती है। सबसे पहले तो शहरों में पेड़-पौधों के कम होने के कारण ज्यादा वाष्पीकरणऔर ज्यादा वाष्पोत्सर्जन होता है। इन दोनों प्रक्रियाओं के कारण गर्मी ज्यादा होती है। तस्वीर- मैके सैवेज/विकिमीडिया कॉमन्स

शहर में अधिक गर्मी क्यों पड़ रही और शहर हीट आईलैंड क्यों बन जाते हैं?

आजकल गर्मी अपने चरम पर है और इसके तरह-तरह के रूप देखने को मिल रहे हैं। जैसे शहरों में गावों से अधिक गर्मी होना। इसी को अर्बन हीट आईलैंड कहते…
शहरों की कई विशेषताओं के कारण ऐसे क्षेत्र बनते हैं जहां अधिक गर्मी होती है। सबसे पहले तो शहरों में पेड़-पौधों के कम होने के कारण ज्यादा वाष्पीकरणऔर ज्यादा वाष्पोत्सर्जन होता है। इन दोनों प्रक्रियाओं के कारण गर्मी ज्यादा होती है। तस्वीर- मैके सैवेज/विकिमीडिया कॉमन्स

क्या नीति आयोग की बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी से इलेक्ट्रिक वाहनों के बाज़ार में आएगा बदलाव?

मयूर रॉय ओडिशा के कटक शहर में रहने वाले 31 वर्ष के एक कारोबारी हैं। उन्होनें बीते फरवरी महीने में एक बिजली से चलने वाला स्कूटर खरीदा था। रॉय की…
चक्रवाती तूफान नीलम के बाद तमिलनाडु के एक समुद्री तट का दृष्य। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए संसाधन जुटाना भारत के महत्वपूर्ण लक्ष्यों में शामिल है। तस्वीर- विनोथ चंदर/विकिमीडिया कॉमन्स

[कमेंट्री] बढ़ रहा मौसम का प्रकोप,भविष्य की चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करने की जरूरत

अभी देश के कई राज्य खासकर उत्तर भारत का हिस्सा भीषण गर्मी की चपेट में है। मौसम विभाग न केवल हीटवेव से संबंधित अलर्ट जारी कर रहा बल्कि इससे बचने…
चक्रवाती तूफान नीलम के बाद तमिलनाडु के एक समुद्री तट का दृष्य। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए संसाधन जुटाना भारत के महत्वपूर्ण लक्ष्यों में शामिल है। तस्वीर- विनोथ चंदर/विकिमीडिया कॉमन्स
बैनर तस्वीर: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) संस्थानों के वैज्ञानिकों द्वारा इस परियोजना की समीक्षा की गई। इसमें कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के चुनिंदा गांवों का अध्ययन हुआ। तस्वीर- विजय कुट्टी /आईएलओ एशिया पैसिफिक / फ़्लिकर

जलवायु परिवर्तन से जूझने में कितने कारगर कार्बन पॉजिटिव गांव?

कर्नाटक के किसान महेश जब भी ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कम करने के लिए जल और मृदा संरक्षण को लेकर चर्चा करते हैं, उनका सवाल होता कि उससे कृषि की…
बैनर तस्वीर: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) संस्थानों के वैज्ञानिकों द्वारा इस परियोजना की समीक्षा की गई। इसमें कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के चुनिंदा गांवों का अध्ययन हुआ। तस्वीर- विजय कुट्टी /आईएलओ एशिया पैसिफिक / फ़्लिकर
इंडियन स्किमर पक्षी का एक झुंड। इनकी लंबी चोंच पानी को चीरने का काम करती है ताकि ये अंदर तैर रही मछलियों का शिकार कर सके। तस्वीर- वाइल्डमिश्रा/विकिमीडिया कॉमन्स

[कमेंट्री] रियो सम्मेलन के तीस साल, बिगड़ते हालात में भी दिख रही उम्मीद की किरण

इस गर्मी में रियो अर्थ समिट के तीस साल पूरे हो जाएंगे। इस समिट के हरेक दशक के पूरा होने पर संयुक्त राष्ट्र एक बड़ा आयोजन करता रहा है। पर…
इंडियन स्किमर पक्षी का एक झुंड। इनकी लंबी चोंच पानी को चीरने का काम करती है ताकि ये अंदर तैर रही मछलियों का शिकार कर सके। तस्वीर- वाइल्डमिश्रा/विकिमीडिया कॉमन्स
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस या कहें व्यवसाय को आसान बनाने की प्रक्रिया में राजग सरकार पर्यावरण नियमों को लगातार कमजोर करती रही है। इससे जंगलों को नुकसान हो रहा है। तस्वीर-पॉल हैमिल्टन/विकिमीडिया कॉमन्स

[विश्लेषण] अंधाधुंध हो रही जंगलों की कटाई लेकिन इसकी वित्तीय कीमत बढ़ाने को लेकर परहेज

देश में जंगलों की वित्तीय कीमत के आकलन के लिए एक फार्मूला अपनाया जाता है जिसमें संशोधन की मांग कई सालों से उठ रही है। बीते जनवरी (2022) सुप्रीम कोर्ट…
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस या कहें व्यवसाय को आसान बनाने की प्रक्रिया में राजग सरकार पर्यावरण नियमों को लगातार कमजोर करती रही है। इससे जंगलों को नुकसान हो रहा है। तस्वीर-पॉल हैमिल्टन/विकिमीडिया कॉमन्स
आईपीसीसी की रिपोर्ट कहती है कि महज मीडिया कवरेज बढ़ाने से जलवायु परिवर्तन से लड़ाई का अधिक सटीक कवरेज नहीं होता है। गलत सूचना के प्रसार भी बढ़ सकता है। तस्वीर- स्नेहा/पिक्साहाइव

फेक न्यूज या गलत जानकारी से जलवायु परिवर्तन से लड़ना हो रहा मुश्किल: आईपीसीसी

जलवायु परिवर्तन के बारे में मिसइंफॉर्मेशन या गलत सूचना से लोगों की धारणा पर गलत असर होता है। ये गलत सूचनाएं फेक न्यूज या गलत जानकारी के रूप में समाज…
आईपीसीसी की रिपोर्ट कहती है कि महज मीडिया कवरेज बढ़ाने से जलवायु परिवर्तन से लड़ाई का अधिक सटीक कवरेज नहीं होता है। गलत सूचना के प्रसार भी बढ़ सकता है। तस्वीर- स्नेहा/पिक्साहाइव
केरल में निर्माण श्रमिक। कई भारतीयों को अपने काम की प्रकृति के कारण गर्मियों में लंबे समय तक कड़ी धूप में रहना पड़ता है। तस्वीर- अरकर्जुन/विकिमीडिया कॉमन्स

जलवायु परिवर्तन का कहर, बढ़ गए हैं हीटवेव वाले दिन

देश के कई हिस्सों में गर्मी का कहर अब असहनीय हो चला है। गर्मी के इस कहर को दिल्ली के बाहरी इलाके नोएडा में एक रिक्शा चालक सुनील दास की…
केरल में निर्माण श्रमिक। कई भारतीयों को अपने काम की प्रकृति के कारण गर्मियों में लंबे समय तक कड़ी धूप में रहना पड़ता है। तस्वीर- अरकर्जुन/विकिमीडिया कॉमन्स
आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट कहती है कि दक्षिण एशिया और विशेष रूप से भारत में गर्म दिन और रातों की संख्या बढ़ रही है। तस्वीर- पिक्साबे

जलवायु परिवर्तन के सबसे स्पष्ट संकेत हीटवेव से कैसे बचें?

यह एक संयोग ही है कि जब जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञ पैनल (आईपीसीसी) ने अपनी छठी आकलन रिपोर्ट का तीसरा और अंतिम हिस्सा जारी किया तभी भारत…
आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट कहती है कि दक्षिण एशिया और विशेष रूप से भारत में गर्म दिन और रातों की संख्या बढ़ रही है। तस्वीर- पिक्साबे
भारत के राज्य तेलंगाना में बना सौर ऊर्जा का प्लांट। फोटो- थॉमस लॉयड ग्रुप/विकिमीडिया कॉमन्स

आईपीसीसी की नई रिपोर्ट ने कहा, ग्लोबल वार्मिंग रोकना लगभग असंभव, आशा की किरण भी दिखाई

जलवायु परिवर्तन के बढ़ते सबूतों की ओर इशारा करते हुए, इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक ग्रीनहाउस उत्सर्जन 2025 तक तक…
भारत के राज्य तेलंगाना में बना सौर ऊर्जा का प्लांट। फोटो- थॉमस लॉयड ग्रुप/विकिमीडिया कॉमन्स
मध्यप्रदेश के रीवा स्थित सोलर प्लांट। यहां बनने वाली बिजली का एक बड़ा भाग दिल्ली में मेट्रो परिचालन के लिए भेजा जाता है। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली मेट्रो में 60 फीसदी बिजली की जरूरत इस पार्क से पूरी होती है। तस्वीर- मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम

क्या बैंकों द्वारा नवीन ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने से भारत के ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव आएगा?

2030 तक क्लीन एनर्जी के अपने तयशुदा लक्ष्य को पाने के लिए भारत को वर्तमान में निवेश की जा रही धन राशि की तुलना में कम से कम दोगुने धन…
मध्यप्रदेश के रीवा स्थित सोलर प्लांट। यहां बनने वाली बिजली का एक बड़ा भाग दिल्ली में मेट्रो परिचालन के लिए भेजा जाता है। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली मेट्रो में 60 फीसदी बिजली की जरूरत इस पार्क से पूरी होती है। तस्वीर- मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम
महाराष्ट्र के गन्ना समृद्ध क्षेत्र बारामती में एक किसान अपने खेत की जुताई करता हुआ। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे

20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य खेतों और भूजल के लिए बन सकता है संकट

भारत सरकार ने हाल ही में संसद में पेश किए अपने बजट भाषण में बताया कि देश ने 9.45 प्रतिशत की इथेनॉल-पेट्रोल मिश्रण के लक्ष्य को हासिल कर लिया है।…
महाराष्ट्र के गन्ना समृद्ध क्षेत्र बारामती में एक किसान अपने खेत की जुताई करता हुआ। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे
बिहार के गया जिले में मुख्यमंत्री सौर पंप योजना के तहत लगा सोलर पंप। तस्वीर- मनीष कुमार

आखिर भारत के गावों में क्यों दम तोड़ देती हैं सोलर परियोजनाएं?

चार साल पहले जब आप दिल्ली से मेरठ की तरफ जाते थे तो यमुना नदी पर बने पुल पर सोलर पैनल का शीशा चमकता दिखता था। इस दिल्ली-मेरठ हाइवे पर…
बिहार के गया जिले में मुख्यमंत्री सौर पंप योजना के तहत लगा सोलर पंप। तस्वीर- मनीष कुमार
पवन चक्की से कुछ दूर जलावन के लिए लकड़ियां इकट्ठा करता एक किसान। नेट जीरो को लेकर भारत की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जानकारों की राय है कि वर्तमान स्थिति में भारत की नीति निर्माण में भारी विरोधाभास है। तस्वीर- वेस्तास/याहू/फ्लिकर

जलवायु परिवर्तन से जंग में पीछे छूटते भारतीय बैंक

भारत एनर्जी ट्रांजिशन के दौर से गुजर रहा है। इस ट्रांजिशन के तहत देश कार्बन उत्सर्जन करने वाले जीवाश्म ऊर्जा के स्रोत जैसे पेट्रोलियम, कोयला आदि की जगह सौर और…
पवन चक्की से कुछ दूर जलावन के लिए लकड़ियां इकट्ठा करता एक किसान। नेट जीरो को लेकर भारत की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जानकारों की राय है कि वर्तमान स्थिति में भारत की नीति निर्माण में भारी विरोधाभास है। तस्वीर- वेस्तास/याहू/फ्लिकर
औद्योगिक क्षेत्र से होने वाले कुल कार्बन उत्सर्जन का लगभग एक तिहाई लौह और इस्पात क्षेत्र से होता है। तस्वीर- जॉन ब्यूफोर्ट/Publicdomainpictures.net

भारत के स्टील क्षेत्र के सामने खपत बढ़ाने और कार्बन उत्सर्जन कम करने की चुनौती

हाल ही में टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक ने कहा था कि भारत में ग्रीन स्टील के उत्पादन के लिए जरूरी गैस और स्क्रैप उपलब्ध नहीं है। इसके एक महीने…
औद्योगिक क्षेत्र से होने वाले कुल कार्बन उत्सर्जन का लगभग एक तिहाई लौह और इस्पात क्षेत्र से होता है। तस्वीर- जॉन ब्यूफोर्ट/Publicdomainpictures.net