Articles by Alok Prakash Putul

धान की बुआई। छत्तीसगढ़ में धान मुख्यतः खरीफ की फसल है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल/मोंगाबे

धान के बढ़ते समर्थन मूल्य के कारण हाशिये पर दलहन, तिलहन

देश भर में सर्वाधिक क़ीमत पर धान की ख़रीदी से छत्तीसगढ़ के किसानों की बांछे भले खिली हुई हों लेकिन राज्य में दूसरी फसलों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो…
धान की बुआई। छत्तीसगढ़ में धान मुख्यतः खरीफ की फसल है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल/मोंगाबे
बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान की बाड़ के पीछे घूमता हुआ भारतीय हाथियों का एक झुंड। प्रतीकात्मक तस्वीर- सरित शर्मा/विकिमीडिया कॉमन्स 

बिजली की तेजी से बढ़ रही हैं देश में करंट लगने से हाथियों की मौतें

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर ज़िले में 10 मार्च को लगभग दस साल के एक नर हाथी को करंट लगा कर मार डाला गया। वाड्रफनगर से लगे हुए फोकली महुआ वनक्षेत्र में…
बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान की बाड़ के पीछे घूमता हुआ भारतीय हाथियों का एक झुंड। प्रतीकात्मक तस्वीर- सरित शर्मा/विकिमीडिया कॉमन्स 
छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्से के 70 हज़ार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हसदेव अरण्य के जंगल में पेड़ों की कटाई जारी है।। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल

हसदेव अरण्य: विधानसभा के संकल्प, सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे के बावजूद बढ़ता कोयला खनन

छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित हसदेव अरण्य के जंगल में पेड़ों की कटाई जारी है। राज्यपाल से लेकर विधानसभा तक ने, हसदेव अरण्य में कोयला खदानों पर रोक लगाने की बात कही…
छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्से के 70 हज़ार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हसदेव अरण्य के जंगल में पेड़ों की कटाई जारी है।। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल
तिवरा या खेसारी का फूल। साल 2012-15 के आंकड़े बताते हैं कि देश में तिवरा का कुल क्षेत्रफल 4.93 लाख हेक्टेयर और उत्पादन 3.84 लाख टन था। तस्वीर- रतन रहीम/विकिमीडिया कॉमन्स

छत्तीसगढ़ः कहां तक सही है प्रतिबंधित तिवरा या खेसारी दाल को समर्थन मूल्य के अंतर्गत लाना

पिछले 50 सालों से भी अधिक समय तक देश में प्रतिबंधित रही, तिवरा या खेसारी दाल की छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर ख़रीदी का मामला अब अटक गया है। असल…
तिवरा या खेसारी का फूल। साल 2012-15 के आंकड़े बताते हैं कि देश में तिवरा का कुल क्षेत्रफल 4.93 लाख हेक्टेयर और उत्पादन 3.84 लाख टन था। तस्वीर- रतन रहीम/विकिमीडिया कॉमन्स
नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी के अनुसार 2014 में छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या 46 थी, जो 2018 में घट कर 19 और 2022 में 17 रह गई। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल/मोंगाबे

खनन की आय की वजह से बाघ संरक्षण से पीछे हट रही है छत्तीसगढ़ सरकार?

छत्तीसगढ़ में बाघों की लगातार कम होती संख्या के बीच, राज्य सरकार ने अपने दो टाइगर रिज़र्व को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। बाघों का घर कहे जाने वाले…
नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी के अनुसार 2014 में छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या 46 थी, जो 2018 में घट कर 19 और 2022 में 17 रह गई। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल/मोंगाबे
ओडिशा में महानदी। नदी पर हजारों मछुआरे और किसान आश्रित हैं। साल 1937 में पहली बार महानदी के पानी को लेकर बात शुरु हुई थी, जब ओडिशा में हीराकुंड बांध बनाने की बात चली। तस्वीर- कमलाकांत नायक/विकिमीडिया कॉमन्स

महानदी: 86 सालों बाद भी क्यों नहीं सुलझ पा रहा छत्तीसगढ़, ओडिशा जल विवाद

बारिश के इस मौसम में छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाइगढ़ ज़िले के कलमा बैराज के दोनों तरफ़ पानी नज़र आ रहा है। लेकिन दो-तीन महीने पहले तक तस्वीर ऐसी नहीं थी। छत्तीसगढ़…
ओडिशा में महानदी। नदी पर हजारों मछुआरे और किसान आश्रित हैं। साल 1937 में पहली बार महानदी के पानी को लेकर बात शुरु हुई थी, जब ओडिशा में हीराकुंड बांध बनाने की बात चली। तस्वीर- कमलाकांत नायक/विकिमीडिया कॉमन्स
मानव-हाथी संघर्ष रोकने के लिए छत्तीसगढ़ में जागरुकता के कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके तहत हाथी प्रभावित इलाकों में दीवारों पर इस तरह से संदेश लिखे जाते हैं। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल/मोंगाबे

छत्तीसगढ़ः हाथियों की सिर्फ 1% आबादी के बावजूद क्यों बढ़ रहा है मानव-हाथी संघर्ष

छत्तीसगढ़ के बालोद ज़िले के कुंजकन्हार गांव की रहने वाली 60 साल की गीताबाई को शायद अनुमान नहीं रहा होगा कि घर से सुबह-सुबह बाहर निकलना उनके लिए जानलेवा साबित…
मानव-हाथी संघर्ष रोकने के लिए छत्तीसगढ़ में जागरुकता के कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके तहत हाथी प्रभावित इलाकों में दीवारों पर इस तरह से संदेश लिखे जाते हैं। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल/मोंगाबे
छत्तीसगढ़ में नदी किनारे जमा ताप बिजली घरों से निकली राख। बारिश के दिनों में पानी के साथ बहती हुई लाखों टन राख, खेतों को बर्बाद करती हुई, पानी के स्रोत को भी प्रदूषित करती जाती है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल/मोंगाबे

छत्तीसगढ़: बिजली घरों की राख में, राख होती ज़िंदगी

छत्तीसगढ़ में ताप बिजलीघरों से हर दिन निकलने वाली लाखों टन फ्लाई एश यानी राख, मुश्किल का सबब बनती जा रही है। इस राख को रखने के लिए बनाए गए…
छत्तीसगढ़ में नदी किनारे जमा ताप बिजली घरों से निकली राख। बारिश के दिनों में पानी के साथ बहती हुई लाखों टन राख, खेतों को बर्बाद करती हुई, पानी के स्रोत को भी प्रदूषित करती जाती है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल/मोंगाबे
छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग की पशुपालन से संबंधित टॉस्क फोर्स की 2022 की एक रिपोर्ट कहती है कि राज्य के मवेशी अत्यंत कमज़ोर, अनुत्पादक, अल्प-उत्पादक व अलाभप्रद हैं।  तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल

कुपोषण से जूझ रहे हैं छत्तीसगढ़ के मवेशी, उत्पादकता और प्रजनन क्षमता पर असर

छत्तीसगढ़ के धमतरी के रहने वाले महेश चंद्राकर की गाय पिछले कई सप्ताह से बुखार से तप रही थी। उसका खाना-पीना कम हो गया था और वह बेहद कमज़ोर हो…
छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग की पशुपालन से संबंधित टॉस्क फोर्स की 2022 की एक रिपोर्ट कहती है कि राज्य के मवेशी अत्यंत कमज़ोर, अनुत्पादक, अल्प-उत्पादक व अलाभप्रद हैं।  तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल
पिछले कुछ सालों में बंदरों की समस्या तेज़ी से बढ़ी है। खेत की फसलों को तो ये बंदर चट कर ही रहे हैं, घरों के पीछे लगी बाड़ी की सब्जियों को इन बंदरों से बचाना मुश्किल हो रहा है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल

[वीडियो] छत्तीसगढ़ में बंदरों के आतंक से किसान परेशान, दलहन-तिलहन की खेती प्रभावित

छत्तीसगढ़ के मैदानी इलाको के किसान, बंदरों से परेशान हैं। बंदरों का झुंड खेत में तैयार फसलों को चट कर जा रहा है। बंदरों से होने वाले नुकसान के कारण…
पिछले कुछ सालों में बंदरों की समस्या तेज़ी से बढ़ी है। खेत की फसलों को तो ये बंदर चट कर ही रहे हैं, घरों के पीछे लगी बाड़ी की सब्जियों को इन बंदरों से बचाना मुश्किल हो रहा है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल
जंगल जाती एक बैगा महिला। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल

सात साल में कितना बदला देश में पहले हैबिटेट राइट्स वाला बैगाचक?

घुमावदार रास्तों से सिलपिड़ी गांव में पहुंचने के बाद हमें चर्रा सिंह रठूरिया का घर तलाशने में थोड़ी मुश्किल इसलिए हुई कि पिछली बार की हमारी मुलाकात गांव के एक…
जंगल जाती एक बैगा महिला। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल
तेंदू यानी डायोसपायरस मेलेनोक्ज़ायलोन के पत्तों का उपयोग बीड़ी बनाने के लिए किया जाता है। आदिवासी इलाकों में इसे हरा सोना भी कहा जाता है क्योंकि वनोपज संग्रह पर निर्भर एक बड़ी आबादी के लिए तेंदूपत्ता आय का सबसे बड़ा स्रोत है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल/मोंगाबे

छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता खुद बेचना चाहते है आदिवासी, सरकार को है ऐतराज

छत्तीसगढ़ के कांकेर ज़िले के डोटोमेटा के सरपंच जलकू नेताम खुश हैं कि इस बार उनके गांव के लोगों को तेंदूपत्ता की सही क़ीमत मिलेगी। उनका आरोप है कि वनोपज…
तेंदू यानी डायोसपायरस मेलेनोक्ज़ायलोन के पत्तों का उपयोग बीड़ी बनाने के लिए किया जाता है। आदिवासी इलाकों में इसे हरा सोना भी कहा जाता है क्योंकि वनोपज संग्रह पर निर्भर एक बड़ी आबादी के लिए तेंदूपत्ता आय का सबसे बड़ा स्रोत है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल/मोंगाबे
छत्तीसगढ़ के सरगुजा ज़िले के साल्ही गांव से लगे हसदेव अरण्य के जंगल में आदिवासी पेड़ कटने का विरोध कर रहे हैं। पिछले कई दिनों से यहां प्रदर्शन हो रहे हैं। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल

कोयले के लिए हसदेव अरण्य में काटे जा सकते हैं साढ़े चार लाख पेड़, रात-दिन जागकर पेड़ों की रक्षा कर रहे हैं आदिवासी

देश में चारों तरफ लोगों को यह सलाह दी जा रही है कि जानलेवा धूप है, घर से ना निकालें। छत्तीसगढ़ में भी कई इलाकों में मौसम का पारा 46…
छत्तीसगढ़ के सरगुजा ज़िले के साल्ही गांव से लगे हसदेव अरण्य के जंगल में आदिवासी पेड़ कटने का विरोध कर रहे हैं। पिछले कई दिनों से यहां प्रदर्शन हो रहे हैं। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल
छत्तीसगढ़ के जंगलों में आग लगी हुई है, जंगल की आग बुझाने वाला वन विभाग का मैदानी अमला अनुपस्थित है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल

छत्तीसगढ़ के वनों में धधक रही आग और वन विभाग का मैदानी अमला हड़ताल पर

यह पिछले महीने की 27 तारीख़ का मामला है, जब राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिज़र्व में आग लगने की ख़बर सामने आई। अकबरपुर रेंज के बालेटा-पृथ्वीपुरा नाका में आग की…
छत्तीसगढ़ के जंगलों में आग लगी हुई है, जंगल की आग बुझाने वाला वन विभाग का मैदानी अमला अनुपस्थित है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल
विस्थापितों ने अपने पक्के मकान छोड़कर कच्चा मकान बना लिए। तस्वीर-आलोक प्रकाश पुतुल

अचानकमार और कान्हा टाइगर रिजर्व में साथ हुआ विस्थापन पर अनुभव एकदम जुदा

छत्तीसगढ़ के मुंगेली ज़िले के बोकराकछार गांव में रहने वाले 30 साल के भागबली से बचपन की बात करें तो उनकी आंखों में अभी भी अपना गांव और जंगल तैर…
विस्थापितों ने अपने पक्के मकान छोड़कर कच्चा मकान बना लिए। तस्वीर-आलोक प्रकाश पुतुल

छत्तीसगढ़: धान के कटोरे से गायब होता स्वाद

छत्तीसगढ़ के बालोद ज़िले के दुर्गीटोला गांव के रहने वाले कार्तिक भूआर्य से आप धान की खेती की बात करें तो वो पुरानी यादों में गुम हो जाते हैं, “अब…
छत्तीसगढ़ के पारिस्थितिकी तौर पर संवेदनशील क्षेत्र एन कोयला खनन को लेकर हमेशा विवाद रहा है। तस्वीर-आलोक प्रकाश पुतुल

छत्तीसगढ़ में कोयला खनन: दो रिपोर्ट, दो सिफारिश और सरकारी खेल

क्या छत्तीसगढ़ में, पर्यावरण और वन्यजीवों को लेकर शोध संस्थाओं की चेतावनी को हाशिये पर रखते हुए कोयला खनन को मंजूरी दी जा रही है? भारतीय वन्यजीव संस्थान की ताज़ा…
छत्तीसगढ़ के पारिस्थितिकी तौर पर संवेदनशील क्षेत्र एन कोयला खनन को लेकर हमेशा विवाद रहा है। तस्वीर-आलोक प्रकाश पुतुल
हसदेव अरण्य को हाथियों का घर कहा जाता है। यह करीब 1,70,000 हेक्टेयर में फैला जैव विविधता से भरा हुआ जंगल है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल

[वीडियो] छत्तीसगढ़ के जंगलों में हाथियों के लिए छोड़ा जा रहा धान, जानकारों को अजीब लग रहा यह फैसला

सरगुजा ज़िले के मैनपाट के बरपारा के लोकनाथ यादव अपने टूटे हुए घर के सामने खड़े हो कर यही सोच रहे हैं कि अब इस बरसात में टूटे घर की…
हसदेव अरण्य को हाथियों का घर कहा जाता है। यह करीब 1,70,000 हेक्टेयर में फैला जैव विविधता से भरा हुआ जंगल है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल
छत्तीसगढ़ में 2014 की गणना में राज्य में 46 बाघ थे, जबकि 2018 की गणना में लगभग 19 बाघों के होने का अनुमान है। तस्वीर- पर्यटन विभाग, छत्तीसगढ़

[वीडियो] छत्तीसगढ़ में बाघ संरक्षण की बढ़ती चुनौती: राज्य के तीनों टाइगर रिजर्व अब माओवादी क्षेत्र में

छत्तीसगढ़ के अचानकमार टाइगर रिजर्व में भी अब माओवादी गतिविधियों का ख़तरा मंडराने लगा है।  केंद्र सरकार ने हाल ही में राज्य के मुंगेली को माओवाद प्रभावित ज़िलों में शामिल…
छत्तीसगढ़ में 2014 की गणना में राज्य में 46 बाघ थे, जबकि 2018 की गणना में लगभग 19 बाघों के होने का अनुमान है। तस्वीर- पर्यटन विभाग, छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के इंद्रावती नदी का चित्रकोट वाटरफाल। चार दशक पहले इंद्रावती नदी पर ही बोधघाट बांध बनना तय हुआ था। छत्तीसगढ़ सरकार इसे पुनः शुरू करने जा रही है। तस्वीर: Ishant46nt/विकिमीडिया कॉमनस

मार्फत बोधघाट परियोजना, छत्तीसगढ़ का आदिवासी समाज और कांग्रेस सरकार के ढाई साल

बस्तर के ककनार गांव के चैतराम इस बात से नाराज़ हैं कि आदिवासियों के विरोध के बाद भी राज्य सरकार बार-बार बस्तर में बोधघाट इंदिरा सरोवर जल विद्युत परियोजना को…
छत्तीसगढ़ के इंद्रावती नदी का चित्रकोट वाटरफाल। चार दशक पहले इंद्रावती नदी पर ही बोधघाट बांध बनना तय हुआ था। छत्तीसगढ़ सरकार इसे पुनः शुरू करने जा रही है। तस्वीर: Ishant46nt/विकिमीडिया कॉमनस
छत्तीसगढ़: धान के खेतों में वृक्षारोपण से किसका भला करना चाहती है सरकार!

छत्तीसगढ़: धान के खेतों में वृक्षारोपण से किसका भला करना चाहती है सरकार!

एक तरफ छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों की तरफ खाद्य सुरक्षा का संकट है तो दूसरी तरफ राज्य सरकार किसानों को अपने खेत में वृक्षारोपण करने के लिए प्रोत्साहित कर रही…
छत्तीसगढ़: धान के खेतों में वृक्षारोपण से किसका भला करना चाहती है सरकार!
छत्तीसगढ़: करोड़ों खर्च, क्लोनिंग आदि किए बाद भी नहीं हो पा रहा वनभैंसों का संरक्षण

[वीडियो] छत्तीसगढ़: करोड़ों के खर्च, क्लोनिंग के बाद भी नहीं हो पा रहा वनभैंस का संरक्षण

छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु वनभैंस ख़तरे में है। सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी राज्य में वनभैंस की वंश वृद्धि नहीं हो पा रही है। क्लोनिंग से लेकर असम…
छत्तीसगढ़: करोड़ों खर्च, क्लोनिंग आदि किए बाद भी नहीं हो पा रहा वनभैंसों का संरक्षण

लघु वनोपज संग्रहण का मॉडल राज्य छत्तीसगढ़ में कितनी सुधरी आदिवासियों की स्थिति?

छत्तीसगढ़ के कोरबा ज़िले के पतुरियाडांड के सरपंच उमेश्वर सिंह आर्मो को उम्मीद नहीं है कि इस साल वनोपज संग्रहण का कोई लाभ गांव के लोगों को मिल पाएगा।  इस…
हसदेव अरण्य में लेमरु हाथी रिजर्व: कोयले की चाह, सरकारी चक्र और पंद्रह साल का लंबा इंतजार

[वीडियो] हसदेव अरण्य और लेमरु हाथी रिजर्व: कोयले की चाह, सरकारी चक्र और पंद्रह साल का लंबा इंतजार

कोरबा ज़िले की पतुरियाडांड के सरपंच उमेश्वर सिंह आर्मो को 15 जून 2015 को मदनपुर में कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी का वह वादा याद है, जिसमें उन्होंने कहा…
हसदेव अरण्य में लेमरु हाथी रिजर्व: कोयले की चाह, सरकारी चक्र और पंद्रह साल का लंबा इंतजार
गोधन न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की द्रौपदी के पास 65 गाय हैं। वह हर महीने सरकार को गोबर बेचती हैं। तस्वीर- डीपीआर छत्तीसगढ़

[वीडियो] छत्तीसगढ़ के गोबर खरीद योजना को केंद्र से मिली वाहवाही लेकिन जमीन पर नहीं मिल रहे खरीदार

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन दिनों इस बात से ख़ुश हैं कि राज्य में गोबर ख़रीदी की जिस महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना का विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने…
गोधन न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की द्रौपदी के पास 65 गाय हैं। वह हर महीने सरकार को गोबर बेचती हैं। तस्वीर- डीपीआर छत्तीसगढ़
देश के खनन प्रभावित क्षेत्रों में न सिर्फ वन संपदा को नुकसान हुआ है बल्कि वहां के स्थानीय लोगों पर भी खनन का दुष्प्रभाव दिखता है। तस्वीर- गुरविंदर सिंह

छत्तीसगढ़ और कोयला खनन: पेसा कानून की अनदेखी पर फिर उठे सवाल, सरकार और ग्रामीण आमने-सामने

तो क्या आदिवासियों के संरक्षण के लिए 1996 में लागू किया गया पेसा यानी पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) क़ानून का कोई अर्थ नहीं रह गया है? कम से कम…
देश के खनन प्रभावित क्षेत्रों में न सिर्फ वन संपदा को नुकसान हुआ है बल्कि वहां के स्थानीय लोगों पर भी खनन का दुष्प्रभाव दिखता है। तस्वीर- गुरविंदर सिंह