जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण) ने वन्यजीवों पर अध्ययन और निगरानी के लिए ईडीएनए (एनवायरमेंटल डीएनए) का इस्तेमाल करने के लिए एक पायलट परियोजना तैयार की है।…
असम के चराईदेव जिले के चाला गांव में सफराई नदी के किनारे घोड़े के खुर के आकार में बना यह हरा-भरा जंगल 680 हेक्टेयर का है। यहीं पर एक 152…
पश्चिमी घाट में की गई एक नई स्टडी में पता चला है कि आम जनधारणा के विपरीत नदी की धाराओं की सीमाएं जलीय केमफोली नाइट मेंढकों के घूमने-फिरने के लिए…
पूर्वी घाट के एक अध्ययन में मेसिक सवाना पारिस्थितिकी तंत्र में तेजी से फैल रही देसी सिम्बोपोगोन घास (लेमनग्रास) को लेकर चिंता जाहिर की और पारिस्थितिक तंत्र को पुरानी स्थिति…
सुप्रीम कोर्ट ने 19 फरवरी को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) को वनों की पुरानी परिभाषा को बहाल करने का निर्देश दिया। इस परिभाषा में जंगलों की…
यह अभी भी बड़ी हैरानी की बात है कि कैसे एक अनगुलेट, जो न तो नीला है, न ही भेड़ है, उसे नीली भेड़ कहा जाने लगा। इनके शरीर की…
सितम्बर महीने का वो दिन स्वाद में रच-बस गया, जब दोपहर के भोजन में झारखंड की थालियों की शान गरमागरम भात,दाल,सब्जी के साथ साग और चटनी परोसी गयी। परोसे गए…
आज से 14 साल पहले हरियाणा के पलवल हाईवे पर एक हथिनी चोटिल घूम रही थी। वन्यजीवों को बचाने वाली एक टीम ने उसकी देखभाल की। गंभीर चोट की वजह…
भारत में चीतों को फिर से बसाने की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को एक साल से ज्यादा हो गया है। अब सरकार गुजरात के कच्छ जिले में स्थित कच्छ…
इसी साल 15 फरवरी को पश्चिम बंगाल के वन विभाग के अधिकारियों ने एक शख्स को पश्चिम बंगाल के मध्य में स्थित मुर्शिदाबाद जिले के 100 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र…
एक नई स्टडी में पता चला है कि किंग कोबरा के जहर का संयोजन स्पैक्टैकल्ड कोबरा के जहर की तुलना में आसान होता है क्योंकि किंग कोबरा सिर्फ वही चीजें…
संस्कृत के प्राचीन महाकाव्य रामायण में ताकतवर वानर देवता हनुमान ने उत्तरी श्रीलंका के मन्नार क्षेत्र को तमिलनाडु के रामेश्वरम से जोड़ने के मकसद से पुल बनाने के लिए सेना…
32 साल में लगाए 30 लाख पेड़। हर दिन करीब 257 पौधे। 71 गांवों में चार अमृत सरोवर सहित कुल 217 तालाबों का निर्माण। 263 गांवों में बनाए 2873 स्वयं…
साल 1986 में केरल के वन विभाग ने एक ऐसा फैसला लिया था जिसके लिए उन्हें कई दशक बाद पछताना पड़ रहा है। वन विभाग की सोशल फॉरेस्ट्री विंग ने…
नेपाल में तीन शोधकर्ता, हीरूलाल डंगौरा, विक्रम तिवारी और शुभम चौधरी, दिसंबर 2022 में नेपाल के पश्चिमी मैदानी इलाकों में गिद्धों की एक कॉलोनी पर नियमित शोध कर रहे थे।…
भारत में जंगल में रहने वाले आदिवासी समुदायों के लिए जंगल का क्या मतलब है? क्या वे वन पारिस्थितिकी तंत्र को उसी तरह देखते हैं जैसे जंगल के बाहर के…
छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित हसदेव अरण्य के जंगल में पेड़ों की कटाई जारी है। राज्यपाल से लेकर विधानसभा तक ने, हसदेव अरण्य में कोयला खदानों पर रोक लगाने की बात कही…
केन-बेतवा लिंक परियोजना को 'सैद्धांतिक' मंजूरी दिए जाने के तकरीबन छह साल बाद ‘पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय’ की तरफ से 3 अक्टूबर को अंतिम वन मंजूरी दे दी…
इस साल दो फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस से पहले भारत के खाते में पांच और रामसर साइटें जुड़ गई हैं। अब इन साइटों की कुल संख्या 75 से बढ़कर…
“मिट्ठू बराबर छे?” (क्या नमक ठीक है?) रुकसाना ने झींगा चावल परोसते हुए पूछा। इस सवाल पर सभी खाने वालों के चेहरे पर एक व्यंग्यपूर्ण मुस्कुराहट आई। इसकी वजह है…
गुजरात के कच्छ का सूरजबाड़ी ब्रिज डीजल का धुआं, धूल, ट्रक और ट्रेन की आवाज से आपका स्वागत करता है। आगे बढ़ने पर उस ब्रिज से नमक का मैदान दिखना…
"हाथ में पैसा होगा तभी त्योहार मनाना अच्छा लगता है," रक्षाबंधन के त्यौहार के दिन मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से सटे मोरावन गांव की सहरिया आदिवासी बस्ती में…
आक्रमणकारी प्रजातियों का प्रसार जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की सेवाओं के सामने मौजूद पांच बड़े खतरों में से एक है। ऐसे जानवर, पौधे, कवक और सूक्ष्म जीव जो कि…
नमक के मैदानों में डेरा डालने के लिए तेजल मकवाना अपना सामान पैक कर रही हैं। दशहरा के त्यौहार के बाद वह और उनके पति दानाभाई मकवाना किराए पर एक…
“मेरी मां समुद्री शैवाल इकट्ठा किया करती थीं। उस समय मेरी उम्र काफी कम थी लेकिन फिर भी उन के साथ जाती और उनकी मदद करती थी। तभी से मैं…
समुद्री जीव प्लास्टिक, रबर, कांच, फोम स्पंज, धातु और लकड़ी के मलबे पर सवार होकर दक्षिण पूर्वी भारत के तटों तक पहुंच रहे हैं। इसकी वजह से स्थानीय जैव विविधता…
गर्मियों के दिनों में हाथी वायनाड के आद्र पहाड़ी इलाकों में आना पसंद करते हैं। इसकी वजह तटवर्ती जंगल और यहां मौजूद दलदलीय इलाके हैं, जो पास के मैसूर और…
एक नए रिसर्च से पता चलता है कि भारत की महत्वाकांक्षी नदी जोड़ो (आईएलआर) परियोजना उन जलाशयों में आक्रामक विदेशी मछलियों का फैलाव बढ़ा सकती है, जो लुप्तप्राय मछली प्रजातियों…
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की इस वर्ष प्रकाशित ‘बाघ जनगणना’ रिपोर्ट में चिंताजनक आंकड़ा सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 22 प्रतिशत प्राकृतिक क्षेत्रों पर आक्रामक खरपतवार तेजी…
असम में हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि चमगादड़ धान की फसल को होने वाले नुकसान को कम करने में सहायक हो सकते हैं।…