वन्य जीव एवं जैव विविधता News

वाइल्डलाइफ बायोलॉजिस्ट्स का तर्क है कि अगर एक भी हाथी को कहीं और भेजा जाता है तो वहां के बाकी के हाथियों में परिवर्तन आएगा और मूल इलाके में वे वैसी ही समस्याएं पैदा करेंगे। तस्वीर- श्रीधर विजयकृष्णन

केरल में इंसान और हाथियों के संघर्ष को कम करने के लिए दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता

केरल के लोग शायद इस साल की शुरुआत के उन दृश्यों को कभी भुला नहीं पाएंगे जिनमें देखा गया कि एक हाथी को ट्रक पर लादा गया था और ट्रक…
वाइल्डलाइफ बायोलॉजिस्ट्स का तर्क है कि अगर एक भी हाथी को कहीं और भेजा जाता है तो वहां के बाकी के हाथियों में परिवर्तन आएगा और मूल इलाके में वे वैसी ही समस्याएं पैदा करेंगे। तस्वीर- श्रीधर विजयकृष्णन
पश्चिमी घाट में कलाकड़ मुंडनथुराई टाइगर रिजर्व के अंदर एक पवित्र स्थल पर नदी में डुबकी लगाते हुए तीर्थयात्री। बाघ अभयारण्यों के मुख्य क्षेत्रों में बने पवित्र स्थलों पर तीर्थयात्रियों की वजह से प्राचीन वनों को नुकसान पहुंच रहा है। तस्वीर- निल्लई वीकेंड क्लिकर्स 

आस्था और संरक्षण के बीच बेहतरीन तालमेल के लिए हरित तीर्थयात्रा मॉडल

भारत के तीन टाइगर रिजर्व क्षेत्रों में धार्मिक गतिविधियों और संरक्षण के बीच तालमेल बिठाने के तरीकों को समझने के लिए एक दीर्घकालिक अध्ययन किया गया था। इस अध्ययन में…
पश्चिमी घाट में कलाकड़ मुंडनथुराई टाइगर रिजर्व के अंदर एक पवित्र स्थल पर नदी में डुबकी लगाते हुए तीर्थयात्री। बाघ अभयारण्यों के मुख्य क्षेत्रों में बने पवित्र स्थलों पर तीर्थयात्रियों की वजह से प्राचीन वनों को नुकसान पहुंच रहा है। तस्वीर- निल्लई वीकेंड क्लिकर्स 
एक चमगादड़ का एक मंदिर में बसेरा। तस्वीर-एस. लोकेश/मोंगाबे

[वीडियो] अंधेरे में रहने वाले चमगादड़ों के लिए कृत्रिम रोशनी कितनी नुकसानदायक

जब 2022 में चो धर्मन का उपन्यास ‘वाव्वल देसम’ (चमगादड़ों की दुनिया) प्रकाशित हुआ, तो इसने चमगादड़ों के भयानक चित्रण के लिए तमिल साहित्यिक हलकों में सनसनी फैला दी थी।…
एक चमगादड़ का एक मंदिर में बसेरा। तस्वीर-एस. लोकेश/मोंगाबे
सरिस्का बाघ अभयारण्य में झाड़ी के अंदर रॉयल बंगाल टाइगर। तस्वीर- संजय ओझा/विकिमीडिया कॉमन्स

[कमेंट्री] जैविक अतिक्रमण और पारिस्थितिकी के संरक्षण के लिए भारत के प्रयास

भारत, एक विशाल जैव-विविधता वाला देश, जो कि आज गैर-मूल प्रजातियों के जैविक अतिक्रमण से निपटने की चुनौती का सामना कर रहा है। बाघों जैसे खाद्य श्रृंखला के शीर्ष शिकारियों…
सरिस्का बाघ अभयारण्य में झाड़ी के अंदर रॉयल बंगाल टाइगर। तस्वीर- संजय ओझा/विकिमीडिया कॉमन्स
जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ राष्ट्रीय उद्यान में हिम तेंदुए की कैमरा ट्रैप तस्वीर। एक अध्ययन से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन और इंसानी खलल के कारण हिम तेंदुए पहाड़ों में और ज्यादा ऊंचाई की ओर जा रहे हैं। तस्वीर- जम्मू-कश्मीर वन्यजीव संरक्षण विभाग।

जलवायु परिवर्तन का असर, पहाड़ों पर ज्यादा ऊंचाई की तरफ जा रहे हिम तेंदुए

ग्रेटर हिमालय में लंबे समय के प्रबंधन के लिए जलवायु अनुकूल संरक्षण तरीक़ों की अहमियत पर जोर देने वाले एक नए अध्ययन से पता चलता है कि इंसानी खलल और…
जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ राष्ट्रीय उद्यान में हिम तेंदुए की कैमरा ट्रैप तस्वीर। एक अध्ययन से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन और इंसानी खलल के कारण हिम तेंदुए पहाड़ों में और ज्यादा ऊंचाई की ओर जा रहे हैं। तस्वीर- जम्मू-कश्मीर वन्यजीव संरक्षण विभाग।
लद्दाख के हेमिस नेशनल पार्क में यूरेशियन लिन्क्स की एक कैमरा ट्रैप तस्वीर। तस्वीर- वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण विभाग, लद्दाख।

संरक्षण के लिए यूरेशियन लिन्क्स पर ज्यादा रिसर्च की जरूरत

इस साल फरवरी में लद्दाख में कुत्तों से घिरी जंगली बिल्ली का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। कई समाचार संगठनों ने इस क्लिप को अपने…
लद्दाख के हेमिस नेशनल पार्क में यूरेशियन लिन्क्स की एक कैमरा ट्रैप तस्वीर। तस्वीर- वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण विभाग, लद्दाख।
छत्ते पर काम करती हुई एपिस डोरसाटा प्रजाति की मधुमक्खियां। तस्वीर-नीरक्षित/विकिमीडिया कॉमन्स

मधुमक्खियां जो रात में भी रंगों को देख सकती हैं

एक नए अध्ययन से पता चला है कि रॉक मधुमक्खियां (एपिस डोरसाटा), जिन्हें एशिया की विशाल मधु मक्खियां भी कहा जाता है, इंसानों की तरह ही तेज और धुंधली रोशनी…
छत्ते पर काम करती हुई एपिस डोरसाटा प्रजाति की मधुमक्खियां। तस्वीर-नीरक्षित/विकिमीडिया कॉमन्स
नुब्रा वैली में सी बकथ्रॉन की झाड़ियों के बीच एक यूरेशियाई लिंक्स। तस्वीर- स्टैनज़िन चंबा।

लद्दाख: आम नागरिकों की पहल से कारगर हो रहा वन्यजीव संरक्षण

लेह में रहने वाले 35 वर्षीय स्टैनज़िन चंबा प्रकृति की खोज में लद्दाख के नुब्रा घाटी में बीते पांच साल से जा रहे हैं। लेह शहर से लगभग 160 किलोमीटर…
नुब्रा वैली में सी बकथ्रॉन की झाड़ियों के बीच एक यूरेशियाई लिंक्स। तस्वीर- स्टैनज़िन चंबा।
मानस नेशनल पार्क में बादलदार तेंदुए की कैमरा-ट्रैप तस्वीर। बादलदार तेंदुए काफी हद तक जंगली, शर्मीले जानवर हैं जिन्हें दुनिया में "सबसे छोटी बड़ी बिल्ली" माना जाता है। तस्वीर- साल्वाडोर लिंगदोह/डब्ल्यूआईआई।

प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए बादलदार तेंदुए ने विकसित किए अपने तरीके

बादलदार तेंदुओं (क्लाउडेड तेंदुआ) ने जंगल में खुद को बचाए रखने के लिए सह-अस्तित्व की बारीक रणनीतियां विकसित की हैं। इसमें चरम गतिविधि का समय अन्य मांसाहारी जीवों के साथ…
मानस नेशनल पार्क में बादलदार तेंदुए की कैमरा-ट्रैप तस्वीर। बादलदार तेंदुए काफी हद तक जंगली, शर्मीले जानवर हैं जिन्हें दुनिया में "सबसे छोटी बड़ी बिल्ली" माना जाता है। तस्वीर- साल्वाडोर लिंगदोह/डब्ल्यूआईआई।
रांची के बिरसा चिड़ियाघर में अपने शावक के साथ लेपर्ड कैट। तस्वीर- डॉ. अजय कुमार

[साक्षात्कार] अनुकूल माहौल और पसंदीदा भोजन जंगली बिल्लियों के प्रजनन के लिए सबसे जरूरी

एनिमल ब्रीडिंग एवं जेनेटिक्स के विशेषज्ञ अजय कुमार झारखंड की राजधानी रांची में स्थित भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में वेटनरी ऑफिसर रहे हैं। कुमार ने बिरसा जू में अपने…
रांची के बिरसा चिड़ियाघर में अपने शावक के साथ लेपर्ड कैट। तस्वीर- डॉ. अजय कुमार
ताइवान में एक तेंदुआ बिल्ली। तस्वीर- ourskyuamlea/विकिमीडिया कॉमन्स।

बहुत ज्यादा गर्मी नहीं सह सकता लेपर्ड कैट, जलवायु परिवर्तन का होगा असर

लेपर्ड कैट या तेंदुआ बिल्ली, बिल्ली की एक प्रजाति है जो कद-काठी में छोटी है। इसे IUCN (इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर) रेड लिस्ट में सबसे कम चिंता वाली…
ताइवान में एक तेंदुआ बिल्ली। तस्वीर- ourskyuamlea/विकिमीडिया कॉमन्स।
रस्टी-स्पॉटेड बिल्ली, जिसे अक्सर बिल्लियों में सबसे छोटी कद-काठी वाला माना जाता है। यह छोटी और फुर्तीली बिल्ली है और IUCN रेड लिस्ट में करीबी खतरे वाली श्रेणी में शामिल है। तस्वीर-राधेश्याम बिश्नोई।

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में रस्टी स्पॉटेड कैट की निगरानी के लिए 100 कैमरा ट्रैप

पिछले महीने राजस्थान के भरतपुर में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में अपने बिल्ली के बच्चे को ले जाते हुए एक रस्टी स्पॉटेड कैट (लोहे पर लगे जंग जैसे धब्बे) (वैज्ञानिक नाम-…
रस्टी-स्पॉटेड बिल्ली, जिसे अक्सर बिल्लियों में सबसे छोटी कद-काठी वाला माना जाता है। यह छोटी और फुर्तीली बिल्ली है और IUCN रेड लिस्ट में करीबी खतरे वाली श्रेणी में शामिल है। तस्वीर-राधेश्याम बिश्नोई।
म्यांमार में किनाबातांगन नदी के किनारे देखी गई एक तेंदुआ बिल्ली। म्यांमार सीमा पर मानव रहित सीमा क्षेत्र और मिजोरम और म्यांमार को विभाजित करने वाली तियाउ नदी के किनारे घने जंगल ने भारत के इस हिस्से में पहुंच, व्यापार को आसान बनाने और अवैध शिकार में सामान्य वृद्धि में योगदान दिया है। तस्वीर- माइक प्रिंस/विकिमीडिया कॉमन्स

मिजोरम में लुप्तप्राय छोटी बिल्लियों का गुपचुप तरीके से हो रहा है व्यापार

पूरे एशिया में मध्यम वर्ग के बीच बढ़ती मांग के चलते दुर्लभ वन्यजीव प्रजातियों के उत्पादों का व्यावसायिक मूल्य काफी हद तक बढ़ गया है। भारत-म्यांमार सीमा पर दुर्लभ छोटी…
म्यांमार में किनाबातांगन नदी के किनारे देखी गई एक तेंदुआ बिल्ली। म्यांमार सीमा पर मानव रहित सीमा क्षेत्र और मिजोरम और म्यांमार को विभाजित करने वाली तियाउ नदी के किनारे घने जंगल ने भारत के इस हिस्से में पहुंच, व्यापार को आसान बनाने और अवैध शिकार में सामान्य वृद्धि में योगदान दिया है। तस्वीर- माइक प्रिंस/विकिमीडिया कॉमन्स
पर्पल सनबर्ड का यह घोंसला मानवजनित कचरे का इस्तेमाल करके बनाया गया है। तस्वीर-प्रीति सरयान।

भोपाल में कुछ पक्षी अब कचरे से बना रहे हैं अपने घोंसले

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) भोपाल के वैज्ञानिकों की ओर से किए गए एक नए अध्ययन में पक्षियों के घोंसलों के निर्माण में मानवजनित कचरे के प्रभाव की…
पर्पल सनबर्ड का यह घोंसला मानवजनित कचरे का इस्तेमाल करके बनाया गया है। तस्वीर-प्रीति सरयान।
नेपाल के नवलपुर में एकत्रित सफेद पूंछ वाले गिद्ध। तस्वीर - अभय राज जोशी/मोंगाबे।

नेपाल में स्थिर है गिद्धों की आबादी, एक्शन प्लान बनाकर आबादी बढ़ाने पर जोर

नेपाल में निचले पहाड़ चीड़ के पेड़ों (पीनस रॉक्सबर्गी) से ढके हुए हैं। गुनगुनी धूप वाली एक सुबह सफ़ेद पूंछ वाले गिद्ध (जिप्स बेंगालेंसिस) का एक जोड़ा एक पेड़ की…
नेपाल के नवलपुर में एकत्रित सफेद पूंछ वाले गिद्ध। तस्वीर - अभय राज जोशी/मोंगाबे।
गुजरात की स्वदेशी पाटनवाड़ी भेड़। तस्वीर-अज़रा परवीन रहमान 

गुजरात की स्थानीय पाटनवाड़ी ऊन और भेड़ों की मांग में गिरावट

जब हम गुजरात की देशी नस्ल की भेड़ पाटनवाड़ी की तलाश में निकले, तो हमें कच्छ का वह एक दिन काफी लंबा लगा था। काफी तलाश के बाद हमें कुछ…
गुजरात की स्वदेशी पाटनवाड़ी भेड़। तस्वीर-अज़रा परवीन रहमान 
रेडियो कॉलर वाला एक हाथी 18 मई, 2023 को कर्नाटक के हसन जिले के सकलेशपुर के पास एक कॉफी बागान से गुजर रहा है। तस्वीर - अभिषेक एन चिन्नप्पा।

रेडियो कॉलर का कई तरीके से इस्तेमाल, जानवरों से जुड़े अध्ययन में है बेहद कारगर

रेडियो कॉलर, वन्यजीवों की निगरानी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक लोकप्रिय तकनीक है। लेकिन, हाल के महीनों में कूनो में लाए गए चीतों के साथ हुए हादसे के…
रेडियो कॉलर वाला एक हाथी 18 मई, 2023 को कर्नाटक के हसन जिले के सकलेशपुर के पास एक कॉफी बागान से गुजर रहा है। तस्वीर - अभिषेक एन चिन्नप्पा।
कैराकल को भारत में आईयूसीएन  रेड लिस्ट में खतरे के करीब के रूप में रखा गया है और यह भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) कानून की अनुसूची- I में आता है। तस्वीर: गोबिंद सागर भारद्वाज।

संरक्षण के अभाव में कहीं विलुप्त न हो जाए रोबदार बिल्ली स्याहगोश

भारत में एक छोटी जंगली बिल्ली पाई जाती है। स्थानीय भाषा में इसे स्याहगोश कहते हैं। इसे कैराकल (कैराकल कैराकल श्मित्ज़ी)  के नाम से भी जाना जाता है। अब अनुमान…
कैराकल को भारत में आईयूसीएन  रेड लिस्ट में खतरे के करीब के रूप में रखा गया है और यह भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) कानून की अनुसूची- I में आता है। तस्वीर: गोबिंद सागर भारद्वाज।
राजस्थान के रेगिस्तान में सूखी घास के रंग में भारतीय रेगिस्तानी बिल्ली का रंग पूरी तरह मिल जाता है। तस्वीर-राधेश्याम बिश्नोई।

भारतीय रेगिस्तानी बनबिलाव की आबादी घटने की वजह बन रहा संकरण और सड़कों पर हो रही मौत

राजस्थान की जलाने वाली गर्मी में दो प्रकृतिवादी नागफनी की एक बहुत बड़ी झाड़ी के सामने सब्र के साथ इंतजार कर रहे हैं। कैमरे तैयार हैं और आंखें विलुप्त होती…
राजस्थान के रेगिस्तान में सूखी घास के रंग में भारतीय रेगिस्तानी बिल्ली का रंग पूरी तरह मिल जाता है। तस्वीर-राधेश्याम बिश्नोई।
महाराष्ट्र के ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व में बाघ और उसके शावक की 2016 की तस्वीर। तस्वीर- अजिंक्य विश्वेकर/विकिमीडिया कॉमन्स।

बाघ तस्करो के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश, असम से महाराष्ट्र तक फैला था सिंडिकेट

हाल के दिनों में मिली एक बड़ी सफलता में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली से असम के गुवाहाटी तक फैले अवैध शिकार के सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया गया। यह वन्यजीव अपराध नियंत्रण…
महाराष्ट्र के ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व में बाघ और उसके शावक की 2016 की तस्वीर। तस्वीर- अजिंक्य विश्वेकर/विकिमीडिया कॉमन्स।
कैमरा ट्रैप के माध्यम से ली गई रिबिलिक की तस्वीर। तस्वीर- वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण विभाग, लद्दाख।

अधिक नजर आने लगी है लद्दाख की अनोखी बिल्ली रिबिलिक, क्या बढ़ रही है संख्या

साल 2002 में मैंने एक अनोखा जीव देखा जो दिखने में बिल्ली जैसा था, लेकिन मैंने इसे पहले कभी नहीं देखा था। लद्दाख के एक कारिश्माई जीव के बारे में…
कैमरा ट्रैप के माध्यम से ली गई रिबिलिक की तस्वीर। तस्वीर- वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण विभाग, लद्दाख।
चाय बागान श्रमिक। तस्वीर - CC BY-NC-SA 3.0 IGO © यूनेस्को-UNEVOC/अमिताव चंद्रा।

चाय बागान की महिला मजदूरों के लिए सर्पदंश बड़ा खतरा, हर साल होती हैं कई मौत

पाही भूमिज उस दिन को याद करके कांप उठती हैं। वह कहती हैं कि मौत से बच निकलने के लिए वह ऊपर वाले की शुक्रगुजार है। भूमिज असम के शिवसागर…
चाय बागान श्रमिक। तस्वीर - CC BY-NC-SA 3.0 IGO © यूनेस्को-UNEVOC/अमिताव चंद्रा।
नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी के अनुसार 2014 में छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या 46 थी, जो 2018 में घट कर 19 और 2022 में 17 रह गई। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल/मोंगाबे

खनन की आय की वजह से बाघ संरक्षण से पीछे हट रही है छत्तीसगढ़ सरकार?

छत्तीसगढ़ में बाघों की लगातार कम होती संख्या के बीच, राज्य सरकार ने अपने दो टाइगर रिज़र्व को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। बाघों का घर कहे जाने वाले…
नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी के अनुसार 2014 में छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या 46 थी, जो 2018 में घट कर 19 और 2022 में 17 रह गई। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल/मोंगाबे
नर हूलॉक गिब्बन। तस्वीर- मिराज हुसैन/विकिमीडिया कॉमन्स 

मेघालय में स्तनपायी जीवों की आबादी पर समुदाय-आधारित संरक्षण प्रयासों का अच्छा असर

एक अध्ययन में पाया गया है कि कम्युनिटी रिजर्व (सीआर) यानी आदिवासी समुदायों द्वारा प्रबंधित संरक्षित क्षेत्र, संरक्षण प्राथमिकताओं और समुदायों की आजीविका की जरूरतों को संतुलित करने के लिए…
नर हूलॉक गिब्बन। तस्वीर- मिराज हुसैन/विकिमीडिया कॉमन्स 
एक पकड़े गए हाथी को वन शिविर में ले जाया जा रहा है। प्रतिकात्मक तस्वीर। तस्वीर- आनंद ओसुरी / विकिमीडिया कॉमन्स 

राजस्थानः 2021 में तस्करों से बचाई गई हथिनी को पुनर्वास का इंतजार

राजस्थान में, 500 दिन पहले तस्करों से बचाई गई एक हथिनी अभी भी पुनर्वास के लिए उचित जगह का इंतजार कर रही है। इसकी तबीयत लगातार खराब होती जा रही…
एक पकड़े गए हाथी को वन शिविर में ले जाया जा रहा है। प्रतिकात्मक तस्वीर। तस्वीर- आनंद ओसुरी / विकिमीडिया कॉमन्स 
हरियाणा के गुरुग्राम के बाहरी इलाके में एक खेत में जंगली बिल्ली (फेलिस चाउस)। तस्वीर- शताब्दी चक्रवर्ती/मोंगाबे।

[वीडियो] जंगली बिल्ली ने गुरुग्राम के खेतों को बनाया अपना घर

जंगली बिल्ली भारत की दस छोटी जंगली बिल्ली प्रजातियों में से एक है। इसे सबसे आम बिल्ली भी माना जाता है। यह हिमालय की ऊंची चोटियों और रेगिस्तान को छोड़कर…
हरियाणा के गुरुग्राम के बाहरी इलाके में एक खेत में जंगली बिल्ली (फेलिस चाउस)। तस्वीर- शताब्दी चक्रवर्ती/मोंगाबे।
2022 में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े जाने के लिए तैयार रेडियो कॉलर वाला नामीबियाई चीता। तस्वीर- चीता कंजर्वेशन फंड।

नमी और मौसम के हालात से जूझ रहे कूनो नेशनल पार्क में लाए गए चीते

पिछली तीन मौतें एक महीने से कुछ ज्यादा वक्त के दरम्यान हुईं। इन मौतों की वजह चीतों के रेडियो कॉलर के नीचे घावों में अंडे देने वाले कीड़ों और सेप्टीसीमिया…
2022 में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े जाने के लिए तैयार रेडियो कॉलर वाला नामीबियाई चीता। तस्वीर- चीता कंजर्वेशन फंड।
कश्मीर के किसानों ने जंगली सूअरों को दूर रखने और अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए अपने खेतों में लोगों को तैनात किया है। तस्वीर- आकिब हुसैन 

कश्मीर में जंगली सूअरों की वापसी से हंगुल के निवास स्थान और फसल खतरे में

कश्मीर में 30 साल बाद 2013 में, जंगली सूअर फिर से सामने आए और तब से उनकी संख्या बढ़ती जा रही है। इससे स्थानीय निवासियों और वन्यजीव विशेषज्ञों में चिंता…
कश्मीर के किसानों ने जंगली सूअरों को दूर रखने और अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए अपने खेतों में लोगों को तैनात किया है। तस्वीर- आकिब हुसैन 
पेरियार वन्यजीव अभयारण्य में सड़क पार करता बाइसन (जंगली भैंसा)। प्रतीकात्मक तस्वीर। तस्वीर- सैमसन जोसेफ/विकिमीडिया कॉमन्स 

जम्मू-कश्मीर में बढ़ते राजमार्ग और सड़क दुर्घटनाओं में जानवरों के मरने की बढ़ती घटनाएं

सितंबर 2011 में, जम्मू यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेन एनवायरनमेंट (आईएमई) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने जम्मू-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सियार के एक जोड़े को मरा हुआ पाया। वन्यजीव…
पेरियार वन्यजीव अभयारण्य में सड़क पार करता बाइसन (जंगली भैंसा)। प्रतीकात्मक तस्वीर। तस्वीर- सैमसन जोसेफ/विकिमीडिया कॉमन्स 
दिबांग घाटी में एक बाघ की 2017 की कैमरा में कैद की गई तस्वीर। हालांकि इदु मिशमिस ने हमेशा दावा किया है कि वे लंबे समय से बाघों के साथ रह रहे हैं, लेकिन इन इलाकों में बड़ी बिल्ली यानी बाघों की मौजूदगी के प्रमाण की पुष्टि 2012 में ही हुई थी। फोटो-वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूटीआई) 

अरुणाचल की इदु मिश्मी जनजाति क्यों कर रही है प्रस्तावित दिबांग वन्यजीव अभयारण्य का विरोध

अरुणाचल प्रदेश में दिबांग वन्यजीव अभयारण्य को बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित करने की योजना ने स्वदेशी इदु मिशमी जनजाति के बीच हलचल मचा रखी है। समुदाय को लगता…
दिबांग घाटी में एक बाघ की 2017 की कैमरा में कैद की गई तस्वीर। हालांकि इदु मिशमिस ने हमेशा दावा किया है कि वे लंबे समय से बाघों के साथ रह रहे हैं, लेकिन इन इलाकों में बड़ी बिल्ली यानी बाघों की मौजूदगी के प्रमाण की पुष्टि 2012 में ही हुई थी। फोटो-वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूटीआई)