पर्यावरण से जुड़ी सुर्खियां

प्रकृति और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों की खोज खबर। मोंगाबे एक गैर-लाभकारी संस्था है।

पिछले साल गर्मी और अब भारी बारिश, गेहूं की फसल पर फिर मौसम की मार

इस साल मार्च में हुई भारी बारिश के चलते कई राज्यों में गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है। पिछले साल भीषण गर्मी के चलते गेहूं उत्पादन पर असर…
मानव-हाथी संघर्ष रोकने के लिए छत्तीसगढ़ में जागरुकता के कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके तहत हाथी प्रभावित इलाकों में दीवारों पर इस तरह से संदेश लिखे जाते हैं। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल/मोंगाबे

छत्तीसगढ़ः हाथियों की सिर्फ 1% आबादी के बावजूद क्यों बढ़ रहा है मानव-हाथी संघर्ष

छत्तीसगढ़ के बालोद ज़िले के कुंजकन्हार गांव की रहने वाली 60 साल की गीताबाई को शायद अनुमान नहीं रहा होगा कि घर से सुबह-सुबह बाहर निकलना उनके लिए जानलेवा साबित…
मानव-हाथी संघर्ष रोकने के लिए छत्तीसगढ़ में जागरुकता के कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके तहत हाथी प्रभावित इलाकों में दीवारों पर इस तरह से संदेश लिखे जाते हैं। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल/मोंगाबे
मनुल को दुनिया की सबसे चिड़चिड़ी या गुस्सैल बिल्ली बताया जाता है। तस्वीर- क्रिस गॉडफ्रे

गुस्सैल बिल्ली, ‘मनुल’, की दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत पर हुई पुष्टि

डेविड एटनबरो ने एक बार बहुत कम दिखने वाली मनुल को दुनिया की सबसे चिड़चिड़ी या गुस्सैल बिल्ली बताया था। फर्ज करें कि आप एक गुस्सैल बिल्ली हैं, तो आप…
मनुल को दुनिया की सबसे चिड़चिड़ी या गुस्सैल बिल्ली बताया जाता है। तस्वीर- क्रिस गॉडफ्रे
उदलगुरी के चाय बागानों में घूमते हाथी। तस्वीर- सयान बनर्जी 

[कमेंट्री] असम के मानव-हाथी संघर्ष क्षेत्र से दो मांओं की कहानी

नवंबर, 2022 के पहले सप्ताह में सुबह करीब 5:30 बजे असम के उदलगुरी जिले के एक गांव में हाथी के बच्चे की धान के खेत में एक मौत हो जाने…
उदलगुरी के चाय बागानों में घूमते हाथी। तस्वीर- सयान बनर्जी 
जोशीमठ आपदा से प्रभावित सुनैना सकलानी का मकान। राहत शिविर में हो रही परेशानियों की वजह से उन्होंने इसी मकान में वापस रहने का फैसला किया है। तस्वीर- सत्यम कुमार

[वीडियो] उत्तराखंड: जोशीमठ संकट के चार महीने बाद किस हाल में हैं प्रभावित लोग

“हमें अपने खेतों और पशुओं की देखभाल के लिए दिन में कई बार अपने राहत शिविर से अपने घर आना पड़ता था और अब तो शिविर में खाना भी नहीं…
जोशीमठ आपदा से प्रभावित सुनैना सकलानी का मकान। राहत शिविर में हो रही परेशानियों की वजह से उन्होंने इसी मकान में वापस रहने का फैसला किया है। तस्वीर- सत्यम कुमार
चेन्नई सिटीस्केप। तस्वीर- वीटीटीएन/विकिमीडिया कॉमन्स

बिजली का एक केंद्रीकृत बाजार बचत के साथ-साथ अक्षय ऊर्जा उत्पादकों की भी मदद करेगा: अध्ययन

अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा थिंक टैंक आरएमआई ने हाल ही में अपने एक अध्ययन में महाराष्ट्र और तमिलनाडु में प्रस्तावित ‘सेंट्रलाइज्ड पॉवर मार्केट’ की क्षमता का विश्लेषण किया। उन्हें वितरण कंपनियों…
चेन्नई सिटीस्केप। तस्वीर- वीटीटीएन/विकिमीडिया कॉमन्स
बारिश के दौरान पुल से गुजरते लोग। तस्वीर-प्रसाद पिल्लई/विकिमीडिया कॉमन्स

भारतीय मॉनसून पर असर डालती उत्तरी ध्रुव की बदलती जलवायु

उत्तरी ध्रुव में पिछले एक हजार साल के ठंडे और गर्म मौसम के दौर को एक अध्ययन के जरिए फिर से बनाया या रीकंट्रस्ट किया गया है। इसमें पाया गया…
बारिश के दौरान पुल से गुजरते लोग। तस्वीर-प्रसाद पिल्लई/विकिमीडिया कॉमन्स
नामीबिया से भारत लाया गया चीता। सितंबर 2022 में पहली बार 8 चीतों का समूह नामीबिया से भारत आया था। तस्वीर साभार- चीता कंजर्वेशन फंड

पहले आठ महीने में तीन चीतों की मौत, क्या सही दिशा में है भारत का प्रोजेक्ट चीता?

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 9 मई की सुबह पौने 11 बजे अफरातफरी मच गई। वजह थी मॉनिटरिंग टीम ने एक मादा चीते को बाड़े में घायल देखा।…
नामीबिया से भारत लाया गया चीता। सितंबर 2022 में पहली बार 8 चीतों का समूह नामीबिया से भारत आया था। तस्वीर साभार- चीता कंजर्वेशन फंड

पश्चिमी घाट में जैव विविधता बढ़ाने के लिए प्राकृतिक आवासों का संरक्षण ज़रूरी 

भारत के पश्चिमी घाट मोटे तौर पर गोवा गैप और पालघाट गैप द्वारा अलग किए गए तीन उपखंडों - उत्तरी, मध्य और दक्षिण में विभाजित हैं। ये इलाके अपनी जलवायु…
खापरखेड़ा थर्मल पावर स्टेशन। जारी की गई अधिसूचना भारत के ताप विद्युत संयंत्रों को देश के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान देने के लिए बाध्य करती है। तस्वीर- कमोहंकर/ विकिमीडिया कॉमन्स

नए ताप विद्युत संयंत्रों को कैसे प्रभावित करेगा 40% अक्षय ऊर्जा का नया नियम

ऊर्जा मंत्रालय (MoP) ने ऊर्जा उत्पादकों के लिए 27 फरवरी को 'रिन्यूएबल जेनरेशन ऑब्लिगेशन (आरजीओ)' की एक नई अवधारणा पेश करते हुए एक अधिसूचना जारी की। अधिसूचना के मुताबिक, किसी…
खापरखेड़ा थर्मल पावर स्टेशन। जारी की गई अधिसूचना भारत के ताप विद्युत संयंत्रों को देश के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान देने के लिए बाध्य करती है। तस्वीर- कमोहंकर/ विकिमीडिया कॉमन्स

[वीडियो] पालतू पशु और शाकाहारी वन्य जीव मिट्टी के कार्बन को अलग तरह से प्रभावित करते हैं

एक नए अध्ययन से पता चलता है कि मिट्टी के कार्बन और उसके फलस्वरूप जलवायु पर मवेशियों और शाकाहारी वन्य जीवों के प्रभाव भिन्न होते हैं। पालतू पशुओं में एंटीबायोटिक…
फैक्ट्री से निकलने वाले प्रदूषण के प्रभाव को दिखाती रूपाहेली कला गांव की महिलाएं। तस्वीर- पारुल कुलश्रेष्ठ

राजस्थानः फैक्ट्री के प्रदूषण से फसल और लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव, प्रदूषण बोर्ड ने फैक्ट्री को दिया क्लीन चिट

सुभाष वैष्णव, 52, राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा कस्बे में रहते हैं। वह हर दिन सुबह 5 बजे उठते हैं और घर के रोजमर्रा के कामों को निपटा कर…
फैक्ट्री से निकलने वाले प्रदूषण के प्रभाव को दिखाती रूपाहेली कला गांव की महिलाएं। तस्वीर- पारुल कुलश्रेष्ठ
झाबुआ जिले में सामुदायिक श्रमदान 'हलमा' में शामिल होने जा रहीं भील महिलाएं। झाबुआ-अलीराजपुर के 1,322 गांवों में 500 कुओं की मरम्मत और गहरीकरण,मेड बधान, नलकूप सुधारने, चैकडैम, बोरीबधान बनाने जैसी जल संरचनाओं के निर्माण का काम हलमा से भील समुदाय ने किए हैं। तस्वीर- सतीश मालवीय/मोंगाबे

हलमा: सामुदायिक भागीदारी से सूखे का हल निकालते झाबुआ के आदिवासी

मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के सूखे पहाड़ गर्मी की शुरुआत में ही आग उगल रहे हैं। साढ़ गांव की बाड़ी बोदरी फलिया की एक बेहद जर्जर झोपड़ी में 12…
झाबुआ जिले में सामुदायिक श्रमदान 'हलमा' में शामिल होने जा रहीं भील महिलाएं। झाबुआ-अलीराजपुर के 1,322 गांवों में 500 कुओं की मरम्मत और गहरीकरण,मेड बधान, नलकूप सुधारने, चैकडैम, बोरीबधान बनाने जैसी जल संरचनाओं के निर्माण का काम हलमा से भील समुदाय ने किए हैं। तस्वीर- सतीश मालवीय/मोंगाबे

शहरों के बाद भारत के गांवों में बढ़ता वायु प्रदूषण, वाहन और शहरीकरण सबसे अधिक जिम्मेदार

बिहार के ऐतिहासिक शहर सासाराम के बीच से गुजरती ग्रैंड ट्रंक रोड का नजारा इस साल के 23 अप्रैल को भी आम दिनों जैसा ही था। एशिया के सबसे लम्बे…
2019 में ओडिशा में फानी चक्रवात के आने के एक दिन बाद पुरी के बाहरी इलाके में अपने घर को ठीक करने की कोशिश कर रहा शख्स। तस्वीर- मनीष कुमार।

जलवायु परिवर्तन की मार भारत पर सबसे अधिक, जोखिम घटाने के लिए बढ़ाना होगा निवेश

जलवायु परिवर्तन से बुनियादी ढांचे पर बढ़ रहे जोखिम के मामले में भारत सबसे ऊपर के देशों में शामिल है। हाल ही में आई वैश्विक भौतिक जलवायु जोखिम रिपोर्ट (ग्लोबल…
2019 में ओडिशा में फानी चक्रवात के आने के एक दिन बाद पुरी के बाहरी इलाके में अपने घर को ठीक करने की कोशिश कर रहा शख्स। तस्वीर- मनीष कुमार।
दिबांग नदी। एटालिन परियोजना विवादास्पद रही है क्योंकि इसकी योजना जैव विविधता समृद्ध क्षेत्र में बनाई गई है। तस्वीर- अनु बोरा/विकिमीडिया कॉमन्स

मंजूरी नहीं मिलने से अटकी अरुणाचल की एटालिन पनबिजली परियोजना, खतरे में थे 2.5 लाख पेड़

अरुणाचल प्रदेश के दिबांग नदी घाटी क्षेत्र में पनबिजली परियोजना को लेकर चिंतित पर्यावरणविदों और स्थानीय आबादी को बड़ी राहत मिली है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) की…
दिबांग नदी। एटालिन परियोजना विवादास्पद रही है क्योंकि इसकी योजना जैव विविधता समृद्ध क्षेत्र में बनाई गई है। तस्वीर- अनु बोरा/विकिमीडिया कॉमन्स
बेंगलुरु का एक विहंगम दृश्य। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे

देश में बढ़ रही नेट-ज़ीरो इमारतें लेकिन सरकारी नियमों की कमी से रफ्तार धीमी

कर्नाटक के उडुपी जिले के कुन्दापुरा में बदरिया जुमा 15,000 वर्ग फ़ीट में फैली मस्जिद है। मस्जिद की अन्य लोकप्रिय डिजाइनों के विपरीत इस धार्मिक इमारत का एक अलग रूप…
बेंगलुरु का एक विहंगम दृश्य। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे
भारत में अब अतिरिक्त 1,000-1,200 बाघों को ही रखा जा सकता है, न कि 10,000 बाघों को, जो एक सदी पहले हुआ करते थे। संख्या में बढ़ोतरी के बदले बाघों की आबादी में टिकाऊपन जरूरी है। तस्वीर- कंदुकुरु नागार्जुन/फ़्लिकर 

बाघों की बढ़ती आबादी को संभालने में कितने सक्षम हैं भारत के जंगल

पांच दशक पहले की बात है, देश में बाघों की पहली गिनती के नतीजों ने सरकार के लिए खतरे की घंटी बजा दी थी। बाघों की आबादी घटकर 1,827 पर…
भारत में अब अतिरिक्त 1,000-1,200 बाघों को ही रखा जा सकता है, न कि 10,000 बाघों को, जो एक सदी पहले हुआ करते थे। संख्या में बढ़ोतरी के बदले बाघों की आबादी में टिकाऊपन जरूरी है। तस्वीर- कंदुकुरु नागार्जुन/फ़्लिकर 
ओडिशा के नुआपाड़ा जिलें के खोलीभीतर गाँव में लगा एक विकेंद्रीकित सौर ऊर्जा का एक प्लांट। तस्वीर-मनीष कुमार/मोंगाबे

प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो तो बढ़ सकती है ओडिशा की नवीन ऊर्जा क्षमता

नई दिल्ली के थिंक टैंक इंटरनेशनल फोरम फॉर एन्वायरनमेंट, सस्टेनेबिलिटी एंड टेक्नोलॉजी (iFOREST) ने अपनी हालिया स्टडी में दावा किया है नवीन और नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय ने ओडिशा में सौर…
ओडिशा के नुआपाड़ा जिलें के खोलीभीतर गाँव में लगा एक विकेंद्रीकित सौर ऊर्जा का एक प्लांट। तस्वीर-मनीष कुमार/मोंगाबे
साइकलिंग के खराब मूलभूत ढांचे और मोटरगाड़ियों के हिसाब से डिजाइन किए गए शहर दिल्ली में साइकलिंग की संभावनाओं को बेहतर बनाने के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा हैं। तस्वीर- राहुल गोयल

साइकलिंग से घट सकता है दिल्ली का प्रदूषण, साइकिल चालक सबसे ज्यादा हादसों के शिकार

नवंबर 2022 में 50 साल के एक बुजुर्ग साइकिल चलाते हुए दिल्ली के महिपालपुर फ्लाईओवर को पार कर रहे थे, पीछे से आई एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी।…
साइकलिंग के खराब मूलभूत ढांचे और मोटरगाड़ियों के हिसाब से डिजाइन किए गए शहर दिल्ली में साइकलिंग की संभावनाओं को बेहतर बनाने के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा हैं। तस्वीर- राहुल गोयल
छत्तीसगढ़ में नदी किनारे जमा ताप बिजली घरों से निकली राख। बारिश के दिनों में पानी के साथ बहती हुई लाखों टन राख, खेतों को बर्बाद करती हुई, पानी के स्रोत को भी प्रदूषित करती जाती है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल/मोंगाबे

छत्तीसगढ़: बिजली घरों की राख में, राख होती ज़िंदगी

छत्तीसगढ़ में ताप बिजलीघरों से हर दिन निकलने वाली लाखों टन फ्लाई एश यानी राख, मुश्किल का सबब बनती जा रही है। इस राख को रखने के लिए बनाए गए…
छत्तीसगढ़ में नदी किनारे जमा ताप बिजली घरों से निकली राख। बारिश के दिनों में पानी के साथ बहती हुई लाखों टन राख, खेतों को बर्बाद करती हुई, पानी के स्रोत को भी प्रदूषित करती जाती है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल/मोंगाबे
मटर के खेत में निराई-गुराई का काम करतीं पोखरा ब्लॉक के वीणा धार गांव में रहने वाली महिलाएं। तस्वीर- सत्यम कुमार/मोंगाबे

उत्तराखंड में किसानों को क्यों नहीं मिल पा रहा जैविक खेती का लाभ

उत्तराखंड में कोटद्वार से लगभग 100 किलोमीटर दूर पोखरा ब्लॉक के वीणाधार गांव में रहने वाली लता देवी पूरे दिन व्यस्त रहती हैं। अहले सुबह वो अपनी गाय को दूहती…
मटर के खेत में निराई-गुराई का काम करतीं पोखरा ब्लॉक के वीणा धार गांव में रहने वाली महिलाएं। तस्वीर- सत्यम कुमार/मोंगाबे
थूथुकुडी, तमिलनाडु में नमक के पैन। नमक अब उन कई स्रोतों में से एक है जिसके माध्यम से इंसान के शरीर में माइक्रोप्लास्टिक पहुंच रहा है। तस्वीर- राधा रंगराजन।

[वीडियो] समुद्री नमक में मिला माइक्रोप्लास्टिक, सेहत पर असर के लिए रिसर्च की जरूरत

समुद्र के इको-सिस्टम के लिए प्लास्टिक प्रदूषण चिंता का मुद्दा है। हालांकि, समुद्र में बहाए जाने वाले प्लास्टिक की मात्रा का सही अंदाजा लगाना कठिन है। लेकिन अनुमान है कि…
थूथुकुडी, तमिलनाडु में नमक के पैन। नमक अब उन कई स्रोतों में से एक है जिसके माध्यम से इंसान के शरीर में माइक्रोप्लास्टिक पहुंच रहा है। तस्वीर- राधा रंगराजन।
‘राष्ट्रीय बायोगैस विकास कार्यक्रम’ बायोगैस संयंत्रों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी मुहैया कराने के मकसद से 1981 में शुरू किया गया था। तस्वीर- कृषि अधिकारी, जिला परिषद, कोल्हापुर 

चुनौतियों के बावजूद शौचालयों से जुड़े बायोगैस अपनाने में प्रगति की राह पर कोल्हापुर

पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में चौधरवाड़ी गांव की 35 वर्षीय रूपाली चौधरी का उनकी शादी के बाद ज्यादातर समय परिवार के लिए खाना पकाने में बीतता है। पहले…
‘राष्ट्रीय बायोगैस विकास कार्यक्रम’ बायोगैस संयंत्रों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी मुहैया कराने के मकसद से 1981 में शुरू किया गया था। तस्वीर- कृषि अधिकारी, जिला परिषद, कोल्हापुर 
ओडिशा में लगभग 7,829 महिला स्वयं सहायता समूह पिछले पांच सालों से गांव के तालाबों में पोषण-संवेदनशील मछली पालन में शामिल हैं। तस्वीर- डेटौर ओडिशा/वर्ल्डफिश 

मछली पालन से पोषण को प्रोत्साहित करती ओडिशा की महिलाएं

लगभग डेढ़ दशक पहले तक ‘मोला मछली’ ओड़िया खाने का अभिन्न अंग थी। यह एक स्वदेशी प्रजाति की मछली है जिसे एंबलीफेरिंगोडोन मोला भी कहा जाता है। लेकिन बदलती जलवायु…
ओडिशा में लगभग 7,829 महिला स्वयं सहायता समूह पिछले पांच सालों से गांव के तालाबों में पोषण-संवेदनशील मछली पालन में शामिल हैं। तस्वीर- डेटौर ओडिशा/वर्ल्डफिश 
लोहरदगा जिला स्थित बगरू हिल पर मौजूद एक बॉक्साइट खदान की तस्वीर। जो खेत खनन के लिए नहीं लिए गए हैं, वह खनन के दौरान निकली धूल व बारिश के दिनों में बहकर आये खदानों के अपशिष्ट से खराब हो जाते हैं। तस्वीर- राहुल सिंह

झारखंड में बॉक्साइट खनन से बंजर होती आदिवासियों की कृषि भूमि, गिरता भूजल स्तर

झारखंड के गुमला जिले में नेतरहाट पठार पर स्थित डुंबरपाठ एक आदिवासी आबादी वाला गांव है। यह गांव चारों ओर से बॉक्साइट की खदानों से घिरा है, जहां भारी मात्रा…
लोहरदगा जिला स्थित बगरू हिल पर मौजूद एक बॉक्साइट खदान की तस्वीर। जो खेत खनन के लिए नहीं लिए गए हैं, वह खनन के दौरान निकली धूल व बारिश के दिनों में बहकर आये खदानों के अपशिष्ट से खराब हो जाते हैं। तस्वीर- राहुल सिंह

‘म्युनिसिपल बॉन्ड’ लाने के लिए कितने ‘स्मार्ट’ हैं हमारे शहर?

इंदौर नगर निगम ने जब अपना ग्रीन बॉन्ड जारी किया तो औद्योगिक और कॉर्पोरेट निवेशकों की ओर से उसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली। इससे उन शहरी स्थानीय निकायों को भी हौसला…

कीटनाशक बनाने वाली कंपनी पर किसानों ने लगाया फसलें खराब करने का आरोप, कार्रवाई की मांग

सलीम पटेल, 43, गुजरात के भरूच जिले के वागरा तालुका के त्रालसा गांव में कपास की खेती करते हैं। वह पिछले 16 साल से ज्यादा समय से कपास उगा रहे…
भारत के एक खेत में कीटनाशक का छिड़काव करते किसान की प्रतीकात्मक तस्वीर। भारत में फसलों की रक्षा करने वाले कीटनाशकों का इस्तेमाल ज्यादातर कपास, गेहूं, धान और सब्जियों की फसलों पर होता है। तस्वीर- देवेंद्र/पिक्साहाइव।

एग्रोकेमिकल उत्पादन में तेजी से आगे बढ़ा भारत, औद्योगिक इकाइयों से होने वाले प्रदूषण पर सवाल बरकरार

सितंबर 2021 को देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक भाषण में कहा कि भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एग्रोकेमिकल उत्पादक देश है। देश की 15 क्रॉप…
भारत के एक खेत में कीटनाशक का छिड़काव करते किसान की प्रतीकात्मक तस्वीर। भारत में फसलों की रक्षा करने वाले कीटनाशकों का इस्तेमाल ज्यादातर कपास, गेहूं, धान और सब्जियों की फसलों पर होता है। तस्वीर- देवेंद्र/पिक्साहाइव।
मध्य भारत के एक टाइगर रिजर्व में एक बाघ। तस्वीर- समीर कुमार सिन्हा

[समीक्षा] बाघ के अतीत और वर्तमान की रोचक कहानियां बताती किताब ‘बाघ, विरासत और सरोकार’

“कथाओं के इस देश में  मैं भी एक कथा हूं एक कथा है बाघ भी इसलिए कई बार  जब उसे छिपने को नहीं मिलती  कोई ठीक-ठाक जगह तो वह धीरे-से…
मध्य भारत के एक टाइगर रिजर्व में एक बाघ। तस्वीर- समीर कुमार सिन्हा