गर्मी

पृथ्वी का तापमान 1850-1900 के "पूर्व-औद्योगिक" औसत की तुलना में 1.5 और 2 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार करना शुरू कर रहा है। इससे लोगों को गर्मी से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। तस्वीर-योगेंद्र सिंह/Pexels।

उफ़्फ़ ये गर्मी! क्यों बढ़ता ही जा रहा है पृथ्वी का पारा?

वैज्ञानिक शायराना अंदाज में कहते हैं, “धरती को बुखार हो गया है।” इसका मतलब यह है कि तापमान 1850-1900  के "औद्योगिक क्रांति से पहले" के औसत की तुलना में 1.5…
पृथ्वी का तापमान 1850-1900 के "पूर्व-औद्योगिक" औसत की तुलना में 1.5 और 2 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार करना शुरू कर रहा है। इससे लोगों को गर्मी से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। तस्वीर-योगेंद्र सिंह/Pexels।
गर्मी के मौसम में दिल्ली के मयूर विहार में नारियल पानी बेचता एक व्यक्ति। तस्वीर- अंकुर जैन/विकीमीडिया कॉमन्स

[एक्सप्लेनर] हीटवेव में हो रही है बढ़ोतरी, क्या प्रभावी हैं भारत के हीट एक्शन प्लान?

अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में अप्रैल में आई हीटवेव कई संवेदनशील और पिछले समुदायों के लिए…
गर्मी के मौसम में दिल्ली के मयूर विहार में नारियल पानी बेचता एक व्यक्ति। तस्वीर- अंकुर जैन/विकीमीडिया कॉमन्स
वायनाड पठार के कई हिस्सों को हाथी वन क्षेत्रों में आने-जाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि फिलहाल इस्तेमाल में लाए जा रहे ऐसे कॉरिडोर को ऐतिहासिक एलिफेंट कॉरिडोर की तरह पहचाना और संरक्षित किया जाना चाहिए। तस्वीर -अनूप एन.आर. 

गर्मियों के मौसम में वायनाड हाथियों की पसंदीदा जगह

गर्मियों के दिनों में हाथी वायनाड के आद्र पहाड़ी इलाकों में आना पसंद करते हैं। इसकी वजह तटवर्ती जंगल और यहां मौजूद दलदलीय इलाके हैं, जो पास के मैसूर और…
वायनाड पठार के कई हिस्सों को हाथी वन क्षेत्रों में आने-जाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि फिलहाल इस्तेमाल में लाए जा रहे ऐसे कॉरिडोर को ऐतिहासिक एलिफेंट कॉरिडोर की तरह पहचाना और संरक्षित किया जाना चाहिए। तस्वीर -अनूप एन.आर. 
गर्मी के मौसम में दिल्ली के मयूर विहार में नारियल पानी बेचता एक व्यक्ति। तस्वीर- अंकुर जैन/विकीमीडिया कॉमन्स

नई रिपोर्ट में वैश्विक तापमान बढ़ने की आशंका, भारत में लू बनेगी घातक

संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट ने आशंका जताई है कि अगले पांच साल अब तक के सबसे गर्म हो सकते हैं। इस दौरान वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी 1.5 डिग्री…
गर्मी के मौसम में दिल्ली के मयूर विहार में नारियल पानी बेचता एक व्यक्ति। तस्वीर- अंकुर जैन/विकीमीडिया कॉमन्स
एक नए अध्ययन में हर साल के अधिकतर दिनों में उच्च स्तर की खतरनाक गर्मी होने का संकेत दिया गया है। इससे गर्मी से होने वाली बीमारियों में काफी इजाफ़ा होगा। ख़ास तौर से बुजुर्गों, आउटडोर काम करने वाले श्रमिकों और कम आय वाले लोगों में। तस्वीर- माइकल कैनन/विकिमीडिया कॉमन्स।

लोगों के स्वास्थ्य पर दिखने लगा बढ़ती गर्मी का असर, बड़े प्रयासों की जरूरत

“गर्मी में पंखा चलाने पर, कमरे के अंदर की हवा आग की तरह उठती है,” भारत में कोलकाता महानगर के उत्तरी भाग में प्लास्टिक के तिरपाल, बांस और टिन से…
एक नए अध्ययन में हर साल के अधिकतर दिनों में उच्च स्तर की खतरनाक गर्मी होने का संकेत दिया गया है। इससे गर्मी से होने वाली बीमारियों में काफी इजाफ़ा होगा। ख़ास तौर से बुजुर्गों, आउटडोर काम करने वाले श्रमिकों और कम आय वाले लोगों में। तस्वीर- माइकल कैनन/विकिमीडिया कॉमन्स।
शहरों में आस-पास के इलाकों के तापमान में अंतर क्यों होता है?

शहरों में आस-पास के इलाकों के तापमान में अंतर क्यों होता है?

अर्बन हीट आइलैंड (UHI) प्रभाव के कारण ख़ास तौर से शहरी इलाकों में  गर्मी का असर अधिक हुआ। इन इलाकों में गर्मी का बढ़ना कोई पहली या एक बार की…
शहरों में आस-पास के इलाकों के तापमान में अंतर क्यों होता है?
पिछले साल स्वीडिश अंतरिक्ष निगम के साथ मिलकर हार्वर्ड अनुसंधान इकाई द्वारा स्ट्रैटोस्फेरिक गुब्बारे के साथ एक सौर सोलर जियोइंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के परीक्षण की योजना बनाई गई थी। इसे लोगों के भारी विरोध के बाद स्थगित कर दिया गया था। फोटो-नासा/गोद्दर्द/बैरल के सौजन्य से।0

सूरज को मद्धम कर पृथ्वी को ठंडा करने की कोशिश रोकी जाए, कह रहे हैं वैज्ञानिक

देश में लू का मौसम चल रहा है। देश के कई हिस्सों का तापमान सदियों का रिकार्ड तोड़ रहा है और जनजीवन अस्त-व्यस्त है। कई लोग इसे जलवायु परिवर्तन का…
पिछले साल स्वीडिश अंतरिक्ष निगम के साथ मिलकर हार्वर्ड अनुसंधान इकाई द्वारा स्ट्रैटोस्फेरिक गुब्बारे के साथ एक सौर सोलर जियोइंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के परीक्षण की योजना बनाई गई थी। इसे लोगों के भारी विरोध के बाद स्थगित कर दिया गया था। फोटो-नासा/गोद्दर्द/बैरल के सौजन्य से।0
शहरों की कई विशेषताओं के कारण ऐसे क्षेत्र बनते हैं जहां अधिक गर्मी होती है। सबसे पहले तो शहरों में पेड़-पौधों के कम होने के कारण ज्यादा वाष्पीकरणऔर ज्यादा वाष्पोत्सर्जन होता है। इन दोनों प्रक्रियाओं के कारण गर्मी ज्यादा होती है। तस्वीर- मैके सैवेज/विकिमीडिया कॉमन्स

शहर में अधिक गर्मी क्यों पड़ रही और शहर हीट आईलैंड क्यों बन जाते हैं?

आजकल गर्मी अपने चरम पर है और इसके तरह-तरह के रूप देखने को मिल रहे हैं। जैसे शहरों में गावों से अधिक गर्मी होना। इसी को अर्बन हीट आईलैंड कहते…
शहरों की कई विशेषताओं के कारण ऐसे क्षेत्र बनते हैं जहां अधिक गर्मी होती है। सबसे पहले तो शहरों में पेड़-पौधों के कम होने के कारण ज्यादा वाष्पीकरणऔर ज्यादा वाष्पोत्सर्जन होता है। इन दोनों प्रक्रियाओं के कारण गर्मी ज्यादा होती है। तस्वीर- मैके सैवेज/विकिमीडिया कॉमन्स
चक्रवाती तूफान नीलम के बाद तमिलनाडु के एक समुद्री तट का दृष्य। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए संसाधन जुटाना भारत के महत्वपूर्ण लक्ष्यों में शामिल है। तस्वीर- विनोथ चंदर/विकिमीडिया कॉमन्स

[कमेंट्री] बढ़ रहा मौसम का प्रकोप,भविष्य की चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करने की जरूरत

अभी देश के कई राज्य खासकर उत्तर भारत का हिस्सा भीषण गर्मी की चपेट में है। मौसम विभाग न केवल हीटवेव से संबंधित अलर्ट जारी कर रहा बल्कि इससे बचने…
चक्रवाती तूफान नीलम के बाद तमिलनाडु के एक समुद्री तट का दृष्य। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए संसाधन जुटाना भारत के महत्वपूर्ण लक्ष्यों में शामिल है। तस्वीर- विनोथ चंदर/विकिमीडिया कॉमन्स
केरल में निर्माण श्रमिक। कई भारतीयों को अपने काम की प्रकृति के कारण गर्मियों में लंबे समय तक कड़ी धूप में रहना पड़ता है। तस्वीर- अरकर्जुन/विकिमीडिया कॉमन्स

जलवायु परिवर्तन का कहर, बढ़ गए हैं हीटवेव वाले दिन

देश के कई हिस्सों में गर्मी का कहर अब असहनीय हो चला है। गर्मी के इस कहर को दिल्ली के बाहरी इलाके नोएडा में एक रिक्शा चालक सुनील दास की…
केरल में निर्माण श्रमिक। कई भारतीयों को अपने काम की प्रकृति के कारण गर्मियों में लंबे समय तक कड़ी धूप में रहना पड़ता है। तस्वीर- अरकर्जुन/विकिमीडिया कॉमन्स
आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट कहती है कि दक्षिण एशिया और विशेष रूप से भारत में गर्म दिन और रातों की संख्या बढ़ रही है। तस्वीर- पिक्साबे

जलवायु परिवर्तन के सबसे स्पष्ट संकेत हीटवेव से कैसे बचें?

यह एक संयोग ही है कि जब जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञ पैनल (आईपीसीसी) ने अपनी छठी आकलन रिपोर्ट का तीसरा और अंतिम हिस्सा जारी किया तभी भारत…
आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट कहती है कि दक्षिण एशिया और विशेष रूप से भारत में गर्म दिन और रातों की संख्या बढ़ रही है। तस्वीर- पिक्साबे