भारत

पृथ्वी का तापमान 1850-1900 के "पूर्व-औद्योगिक" औसत की तुलना में 1.5 और 2 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार करना शुरू कर रहा है। इससे लोगों को गर्मी से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। तस्वीर-योगेंद्र सिंह/Pexels।

उफ़्फ़ ये गर्मी! क्यों बढ़ता ही जा रहा है पृथ्वी का पारा?

वैज्ञानिक शायराना अंदाज में कहते हैं, “धरती को बुखार हो गया है।” इसका मतलब यह है कि तापमान 1850-1900  के "औद्योगिक क्रांति से पहले" के औसत की तुलना में 1.5…
पृथ्वी का तापमान 1850-1900 के "पूर्व-औद्योगिक" औसत की तुलना में 1.5 और 2 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार करना शुरू कर रहा है। इससे लोगों को गर्मी से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। तस्वीर-योगेंद्र सिंह/Pexels।
मालाबार हॉर्नबिल। जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया साल भर मुख्य रूप से दो तरह के सर्वे करवाता है- एक प्रजाति के आधार और दूसरा क्षेत्र या संरक्षक इलाके के आधार पर। तस्वीर- अमित्व मजूमदार।

भारत में लुप्त होने की कगार पर हैं पक्षियों की तीन स्थानीय प्रजातियां

विश्व भर में पाए जाने वाली पक्षियों की विविधता में से 12.40 प्रतिशत भारत में पाए जाते हैं। दुनियाभर में पाए जाने वाले पक्षियों की कुल 10,906 प्रजातियों में से…
मालाबार हॉर्नबिल। जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया साल भर मुख्य रूप से दो तरह के सर्वे करवाता है- एक प्रजाति के आधार और दूसरा क्षेत्र या संरक्षक इलाके के आधार पर। तस्वीर- अमित्व मजूमदार।
लाओस में साल 2019 में आई बाढ़। ग्लोबल साउथ में कुछ जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि कम आय वाले देशों को ज्यादा स्थानीय जलवायु अनुमान लाने होंगे ताकि वे बेहतर नीतियां विकसित कर सकें। तस्वीर- बेसिल मोरिन/विकिमीडिया कॉमन्स

आईपीसीसी रिपोर्ट के बजाए भारत को अपने जलवायु अनुमान की जरूरत, क्षेत्रीय क्लाइमेट मॉडल बेहतर

ग्लोबल नॉर्थ की तुलना में ग्लोबल साउथ खासकर दक्षिण एशिया जलवायु परिवर्तन के प्रति ज्यादा संवेदनशील है। साथ ही, यह क्षेत्र ज्यादा समृद्ध और विकसित देशों की तुलना में ग्लोबल…
लाओस में साल 2019 में आई बाढ़। ग्लोबल साउथ में कुछ जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि कम आय वाले देशों को ज्यादा स्थानीय जलवायु अनुमान लाने होंगे ताकि वे बेहतर नीतियां विकसित कर सकें। तस्वीर- बेसिल मोरिन/विकिमीडिया कॉमन्स
बारिश के दौरान पुल से गुजरते लोग। तस्वीर-प्रसाद पिल्लई/विकिमीडिया कॉमन्स

भारतीय मॉनसून पर असर डालती उत्तरी ध्रुव की बदलती जलवायु

उत्तरी ध्रुव में पिछले एक हजार साल के ठंडे और गर्म मौसम के दौर को एक अध्ययन के जरिए फिर से बनाया या रीकंट्रस्ट किया गया है। इसमें पाया गया…
बारिश के दौरान पुल से गुजरते लोग। तस्वीर-प्रसाद पिल्लई/विकिमीडिया कॉमन्स
2019 में ओडिशा में फानी चक्रवात के आने के एक दिन बाद पुरी के बाहरी इलाके में अपने घर को ठीक करने की कोशिश कर रहा शख्स। तस्वीर- मनीष कुमार।

जलवायु परिवर्तन की मार भारत पर सबसे अधिक, जोखिम घटाने के लिए बढ़ाना होगा निवेश

जलवायु परिवर्तन से बुनियादी ढांचे पर बढ़ रहे जोखिम के मामले में भारत सबसे ऊपर के देशों में शामिल है। हाल ही में आई वैश्विक भौतिक जलवायु जोखिम रिपोर्ट (ग्लोबल…
2019 में ओडिशा में फानी चक्रवात के आने के एक दिन बाद पुरी के बाहरी इलाके में अपने घर को ठीक करने की कोशिश कर रहा शख्स। तस्वीर- मनीष कुमार।
शुष्क मौसम के दौरान उथली हो जाने वाली बांग्लादेश के जाफलोंग में स्थित गोयैन नदी गाद व तलछट को नीचे की ओर बहा ले जाती है। फोटो- डेविड स्टेनली वाया फ़्लिकर 

साझा जलमार्गों के बेहतर प्रबंधन से होगा भारत और बांग्लादेश को आर्थिक फायदा

भारत और बांग्लादेश के बीच के नदी मार्ग दोनों देशों के लिए आर्थिक और भौगोलिक स्तर पर काफी मायने रखते हैं। हालांकि पर्यावरण प्रबंधन से जुड़े मसलों ने इनमें से…
शुष्क मौसम के दौरान उथली हो जाने वाली बांग्लादेश के जाफलोंग में स्थित गोयैन नदी गाद व तलछट को नीचे की ओर बहा ले जाती है। फोटो- डेविड स्टेनली वाया फ़्लिकर 
हैचलिंग की रखवाली करता एक नर घड़ियाल। तस्वीर:घड़ियाल पारिस्थितिकी परियोजना / एमसीबीटी।

नेपाल: क्या बाघों की बढ़ती संख्या विलुप्त होते घड़ियालों के संरक्षण के लिए एक चुनौती है?

जुलाई 31 की सुबह नेपाल के चितवन नेशनल पार्क स्थित कसारा घड़ियाल प्रजनन केंद्र के बाड़े में एक बाघ (वैज्ञानिक नाम-पैंथेरा टाइग्रिस) घुस गया। इसने कुछ देर तक घड़ियालों के…
हैचलिंग की रखवाली करता एक नर घड़ियाल। तस्वीर:घड़ियाल पारिस्थितिकी परियोजना / एमसीबीटी।
ब्लास्ट के बाद समुद्र तल पर मरी हुई मछलियों को इकट्ठा करता हुआ एक मछुआरा। तस्वीर- दर्शन जयवर्धने

श्रीलंका में ब्लास्ट फिशिंग से तबाह हो रहे समुद्री जीव, भारत से अवैध तरीके से लाया जा रहा विस्फोटक

समुद्र के किनारे एक सुहानी सुबह थी, पूर्वी श्रीलंका के पिजन आइलैंड नेशनल पार्क में नौका विहार करने वाले पर्यटकों के एक समूह को एक असामान्य झटका महसूस हुआ। इतने…
ब्लास्ट के बाद समुद्र तल पर मरी हुई मछलियों को इकट्ठा करता हुआ एक मछुआरा। तस्वीर- दर्शन जयवर्धने
दिल्ली के मयूर विहार इलाके में चल रहा एक इलेक्ट्रिक बस। तस्वीर-मनीष कुमार

एनडीसी: जलवायु परिवर्तन से जुड़ा भारत का नया स्वैच्छिक एक्शन प्लान कितना कारगर?

केंद्र सरकार की कैबिनेट ने हाल ही में अपनी राष्ट्रीय निर्धारित योगदान (एनडीसी) को मंजूरी  दी। एनडीसी में लिखे भारत के नए लक्ष्यों और प्रतिबद्धताओं को अब संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क…
दिल्ली के मयूर विहार इलाके में चल रहा एक इलेक्ट्रिक बस। तस्वीर-मनीष कुमार
नेपाल के पहले पक्षी अभयारण्य में ग्रेट हॉर्नबिल, सारस और भारतीय चिततीदार चील जैसे पक्षियों को आसरा मिल रहा है। तस्वीर- प्रताप गुरुंग/विकिमीडिया कॉमन्स

यह है नेपाल का पहला पक्षी अभयारण्य, भारतीय पर्यटकों के लिए नया आकर्षण

भारत-नेपाल की सीमा पर स्थित घोड़ाघोड़ी वेटलैंड की पहचान एक रामसर स्थल के रूप में होती है। यह स्थान नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत (सुदूरपश्चिम प्रदेश) में है। सुदूरपश्चिम नेपाल…
नेपाल के पहले पक्षी अभयारण्य में ग्रेट हॉर्नबिल, सारस और भारतीय चिततीदार चील जैसे पक्षियों को आसरा मिल रहा है। तस्वीर- प्रताप गुरुंग/विकिमीडिया कॉमन्स
रूफस-थ्रोटेड व्रेन-बब्बलर (Spelaeornis caudatus)। तस्वीर- माइक प्रिंस / फ़्लिकर

नेपाल और भारत में निर्माण के नियम ‘वन्यजीवों के हित में’ पर पक्षियों के नहीं

भारत और नेपाल जैसे विकासशील देशों के लिए बिजली, सड़क, पुल, रेलवे लाइन जैसे मूलभूत ढ़ांचा का निर्माण बहुत जरूरी है। हालांकि, ये निर्माण अक्सर जंगलों के बीच से गुजरते…
रूफस-थ्रोटेड व्रेन-बब्बलर (Spelaeornis caudatus)। तस्वीर- माइक प्रिंस / फ़्लिकर

कोयला संकट से उजागर होती ऊर्जा क्षेत्र की कुछ बड़ी खामियां

शशांक पाठक झारखंड के रांची शहर में एक फोटोकॉपी की दुकान चलाते हैं। शहर के कोकर इलाके में स्थित उनकी दुकान की आमदनी सीधे बिजली पर निर्भर है। पिछले कुछ…
हिमालय से गुजरती कई नदियों को नेपाल की सरकार पनबिजली उत्पन्न करने के स्रोत के रूप में देखती है जिनका दोहन अभी होना है। तस्वीर-जोनस ग्रेटजर/मोंगाबे

नेपाल में अंधाधुंध निर्माण में लगा है चीन, हिमालय के नाजुक पारिस्थितिकी को खतरा

बजरी से भरा एक ट्रक नेपाल के स्याब्रुबेसी की सड़क पर धूल का गुबार उड़ाते हुए बेधड़क चलता जा रहा है। इलाके में सड़क को चौड़ा करने का काम चल…
हिमालय से गुजरती कई नदियों को नेपाल की सरकार पनबिजली उत्पन्न करने के स्रोत के रूप में देखती है जिनका दोहन अभी होना है। तस्वीर-जोनस ग्रेटजर/मोंगाबे