विश्व  News

हनुमान प्लोवर जमीन पर घोंसला बनाने वाला पक्षी है और अंडे और चूजे दोनों अपने परिवेश से अच्छी तरह छिपे रहते हैं। तस्वीर - जूड जनिथा निरोशन।

श्रीलंका में खोजी गई समुद्री पक्षी की नई प्रजाति, मिला हनुमान का नाम

संस्कृत के प्राचीन महाकाव्य रामायण में ताकतवर वानर देवता हनुमान ने उत्तरी श्रीलंका के मन्नार क्षेत्र को तमिलनाडु के रामेश्वरम से जोड़ने के मकसद से पुल बनाने के लिए सेना…
हनुमान प्लोवर जमीन पर घोंसला बनाने वाला पक्षी है और अंडे और चूजे दोनों अपने परिवेश से अच्छी तरह छिपे रहते हैं। तस्वीर - जूड जनिथा निरोशन।
दिसंबर 2022 में पश्चिमी नेपाल में आम कबूतरों का एक बड़ा झुंड देखा गया। झुंड कुछ ही दिनों में तितर-बितर हो गया। फोटो- हीरूलाल डंगौरा। 

नेपाल में कबूतरों के बड़े झुंड को लेकर क्यों हैरान हैं शोधकर्ता

नेपाल में तीन शोधकर्ता, हीरूलाल डंगौरा, विक्रम तिवारी और शुभम चौधरी, दिसंबर 2022 में नेपाल के पश्चिमी मैदानी इलाकों में गिद्धों की एक कॉलोनी पर नियमित शोध कर रहे थे।…
दिसंबर 2022 में पश्चिमी नेपाल में आम कबूतरों का एक बड़ा झुंड देखा गया। झुंड कुछ ही दिनों में तितर-बितर हो गया। फोटो- हीरूलाल डंगौरा। 
यूके के लंदन में करीने से सजाए गए लैंटाना से बने आदमकद हाथी। तस्वीर - मॉरीन बार्लिन/फ़्लिकर।

लैंटाना से हाथी और फर्नीचर बनाकर इस आक्रामक पौधे को खत्म करने की कोशिश

दुनिया की सबसे कुख्यात आक्रामक प्रजातियों में से एक लैंटाना (लैंटाना कैमारा ) के फैलाव को रोकने की उम्मीद के साथ साल 2009 में एक प्रयोग शुरू हुआ था। यह…
यूके के लंदन में करीने से सजाए गए लैंटाना से बने आदमकद हाथी। तस्वीर - मॉरीन बार्लिन/फ़्लिकर।
13 दिसंबर, 2023 को संयुक्त अरब अमीरात के दुबई  स्थित एक्सपो सिटी में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन कॉप28 के समापन समारोह के दौरान प्रतिनिधि। तस्वीर- कॉप28/क्रिस्टोफ़ विसेक्स/फ़्लिकर।

कॉप28 में जीवाश्म ईंधन से ‘दूर जाने’ का वादा लेकिन पूंजी और समान भागीदारी बड़ी चुनौती

कॉप28 में जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को खत्म करने पर ऐतिहासिक समझौता हुआ है। यह करार संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अध्यक्षता में हुए 28वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी28/कॉप28) में…
13 दिसंबर, 2023 को संयुक्त अरब अमीरात के दुबई  स्थित एक्सपो सिटी में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन कॉप28 के समापन समारोह के दौरान प्रतिनिधि। तस्वीर- कॉप28/क्रिस्टोफ़ विसेक्स/फ़्लिकर।
कई देशों, विशेष रूप से यूरोपीय संघ द्वारा समर्थित छोटे द्वीप राज्यों ने कॉप28 में जीवाश्म ईंधन को पूरी तरह से बंद करने का आह्वान किया है। तस्वीर-

कॉप28 के समापन तक भी देशों के बीच नहीं बनी आम सहमति

अट्ठाईसवें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (कॉप28) ने सम्मेलन के पहले दिन जलवायु हानि और क्षति के लिए एक फंड शुरू करने का निर्णय देकर इतिहास रच दिया। लेकिन जैसे-जैसे दो सप्ताह…
कई देशों, विशेष रूप से यूरोपीय संघ द्वारा समर्थित छोटे द्वीप राज्यों ने कॉप28 में जीवाश्म ईंधन को पूरी तरह से बंद करने का आह्वान किया है। तस्वीर-
कॉप28 के आयोजन स्थल पर विरोध प्रदर्शन करते लोग। जलवायु वित्त और किफायती नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे और भंडारण के अभाव में, विकासशील देशों का कहना है कि उन्हें विकासात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ऊर्जा के भरोसेमंद स्रोत के रूप में जीवाश्म ईंधन पर निर्भर रहने की आवश्यकता है।  तस्वीर- सिमरिन सिरूर/मोंगाबे 

विकसित देशों को वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उत्सर्जन में कटौती की जरूरत: विशेषज्ञ

संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन पर फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) द्वारा प्रकाशित राष्ट्रीय ग्रीनहाउस गैस सूची के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि सबसे अमीर विकसित देशों ने पिछले दो…
कॉप28 के आयोजन स्थल पर विरोध प्रदर्शन करते लोग। जलवायु वित्त और किफायती नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे और भंडारण के अभाव में, विकासशील देशों का कहना है कि उन्हें विकासात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ऊर्जा के भरोसेमंद स्रोत के रूप में जीवाश्म ईंधन पर निर्भर रहने की आवश्यकता है।  तस्वीर- सिमरिन सिरूर/मोंगाबे 
3 दिसंबर को दुबई में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, कॉप28 के दौरान जलवायु न्याय के लिए मानवाधिकार कार्रवाई का आह्वान करने वाले वकालत समूह। तस्वीर- COP28/वाला अलशेर/फ़्लिकर।

सैन्य संघर्ष, शांति और फिलिस्तीन ने कॉप28 पर प्रभाव डाला

जलवायु परिवर्तन पर होने वाले वार्षिक सम्मेलन की 28वीं कॉन्फरेंस ऑफ़ पार्टीज़ (कॉप28) ने दो सप्ताह तक चलने वाले शिखर सम्मेलन में राहत, पुनर्प्राप्ति और शांति के लिए एक दिन…
3 दिसंबर को दुबई में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, कॉप28 के दौरान जलवायु न्याय के लिए मानवाधिकार कार्रवाई का आह्वान करने वाले वकालत समूह। तस्वीर- COP28/वाला अलशेर/फ़्लिकर।
कांचीपुरम के बाहर एक मिल में चावल सुखाते और भूसी निकालते मजदूर। भारत की दलील है कि कृषि प्रणालियों में बदलाव के किसी भी क्रांतिकारी कदम से देश की चावल की खेती और इसके बड़े पशुधन क्षेत्र को नुकसान होगा। तस्वीर - लंदन, यूके से मैके सैवेज/विकिमीडिया कॉमन्स।

कॉप28: जलवायु चर्चा में पहली बार दिखा खेती-बाड़ी का मुद्दा, दूर रहा भारत

बढ़ते तापमान पर अंकुश लगाने के तरीक़ों पर लगभग तीन दशकों से गहन बातचीत हो रही है। इस दौरान सालाना संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में खेती-बाड़ी को प्रमुखता से…
कांचीपुरम के बाहर एक मिल में चावल सुखाते और भूसी निकालते मजदूर। भारत की दलील है कि कृषि प्रणालियों में बदलाव के किसी भी क्रांतिकारी कदम से देश की चावल की खेती और इसके बड़े पशुधन क्षेत्र को नुकसान होगा। तस्वीर - लंदन, यूके से मैके सैवेज/विकिमीडिया कॉमन्स।
छत्ते पर काम करती हुई एपिस डोरसाटा प्रजाति की मधुमक्खियां। तस्वीर-नीरक्षित/विकिमीडिया कॉमन्स

मधुमक्खियां जो रात में भी रंगों को देख सकती हैं

एक नए अध्ययन से पता चला है कि रॉक मधुमक्खियां (एपिस डोरसाटा), जिन्हें एशिया की विशाल मधु मक्खियां भी कहा जाता है, इंसानों की तरह ही तेज और धुंधली रोशनी…
छत्ते पर काम करती हुई एपिस डोरसाटा प्रजाति की मधुमक्खियां। तस्वीर-नीरक्षित/विकिमीडिया कॉमन्स
ताइवान में एक तेंदुआ बिल्ली। तस्वीर- ourskyuamlea/विकिमीडिया कॉमन्स।

बहुत ज्यादा गर्मी नहीं सह सकता लेपर्ड कैट, जलवायु परिवर्तन का होगा असर

लेपर्ड कैट या तेंदुआ बिल्ली, बिल्ली की एक प्रजाति है जो कद-काठी में छोटी है। इसे IUCN (इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर) रेड लिस्ट में सबसे कम चिंता वाली…
ताइवान में एक तेंदुआ बिल्ली। तस्वीर- ourskyuamlea/विकिमीडिया कॉमन्स।
नेपाल के नवलपुर में एकत्रित सफेद पूंछ वाले गिद्ध। तस्वीर - अभय राज जोशी/मोंगाबे।

नेपाल में स्थिर है गिद्धों की आबादी, एक्शन प्लान बनाकर आबादी बढ़ाने पर जोर

नेपाल में निचले पहाड़ चीड़ के पेड़ों (पीनस रॉक्सबर्गी) से ढके हुए हैं। गुनगुनी धूप वाली एक सुबह सफ़ेद पूंछ वाले गिद्ध (जिप्स बेंगालेंसिस) का एक जोड़ा एक पेड़ की…
नेपाल के नवलपुर में एकत्रित सफेद पूंछ वाले गिद्ध। तस्वीर - अभय राज जोशी/मोंगाबे।
दिल्ली में एक अंडा विक्रेता। जैसा कि भारतीय राज्यों में अंडे की कमी है, लोगों को पारंपरिक प्रोटीन के वैकल्पिक स्रोत खोजने पड़ सकते हैं। ऐसा ही एक विकल्प खोजा जा रहा है वह है, कीट। तस्वीर पल्लव.जौरनो/विकिमीडिया

[कमेंट्री] भारत में अंडे की कमी के चलते, कीट और पतंगे प्रोटीन और पोषण के लिए संभावित समाधान हो सकते हैं?

भारत ने इस साल 17 जनवरी को जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया। यह एक ऐसा तथ्य है जिसे लेकर हम असमंजस में हैं कि इस पर…
दिल्ली में एक अंडा विक्रेता। जैसा कि भारतीय राज्यों में अंडे की कमी है, लोगों को पारंपरिक प्रोटीन के वैकल्पिक स्रोत खोजने पड़ सकते हैं। ऐसा ही एक विकल्प खोजा जा रहा है वह है, कीट। तस्वीर पल्लव.जौरनो/विकिमीडिया
सिक्किम में एक तितली। एक नई मॉडलिंग स्टडी के मुताबिक, हर साल लगभग 5 लाख लोग अपनी उम्र पूरी किए बिना ही मर जा रहे हैं क्योंकि वैश्विक स्तर पर परागणक का काम करने वाले कीड़े-मकोड़ों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। तस्वीर- नंदिता चंद्रप्रकाश/मोंगाबे।

मधुमक्खी और तितली जैसे कीड़े-मकोड़ों के कम होने का असर इंसानों पर भी, हर साल मर रहे पांच लाख लोग

बटरफ्लाई थ्योरी कहती है कि न के बराबर होने वाले बदलाव भी बहुत बड़ा असर दिखाते हैं। केओस थ्योरी के बारे में चर्चा के दौरान अक्सर एक रूपक का इस्तेमाल…
सिक्किम में एक तितली। एक नई मॉडलिंग स्टडी के मुताबिक, हर साल लगभग 5 लाख लोग अपनी उम्र पूरी किए बिना ही मर जा रहे हैं क्योंकि वैश्विक स्तर पर परागणक का काम करने वाले कीड़े-मकोड़ों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। तस्वीर- नंदिता चंद्रप्रकाश/मोंगाबे।
अपने पैरों को हवा में लहराता डांसिंग फ्रॉग। तस्वीर क्रेडिट – मधुश्री मुदके।

डांसिंग फ्रॉग में सामने आई कई विकृतियां, शायद अब नहीं लहरा सके अपने पैर

अगर आप कर्नाटक में पश्चिमी घाटों में बारहमासी नदियों में चट्टानों पर ध्यान से देखेंगे, तो आप एक छोटे मेंढक को अपने पीछे के पैरों को हवा में लहराते हुए…
अपने पैरों को हवा में लहराता डांसिंग फ्रॉग। तस्वीर क्रेडिट – मधुश्री मुदके।
आइबिस बिल नदियों की छोटी धाराओं के छोटे द्वीपों में अपना घोंसला बनाता है, जो चट्टानों के बड़े और छोटे पत्थरों के बीच छिपा होता है। तस्वीर- नीलांजन चटर्जी 

बदलती जलवायु की वजह से खतरे में हिमालय की करिश्माई जलपक्षी आइबिस बिल की आबादी

समुद्रतल से बेहद ऊंचाई वाले इलाकों में एक ऐसी पक्षी का घर है जिन्हें आसानी से पहचाना नहीं जा सकता। ये घर चट्टानों के गोल पत्थरों के बीच छिपे होते…
आइबिस बिल नदियों की छोटी धाराओं के छोटे द्वीपों में अपना घोंसला बनाता है, जो चट्टानों के बड़े और छोटे पत्थरों के बीच छिपा होता है। तस्वीर- नीलांजन चटर्जी 
गर्मी के मौसम में दिल्ली के मयूर विहार में नारियल पानी बेचता एक व्यक्ति। तस्वीर- अंकुर जैन/विकीमीडिया कॉमन्स

नई रिपोर्ट में वैश्विक तापमान बढ़ने की आशंका, भारत में लू बनेगी घातक

संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट ने आशंका जताई है कि अगले पांच साल अब तक के सबसे गर्म हो सकते हैं। इस दौरान वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी 1.5 डिग्री…
गर्मी के मौसम में दिल्ली के मयूर विहार में नारियल पानी बेचता एक व्यक्ति। तस्वीर- अंकुर जैन/विकीमीडिया कॉमन्स
हिंद महासागर में डाला गया एक एफएडी। तस्वीर- ग्रीनपीस।

मछलियों को आकर्षित करने वाले उपकरणों से हिंद महासागर की टूना प्रजाति पर बढ़ता खतरा

हिंद महासागर में टूना मछलियों की तीन व्यावसायिक प्रजातियां पाई जाती हैं और इस समय तीनों की लुप्त होने की कगार पर हैं। दुनियाभर में टूना मछलियों के कारोबार के…
हिंद महासागर में डाला गया एक एफएडी। तस्वीर- ग्रीनपीस।
लुप्तप्राय जंगली जल भैंस (बुबलस अरनी)। तस्वीर- सेनाका सिल्वा/विकिमीडिया कॉमन्स 

नेपालः स्वादिष्ट मोमो के लिए घरेलू और जंगली भैंसों की क्रॉस-ब्रीडिंग, मुसीबत में लुप्तप्राय प्रजाति

तीखी सॉस के साथ परोसे जाने वाले मसालेदार मांसाहारी कीमा से भरे मोमो नेपाल और तिब्बत से निकल कर दुनिया भर में लोकप्रिय हो गए हैं। यह नेपाल के लोगों…
लुप्तप्राय जंगली जल भैंस (बुबलस अरनी)। तस्वीर- सेनाका सिल्वा/विकिमीडिया कॉमन्स 
अध्ययन के मुताबिक हिमालयी क्षेत्र में आठ से अधिक तीव्रता वाले भूकंपों को ट्रिगर करने के लिए पर्याप्त तनाव जमा हो गए हैं। तस्वीर- अब्दुलसयद/विकिमीडिया कॉमन्स

हिमालयी क्षेत्र की कमजोर स्थिति की चेतावनी देते इन इलाकों में बार-बार आते भूकंप

इस साल 21 मार्च को उत्तर भारत के कई राज्यों में लोगों ने भूकंप के तेज झटके महसूस किए और दिल्ली समेत उत्तरी राज्यों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों…
अध्ययन के मुताबिक हिमालयी क्षेत्र में आठ से अधिक तीव्रता वाले भूकंपों को ट्रिगर करने के लिए पर्याप्त तनाव जमा हो गए हैं। तस्वीर- अब्दुलसयद/विकिमीडिया कॉमन्स
मनुल को दुनिया की सबसे चिड़चिड़ी या गुस्सैल बिल्ली बताया जाता है। तस्वीर- क्रिस गॉडफ्रे

गुस्सैल बिल्ली, ‘मनुल’, की दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत पर हुई पुष्टि

डेविड एटनबरो ने एक बार बहुत कम दिखने वाली मनुल को दुनिया की सबसे चिड़चिड़ी या गुस्सैल बिल्ली बताया था। फर्ज करें कि आप एक गुस्सैल बिल्ली हैं, तो आप…
मनुल को दुनिया की सबसे चिड़चिड़ी या गुस्सैल बिल्ली बताया जाता है। तस्वीर- क्रिस गॉडफ्रे
बारिश के दौरान पुल से गुजरते लोग। तस्वीर-प्रसाद पिल्लई/विकिमीडिया कॉमन्स

भारतीय मॉनसून पर असर डालती उत्तरी ध्रुव की बदलती जलवायु

उत्तरी ध्रुव में पिछले एक हजार साल के ठंडे और गर्म मौसम के दौर को एक अध्ययन के जरिए फिर से बनाया या रीकंट्रस्ट किया गया है। इसमें पाया गया…
बारिश के दौरान पुल से गुजरते लोग। तस्वीर-प्रसाद पिल्लई/विकिमीडिया कॉमन्स
थूथुकुडी, तमिलनाडु में नमक के पैन। नमक अब उन कई स्रोतों में से एक है जिसके माध्यम से इंसान के शरीर में माइक्रोप्लास्टिक पहुंच रहा है। तस्वीर- राधा रंगराजन।

[वीडियो] समुद्री नमक में मिला माइक्रोप्लास्टिक, सेहत पर असर के लिए रिसर्च की जरूरत

समुद्र के इको-सिस्टम के लिए प्लास्टिक प्रदूषण चिंता का मुद्दा है। हालांकि, समुद्र में बहाए जाने वाले प्लास्टिक की मात्रा का सही अंदाजा लगाना कठिन है। लेकिन अनुमान है कि…
थूथुकुडी, तमिलनाडु में नमक के पैन। नमक अब उन कई स्रोतों में से एक है जिसके माध्यम से इंसान के शरीर में माइक्रोप्लास्टिक पहुंच रहा है। तस्वीर- राधा रंगराजन।
उत्तर प्रदेश से गुजरने वाली चंबल नदी किनारे धूप सेंकता इंडियन टेंट टर्टल कछुआ। तस्वीर- शार्प फोटोग्राफी/विकिमीडिया कॉमन्स

ताजे पानी के कछुओं की दो प्रजातियों के संरक्षण के लिए भारत के प्रस्ताव को मिला समर्थन

भारत ने विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके ताजे पाने के कछुओं की अपनी दो प्रजातियों के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने में अभूतपूर्व सफलता हासिल की…
उत्तर प्रदेश से गुजरने वाली चंबल नदी किनारे धूप सेंकता इंडियन टेंट टर्टल कछुआ। तस्वीर- शार्प फोटोग्राफी/विकिमीडिया कॉमन्स
शुष्क मौसम के दौरान उथली हो जाने वाली बांग्लादेश के जाफलोंग में स्थित गोयैन नदी गाद व तलछट को नीचे की ओर बहा ले जाती है। फोटो- डेविड स्टेनली वाया फ़्लिकर 

साझा जलमार्गों के बेहतर प्रबंधन से होगा भारत और बांग्लादेश को आर्थिक फायदा

भारत और बांग्लादेश के बीच के नदी मार्ग दोनों देशों के लिए आर्थिक और भौगोलिक स्तर पर काफी मायने रखते हैं। हालांकि पर्यावरण प्रबंधन से जुड़े मसलों ने इनमें से…
शुष्क मौसम के दौरान उथली हो जाने वाली बांग्लादेश के जाफलोंग में स्थित गोयैन नदी गाद व तलछट को नीचे की ओर बहा ले जाती है। फोटो- डेविड स्टेनली वाया फ़्लिकर 
पैंगोंग हिमनद झील, लद्दाख। पर्माफ्रॉस्ट डिग्रेडेशन हाइड्रोलॉजिकल सिस्टम में पर्याप्त बदलाव के लिए जिम्मेदार है। तस्वीर- वजाहत इकबाल/विकिमीडिया कॉमन्स।

खतरे की आहट: ग्लोबल वार्मिंग से हिमालय में भूमिगत हलचल

अप्रैल 2022 के अंत तक नेपाल के एवरेस्ट क्षेत्र में समुद्र तल से 3555 मीटर की ऊँचाई पर बेस शहर – नामचे बाज़ार – में जीवन और व्यवसाय पहले जैसा…
पैंगोंग हिमनद झील, लद्दाख। पर्माफ्रॉस्ट डिग्रेडेशन हाइड्रोलॉजिकल सिस्टम में पर्याप्त बदलाव के लिए जिम्मेदार है। तस्वीर- वजाहत इकबाल/विकिमीडिया कॉमन्स।
कार्बन उत्सर्जन की कीमत इसलिए है क्योंकि कार्बन आधारित गैसें, मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड है, उत्सर्जन में सबसे प्रचुर मात्रा में ग्रीनहाउस गैसें हैं। तस्वीर-  मार्सिनजोज़्विआक/पिक्साबे

कार्बन मूल्य-निर्धारण क्या है?

उन्नीस सौ बीस के दशक में एक ब्रिटिश अर्थशास्त्री आर्थर पिगौ ने उद्योगों को उनके द्वारा किए गए प्रदूषण की लागत के लिए भुगतान करने के सामाजिक लाभों पर प्रकाश…
कार्बन उत्सर्जन की कीमत इसलिए है क्योंकि कार्बन आधारित गैसें, मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड है, उत्सर्जन में सबसे प्रचुर मात्रा में ग्रीनहाउस गैसें हैं। तस्वीर-  मार्सिनजोज़्विआक/पिक्साबे
पेड़ों के भीतर छिपता हुआ हाथी। भारत की राष्ट्रीय जैव-विविधता कार्य योजना को लागू करने के लिए 12 अरब डॉलर वार्षिक का अनुमान लगाया गया है। तस्वीर- एस गोपीकृष्ण वारियर/मोंगाबे

जैव-विविधता वित्त और इसकी अहमियत

जैव-विविधता के संरक्षण के लिए पूंजी जुटाना और उसका प्रबंधन करना जैव विविधता वित्त या बायो डायवर्सिटी फाइनेंस है। यह संरक्षण वित्त के जैसे व्यापक विषय के तहत आता है,…
पेड़ों के भीतर छिपता हुआ हाथी। भारत की राष्ट्रीय जैव-विविधता कार्य योजना को लागू करने के लिए 12 अरब डॉलर वार्षिक का अनुमान लगाया गया है। तस्वीर- एस गोपीकृष्ण वारियर/मोंगाबे
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में सरसो के खेत। सीक्वेंस की जानकारी के आधार पर, स्टेवियोल ग्लाइकोसाइड्स का उत्पादन करने वाले जैवसंश्लेषण जीन पर पेटेंट का मालिकाना हक स्विस मुख्यालय वाली बायोटेक कंपनी इवोल्वा के पास है। तस्वीर- अभिजीत कर गुप्ता/विकिमीडिया कॉमन्स

कॉप15: छाया रहेगा डिजिटल जेनेटिक इन्फॉर्मेशन से समान लाभ का मुद्दा

संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (कॉप15) में डिजिटल सीक्वेंस इन्फॉर्मेशन (डीएसाई) पर जोरदार बहस चल रही है। सम्मेलन में शामिल सभी पक्ष जेनेटिक स्रोतों (डीएसाई) तक पहुंच और लाभ साझाकरण…
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में सरसो के खेत। सीक्वेंस की जानकारी के आधार पर, स्टेवियोल ग्लाइकोसाइड्स का उत्पादन करने वाले जैवसंश्लेषण जीन पर पेटेंट का मालिकाना हक स्विस मुख्यालय वाली बायोटेक कंपनी इवोल्वा के पास है। तस्वीर- अभिजीत कर गुप्ता/विकिमीडिया कॉमन्स
मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के समापन के दो सप्ताह बाद जैव विविधता शिखर सम्मेलन हो रहा है। तस्वीर: संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता/फ़्लिकर।

कॉप15: साल 2030 तक 30% जैव-विविधता को बचाने पर भारत का जोर, सहमति बनाना बड़ी चुनौती

संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (कॉप15) को लेकर आयोजक देश कनाडा में गहमागहमी बढ़ गई है। जैव विविधता को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए यहां ऐतिहासिक समझौते पर…
मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के समापन के दो सप्ताह बाद जैव विविधता शिखर सम्मेलन हो रहा है। तस्वीर: संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता/फ़्लिकर।
[व्याख्या] जस्ट ट्रांजिशन: जलवायु परिवर्तन की लड़ाई में पीछे छूटते लोगों की वकालत

जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन में तेजी: जी-7 के साथ साझेदारी से पहले कोयला श्रमिकों के हितों पर भारत को देना होगा ध्यान

हाल ही में जी-7 देशों ने इंडोनेशिया के साथ एक साझेदारी की घोषणा की है। इसका मकसद जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन (just energy transition) में तेजी लाते हुए जीवाश्म ईंधनों से…
[व्याख्या] जस्ट ट्रांजिशन: जलवायु परिवर्तन की लड़ाई में पीछे छूटते लोगों की वकालत