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मध्य भारत के एक टाइगर रिजर्व में एक बाघ। तस्वीर- समीर कुमार सिन्हा

[समीक्षा] बाघ के अतीत और वर्तमान की रोचक कहानियां बताती किताब ‘बाघ, विरासत और सरोकार’

“कथाओं के इस देश में  मैं भी एक कथा हूं एक कथा है बाघ भी इसलिए कई बार  जब उसे छिपने को नहीं मिलती  कोई ठीक-ठाक जगह तो वह धीरे-से…
मध्य भारत के एक टाइगर रिजर्व में एक बाघ। तस्वीर- समीर कुमार सिन्हा
थार रेगिस्तान में ऊंट को पानी पिलाता एक ग्रामीण। एक अनुमान है कि साल 2030 तक भारत में 1.5 ट्रिलियन क्यूबिक मीटर पानी की जरूरत होगी। तस्वीर- व्याचेस्लाव आर्जेनबर्ग / विकिमीडिया कॉमन्स

[कॉमेंट्री] स्थानीय स्तर पर पानी की सफाई से दूर होगा जल संकट

साल 2030 तक भारत में पानी की जरूरत 1.5 ट्रिलियन क्यूबिक मीटर तक पहुंच जाएगी। भारत में जितना सीवेज या अपशिष्ट जल निकलता है उसमें से सिर्फ 16.8 प्रतिशत की…
थार रेगिस्तान में ऊंट को पानी पिलाता एक ग्रामीण। एक अनुमान है कि साल 2030 तक भारत में 1.5 ट्रिलियन क्यूबिक मीटर पानी की जरूरत होगी। तस्वीर- व्याचेस्लाव आर्जेनबर्ग / विकिमीडिया कॉमन्स
मालवाहक जहाज का हवाई दृश्य। ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के दूसरे चरण (2026-27 से 2029-30) में, भारत ने ग्रीन हाइड्रोजन के व्यावसायीकरण को बढ़ाने और इसका इस्तेमाल शिपिंग और परिवहन जैसे क्षेत्रों तक बढ़ाने की योजना बनाई है। तस्वीर: टॉम फ्रिस्क/पेक्सल्स।

केंद्रीय बजट में ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने पर जोर लेकिन चुनौतियों से निपटना जरूरी

एक फरवरी , 2023 को केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन शुरू करने की बहुप्रतीक्षित घोषणा की। मिशन के तहत, सरकार की…
मालवाहक जहाज का हवाई दृश्य। ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के दूसरे चरण (2026-27 से 2029-30) में, भारत ने ग्रीन हाइड्रोजन के व्यावसायीकरण को बढ़ाने और इसका इस्तेमाल शिपिंग और परिवहन जैसे क्षेत्रों तक बढ़ाने की योजना बनाई है। तस्वीर: टॉम फ्रिस्क/पेक्सल्स।
उत्तर प्रदेश के कई किसानों की भारी बारिश के चलते फसल बर्बाद हो गई, लेकिन खेत पर मालिकाना हक न होने की वजह से फसल के नुकसान के बाद उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला। तस्वीर- अरविंद शुक्ला

[वीडियो] मौसम की मार से फसल बर्बाद होने के बावजूद मुआवजे से वंचित भूमिहीन किसान

उत्तर प्रदेश में सीतापुर जिले के तुरकौली गांव में रहने वाले 64 वर्षीय किसान राम सागर की अक्टूबर 2022 में भारी और बेमौसम बारिश के कारण साढ़े तीन एकड़ धान…
उत्तर प्रदेश के कई किसानों की भारी बारिश के चलते फसल बर्बाद हो गई, लेकिन खेत पर मालिकाना हक न होने की वजह से फसल के नुकसान के बाद उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला। तस्वीर- अरविंद शुक्ला
उत्तर प्रदेश से गुजरने वाली चंबल नदी किनारे धूप सेंकता इंडियन टेंट टर्टल कछुआ। तस्वीर- शार्प फोटोग्राफी/विकिमीडिया कॉमन्स

ताजे पानी के कछुओं की दो प्रजातियों के संरक्षण के लिए भारत के प्रस्ताव को मिला समर्थन

भारत ने विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके ताजे पाने के कछुओं की अपनी दो प्रजातियों के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने में अभूतपूर्व सफलता हासिल की…
उत्तर प्रदेश से गुजरने वाली चंबल नदी किनारे धूप सेंकता इंडियन टेंट टर्टल कछुआ। तस्वीर- शार्प फोटोग्राफी/विकिमीडिया कॉमन्स
शुष्क मौसम के दौरान उथली हो जाने वाली बांग्लादेश के जाफलोंग में स्थित गोयैन नदी गाद व तलछट को नीचे की ओर बहा ले जाती है। फोटो- डेविड स्टेनली वाया फ़्लिकर 

साझा जलमार्गों के बेहतर प्रबंधन से होगा भारत और बांग्लादेश को आर्थिक फायदा

भारत और बांग्लादेश के बीच के नदी मार्ग दोनों देशों के लिए आर्थिक और भौगोलिक स्तर पर काफी मायने रखते हैं। हालांकि पर्यावरण प्रबंधन से जुड़े मसलों ने इनमें से…
शुष्क मौसम के दौरान उथली हो जाने वाली बांग्लादेश के जाफलोंग में स्थित गोयैन नदी गाद व तलछट को नीचे की ओर बहा ले जाती है। फोटो- डेविड स्टेनली वाया फ़्लिकर 
मणिपुर का लोकतक तालाब 38 स्थानीय मछलियों का घर है। वेटलैंड्स जैव-विविधता को पनाह देने के साथ-साथ इंसानों के लिए रोजगार के मौके भी प्रदान करता है। तस्वीर- कार्तिक चंद्रमौली/मोंगाबे-हिन्दी

आर्थिक सर्वेक्षण: जलवायु वित्त पर भारत का जोर, जी-20 में विकासशील देशों के रुख को मिलेगी मजबूती

भारत ने संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण के जरिए विकासशील देशों के लिए ग्रीन फाइनेंस (पर्यावरण को बचाने के लिए धन की व्यवस्था) की खातिर मुखरता से अपनी बात रखी है। इसमें कहा गया है…
मणिपुर का लोकतक तालाब 38 स्थानीय मछलियों का घर है। वेटलैंड्स जैव-विविधता को पनाह देने के साथ-साथ इंसानों के लिए रोजगार के मौके भी प्रदान करता है। तस्वीर- कार्तिक चंद्रमौली/मोंगाबे-हिन्दी
पैंगोंग हिमनद झील, लद्दाख। पर्माफ्रॉस्ट डिग्रेडेशन हाइड्रोलॉजिकल सिस्टम में पर्याप्त बदलाव के लिए जिम्मेदार है। तस्वीर- वजाहत इकबाल/विकिमीडिया कॉमन्स।

खतरे की आहट: ग्लोबल वार्मिंग से हिमालय में भूमिगत हलचल

अप्रैल 2022 के अंत तक नेपाल के एवरेस्ट क्षेत्र में समुद्र तल से 3555 मीटर की ऊँचाई पर बेस शहर – नामचे बाज़ार – में जीवन और व्यवसाय पहले जैसा…
पैंगोंग हिमनद झील, लद्दाख। पर्माफ्रॉस्ट डिग्रेडेशन हाइड्रोलॉजिकल सिस्टम में पर्याप्त बदलाव के लिए जिम्मेदार है। तस्वीर- वजाहत इकबाल/विकिमीडिया कॉमन्स।
गुमला जिले के गुनिया गांव के सीताराम उरांव अपने तरबूज के खेत में काम कर रहे हैं। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे

सर्द रातों में सिंचाई की समस्या का समाधान बनती सौर बिजली

राजस्थान के गंगानगर जिले में लुढ़कता पारा नए रिकॉर्ड बना रहा है। हालात ऐसे हैं कि लोग गर्म रजाई में भी ठिठुर रहे हैं। ऐसे वक्त में मोहनपुरा गांव के…
गुमला जिले के गुनिया गांव के सीताराम उरांव अपने तरबूज के खेत में काम कर रहे हैं। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे
कार्बन उत्सर्जन की कीमत इसलिए है क्योंकि कार्बन आधारित गैसें, मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड है, उत्सर्जन में सबसे प्रचुर मात्रा में ग्रीनहाउस गैसें हैं। तस्वीर-  मार्सिनजोज़्विआक/पिक्साबे

कार्बन मूल्य-निर्धारण क्या है?

उन्नीस सौ बीस के दशक में एक ब्रिटिश अर्थशास्त्री आर्थर पिगौ ने उद्योगों को उनके द्वारा किए गए प्रदूषण की लागत के लिए भुगतान करने के सामाजिक लाभों पर प्रकाश…
कार्बन उत्सर्जन की कीमत इसलिए है क्योंकि कार्बन आधारित गैसें, मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड है, उत्सर्जन में सबसे प्रचुर मात्रा में ग्रीनहाउस गैसें हैं। तस्वीर-  मार्सिनजोज़्विआक/पिक्साबे