Articles by Manish Chandra Mishra

ताजमहल के बगल में बहती यमुना नदी। तस्वीर- एस. गोपीकृष्ण वारियर/मोंगाबे

ताजमहल की खूबसूरती में चार चांद लगाने वाली यमुना अब इसके बदरंग होने की जिम्मेदार

आगरा में ताजमहल देखने आने वाले लोग काफी समय से यह शिकायत करते हैं कि इस परिसर में एक खास तरह की दुर्गंध आती है। दुनिया के सात अजूबों में…
ताजमहल के बगल में बहती यमुना नदी। तस्वीर- एस. गोपीकृष्ण वारियर/मोंगाबे
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बैलाडीला लौह अयस्क खदानों का एक दृश्य। तस्वीर- सुरेश यादव

छत्तीसगढ़ में लौह अयस्क के खनन के लिए जंगलों की कटाई

छत्तीसगढ़ में एक बड़े हिस्से में जंगल है जो न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर की आबोहवा के लिए जरूरी है। पर राज्य में लौह अयस्क का प्रचूर भंडार भी…
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बैलाडीला लौह अयस्क खदानों का एक दृश्य। तस्वीर- सुरेश यादव
वेटलैंड की रक्षा के लिए प्रकृति-आधारित समाधानों ने जल सुरक्षा में सुधार, जैव विविधता में वृद्धि, और एक विकासशील शहर में एक सार्वजनिक स्थान की रक्षा करने में मदद की है। शुचिता झा/मोंगाबे

[वीडियो] कितना सफल रहा भोपाल की बड़ी झील में दो दशक लंबा संरक्षण का प्रयास?

सुबह के सात बज रहे हैं। लेकिन भोपाल के बोरवन जंगल में रात का अंधेरा पेड़ों की ओट में छिपा बैठा है। चिड़ियों की चहचहाहट के बीच अपनी सेहत को…
वेटलैंड की रक्षा के लिए प्रकृति-आधारित समाधानों ने जल सुरक्षा में सुधार, जैव विविधता में वृद्धि, और एक विकासशील शहर में एक सार्वजनिक स्थान की रक्षा करने में मदद की है। शुचिता झा/मोंगाबे
कश्मीर में खननः [वीडियो] नदी किनारे खनन से संकट में कश्मीर की मछलियां

[वीडियो] नदी किनारे खनन से संकट में कश्मीर की मछलियां

कश्मीर की मीठे पानी की धाराओं में जलीय जीवन खतरे में है। इसकी वजह है-बेतहाशा खनन। झेलम नदी और उसकी सहायक नदियों में बजरी, बोल्डर और रेत निकालने के लिए…
कश्मीर में खननः [वीडियो] नदी किनारे खनन से संकट में कश्मीर की मछलियां
उत्तराखंड की वादियों में लगे सोलर पैनल्स। तस्वीर- वर्षा सिंह।

सौर ऊर्जा से पूरी हो सकती है उत्तराखंड की ऊर्जा जरूरत

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं का डर हमेशा बना ही रहता है। वैसे तो इसके लिए अन्य प्राकृतिक वजहें भी हैं पर अब इसके साथ यहां जलवायु परिवर्तन का प्रभाव भी…
उत्तराखंड की वादियों में लगे सोलर पैनल्स। तस्वीर- वर्षा सिंह।
हैदराबाद में एक इलेक्ट्रिक बस स्टैंड। आंकड़े बताते है की तेलंगाना राज्य मे देश मे ईवी के लिए सबसे ज्यादा चार्जिंग पॉइंट्स है। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे

नीति आयोग के निर्देश के तीन साल बाद भी इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर नीति नहीं बना पा रहे राज्य

नीति आयोग ने 2018 मे सभी राज्यो को खुद की इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाने के लिए कहा था। अब 2022 आने को है पर छत्तीसगढ़ जैसे राज्य अभी तक, इस…
हैदराबाद में एक इलेक्ट्रिक बस स्टैंड। आंकड़े बताते है की तेलंगाना राज्य मे देश मे ईवी के लिए सबसे ज्यादा चार्जिंग पॉइंट्स है। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे
फ्राइडे फॉर फ्यूचर नामक समूह ने कॉप 26 सम्मेलन स्थल के बाहर मार्च में हिस्सा लिया। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे

कॉप-26: ग्लासगो वार्ता में बेचे गए बस सपने, आर्थिक मदद और ठोस कार्रवाई नदारद

दो सप्ताह की बातचीत के बाद ग्लासगो में चल रहा संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन शनिवार को समाप्त हो गया।  आखिर में जो हासिल हुआ उसे आयोजकों ने उपलब्धि बताई…
फ्राइडे फॉर फ्यूचर नामक समूह ने कॉप 26 सम्मेलन स्थल के बाहर मार्च में हिस्सा लिया। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे
हरियाणा स्थित एक थर्मल पावर प्लांट। विशेषज्ञ मानते हैं कि कोयला संकट के पीछे की असल वजह पावर प्लांट की माली हालत और ढुलाई से जुड़ी दिक्कतें हैं। तस्वीर- विक्रमदीप सिधु/विकिमीडिया कॉमन्स

कोयला से बिजली पैदा होने वाले संयंत्रों को बंद करना चुनौतीपूर्ण काम, एनजीटी के आदेश पर तैयार हुआ दिशानिर्देश

भारत फॉशिल फ्यूल आधारित ऊर्जा से गैर परंपरागत ऊर्जा यानी अक्षय ऊर्जा की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में कोयले से चलने वाले कई…
हरियाणा स्थित एक थर्मल पावर प्लांट। विशेषज्ञ मानते हैं कि कोयला संकट के पीछे की असल वजह पावर प्लांट की माली हालत और ढुलाई से जुड़ी दिक्कतें हैं। तस्वीर- विक्रमदीप सिधु/विकिमीडिया कॉमन्स
क्लाइमेट जस्टिस की मांग को लेकर ग्लासगो में कॉप 26 सम्मेलन स्थल पर प्रदर्शन करते प्रदर्शनकारी। तस्वीर- सौम्य सरकार/मोंगाबे

कॉप-26: मौसमी आपदाएं बढ़ रहीं हैं, क्या लॉस एंड डैमेज को लेकर बात होगी!

ग्लासगो में चल रहा संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन अब खत्म होने की कगार पर है। अब इस समझौते में सक्रिय राजनयिक और वार्ताकार के बीच इस बात को लेकर जद्दोजहद…
क्लाइमेट जस्टिस की मांग को लेकर ग्लासगो में कॉप 26 सम्मेलन स्थल पर प्रदर्शन करते प्रदर्शनकारी। तस्वीर- सौम्य सरकार/मोंगाबे
खेत पर कटाई करते मजदूर। इलाके में बाघ की इतनी दहशत है कि किसानों को कम काम के लिए भी अधिक मात्रा में मजदूर रखने की जरूरत होती है, ताकि बाघ के हमले से बचा जा सके। तस्वीर- सौरभ कटकुरवार

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 30 साल बाद फिर दिखने लगे बाघ, इंसानों के साथ संघर्ष शुरू

हाल के वर्षों तक महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में स्थानीय लोग बेफिक्र होकर जंगल में चले जाया करते थे। जलावन की लकड़ी हो, फल-फूल इकट्ठा करना हो या अपने खेतों में…
खेत पर कटाई करते मजदूर। इलाके में बाघ की इतनी दहशत है कि किसानों को कम काम के लिए भी अधिक मात्रा में मजदूर रखने की जरूरत होती है, ताकि बाघ के हमले से बचा जा सके। तस्वीर- सौरभ कटकुरवार
23-वर्षीय एलिस बरवा ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन में आदिवासी युवाओं का प्रतिनिधित्व किया। उनके नेतृत्व में गांव छोड़ब नहीं और हसदेव अरण्य बचाओ जैसे पोस्टर्स प्रदर्शनी में शामिल किए गए। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे

कॉप-26 में गूंजा ‘गांव छोड़ब नहीं’ की धुन, युवाओं ने भी संभाला मोर्चा

यह ग्लासगो में जलवायु सम्मेलन कॉप 26 का दूसरा सप्ताह है। विश्व के नेताओं ने ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने की आवश्यकता के साथ अपने देशों…
23-वर्षीय एलिस बरवा ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन में आदिवासी युवाओं का प्रतिनिधित्व किया। उनके नेतृत्व में गांव छोड़ब नहीं और हसदेव अरण्य बचाओ जैसे पोस्टर्स प्रदर्शनी में शामिल किए गए। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे
ग्लासगो शहर में चल रहे कॉप 26 शिखर वार्ता के दौरान कई तरह के विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ब्ला ब्ला ब्लाह के पोस्टर यहां काफी देखे जा रहे हैं, जिसका अर्थ है सम्मेलन में वैश्विक नेता बे मतलब की बातें कर रहे हैं, जबकि युवा तत्काल जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कार्रवाई चाहते हैं। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे

कॉप-26: बढ़ते प्राकृतिक आपदा के बीच क्या ग्लासगो भी एक खानापूर्ति का मंच बनकर रह जाएगा?

शनिवार और रविवार को ग्लासगो की सड़कों पर खासा रौनक थी। दुनिया भर से आए हजारों हजार लोग रंगीन पोस्टर, गीत-संगीत, नारेबाजी के माध्यम से कॉप-26 में मौजूद राजनीतिज्ञों, उद्योगपतियों…
ग्लासगो शहर में चल रहे कॉप 26 शिखर वार्ता के दौरान कई तरह के विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ब्ला ब्ला ब्लाह के पोस्टर यहां काफी देखे जा रहे हैं, जिसका अर्थ है सम्मेलन में वैश्विक नेता बे मतलब की बातें कर रहे हैं, जबकि युवा तत्काल जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कार्रवाई चाहते हैं। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे
हर साल मई के तीसरे सप्ताह में धान के खेतों की जुताई से पहले गांव के बुजुर्ग मछली पकड़ने जाने के लिए एक दिन चुनते हैं। साथ ही, वे पंजथ नाग झरने की सफाई भी करते हैं। तस्वीर- वसीम दार

कश्मीर: मछली पकड़ने के उत्सव से जुड़ा एक झरने का अस्तित्व

कश्मीर की वादियों में एक ऐसा भी गांव है जहां साल में एक बार सभी बच्चे-बूढ़े मछली पकड़ने के लिए छुट्टी लेते हैं। प्रथम दृष्टया यह कहानी बीते दिनों की…
हर साल मई के तीसरे सप्ताह में धान के खेतों की जुताई से पहले गांव के बुजुर्ग मछली पकड़ने जाने के लिए एक दिन चुनते हैं। साथ ही, वे पंजथ नाग झरने की सफाई भी करते हैं। तस्वीर- वसीम दार
तमिलनाडु स्थित एक ताप ऊर्जा संयंत्र। कोविड-19 महामारी का प्रकोप कम होने पर ऊर्जा जरूरत की पूर्ति के लिए भारत में कोयले की खपत बढ़ी है। तस्वीर- राजकुमार/विकिमीडिया कॉमन्स 

कॉप-26 और भारत: वैश्विक कार्बन बजट, न्याय की लड़ाई और विकासशील देशों का नेतृत्व

कोविड-19 महामारी की वजह से विश्व भर में लगे लॉकडाउन ने कार्बन उत्सर्जन में थोड़ी कमी जरूर की थी। पर वैश्विक अर्थव्यवस्था खुलने के साथ उत्सर्जन भी तेजी से बढ़ा…
तमिलनाडु स्थित एक ताप ऊर्जा संयंत्र। कोविड-19 महामारी का प्रकोप कम होने पर ऊर्जा जरूरत की पूर्ति के लिए भारत में कोयले की खपत बढ़ी है। तस्वीर- राजकुमार/विकिमीडिया कॉमन्स 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को सौर ऊर्जा ग्रिड के पहले अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के की घोषणा की। इसे ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव – वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड के रूप में सामने रखा गया। तस्वीर- संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन/कियारा वर्थ

कॉप-26: ग्रीन ग्रिड के सपने की राह में खड़ी हैं ढेरों तकनीकी और राजनैतिक चुनौतियां

ग्लासगो में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में भारत और यूके द्वारा स्वच्छ ऊर्जा के विस्तार के बाबत दुनिया के बिजली पावर ग्रिड को जोड़ने की संयुक्त पहल…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को सौर ऊर्जा ग्रिड के पहले अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के की घोषणा की। इसे ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव – वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड के रूप में सामने रखा गया। तस्वीर- संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन/कियारा वर्थ
पवन चक्की से कुछ दूर जलावन के लिए लकड़ियां इकट्ठा करता एक किसान। नेट जीरो को लेकर भारत की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जानकारों की राय है कि वर्तमान स्थिति में भारत की नीति निर्माण में भारी विरोधाभास है। तस्वीर- वेस्तास/याहू/फ्लिकर

कॉप 26: नेट-जीरो की घोषणा कर भारत ने ग्लासगो क्लाइमेट सम्मेलन में किया ऊर्जा का संचार

ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र का जलवायु सम्मेलन की शुरुआत में ही एक बड़ा मोड़ आया जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बड़ी घोषणाएं की और दुनिया को चौंका…
पवन चक्की से कुछ दूर जलावन के लिए लकड़ियां इकट्ठा करता एक किसान। नेट जीरो को लेकर भारत की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जानकारों की राय है कि वर्तमान स्थिति में भारत की नीति निर्माण में भारी विरोधाभास है। तस्वीर- वेस्तास/याहू/फ्लिकर

नदियां कैसे बन गई प्लास्टिक कचरे की हाइवे, हरिद्वार, आगरा और प्रयागराज में हुआ सर्वे

गंगा नदी में प्लास्टिक कचरे के स्रोत को समझने के लिए हाल ही में उत्तर भारत के तीन शहरों में एक सर्वे किया गया। इससे सामने आया कि 10 से…
उत्तराखंड के रामगढ़ तल्ला में तबाही के अवशेष। तस्वीर- त्रिलोचन भट्ट

बेमौसम बरसात से तबाह उत्तराखंड, जान-माल की भारी क्षति, केरल में भी बड़ी तबाही

मॉनसून बीत चुका था और उत्तराखंड में सामान्य जन-जीवन पटरी पर लौटने लगा था। इस बार 117 दिन तक सक्रिय रहे मॉनसून के बाकायदा, विदा होने की घोषणा हो चुकी…
उत्तराखंड के रामगढ़ तल्ला में तबाही के अवशेष। तस्वीर- त्रिलोचन भट्ट
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में जंगल से सटे गांव के खेत। ऐसे गांव में किसान पुश्तों से खेती करते आ रहे हैं, लेकिन वनाधिकार कानून के ठीक से लागू न होने की वजह से उनके अधिकार छिनने का खतरा है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

[कॉमेंट्री] बीते सदी में वन अधिकार को लेकर बदलता नजरिया और उससे जूझते लोग

कोविड-19 के दौरान न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया था कि जब तक कोरोना है तब तक लोगों उनके रहवास से बेदखल नहीं किया जाए। उदाहरण के लिए जबलपुर उच्च न्यायालय…
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में जंगल से सटे गांव के खेत। ऐसे गांव में किसान पुश्तों से खेती करते आ रहे हैं, लेकिन वनाधिकार कानून के ठीक से लागू न होने की वजह से उनके अधिकार छिनने का खतरा है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे
बैनर तस्वीर: हंगुल का झुंड। तस्वीर- ताहिरशॉल/विकिमीडिया कॉमन्स

[वीडियो] बढ़ने लगी कश्मीर के राजकीय पशु हंगुल की आबादी, भोजन और आवास की कमी अब भी चुनौती

हंगुल या कश्मीरी हिरण की गिरती संख्या चिंता का सबब रहा है। पर मार्च 2021 में सामने आई संख्या उत्साहजनक है। वन्यजीव संरक्षण विभाग के अनुसार, लुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल…
बैनर तस्वीर: हंगुल का झुंड। तस्वीर- ताहिरशॉल/विकिमीडिया कॉमन्स
कोणार्क में लगा सौर ऊर्जा से संचालित वाटर एटीएम। शहर मे 40 सौर पेयजल एटीएम लगाने का लक्ष्य था। इसमें 25 एटीएम ने काम करना भी शुरू भी कर दिया है। तस्वीर- मनीष कुमार

ओडिशा: कोणार्क के सोलर योजना के लिए काटे जाएंगे कालाहांडी के वृक्ष

पिछले एक दशक से विपुल बहेरा कोणार्क मंदिर के पास अपनी एक छोटी सी दुकान चला रहे हैं। कोणार्क मंदिर, भारत के उन 3,691 इमारतों में शामिल है जिसका संरक्षण…
कोणार्क में लगा सौर ऊर्जा से संचालित वाटर एटीएम। शहर मे 40 सौर पेयजल एटीएम लगाने का लक्ष्य था। इसमें 25 एटीएम ने काम करना भी शुरू भी कर दिया है। तस्वीर- मनीष कुमार
साबरमती नदी किनारे स्थित थर्मल पावर स्टेशन। देश में कोयले की कमी की चर्चा के बीच कई ऊर्जा संयंत्र बंद होने की कगार पर हैं। तस्वीर- कोशी/विकिमीडिया कॉमन्स

क्या देश में कोयला संकट से तैयार हो रहा कानूनों में परिवर्तन का रास्ता?

पिछले कुछ दिनों से, देश के ताप विद्युत संयत्रों में कोयले की कमी की चर्चा जोरों पर है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इसकी वजह से देश में…
साबरमती नदी किनारे स्थित थर्मल पावर स्टेशन। देश में कोयले की कमी की चर्चा के बीच कई ऊर्जा संयंत्र बंद होने की कगार पर हैं। तस्वीर- कोशी/विकिमीडिया कॉमन्स
महाराष्ट्र के सतारा में बाढ़ के दौरान बह चुकी सड़क। इस बात के प्रमाण बढ़ रहे हैं कि दक्षिण-पश्चिम मानसून में बारिश के दिनों की संख्या कम होती है लेकिन कुछ दिनों में भारी से अत्यधिक बारिश होती है जिससे शहरी क्षेत्रों में बाढ़ आती है और गांवों में फसलों को नुकसान होता है। तस्वीर- वर्षा देशपांडे/विकिमीडिया कॉमन्स

मॉनसून 2021: मौसम की चरम घटनाएं अब होती जा रहीं हैं सामान्य

कभी-कभी आंकड़े सच्चाई दिखाने की बजाय छिपा ले जाते हैं। इस साल के मानसून को ही लें। बीते सितंबर महीने में, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 2021 के मानसून को…
महाराष्ट्र के सतारा में बाढ़ के दौरान बह चुकी सड़क। इस बात के प्रमाण बढ़ रहे हैं कि दक्षिण-पश्चिम मानसून में बारिश के दिनों की संख्या कम होती है लेकिन कुछ दिनों में भारी से अत्यधिक बारिश होती है जिससे शहरी क्षेत्रों में बाढ़ आती है और गांवों में फसलों को नुकसान होता है। तस्वीर- वर्षा देशपांडे/विकिमीडिया कॉमन्स
वर्ष 2020 में तीन लाख से अधिक पर्यटक सुंदर नर्सरी देखने आए। कोविड महामारी के दौरान इतनी भारी संख्या में पर्यटकों का आना अच्छा संकेत है। तस्वीर- अर्चना सिंह

दिल्ली की सुंदर नर्सरी: बंजर जमीन से प्रसिद्ध हेरिटेज पार्क तक का सुंदर सफर

देश के अधिकतर शहर धीरे-धीरे कॉन्क्रीट के जंगल बनते जा रहे हैं। ऐसे ही माहौल के बीच दिल्ली में 90 एकड़ में फैली सुंदर नर्सरी, राहत की सांस देती है। …
वर्ष 2020 में तीन लाख से अधिक पर्यटक सुंदर नर्सरी देखने आए। कोविड महामारी के दौरान इतनी भारी संख्या में पर्यटकों का आना अच्छा संकेत है। तस्वीर- अर्चना सिंह
पिछले दो दशकों में उत्तराखंड ने 1,200 से अधिक तेंदुओं को खोया है। तस्वीर- डेविड राजू/विकिमीडिया कॉमन्स

उत्तराखंड में तेंदुओं के साथ जीवन और जिम कार्बेट की विरासत

लगभग सौ साल पुरानी बात है। एक आदमखोर तेंदुए ने रुद्रप्रयाग के क्षेत्र में भारी तबाही मचा रखी थी। आठ साल में कम से कम 125 लोगों की जान लेने…
पिछले दो दशकों में उत्तराखंड ने 1,200 से अधिक तेंदुओं को खोया है। तस्वीर- डेविड राजू/विकिमीडिया कॉमन्स
भारत सरकार के आदिवासी मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार में फरवरी, 2021 तक वनाधिकार को लेकर सिर्फ 8022 दावे पेश किये गये थे, दिलचस्प है कि इनमें से बिहार सरकार ने सिर्फ 121 दावों को स्वीकृत किया है। तस्वीर- जगदरी/फ्लिकर

[वीडियो] 13 साल बाद भी बिहार में सिर्फ 121 परिवार हासिल कर पाये वनाधिकार

दीपनारायण प्रसाद कहते हैं, हमारे इलाके से सात से आठ हजार के करीब लोगों ने वनाधिकार पट्टे के लिए आवेदन दिया था। मगर मेरी जानकारी में वाल्मिकीनगर के जंगल में…
भारत सरकार के आदिवासी मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार में फरवरी, 2021 तक वनाधिकार को लेकर सिर्फ 8022 दावे पेश किये गये थे, दिलचस्प है कि इनमें से बिहार सरकार ने सिर्फ 121 दावों को स्वीकृत किया है। तस्वीर- जगदरी/फ्लिकर
बाघ की तलाश में हाथी के साथ महावत। बाघ वाले जंगल में गश्ती के लिए हाथी बेहद जरूरी है। तस्वीर- कल्याण वर्मा/विकिमीडिया कॉमन्स

[वीडियो] मध्यप्रदेश में पालतू हाथियों की कमी से बाघ संरक्षण में आ रही हैं मुश्किलें

इस साल जनवरी में एक बाघ मध्य प्रदेश के हरदा जिले स्थित केलझिरी वन के एक गांव में घुस आया। तीन दिन में ही बाघ ने इंसानों पर तीन बार…
बाघ की तलाश में हाथी के साथ महावत। बाघ वाले जंगल में गश्ती के लिए हाथी बेहद जरूरी है। तस्वीर- कल्याण वर्मा/विकिमीडिया कॉमन्स
समुद्री स्पंज (Porifera sp.) तस्वीर- सारंग नायक

मुंबई की चकाचौंध में छिप जाता है शहर का यह खूबसूरत पक्ष

हम समूह में खड़े थे और समुद्र से निकलने वाली एक तेज गंध हमें बेचैन कर रही थी। हमें यात्रा की शुरुआत के पहले यह समझाया जा रहा था कि…
समुद्री स्पंज (Porifera sp.) तस्वीर- सारंग नायक
उत्तराखंड की वादियों में लगे सोलर पैनल्स। राज्य सरकार ने कोविड-19 की वजह से बेरोजगार हुए लोगों को पलायन से रोकने के लिए सौर स्वरोज़गार योजना की शुरुआत की थी। तस्वीर- वर्षा सिंह

[वीडियो] उत्तराखंड: सौर स्वरोज़गार योजना की इस रफ़्तार से कैसे रुकेंगे रोज़गार की तलाश कर रहे प्रवासी

पर्वतीय ज़िले पौड़ी के कोट ब्लॉक के कोट गांव के सागर रावत की दिल्ली की आईटी कंपनी की नौकरी छूट गई थी। वह बताते हैं, “लॉकडाउन की वजह से मेरे…
उत्तराखंड की वादियों में लगे सोलर पैनल्स। राज्य सरकार ने कोविड-19 की वजह से बेरोजगार हुए लोगों को पलायन से रोकने के लिए सौर स्वरोज़गार योजना की शुरुआत की थी। तस्वीर- वर्षा सिंह
उत्तरप्रदेश के चित्रकूट में यह तालाब मनरेगा के तहत महिला मजदूरों ने मिलकर बनाया है। तस्वीर- यूएन वुमन/ गगनजीत सिंह चंडोक

बेरोजगारी के साथ जलवायु परिवर्तन से जंग में भी मददगार है मनरेगा

जब भी देश की अर्थव्यवस्था पर दबाव बनता है तो महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत काम की मांग बढ़ जाती है। वह सूखे जैसी प्राकृतिक आपदा…
उत्तरप्रदेश के चित्रकूट में यह तालाब मनरेगा के तहत महिला मजदूरों ने मिलकर बनाया है। तस्वीर- यूएन वुमन/ गगनजीत सिंह चंडोक