Articles by Manish Chandra Mishra

अंडमान की गुफाओं में एडिबल नेस्ट स्विफ्टलेट (ऐरोड्रमस फुकीफगस) नामक पक्षी पाई जाती है। तस्वीर- SACON

गहराते जलवायु संकट के मद्देनजर भारतीय वैज्ञानिकों ने की गुफाओं को संरक्षित करने की अपील

जस्टिन सुमित कुमार का काम अंधेरी गुफाओं की खाक छानना है, लेकिन उनकी दिनचर्या काफी दिलचस्प और रोमांचक होती है। इस समय वह अंडमान की अंधेरी गुफाओं में एक वैज्ञानिक…
अंडमान की गुफाओं में एडिबल नेस्ट स्विफ्टलेट (ऐरोड्रमस फुकीफगस) नामक पक्षी पाई जाती है। तस्वीर- SACON
कारगिल के जंस्कर स्थित एक प्रोग्लेशियल झील। तस्वीर- इरफ़ान राशिद

[व्याख्या] ग्लेशियल झील में बाढ़ का विस्फोट क्यों होता है और वह हिमालय को किस तरह से प्रभावित करता है?

हिमालय क्षेत्र झीलों के अचानक टूटने से भीषण आपदा आती है। इसे अंग्रेजी में जीएलओएफ कहते हैं। जीएलओएफ का मतलब ग्लेशियल लेक आउटब्रस्ट फ्लड यानी हिमनद झील की वजह से…
कारगिल के जंस्कर स्थित एक प्रोग्लेशियल झील। तस्वीर- इरफ़ान राशिद
नेपाल के पहले पक्षी अभयारण्य में ग्रेट हॉर्नबिल, सारस और भारतीय चिततीदार चील जैसे पक्षियों को आसरा मिल रहा है। तस्वीर- प्रताप गुरुंग/विकिमीडिया कॉमन्स

यह है नेपाल का पहला पक्षी अभयारण्य, भारतीय पर्यटकों के लिए नया आकर्षण

भारत-नेपाल की सीमा पर स्थित घोड़ाघोड़ी वेटलैंड की पहचान एक रामसर स्थल के रूप में होती है। यह स्थान नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत (सुदूरपश्चिम प्रदेश) में है। सुदूरपश्चिम नेपाल…
नेपाल के पहले पक्षी अभयारण्य में ग्रेट हॉर्नबिल, सारस और भारतीय चिततीदार चील जैसे पक्षियों को आसरा मिल रहा है। तस्वीर- प्रताप गुरुंग/विकिमीडिया कॉमन्स
लद्दाख के इस इलाके के लोग भेड़ियों का शिकार करने के लिए शंडोंग का प्रयोग करते रहे हैं। यह एक उल्टा कीप आकार का गड्ढा होता है जिसमें भेड़ियों को फंसाया जाता है। हालांकि, संरक्षण की कोशिशों की वजह से अब ज्यादातर शंडोंग काम नहीं कर रहे हैं। तस्वीर- करमा सोनम

जानलेवा शंडोंग से शांति देने वाले स्तूप तक: लद्दाख में भेड़ियों के संरक्षण की कहानी

आज से चार दशक पहले सर्दी की एक सुबह एक 10-12 साल का लड़का लद्दाख के बीहड़ क्षेत्र में अपने पिता के साथ घोड़े पर यात्रा कर रहा था। वे…
लद्दाख के इस इलाके के लोग भेड़ियों का शिकार करने के लिए शंडोंग का प्रयोग करते रहे हैं। यह एक उल्टा कीप आकार का गड्ढा होता है जिसमें भेड़ियों को फंसाया जाता है। हालांकि, संरक्षण की कोशिशों की वजह से अब ज्यादातर शंडोंग काम नहीं कर रहे हैं। तस्वीर- करमा सोनम
पर्याप्त मशरूम इकट्ठा करने के बाद स्थानीय लोग इसे एक साथ किसी रस्सी में माला की तरह गुंथकर रखते हैं। उसके बाद इसे धूप में सुखाने के लिए टांग दिया जाता है। तस्वीर- जिज्ञासा मिश्रा

मुश्किल हो रहा हिमालयी मशरूम गुच्छी का संग्रह, बढ़ता हुआ तापमान है जिम्मेदार

शिमला के कोटी की रहने वाली रीना देवी पिछले साल तक घर के नजदीक के जंगल में दिन में 6-7 घंटे बिताती थीं। वे गुच्छी चुनने के लिये घर से…
पर्याप्त मशरूम इकट्ठा करने के बाद स्थानीय लोग इसे एक साथ किसी रस्सी में माला की तरह गुंथकर रखते हैं। उसके बाद इसे धूप में सुखाने के लिए टांग दिया जाता है। तस्वीर- जिज्ञासा मिश्रा
संगनारा गांव के 1400 लोगों की आबादी मुख्य रूप से खेती और पशुपालन के साथ गोंद जैसे वनोपज बेचकर गुजर-बसर करती है। तस्वीर- रवलीन कौर

[वीडियो] गुजरातः कच्छ में पवन चक्की विस्तार से मुश्किल में दुर्लभ कांटेदार जंगल

जंगल में प्रवेश करते ही चना राना रबारी लकड़ी का एक टुकड़ा उठाते हैं। उन्हें लकड़ी के सहारे उबड़-खाबड़ और कांटेदार वनस्पतियों से भरे रास्ते को आसानी के साथ पार…
संगनारा गांव के 1400 लोगों की आबादी मुख्य रूप से खेती और पशुपालन के साथ गोंद जैसे वनोपज बेचकर गुजर-बसर करती है। तस्वीर- रवलीन कौर
भागीरथी इको सेंसटिव ज़ोन के इस क्षेत्र में हज़ारों पेड़ सड़क चौड़ीकरण के लिये कटेंगे। तस्वीर- हृदयेश जोशी

उत्तराखंडः गंगोत्री मार्ग के घने जंगल मुश्किल में, भागीरथी इको सेंसेटिव जोन में पेड़ों पर मंडराता खतरा

उत्तरकाशी ज़िले के भटवाड़ी ब्लॉक में रहने वाले मोहन सिंह राणा ने 17 साल सेना में नौकरी की। अब यह रिटायर फौजी संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र में अपने जंगलों को बचाने…
भागीरथी इको सेंसटिव ज़ोन के इस क्षेत्र में हज़ारों पेड़ सड़क चौड़ीकरण के लिये कटेंगे। तस्वीर- हृदयेश जोशी

[वीडियो] झारखंड: सौर ऊर्जा से बदल रही है गुमला के महिला उद्यमियों की तस्वीर

पचास वर्ष की बिरसुनी उरांव झारखंड के गुमला जिले के गुनिया गांव में रहती हैं।  कुछ महीने पहले तक वो अपने घर के काम के अलावा खेतों में अपने पति…
बिहार के गया जिले में मुख्यमंत्री सौर पंप योजना के तहत लगा सोलर पंप। तस्वीर- मनीष कुमार

आखिर भारत के गावों में क्यों दम तोड़ देती हैं सोलर परियोजनाएं?

चार साल पहले जब आप दिल्ली से मेरठ की तरफ जाते थे तो यमुना नदी पर बने पुल पर सोलर पैनल का शीशा चमकता दिखता था। इस दिल्ली-मेरठ हाइवे पर…
बिहार के गया जिले में मुख्यमंत्री सौर पंप योजना के तहत लगा सोलर पंप। तस्वीर- मनीष कुमार
पवन चक्की से कुछ दूर जलावन के लिए लकड़ियां इकट्ठा करता एक किसान। नेट जीरो को लेकर भारत की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जानकारों की राय है कि वर्तमान स्थिति में भारत की नीति निर्माण में भारी विरोधाभास है। तस्वीर- वेस्तास/याहू/फ्लिकर

जलवायु परिवर्तन से जंग में पीछे छूटते भारतीय बैंक

भारत एनर्जी ट्रांजिशन के दौर से गुजर रहा है। इस ट्रांजिशन के तहत देश कार्बन उत्सर्जन करने वाले जीवाश्म ऊर्जा के स्रोत जैसे पेट्रोलियम, कोयला आदि की जगह सौर और…
पवन चक्की से कुछ दूर जलावन के लिए लकड़ियां इकट्ठा करता एक किसान। नेट जीरो को लेकर भारत की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जानकारों की राय है कि वर्तमान स्थिति में भारत की नीति निर्माण में भारी विरोधाभास है। तस्वीर- वेस्तास/याहू/फ्लिकर