मध्य प्रदेश News

मध्य प्रदेश के नीमच जिले के रामपुरा ब्लॉक में खरबूजे से बीज निकालती महिलाएं। तस्वीर - ऐश्वर्या मोहंती।

खरबूजे की खेती: डूबे खेतों में सोना उगाते मध्य प्रदेश के किसान

मध्य प्रदेश के नीमच जिले के गांव देवरान की मंजूबाई राठौर (42) गांव के ही एक व्यक्ति के खेत पर दिहाड़ी मजदूरी करती हैं। उनका काम गर्मियों के महीनों तक…
मध्य प्रदेश के नीमच जिले के रामपुरा ब्लॉक में खरबूजे से बीज निकालती महिलाएं। तस्वीर - ऐश्वर्या मोहंती।
मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के आदिवासी गांवों से होकर बहती नर्मदा नदी। तस्वीर - रचित तिवारी।

[कमेंट्री] नर्मदा नदी पर क्रूज: क्या यह वैध, उचित या न्यायोचित है?

मध्य प्रदेश के पर्यटन विभाग ने साल 2022 की शुरुआत में नर्मदा नदी पर पर्यटकों के लिए क्रूज शिप सेवा शुरू करने का प्रस्ताव रखा था। ये क्रूज अभी तक…
मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के आदिवासी गांवों से होकर बहती नर्मदा नदी। तस्वीर - रचित तिवारी।
केसला पोल्ट्री सोसाइटी के साथ पोल्ट्री किसान सुशीला पारथे अपनी मुर्गियों की देखभाल कर रही हैं। तस्वीर- बबलेश मस्कोले/केसला पोल्ट्री सोसाइटी।

पशु और मुर्गीपालन में गर्मी के तनाव को कैसे कम कर सकते हैं नए शेड डिजाइन

साल 2020 के गर्मी के दिनों में सावित्री भांसे अपने छोटे से घर के पीछे बने खेत में मुर्गियों की देखभाल करने गई थीं। लेकिन मुर्गियों की देखभाल करने और…
केसला पोल्ट्री सोसाइटी के साथ पोल्ट्री किसान सुशीला पारथे अपनी मुर्गियों की देखभाल कर रही हैं। तस्वीर- बबलेश मस्कोले/केसला पोल्ट्री सोसाइटी।
झाबुआ के सरकारी फार्म पर कड़कनाथ मुर्गा। इसका रंग काला होता है, इनका हर अंग यहां तक कि खून भी काला होता है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

जंगल से जीआई टैग तक, झाबुआ के काले मुर्गे कड़कनाथ की कहानी

किसान वीर सिंह (44) दानों से भरी एक टोकरी लेकर कुट-कुट, कुट-कुट की आवाज लगा रहे हैं। देखते ही देखते कई दर्जन काले मुर्गे चारों तरफ से उनकी तरफ दौड़ते…
झाबुआ के सरकारी फार्म पर कड़कनाथ मुर्गा। इसका रंग काला होता है, इनका हर अंग यहां तक कि खून भी काला होता है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे
एकलव्य फाउंडेशन की ग्रीन बिल्डिंग धूप में पकाई गई मिट्टी और चूने से बनी ईंटो से बनी है जिस से यह दूसरी इमारतों के मुकाबले ठंडी रहती है। तस्वीर- एकलव्य फाउंडेशन

भोपाल की यह ईको-फ्रेंडली इमारत है पर्यावरण के लिए लाभकारी

मई और जून के महीनों में बाहर पड़ रही भीषण गर्मी के बावजूद भी भोपाल के एकलव्य फाउंडेशन के कर्मचारी एक पंखे के नीचे खुश हैं। उन्हें दूसरे दफ्तरों के…
एकलव्य फाउंडेशन की ग्रीन बिल्डिंग धूप में पकाई गई मिट्टी और चूने से बनी ईंटो से बनी है जिस से यह दूसरी इमारतों के मुकाबले ठंडी रहती है। तस्वीर- एकलव्य फाउंडेशन
बड़वानी जिले के कुकरा राजघाट गांव की रहनेवाली सुमित्रा दरबार। यह गांव बड़वानी जिले की बड़वानी तहसील के बिरखेड़ा पंचायत में पड़ता है और पिछले साल की बाढ़ के दौरान टापू बन गया था। तस्वीर- राहुल सिंह/मोंगाबे

सरदार सरोवर के जलस्तर में बदलाव से अधर में लटकी हजारों परिवारों की जिंदगियां

मध्य प्रदेश के धार जिले के एकलवाड़ा गाँव के 73 वर्षीय जगदीश सिंह तोमर को पिछले साल सितंबर में नर्मदा नदी में आई बाढ़ के बाद अपना पुश्तैनी मकान छोड़ना…
बड़वानी जिले के कुकरा राजघाट गांव की रहनेवाली सुमित्रा दरबार। यह गांव बड़वानी जिले की बड़वानी तहसील के बिरखेड़ा पंचायत में पड़ता है और पिछले साल की बाढ़ के दौरान टापू बन गया था। तस्वीर- राहुल सिंह/मोंगाबे
अपने बैलों के साथ सुंडी बाई उइके। बैल मोटे अनाज के सूखे डंठलों के चारों तरफ घूमते हैं। इस प्रक्रिया में अनाज के दाने डंठल से अगल हो जाते हैं। तस्वीर - शुचिता झा/मोंगाबे।

मोटे अनाज से क्यों दूर हो रहे हैं मध्य प्रदेश के आदिवासी?

सुंडी बाई उइके मध्य प्रदेश के मांडला जिले के केवलारी गांव में रहती हैं। गांव में उनकी झोपड़ी मिट्टी और गाय के गोबर से लीपकर बनाई गई है। झोपड़ी के…
अपने बैलों के साथ सुंडी बाई उइके। बैल मोटे अनाज के सूखे डंठलों के चारों तरफ घूमते हैं। इस प्रक्रिया में अनाज के दाने डंठल से अगल हो जाते हैं। तस्वीर - शुचिता झा/मोंगाबे।
पेंटिंग्स की गठरी लेकर हस्तकला केंद्र से बाहर निकलते कलाकार राम कुमार श्याम। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

[वीडियो] गोंड आदिवासियों को रोजी-रोटी और पहचान दिलाने वाला जनगढ़ कलम

पीपल के पेड़ की छांव तले वातावरण में एक अनोखी धुन तैर रही है। वाद्ययंत्र बाना पर लोक कलाकार नारायण सिंह टेकाम गोंडी बोली में गीत गा रहे हैं। गीत…
पेंटिंग्स की गठरी लेकर हस्तकला केंद्र से बाहर निकलते कलाकार राम कुमार श्याम। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे
बेतवा नदी मध्य प्रदेश के अशोकनगर से होकर उत्तर प्रदेश की सीमा के पास बहती है। तस्वीर- पंकज सक्सेना/विकिमीडिया कॉमन्स

केन-बेतवा परियोजना आगे बढ़ी, लेकिन नदियों को जोड़ने से सूखे की आशंका

केन-बेतवा लिंक परियोजना को 'सैद्धांतिक' मंजूरी दिए जाने के तकरीबन छह साल बाद ‘पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय’ की तरफ से 3 अक्टूबर को अंतिम वन मंजूरी दे दी…
बेतवा नदी मध्य प्रदेश के अशोकनगर से होकर उत्तर प्रदेश की सीमा के पास बहती है। तस्वीर- पंकज सक्सेना/विकिमीडिया कॉमन्स
पातालकोट इलाके में जड़ी बूटी बेचते भारिया आदिवासी। इनके अनुसार जंगल से मिलने वाली जड़ी-बूटियों की मात्रा कम होने से आमदनी में कमी आई है। तस्वीर- सतीश मालवीय/मोंगाबे

मध्य प्रदेश के जंगलों में क्यों कम हो रहा है औषधीय पौधों का उत्पादन

"हाथ में पैसा होगा तभी त्योहार मनाना अच्छा लगता है," रक्षाबंधन के त्यौहार के दिन मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से सटे मोरावन गांव की सहरिया आदिवासी बस्ती में…
पातालकोट इलाके में जड़ी बूटी बेचते भारिया आदिवासी। इनके अनुसार जंगल से मिलने वाली जड़ी-बूटियों की मात्रा कम होने से आमदनी में कमी आई है। तस्वीर- सतीश मालवीय/मोंगाबे
पर्पल सनबर्ड का यह घोंसला मानवजनित कचरे का इस्तेमाल करके बनाया गया है। तस्वीर-प्रीति सरयान।

भोपाल में कुछ पक्षी अब कचरे से बना रहे हैं अपने घोंसले

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) भोपाल के वैज्ञानिकों की ओर से किए गए एक नए अध्ययन में पक्षियों के घोंसलों के निर्माण में मानवजनित कचरे के प्रभाव की…
पर्पल सनबर्ड का यह घोंसला मानवजनित कचरे का इस्तेमाल करके बनाया गया है। तस्वीर-प्रीति सरयान।
कैराकल को भारत में आईयूसीएन  रेड लिस्ट में खतरे के करीब के रूप में रखा गया है और यह भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) कानून की अनुसूची- I में आता है। तस्वीर: गोबिंद सागर भारद्वाज।

संरक्षण के अभाव में कहीं विलुप्त न हो जाए रोबदार बिल्ली स्याहगोश

भारत में एक छोटी जंगली बिल्ली पाई जाती है। स्थानीय भाषा में इसे स्याहगोश कहते हैं। इसे कैराकल (कैराकल कैराकल श्मित्ज़ी)  के नाम से भी जाना जाता है। अब अनुमान…
कैराकल को भारत में आईयूसीएन  रेड लिस्ट में खतरे के करीब के रूप में रखा गया है और यह भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) कानून की अनुसूची- I में आता है। तस्वीर: गोबिंद सागर भारद्वाज।
2022 में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े जाने के लिए तैयार रेडियो कॉलर वाला नामीबियाई चीता। तस्वीर- चीता कंजर्वेशन फंड।

नमी और मौसम के हालात से जूझ रहे कूनो नेशनल पार्क में लाए गए चीते

पिछली तीन मौतें एक महीने से कुछ ज्यादा वक्त के दरम्यान हुईं। इन मौतों की वजह चीतों के रेडियो कॉलर के नीचे घावों में अंडे देने वाले कीड़ों और सेप्टीसीमिया…
2022 में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े जाने के लिए तैयार रेडियो कॉलर वाला नामीबियाई चीता। तस्वीर- चीता कंजर्वेशन फंड।
ग्रेटर रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो। भारत में इसे भीमराज और भृंगराज के नाम से जाना जाता है। तस्वीर- बी मैड शहंशाह बापी/विकिमीडिया कॉमन्स।

[वीडियो] आवाज से मिल रहा जंगल के बेहतर होने का जवाब, साउंडस्कैप की मदद से निगरानी

 “हम लैंटाना (विदेशी प्रजाति का एक पौधा) के प्रकोप से आजाद हैं,” मध्य भारत में स्थानीय समुदाय के एक सदस्य बसंत झारिया मुस्कुराते हुए कहते हैं। यह क्षेत्र कभी आक्रामक…
ग्रेटर रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो। भारत में इसे भीमराज और भृंगराज के नाम से जाना जाता है। तस्वीर- बी मैड शहंशाह बापी/विकिमीडिया कॉमन्स।
भारत में किसान धान की फसल लेने के बाद पराली को इस तरह जलाते हैं। इसकी वजह से भी प्रदूषण में काफी बढ़ोतरी होती है। फोटो- नील पाल्मर (सीआईएटी)/ विकिमीडिया कॉमन्स

पंजाब के धुंए के पीछे छुपी मध्य प्रदेश की बढ़ती पराली जलाने की समस्या

मध्य प्रदेश गेहूं उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर आता है, यह बात प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। लेकिन इसके साथ ही मध्य प्रदेश अब फसल अवशेषों…
भारत में किसान धान की फसल लेने के बाद पराली को इस तरह जलाते हैं। इसकी वजह से भी प्रदूषण में काफी बढ़ोतरी होती है। फोटो- नील पाल्मर (सीआईएटी)/ विकिमीडिया कॉमन्स
खेतों को अगली फसल के लिए तैयार करने के लिए नरवाई में आग लगा देना मिट्टी की सेहत को सबसे नुकसान में डाल देता है, इससे मिट्टी के सूक्ष्म पोषक तत्व ख़तम हो रहे हैं और मिट्टी कि उपजाऊ क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है। तस्वीर- राकेश कुमार मालवीय/मोंगाबे

अब तीसरी फसल के लिए भी पराली जला रहे किसान, मिट्टी के लिए बड़ा खतरा

मध्य प्रदेश गेहूं उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर आता है। यहां के नर्मदापुरम जिले की मिट्टी को एशिया की सबसे उपजाऊ मिट्टी माना जाता है और गेहूं उत्पादन…
खेतों को अगली फसल के लिए तैयार करने के लिए नरवाई में आग लगा देना मिट्टी की सेहत को सबसे नुकसान में डाल देता है, इससे मिट्टी के सूक्ष्म पोषक तत्व ख़तम हो रहे हैं और मिट्टी कि उपजाऊ क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है। तस्वीर- राकेश कुमार मालवीय/मोंगाबे
भोपाल के लहारपुरा के पास गेहूं के खेतों में लगी आग। फसल काटने के बाद कई किसान खेत साफ करने के लिए फसल अवशेष में आग लगा देते हैं। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

पराली जलाने के मामले में मध्य प्रदेश का देश में दूसरा स्थान, सरकारी योजनाओं से बेखबर किसान

मध्य प्रदेश गेहूं उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर आता है, यह बात प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। लेकिन इसके साथ ही मध्य प्रदेश अब फसल अवशेषों…
भोपाल के लहारपुरा के पास गेहूं के खेतों में लगी आग। फसल काटने के बाद कई किसान खेत साफ करने के लिए फसल अवशेष में आग लगा देते हैं। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे
नामीबिया से भारत लाया गया चीता। सितंबर 2022 में पहली बार 8 चीतों का समूह नामीबिया से भारत आया था। तस्वीर साभार- चीता कंजर्वेशन फंड

पहले आठ महीने में तीन चीतों की मौत, क्या सही दिशा में है भारत का प्रोजेक्ट चीता?

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 9 मई की सुबह पौने 11 बजे अफरातफरी मच गई। वजह थी मॉनिटरिंग टीम ने एक मादा चीते को बाड़े में घायल देखा।…
नामीबिया से भारत लाया गया चीता। सितंबर 2022 में पहली बार 8 चीतों का समूह नामीबिया से भारत आया था। तस्वीर साभार- चीता कंजर्वेशन फंड
झाबुआ जिले में सामुदायिक श्रमदान 'हलमा' में शामिल होने जा रहीं भील महिलाएं। झाबुआ-अलीराजपुर के 1,322 गांवों में 500 कुओं की मरम्मत और गहरीकरण,मेड बधान, नलकूप सुधारने, चैकडैम, बोरीबधान बनाने जैसी जल संरचनाओं के निर्माण का काम हलमा से भील समुदाय ने किए हैं। तस्वीर- सतीश मालवीय/मोंगाबे

हलमा: सामुदायिक भागीदारी से सूखे का हल निकालते झाबुआ के आदिवासी

मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के सूखे पहाड़ गर्मी की शुरुआत में ही आग उगल रहे हैं। साढ़ गांव की बाड़ी बोदरी फलिया की एक बेहद जर्जर झोपड़ी में 12…
झाबुआ जिले में सामुदायिक श्रमदान 'हलमा' में शामिल होने जा रहीं भील महिलाएं। झाबुआ-अलीराजपुर के 1,322 गांवों में 500 कुओं की मरम्मत और गहरीकरण,मेड बधान, नलकूप सुधारने, चैकडैम, बोरीबधान बनाने जैसी जल संरचनाओं के निर्माण का काम हलमा से भील समुदाय ने किए हैं। तस्वीर- सतीश मालवीय/मोंगाबे
सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व में अपनी जिप्सी पर संगीता सोलंकी और वर्षा ठाकुर।

महिलाओं के लिए पर्यटन को सुरक्षित बनाती सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व की महिला सफारी चालक

मध्यप्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में अलसुबह पर्यटक, देनवा नदी को पार करके मढ़ई के जंगलों में पहुँच रहे हैं और सफारी के लिए जिप्सियाँ तैयार हो रही हैं। एक-एक…
सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व में अपनी जिप्सी पर संगीता सोलंकी और वर्षा ठाकुर।
मध्य प्रदेश के सतना जिले के धतूरा गांव में टमाटर की तुड़ाई करता एक किसान। इस गांव में किसानो ने खेती के तरीकों में बदलाव किया है। पानी की खपत कम करने के लिए मंचिंग पॉलीथिन का प्रयोग किया गया जिससे पानी की बचत हुई। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

[वीडियो] क्लाइमेट स्मार्ट विलेज: जलवायु परिवर्तन से जूझने के लिए कैसे तैयार हो रहे हैं मध्य प्रदेश के ये गांव

मध्यप्रदेश के सतना जिले में धतूरा गांव के किसान देवशरण पटेल (53) कंधे पर बैट्री से चलने वाली कीटनाशक छिड़कने की मशीन लादे खेतों की ओर जा रहे हैं। कुछ…
मध्य प्रदेश के सतना जिले के धतूरा गांव में टमाटर की तुड़ाई करता एक किसान। इस गांव में किसानो ने खेती के तरीकों में बदलाव किया है। पानी की खपत कम करने के लिए मंचिंग पॉलीथिन का प्रयोग किया गया जिससे पानी की बचत हुई। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे
2019 में बिना खरपतवार वाली सिरपुर आर्द्रभूमि। तस्वीर साभार- भालू मोंधे।

चार रामसर साइट्स के बावजूद क्यों धीमा है मध्य प्रदेश में वेटलैंड संरक्षण

मध्य प्रदेश 2022 में अपने तीन नए वेटलैंड्स (आद्रभूमि) को रामसर साइट का दर्जा दिए जाने का जश्न मना रहा है। लेकिन रामसर साइट में शामिल होने के लिए इंतजार…
2019 में बिना खरपतवार वाली सिरपुर आर्द्रभूमि। तस्वीर साभार- भालू मोंधे।
उत्तर भारत में बढ़ता वायु प्रदूषण और तकनीकी विशेषज्ञों की कमी से जूझते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड: रिपोर्ट

उत्तर भारत में बढ़ता वायु प्रदूषण और तकनीकी विशेषज्ञों की कमी से जूझते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड: रिपोर्ट

इस साल एक नवम्बर को देश की राजधानी नई दिल्ली पूरी तरह से प्रदूषित जहरीली हवा के चंगुल में दिखी। इस दिन इस साल के वायु प्रदूषण के सारे रिकॉर्ड…
उत्तर भारत में बढ़ता वायु प्रदूषण और तकनीकी विशेषज्ञों की कमी से जूझते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड: रिपोर्ट
लकड़ी के बक्से से झांकती एक मादा चीता। यह चीता भारत आने वाले आठ चीतों में से एक है। तस्वीर- चीता कंजर्वेशन फंड

पृथ्वी के सबसे तेज जानवर चीता के लिए कैसे तैयार हुआ कूनो का जंगल?

कूनो नदी के किनारे बसे सेसईपुरा गांव में इन दिनों अलग किस्म की गहमागहमी है। नदी गांव से होते हुए कूनो पालपुर नेशनल पार्क के भीतर प्रवेश करती है। इसी…
लकड़ी के बक्से से झांकती एक मादा चीता। यह चीता भारत आने वाले आठ चीतों में से एक है। तस्वीर- चीता कंजर्वेशन फंड
मध्यप्रदेश सरकार 37,420 वर्ग किलोमीटर को इस निजीकरण के दायरे में लाने का विचार कर रही है। फोटो- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे हिन्दी

मध्य प्रदेश: 16 सौ करोड़ खर्च कर लगे 20 करोड़ पौधे, कितने बचे पता नहीं

“दस साल पहले जंगल खूब घना था। शाम होते ही सड़क पर सन्नाटा पसर जाता था। लोग निकलते नहीं थे घर से। डर रहता था जंगली जानवरों का, लेकिन अब…
मध्यप्रदेश सरकार 37,420 वर्ग किलोमीटर को इस निजीकरण के दायरे में लाने का विचार कर रही है। फोटो- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे हिन्दी
सामजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों के दावे के अनुसार, अजनार नदी में डाला जा रहा रासायनिक कचरा पानी को प्रदूषित कर रहा है और स्थानीय लोगों और जानवरों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रहा है। तस्वीर- ओंकार सिंह।

मध्य प्रदेश में इंडस्ट्रीज के छोड़े गए केमिकल से प्रदूषित होती अजनार नदी

लगभग 50 औद्योगिक इकाइयों के साथ एक विशेष आर्थिक क्षेत्र, पीथमपुर के पास मध्य प्रदेश का मानपुर शहर, जल प्रदूषण का सामना कर रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है…
सामजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों के दावे के अनुसार, अजनार नदी में डाला जा रहा रासायनिक कचरा पानी को प्रदूषित कर रहा है और स्थानीय लोगों और जानवरों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रहा है। तस्वीर- ओंकार सिंह।
जंगल जाती एक बैगा महिला। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल

सात साल में कितना बदला देश में पहले हैबिटेट राइट्स वाला बैगाचक?

घुमावदार रास्तों से सिलपिड़ी गांव में पहुंचने के बाद हमें चर्रा सिंह रठूरिया का घर तलाशने में थोड़ी मुश्किल इसलिए हुई कि पिछली बार की हमारी मुलाकात गांव के एक…
जंगल जाती एक बैगा महिला। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल
मध्य प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक पिछले पांच साल में मध्य प्रदेश में उर्वरक की खपत दोगुनी हो गई है, 2015-16 में राज्य में 19.65 मीट्रिक टन खाद का वितरण किया गया था। इस साल यह बढ़कर 39.75 मीट्रिक टन होने का अनुमान है।  तस्वीर- राकेश कुमार मालवीय

नर्मदापुरम: गेहूं की नहीं बढ़ रही उपज, उर्वरकों के बेतहाशा इस्तेमाल ने बढ़ाई चिंता

“हमारे गांव की मिट्टी कुछ अलग है। यहां की फसल पूरे जिले में अलग दिखाई देती है। पानी भी भरपूर है और अब तो यहां पर तीन फसलें ली जा…
मध्य प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक पिछले पांच साल में मध्य प्रदेश में उर्वरक की खपत दोगुनी हो गई है, 2015-16 में राज्य में 19.65 मीट्रिक टन खाद का वितरण किया गया था। इस साल यह बढ़कर 39.75 मीट्रिक टन होने का अनुमान है।  तस्वीर- राकेश कुमार मालवीय
मध्य प्रदेश के ओरछा में अपने घोसले में गिद्ध। तस्वीर- Yann (talk)/विकिमीडिया कॉमन्स

[वीडियो] मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में जियोटैगिंग द्वारा गिद्धों पर निगरानी

 करीब तीन महीने पहले मध्य प्रदेश के संरक्षित क्षेत्र में पन्ना में टाइगर रिजर्व के लगभग दो दर्जन गिद्धों की गतिविधि को वैज्ञानिक रूप से निगरानी करने के लिए उन्हें…
मध्य प्रदेश के ओरछा में अपने घोसले में गिद्ध। तस्वीर- Yann (talk)/विकिमीडिया कॉमन्स
मेट्रो स्टेशन पर दोपहिया वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे

मध्य प्रदेश: कॉमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों को घरेलू बिजली से चार्ज करने पर लगा प्रतिबंध, लग सकता है जुर्माना

मध्य प्रदेश सरकार कॉमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों पर नकेल लगाने की तैयारी में दिख रही है। पिछले महीने राज्य सरकार ने घोषणा  की कि कॉमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अलग मीटर…
मेट्रो स्टेशन पर दोपहिया वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे