मध्य प्रदेश News

2022 में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े जाने के लिए तैयार रेडियो कॉलर वाला नामीबियाई चीता। तस्वीर- चीता कंजर्वेशन फंड।

नमी और मौसम के हालात से जूझ रहे कूनो नेशनल पार्क में लाए गए चीते

पिछली तीन मौतें एक महीने से कुछ ज्यादा वक्त के दरम्यान हुईं। इन मौतों की वजह चीतों के रेडियो कॉलर के नीचे घावों में अंडे देने वाले कीड़ों और सेप्टीसीमिया…
2022 में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े जाने के लिए तैयार रेडियो कॉलर वाला नामीबियाई चीता। तस्वीर- चीता कंजर्वेशन फंड।
ग्रेटर रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो। भारत में इसे भीमराज और भृंगराज के नाम से जाना जाता है। तस्वीर- बी मैड शहंशाह बापी/विकिमीडिया कॉमन्स।

[वीडियो] आवाज से मिल रहा जंगल के बेहतर होने का जवाब, साउंडस्कैप की मदद से निगरानी

 “हम लैंटाना (विदेशी प्रजाति का एक पौधा) के प्रकोप से आजाद हैं,” मध्य भारत में स्थानीय समुदाय के एक सदस्य बसंत झारिया मुस्कुराते हुए कहते हैं। यह क्षेत्र कभी आक्रामक…
ग्रेटर रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो। भारत में इसे भीमराज और भृंगराज के नाम से जाना जाता है। तस्वीर- बी मैड शहंशाह बापी/विकिमीडिया कॉमन्स।
भारत में किसान धान की फसल लेने के बाद पराली को इस तरह जलाते हैं। इसकी वजह से भी प्रदूषण में काफी बढ़ोतरी होती है। फोटो- नील पाल्मर (सीआईएटी)/ विकिमीडिया कॉमन्स

पंजाब के धुंए के पीछे छुपी मध्य प्रदेश की बढ़ती पराली जलाने की समस्या

मध्य प्रदेश गेहूं उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर आता है, यह बात प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। लेकिन इसके साथ ही मध्य प्रदेश अब फसल अवशेषों…
भारत में किसान धान की फसल लेने के बाद पराली को इस तरह जलाते हैं। इसकी वजह से भी प्रदूषण में काफी बढ़ोतरी होती है। फोटो- नील पाल्मर (सीआईएटी)/ विकिमीडिया कॉमन्स
खेतों को अगली फसल के लिए तैयार करने के लिए नरवाई में आग लगा देना मिट्टी की सेहत को सबसे नुकसान में डाल देता है, इससे मिट्टी के सूक्ष्म पोषक तत्व ख़तम हो रहे हैं और मिट्टी कि उपजाऊ क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है। तस्वीर- राकेश कुमार मालवीय/मोंगाबे

अब तीसरी फसल के लिए भी पराली जला रहे किसान, मिट्टी के लिए बड़ा खतरा

मध्य प्रदेश गेहूं उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर आता है। यहां के नर्मदापुरम जिले की मिट्टी को एशिया की सबसे उपजाऊ मिट्टी माना जाता है और गेहूं उत्पादन…
खेतों को अगली फसल के लिए तैयार करने के लिए नरवाई में आग लगा देना मिट्टी की सेहत को सबसे नुकसान में डाल देता है, इससे मिट्टी के सूक्ष्म पोषक तत्व ख़तम हो रहे हैं और मिट्टी कि उपजाऊ क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है। तस्वीर- राकेश कुमार मालवीय/मोंगाबे
भोपाल के लहारपुरा के पास गेहूं के खेतों में लगी आग। फसल काटने के बाद कई किसान खेत साफ करने के लिए फसल अवशेष में आग लगा देते हैं। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

पराली जलाने के मामले में मध्य प्रदेश का देश में दूसरा स्थान, सरकारी योजनाओं से बेखबर किसान

मध्य प्रदेश गेहूं उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर आता है, यह बात प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। लेकिन इसके साथ ही मध्य प्रदेश अब फसल अवशेषों…
भोपाल के लहारपुरा के पास गेहूं के खेतों में लगी आग। फसल काटने के बाद कई किसान खेत साफ करने के लिए फसल अवशेष में आग लगा देते हैं। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे
नामीबिया से भारत लाया गया चीता। सितंबर 2022 में पहली बार 8 चीतों का समूह नामीबिया से भारत आया था। तस्वीर साभार- चीता कंजर्वेशन फंड

पहले आठ महीने में तीन चीतों की मौत, क्या सही दिशा में है भारत का प्रोजेक्ट चीता?

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 9 मई की सुबह पौने 11 बजे अफरातफरी मच गई। वजह थी मॉनिटरिंग टीम ने एक मादा चीते को बाड़े में घायल देखा।…
नामीबिया से भारत लाया गया चीता। सितंबर 2022 में पहली बार 8 चीतों का समूह नामीबिया से भारत आया था। तस्वीर साभार- चीता कंजर्वेशन फंड
झाबुआ जिले में सामुदायिक श्रमदान 'हलमा' में शामिल होने जा रहीं भील महिलाएं। झाबुआ-अलीराजपुर के 1,322 गांवों में 500 कुओं की मरम्मत और गहरीकरण,मेड बधान, नलकूप सुधारने, चैकडैम, बोरीबधान बनाने जैसी जल संरचनाओं के निर्माण का काम हलमा से भील समुदाय ने किए हैं। तस्वीर- सतीश मालवीय/मोंगाबे

हलमा: सामुदायिक भागीदारी से सूखे का हल निकालते झाबुआ के आदिवासी

मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के सूखे पहाड़ गर्मी की शुरुआत में ही आग उगल रहे हैं। साढ़ गांव की बाड़ी बोदरी फलिया की एक बेहद जर्जर झोपड़ी में 12…
झाबुआ जिले में सामुदायिक श्रमदान 'हलमा' में शामिल होने जा रहीं भील महिलाएं। झाबुआ-अलीराजपुर के 1,322 गांवों में 500 कुओं की मरम्मत और गहरीकरण,मेड बधान, नलकूप सुधारने, चैकडैम, बोरीबधान बनाने जैसी जल संरचनाओं के निर्माण का काम हलमा से भील समुदाय ने किए हैं। तस्वीर- सतीश मालवीय/मोंगाबे
सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व में अपनी जिप्सी पर संगीता सोलंकी और वर्षा ठाकुर।

महिलाओं के लिए पर्यटन को सुरक्षित बनाती सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व की महिला सफारी चालक

मध्यप्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में अलसुबह पर्यटक, देनवा नदी को पार करके मढ़ई के जंगलों में पहुँच रहे हैं और सफारी के लिए जिप्सियाँ तैयार हो रही हैं। एक-एक…
सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व में अपनी जिप्सी पर संगीता सोलंकी और वर्षा ठाकुर।
मध्य प्रदेश के सतना जिले के धतूरा गांव में टमाटर की तुड़ाई करता एक किसान। इस गांव में किसानो ने खेती के तरीकों में बदलाव किया है। पानी की खपत कम करने के लिए मंचिंग पॉलीथिन का प्रयोग किया गया जिससे पानी की बचत हुई। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

[वीडियो] क्लाइमेट स्मार्ट विलेज: जलवायु परिवर्तन से जूझने के लिए कैसे तैयार हो रहे हैं मध्य प्रदेश के ये गांव

मध्यप्रदेश के सतना जिले में धतूरा गांव के किसान देवशरण पटेल (53) कंधे पर बैट्री से चलने वाली कीटनाशक छिड़कने की मशीन लादे खेतों की ओर जा रहे हैं। कुछ…
मध्य प्रदेश के सतना जिले के धतूरा गांव में टमाटर की तुड़ाई करता एक किसान। इस गांव में किसानो ने खेती के तरीकों में बदलाव किया है। पानी की खपत कम करने के लिए मंचिंग पॉलीथिन का प्रयोग किया गया जिससे पानी की बचत हुई। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे
2019 में बिना खरपतवार वाली सिरपुर आर्द्रभूमि। तस्वीर साभार- भालू मोंधे।

चार रामसर साइट्स के बावजूद क्यों धीमा है मध्य प्रदेश में वेटलैंड संरक्षण

मध्य प्रदेश 2022 में अपने तीन नए वेटलैंड्स (आद्रभूमि) को रामसर साइट का दर्जा दिए जाने का जश्न मना रहा है। लेकिन रामसर साइट में शामिल होने के लिए इंतजार…
2019 में बिना खरपतवार वाली सिरपुर आर्द्रभूमि। तस्वीर साभार- भालू मोंधे।
उत्तर भारत में बढ़ता वायु प्रदूषण और तकनीकी विशेषज्ञों की कमी से जूझते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड: रिपोर्ट

उत्तर भारत में बढ़ता वायु प्रदूषण और तकनीकी विशेषज्ञों की कमी से जूझते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड: रिपोर्ट

इस साल एक नवम्बर को देश की राजधानी नई दिल्ली पूरी तरह से प्रदूषित जहरीली हवा के चंगुल में दिखी। इस दिन इस साल के वायु प्रदूषण के सारे रिकॉर्ड…
उत्तर भारत में बढ़ता वायु प्रदूषण और तकनीकी विशेषज्ञों की कमी से जूझते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड: रिपोर्ट
लकड़ी के बक्से से झांकती एक मादा चीता। यह चीता भारत आने वाले आठ चीतों में से एक है। तस्वीर- चीता कंजर्वेशन फंड

पृथ्वी के सबसे तेज जानवर चीता के लिए कैसे तैयार हुआ कूनो का जंगल?

कूनो नदी के किनारे बसे सेसईपुरा गांव में इन दिनों अलग किस्म की गहमागहमी है। नदी गांव से होते हुए कूनो पालपुर नेशनल पार्क के भीतर प्रवेश करती है। इसी…
लकड़ी के बक्से से झांकती एक मादा चीता। यह चीता भारत आने वाले आठ चीतों में से एक है। तस्वीर- चीता कंजर्वेशन फंड
मध्यप्रदेश सरकार 37,420 वर्ग किलोमीटर को इस निजीकरण के दायरे में लाने का विचार कर रही है। फोटो- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे हिन्दी

मध्य प्रदेश: 16 सौ करोड़ खर्च कर लगे 20 करोड़ पौधे, कितने बचे पता नहीं

“दस साल पहले जंगल खूब घना था। शाम होते ही सड़क पर सन्नाटा पसर जाता था। लोग निकलते नहीं थे घर से। डर रहता था जंगली जानवरों का, लेकिन अब…
मध्यप्रदेश सरकार 37,420 वर्ग किलोमीटर को इस निजीकरण के दायरे में लाने का विचार कर रही है। फोटो- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे हिन्दी
सामजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों के दावे के अनुसार, अजनार नदी में डाला जा रहा रासायनिक कचरा पानी को प्रदूषित कर रहा है और स्थानीय लोगों और जानवरों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रहा है। तस्वीर- ओंकार सिंह।

मध्य प्रदेश में इंडस्ट्रीज के छोड़े गए केमिकल से प्रदूषित होती अजनार नदी

लगभग 50 औद्योगिक इकाइयों के साथ एक विशेष आर्थिक क्षेत्र, पीथमपुर के पास मध्य प्रदेश का मानपुर शहर, जल प्रदूषण का सामना कर रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है…
सामजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों के दावे के अनुसार, अजनार नदी में डाला जा रहा रासायनिक कचरा पानी को प्रदूषित कर रहा है और स्थानीय लोगों और जानवरों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रहा है। तस्वीर- ओंकार सिंह।
जंगल जाती एक बैगा महिला। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल

सात साल में कितना बदला देश में पहले हैबिटेट राइट्स वाला बैगाचक?

घुमावदार रास्तों से सिलपिड़ी गांव में पहुंचने के बाद हमें चर्रा सिंह रठूरिया का घर तलाशने में थोड़ी मुश्किल इसलिए हुई कि पिछली बार की हमारी मुलाकात गांव के एक…
जंगल जाती एक बैगा महिला। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल
मध्य प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक पिछले पांच साल में मध्य प्रदेश में उर्वरक की खपत दोगुनी हो गई है, 2015-16 में राज्य में 19.65 मीट्रिक टन खाद का वितरण किया गया था। इस साल यह बढ़कर 39.75 मीट्रिक टन होने का अनुमान है।  तस्वीर- राकेश कुमार मालवीय

नर्मदापुरम: गेहूं की नहीं बढ़ रही उपज, उर्वरकों के बेतहाशा इस्तेमाल ने बढ़ाई चिंता

“हमारे गांव की मिट्टी कुछ अलग है। यहां की फसल पूरे जिले में अलग दिखाई देती है। पानी भी भरपूर है और अब तो यहां पर तीन फसलें ली जा…
मध्य प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक पिछले पांच साल में मध्य प्रदेश में उर्वरक की खपत दोगुनी हो गई है, 2015-16 में राज्य में 19.65 मीट्रिक टन खाद का वितरण किया गया था। इस साल यह बढ़कर 39.75 मीट्रिक टन होने का अनुमान है।  तस्वीर- राकेश कुमार मालवीय
मध्य प्रदेश के ओरछा में अपने घोसले में गिद्ध। तस्वीर- Yann (talk)/विकिमीडिया कॉमन्स

[वीडियो] मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में जियोटैगिंग द्वारा गिद्धों पर निगरानी

 करीब तीन महीने पहले मध्य प्रदेश के संरक्षित क्षेत्र में पन्ना में टाइगर रिजर्व के लगभग दो दर्जन गिद्धों की गतिविधि को वैज्ञानिक रूप से निगरानी करने के लिए उन्हें…
मध्य प्रदेश के ओरछा में अपने घोसले में गिद्ध। तस्वीर- Yann (talk)/विकिमीडिया कॉमन्स
मेट्रो स्टेशन पर दोपहिया वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे

मध्य प्रदेश: कॉमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों को घरेलू बिजली से चार्ज करने पर लगा प्रतिबंध, लग सकता है जुर्माना

मध्य प्रदेश सरकार कॉमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों पर नकेल लगाने की तैयारी में दिख रही है। पिछले महीने राज्य सरकार ने घोषणा  की कि कॉमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अलग मीटर…
मेट्रो स्टेशन पर दोपहिया वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे
ऑस्ट्रेलिया के कंगारू द्वीप से एक कंगारू की प्रतिनिधि तस्वीर। तस्वीर- कॉनर स्लेड/विकिमीडिया कॉमन्स

बंगाल के रास्ते कंगारुओं की तस्करी, सवालों के घेरे में इंदौर का चिड़ियाघर

पश्चिम बंगाल के दोरास इलाके में दो अप्रैल को चारों तरफ सनसनी थी। हर तरफ कंगारुओं को देखे जाने की चर्चा हो रही थी। इसे लेकर लोगों के बीच कौतुहल…
ऑस्ट्रेलिया के कंगारू द्वीप से एक कंगारू की प्रतिनिधि तस्वीर। तस्वीर- कॉनर स्लेड/विकिमीडिया कॉमन्स
दतिया जिले में एक कस्बा है लांच जहां सिंध नदी पर पुल 2021 की बाढ़ में ढह गया था। तस्वीर- राहुल सिंह

गंदी होती नदियों के बीच दिलासा देती है स्वच्छ सिंध, लेकिन रेत खनन से हैं चुनौतियां

जब चारों तरफ नदियों के प्रदूषित होने की चिंता शामिल हो वैसे में मूलतः मध्य प्रदेश में बहने वाली सिंध नदी एक खुशनुमा एहसास कराती है। बहुतायत में अब भी…
दतिया जिले में एक कस्बा है लांच जहां सिंध नदी पर पुल 2021 की बाढ़ में ढह गया था। तस्वीर- राहुल सिंह
हसदेव अरण्य को हाथियों का घर कहा जाता है। यह करीब 1,70,000 हेक्टेयर में फैला जैव विविधता से भरा हुआ जंगल है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल

महुआ बीनने के मौसम में छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश के जंगल में आ गए हाथी, इंसानों के साथ द्वंद रोकना बड़ी चुनौती

जंगल से सटा गांव मसियारी के लोगों के लिए मार्च-अप्रैल का महीना व्यस्तताओं भरा रहता है। वजह हैं महुआ के फूल। इन दो महीनों में हर कोई अधिक से अधिक…
हसदेव अरण्य को हाथियों का घर कहा जाता है। यह करीब 1,70,000 हेक्टेयर में फैला जैव विविधता से भरा हुआ जंगल है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल
तवा नदी नर्मदा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है। गर्मियों में यह नदी अब सूखने लगी है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

विश्व जल दिवसः नर्मदा नदी के किनारे क्यों सूखने लगे बोर, गिरता जा रहा भूजल स्तर

नर्मदापुरम (होशंदाबाद) जिले के पिपरिया में बीजनवाड़ा गांव के निवासी सत्यनारायण पटेल का घर पासा नदी के बिल्कुल करीब है। मध्य प्रदेश के इस क्षेत्र के लिए नदी के इतने…
तवा नदी नर्मदा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है। गर्मियों में यह नदी अब सूखने लगी है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे
विस्थापितों ने अपने पक्के मकान छोड़कर कच्चा मकान बना लिए। तस्वीर-आलोक प्रकाश पुतुल

अचानकमार और कान्हा टाइगर रिजर्व में साथ हुआ विस्थापन पर अनुभव एकदम जुदा

छत्तीसगढ़ के मुंगेली ज़िले के बोकराकछार गांव में रहने वाले 30 साल के भागबली से बचपन की बात करें तो उनकी आंखों में अभी भी अपना गांव और जंगल तैर…
विस्थापितों ने अपने पक्के मकान छोड़कर कच्चा मकान बना लिए। तस्वीर-आलोक प्रकाश पुतुल
कूनो अभ्यारण्य का मुख्य द्वार। कूनो में एशियाई शेरों को लाने की योजना साल 1996 से शुरू हुई थी। तस्वीर- शहरोज़ अफरीदी

गिर के शेरों के नाम पर विस्थापन, 26 साल गुजरे, अब आ रहे हैं अफ्रीकी चीते

आदिवासी समुदाय के मदनू साल 1996 को कभी नहीं भूल सकते। तब मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें बेहतर जिंदगी का सपना दिखाकर शयोपुर जिले में स्थित कूनो वन्यजीव अभायरण्य से…
कूनो अभ्यारण्य का मुख्य द्वार। कूनो में एशियाई शेरों को लाने की योजना साल 1996 से शुरू हुई थी। तस्वीर- शहरोज़ अफरीदी
महाशीर सर्वे के दौरान नदी से एक महाशीर को निकाला गया। परिक्षण के बाद उसे वापस नदी में छोड़ दिया गया। तस्वीर-ए जे टी जॉनसिंह, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया और एनसीएफ/विकिमीडिया कॉमन्स

[वीडियो] क्या पानी के टाइगर महाशीर के लायक नहीं रह गया नर्मदा का पानी?

मध्यप्रदेश में बड़वानी जिले के नर्मदा नदी के किनारे मछली पकड़ रहीं द्वारकी, पास पड़ी टोकरी की तरफ, इशारा करती हैं। दिन भर की मशक्कत के बाद भी उनकी यह…
महाशीर सर्वे के दौरान नदी से एक महाशीर को निकाला गया। परिक्षण के बाद उसे वापस नदी में छोड़ दिया गया। तस्वीर-ए जे टी जॉनसिंह, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया और एनसीएफ/विकिमीडिया कॉमन्स
नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़े लोगों की आवाज रिकॉर्ड करतीं नंदिनी ओझा। तस्वीर साभार- नंदिनी ओझा

वाचिक परंपरा से बताई जाती है यहां नर्मदा बचाओ आंदोलन की गाथा

गुजरात की केवडिया कॉलोनी के पास स्थित नवाग्राम गांव में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1961 में नवागाम बांध का शिलान्यास किया था। इसे बाद में सरदार सरोवर…
नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़े लोगों की आवाज रिकॉर्ड करतीं नंदिनी ओझा। तस्वीर साभार- नंदिनी ओझा
बुरहानपुर में जलवायु परिवर्तन की वजह से जल संकट गहरा सकता है। यहां मौजूद 400 साल पुराना मुगलों का बनाया कुंडी भंडारा शहर की यह समस्या दूर कर रहा है। तस्वीर साभार- शालीकराम चौधरी

मुगल सैनिकों के लिए बने कनात सिस्टम से बुझ रही बुरहानपुर की प्यास

पुरानी इमारतें, विशाल दरवाजों और दीवार से घिरा शहर बुरहानपुर मुगलकालीन विरासत को आज भी सहेजे हुए हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से तकरीबन 300 किलोमीटर दूर स्थित इस…
बुरहानपुर में जलवायु परिवर्तन की वजह से जल संकट गहरा सकता है। यहां मौजूद 400 साल पुराना मुगलों का बनाया कुंडी भंडारा शहर की यह समस्या दूर कर रहा है। तस्वीर साभार- शालीकराम चौधरी
वेटलैंड की रक्षा के लिए प्रकृति-आधारित समाधानों ने जल सुरक्षा में सुधार, जैव विविधता में वृद्धि, और एक विकासशील शहर में एक सार्वजनिक स्थान की रक्षा करने में मदद की है। शुचिता झा/मोंगाबे

[वीडियो] कितना सफल रहा भोपाल की बड़ी झील में दो दशक लंबा संरक्षण का प्रयास?

सुबह के सात बज रहे हैं। लेकिन भोपाल के बोरवन जंगल में रात का अंधेरा पेड़ों की ओट में छिपा बैठा है। चिड़ियों की चहचहाहट के बीच अपनी सेहत को…
वेटलैंड की रक्षा के लिए प्रकृति-आधारित समाधानों ने जल सुरक्षा में सुधार, जैव विविधता में वृद्धि, और एक विकासशील शहर में एक सार्वजनिक स्थान की रक्षा करने में मदद की है। शुचिता झा/मोंगाबे
हैदराबाद में एक इलेक्ट्रिक बस स्टैंड। आंकड़े बताते है की तेलंगाना राज्य मे देश मे ईवी के लिए सबसे ज्यादा चार्जिंग पॉइंट्स है। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे

नीति आयोग के निर्देश के तीन साल बाद भी इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर नीति नहीं बना पा रहे राज्य

नीति आयोग ने 2018 मे सभी राज्यो को खुद की इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाने के लिए कहा था। अब 2022 आने को है पर छत्तीसगढ़ जैसे राज्य अभी तक, इस…
हैदराबाद में एक इलेक्ट्रिक बस स्टैंड। आंकड़े बताते है की तेलंगाना राज्य मे देश मे ईवी के लिए सबसे ज्यादा चार्जिंग पॉइंट्स है। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे
भोपाल स्थित बड़ा तालाब पर हाल ही में 750 किलोवॉट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया गया है। इससे मिलने वाली बिजली का उपयोग पानी पंप करने में हो रहा है। तस्वीर- स्मार्ट सिटी भोपाल

मध्य प्रदेशः बड़ी परियोजनाओं के भरोसे अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य

ऊर्जा उत्पादन के मामले में मध्य प्रदेश, देश का एक बड़ा केंद्र माना जाता रहा है। यहां कोयले से चलने वाले कई थर्मल पावर प्लांट या कहें ताप विद्युत संयंत्र…
भोपाल स्थित बड़ा तालाब पर हाल ही में 750 किलोवॉट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया गया है। इससे मिलने वाली बिजली का उपयोग पानी पंप करने में हो रहा है। तस्वीर- स्मार्ट सिटी भोपाल