Articles by Kundan Pandey

बारापुल्ला नाले की पहले और बाद की स्थिति। तस्वीर- एकेटीसी

दिल्ली की 700 साल पुरानी निजामुद्दीन बस्ती में लौट रही पुरानी रौनक

दिल्ली की निजामुद्दीन बस्ती अपने आप में एक अलग दुनिया है। इसे सूफी संतों और धार्मिक स्थलों के लिए भी जाना जाता है। लोधी कॉलोनी और खान मार्केट जैसे पड़ोसी…
बारापुल्ला नाले की पहले और बाद की स्थिति। तस्वीर- एकेटीसी
औद्योगिक क्षेत्र से होने वाले कुल कार्बन उत्सर्जन का लगभग एक तिहाई लौह और इस्पात क्षेत्र से होता है। तस्वीर- जॉन ब्यूफोर्ट/Publicdomainpictures.net

भारत के स्टील क्षेत्र के सामने खपत बढ़ाने और कार्बन उत्सर्जन कम करने की चुनौती

हाल ही में टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक ने कहा था कि भारत में ग्रीन स्टील के उत्पादन के लिए जरूरी गैस और स्क्रैप उपलब्ध नहीं है। इसके एक महीने…
औद्योगिक क्षेत्र से होने वाले कुल कार्बन उत्सर्जन का लगभग एक तिहाई लौह और इस्पात क्षेत्र से होता है। तस्वीर- जॉन ब्यूफोर्ट/Publicdomainpictures.net
साल 2020 में जैविक खेती अपनाने वाले नारायण गायकवाड़ 2021 में पहली फसल से हुए गन्ने को दिखाते हुए। वो कहते हैं, "अगर हम अब भी जैविक खेती को नहीं अपनाते हैं तो बहुत देर हो जाएगी।” तस्वीर- संकेत जैन/मोंगाबे

[फ़ोटो] गन्ने की जैविक खेती से जमीन और ज़िंदगी संवारता 74 साल का एक किसान

चौहत्तर साल के नारायण गायकवाड़ ने कभी नहीं सोचा था कि खेती के अपने तौर-तरीकों पर उन्हें फिर से विचार करना होगा। वे 60 सालों से भी ज्यादा समय से…
साल 2020 में जैविक खेती अपनाने वाले नारायण गायकवाड़ 2021 में पहली फसल से हुए गन्ने को दिखाते हुए। वो कहते हैं, "अगर हम अब भी जैविक खेती को नहीं अपनाते हैं तो बहुत देर हो जाएगी।” तस्वीर- संकेत जैन/मोंगाबे
तवा नदी नर्मदा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है। गर्मियों में यह नदी अब सूखने लगी है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

विश्व जल दिवसः नर्मदा नदी के किनारे क्यों सूखने लगे बोर, गिरता जा रहा भूजल स्तर

नर्मदापुरम (होशंदाबाद) जिले के पिपरिया में बीजनवाड़ा गांव के निवासी सत्यनारायण पटेल का घर पासा नदी के बिल्कुल करीब है। मध्य प्रदेश के इस क्षेत्र के लिए नदी के इतने…
तवा नदी नर्मदा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है। गर्मियों में यह नदी अब सूखने लगी है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे
विस्थापितों ने अपने पक्के मकान छोड़कर कच्चा मकान बना लिए। तस्वीर-आलोक प्रकाश पुतुल

अचानकमार और कान्हा टाइगर रिजर्व में साथ हुआ विस्थापन पर अनुभव एकदम जुदा

छत्तीसगढ़ के मुंगेली ज़िले के बोकराकछार गांव में रहने वाले 30 साल के भागबली से बचपन की बात करें तो उनकी आंखों में अभी भी अपना गांव और जंगल तैर…
विस्थापितों ने अपने पक्के मकान छोड़कर कच्चा मकान बना लिए। तस्वीर-आलोक प्रकाश पुतुल
महाराष्ट्र के पुणे जिले स्थित मयूरेश्वर वन्यजीव अभयारण्य में भारतीय भेड़िया। तस्वीर- रुद्राक्ष चोडनकर/विकिमीडिया कॉमन्स

क्यों मुश्किल है भारतीय भेड़ियों की गणना, क्या संरक्षण में मिलेगा फायदा

भेड़िया दिखने में एक दूसरे से इतने करीब होते हैं कि उनकी अलग-अलग पहचान करना मुश्किल है। इसकी गणना के लिए अध्ययनकर्ता तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं। जैसे पुणे के…
महाराष्ट्र के पुणे जिले स्थित मयूरेश्वर वन्यजीव अभयारण्य में भारतीय भेड़िया। तस्वीर- रुद्राक्ष चोडनकर/विकिमीडिया कॉमन्स
अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता अपर्णा लाजमी पश्चिमी घाट के जंगलों में छिपकली की तलाश कर रही हैं। तस्वीर साभार- अपर्णा लाजमी।

करोड़ों वर्ष पहले श्रीलंका और भारत के बीच नहीं था समुद्र, छिपकली की कहानी से सामने आया रहस्य

आपने घर की दीवारों से चिपक कर रेंगते आम घरेलू छिपकली को जरूर देखा होगा। इस छिपकली का इतिहास लाखों वर्ष पुराना है। दक्षिण एशिया के अधिकांश घरों में हर…
अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता अपर्णा लाजमी पश्चिमी घाट के जंगलों में छिपकली की तलाश कर रही हैं। तस्वीर साभार- अपर्णा लाजमी।
छत्तीसगढ़ में इंद्रावती नदी पर चित्रकोट जलप्रपात। इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित बोधघाट परियोजना 40 वर्षों से लंबित है और इस वर्ष इसे नए सिरे से गति मिली है। तस्वीर- इशांत 46एनटी / विकिमीडिया कॉमन्स

देश में मेगा पनबिजली परियोजनाओं की हो रही वापसी, क्या यह व्यवहारिक है

बीते कुछ सालों में, पुरानी पनबिजली परियोजनाओं में राज्य सरकारों की दिलचस्पी बढ़ी है। चाहे किसी भी दल की सरकार हो, इन परियोजनाओं के लिए कई राज्यों में एक साझा…
छत्तीसगढ़ में इंद्रावती नदी पर चित्रकोट जलप्रपात। इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित बोधघाट परियोजना 40 वर्षों से लंबित है और इस वर्ष इसे नए सिरे से गति मिली है। तस्वीर- इशांत 46एनटी / विकिमीडिया कॉमन्स
बैनर तस्वीर: बाजोली-होली जलविद्युत परियोजना का एक दृश्य। तस्वीर- विशेष प्रबंध

हिमाचल में आदिवासियों को उजाड़ती पनबिजली परियोजना

25 मार्च 2014 की तारीख, हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला स्थित झरौता गांव के लोग इस तारीख को भूल नहीं सकते। इसी दिन कम से कम 31 महिलाओं को पुलिस…
बैनर तस्वीर: बाजोली-होली जलविद्युत परियोजना का एक दृश्य। तस्वीर- विशेष प्रबंध
कूनो अभ्यारण्य का मुख्य द्वार। कूनो में एशियाई शेरों को लाने की योजना साल 1996 से शुरू हुई थी। तस्वीर- शहरोज़ अफरीदी

गिर के शेरों के नाम पर विस्थापन, 26 साल गुजरे, अब आ रहे हैं अफ्रीकी चीते

आदिवासी समुदाय के मदनू साल 1996 को कभी नहीं भूल सकते। तब मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें बेहतर जिंदगी का सपना दिखाकर शयोपुर जिले में स्थित कूनो वन्यजीव अभायरण्य से…
कूनो अभ्यारण्य का मुख्य द्वार। कूनो में एशियाई शेरों को लाने की योजना साल 1996 से शुरू हुई थी। तस्वीर- शहरोज़ अफरीदी
अध्ययन में नवीकरणीय परियोजनाओं सहित विभिन्न परियोजनाओं के लिए कोयला खदानों की भूमि का उपयोग करने का आह्वान किया गया है। तस्वीर- मयंक अग्रवाल / मोंगाबे

सबसे बड़ा कोयला उत्पादक जिला कोरबा कैसे पकड़ेगा स्वच्छ ऊर्जा की राह

भारत में एनर्जी ट्रांजिशन यानी जीवाश्म ईंधन से स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ने के रास्ते में  जमीन एक बड़ी जरूरत है। साथ ही, कोयला खनन को वैज्ञानिक तरीके से बंद…
अध्ययन में नवीकरणीय परियोजनाओं सहित विभिन्न परियोजनाओं के लिए कोयला खदानों की भूमि का उपयोग करने का आह्वान किया गया है। तस्वीर- मयंक अग्रवाल / मोंगाबे
गुरुग्राम, हरियाणा में एक निर्माण स्थल पर काम करती महिलाएं। प्रतिकात्मक तस्वीर- माइकल कैनन/विकिमीडिया कॉमन्स

अवैध खनन से विनाश की तरफ अरावली के अरण्य, हरियाणा सरकार मूकदर्शक

हरियाणा में खनन के दौरान पांच लोगों की मौत ने अरावली पर्वतमाला में अवैध खनन को फिर चर्चा में ला दिया है। इस साल जनवरी में भिवानी जिले के तोशाम…
गुरुग्राम, हरियाणा में एक निर्माण स्थल पर काम करती महिलाएं। प्रतिकात्मक तस्वीर- माइकल कैनन/विकिमीडिया कॉमन्स
प्रयागराज स्थित संगम का एक दृष्य। आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में गर्मी की वजह से मौसम की चरम घटनाओं में वृद्धि होगी। इससे स्थलीय, मीठे पानी, तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के जैव विविधता का नुकसान होगा। तस्वीर- प्रियम/विकिमीडिया कॉमन्स

जलवायु परिवर्तन का असर जैवविविधता से लेकर समाज तक, नई आईपीसीसी रिपोर्ट में आया सामने

इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज या आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट बता रही है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से लोगों के स्वास्थ्य के साथ पृथ्वी की सेहत भी खराब हो…
प्रयागराज स्थित संगम का एक दृष्य। आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में गर्मी की वजह से मौसम की चरम घटनाओं में वृद्धि होगी। इससे स्थलीय, मीठे पानी, तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के जैव विविधता का नुकसान होगा। तस्वीर- प्रियम/विकिमीडिया कॉमन्स
30 साल के दिवाकर मांझी (बाएं) को फ्लोराइड की वजह से कई बीमारियां हो गई हैं। वह बिना छड़ी के सहारे चल नहीं सकते। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे

सरकारी उदासीनता से बढ़ रहा है झारखंड, छत्तीसगढ़ में फ्लोराइड का प्रकोप

बुधराम भुइयां, झारखंड के लातेहार जिले के सकलकट्टा गांव के रहने वाले हैं। उनके जिले से सटा एक जिला है - पलामू, जहां फ्लोराइड की समस्या बहुत अधिक है। इसकी…
30 साल के दिवाकर मांझी (बाएं) को फ्लोराइड की वजह से कई बीमारियां हो गई हैं। वह बिना छड़ी के सहारे चल नहीं सकते। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे
मोतिहारी शहर स्थित रघुनाथपुर पुल से धनौती नदी कुछ इस तरह की दिखती है। तस्वीर- सीटू तिवारी

चंपारण के धनौती नदी को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार पर स्थानीय लोग असमंजस में, आखिर क्यों?

बिहार के मोतिहारी शहर के बीचोंबीच होकर बहती धनौती एक बड़े नाले में तब्दील हो गई है। नदी के ऊपर बने रघुनाथपुर पुल से, गंदगी से बजबजाती इस नदी से…
मोतिहारी शहर स्थित रघुनाथपुर पुल से धनौती नदी कुछ इस तरह की दिखती है। तस्वीर- सीटू तिवारी
बैनर तस्वीरः ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग परिवहन सहित कई अन्य क्षेत्रों को ऊर्जा देने के लिए किया जा सकता है। तस्वीर- मिरकोन / विकिमीडिया कॉमन्स

ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी: हाइड्रोजन को फ्यूचर फ्यूल बनाने की कोशिश

भारत सरकार ने फरवरी 2022 में ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी (हरित हाइड्रोजन नीति) की घोषणा की। इसके तहत हाइड्रोजन उत्पादन के लिए कम कार्बन उत्सर्जन वाली तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा…
बैनर तस्वीरः ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग परिवहन सहित कई अन्य क्षेत्रों को ऊर्जा देने के लिए किया जा सकता है। तस्वीर- मिरकोन / विकिमीडिया कॉमन्स
पावागढ़ सौर पार्क का नाम शक्ति स्थल रखा गया है। इसे भारत का सबसे बड़ा और विश्व का दूसरे नंबर का सोलर पार्क माना जाता है। तस्वीर- अभिषेक एन. चिन्नप्पा/मोंगाबे

[वीडियो] सूखाग्रस्त इलाके में लगा 13000 एकड़ का सोलर पार्क, कितनी बदली किसानों की जिंदगी?

“अगर हमारे पास पानी की व्यवस्था होती तो यह शहर काफी पहले विकसित हो गया होता,” यह कहना है गिरिश आर का जो कि पावागढ़ में रहते हैं। पावागढ़ कर्नाटक…
पावागढ़ सौर पार्क का नाम शक्ति स्थल रखा गया है। इसे भारत का सबसे बड़ा और विश्व का दूसरे नंबर का सोलर पार्क माना जाता है। तस्वीर- अभिषेक एन. चिन्नप्पा/मोंगाबे
इंडियन कोबरा (स्पैक्टिकल्ड कोबरा) को रेस्क्यू करते रिंकू कुमार गुप्ता। तस्वीर- ओंकार सिंह जनौटी

[वीडियो] ‘सर्पदंश का इलाज मौजूद’ ये लाइन भारत में हजारों जानें बचा सकती है

गोवा में गुड़ी गांव के लोगों ने स्थानीय एनिमल रेस्क्यू स्वॉड को फोन किया। अक्टूबर 2019 की वह कॉल आबादी में घुसे एक सांप के बारे में थी। स्वॉड की…
इंडियन कोबरा (स्पैक्टिकल्ड कोबरा) को रेस्क्यू करते रिंकू कुमार गुप्ता। तस्वीर- ओंकार सिंह जनौटी
नरेन हांसदा ने संथाली और बंगाली भाषाओं में कम से कम 120 गीतों की रचना की है। तस्वीर- तज़ीन कुरैशी

एक संथाली गायक का भागीरथी प्रयास, गीतों के सहारे संवार रहे जंगल

पीठ तक लटकते लंबे बाल और दोतारा के साथ नरेन हंसदा पहली नजर में किसी रॉकस्टार लगते हैं। लेकिन जब वह गाना शुरू करते हैं तो उनकी यह छवि जाती…
नरेन हांसदा ने संथाली और बंगाली भाषाओं में कम से कम 120 गीतों की रचना की है। तस्वीर- तज़ीन कुरैशी
सोलर पार्क से सटे खेत में टमाटर की टोकरी ढोते किसान। तस्वीर- अभिषेक एन चिन्नप्पा/मोंगाबे

अक्षय ऊर्जा में सब ‘अच्छा’ होने के मिथक को तोड़ता पावागढ़ सौर पार्क

कर्नाटक के तुमकुर जिले के पावागढ़ तालुका के किसानों के लिए सूरज की किरणों से वैसा लगाव नहीं रहा है जैसा अन्य क्षेत्र के लोगों का होता है। यह वही…
सोलर पार्क से सटे खेत में टमाटर की टोकरी ढोते किसान। तस्वीर- अभिषेक एन चिन्नप्पा/मोंगाबे
वाराणसी स्थित कछुआ प्रजनन केंद्र के 900 कछुओं का उधारी के सहारे चल रहा जीवन

वाराणसी स्थित कछुआ प्रजनन केंद्र के 900 कछुओं का उधारी के सहारे चल रहा जीवन

वाराणसी जिले के सारनाथ स्थिति कछुआ प्रजनन केंद्र में मौजूद करीब 900 कछुओं का दाना-पानी उधारी पर चल रहा है। सुनने में यह बात थोड़ी अजीब लगती है लेकिन वास्तविकता…
वाराणसी स्थित कछुआ प्रजनन केंद्र के 900 कछुओं का उधारी के सहारे चल रहा जीवन
भारत में जंगलों में पारंपरिक तौर से निवास करने वाले लोग वन पर निर्भर हैं। जैव विविधता अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव उनके अधिकारों को कमजोर कर सकता है। तस्वीर- इंडिया वाटर पोर्टल/फ्लिकर

[कमेंट्री] जैव विविधता अधिनियम में संशोधन: किसके हित और किसका संरक्षण?

केंद्र सरकार ने हाल ही में जैव विविधता अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव दिया है जिसपर तमाम जन संगठनों और पर्यावरणविदों ने अपनी तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। खास बात…
भारत में जंगलों में पारंपरिक तौर से निवास करने वाले लोग वन पर निर्भर हैं। जैव विविधता अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव उनके अधिकारों को कमजोर कर सकता है। तस्वीर- इंडिया वाटर पोर्टल/फ्लिकर
परियोजना के तहत बनाया जा रहा रेल पुल अबतक अधूरा पड़ा है, जिसका उपयोग लोग पैदल आवागमन के लिए करते हैं। तस्वीर- राहुल सिंह

एक अधूरी परियोजना में अटकी पीढ़ियों की जिंदगी, न कोयला मिला और न ही खेती बची

बोकारो जिले के पेटरवार प्रखंड क्षेत्र में पड़ने वाले चलकरी गांव के पंचानन मंडल की जिंदगी सेंट्रल कोल लिमिटेड (सीसीएल) में नौकरी के इंतजार में कट गयी। 62 साल के…
परियोजना के तहत बनाया जा रहा रेल पुल अबतक अधूरा पड़ा है, जिसका उपयोग लोग पैदल आवागमन के लिए करते हैं। तस्वीर- राहुल सिंह
नंदनकानन बायोलॉजिकल पार्क, भुवनेश्वर, भारत में एक कैप्टिव ब्लैक (स्यूडोमेलैनिस्टिक) बाघ और अपने भाई के साथ। तस्वीर- राजेश कुमार महापात्रा/नंदनकानन बायोलॉजिकल पार्क

[वीडियो] आनुवंशिक तौर पर अलग हो सकते हैं एक से दिखने वाले बाघ, संरक्षण के लिए जरूरी है यह जानकारी

कभी बाघ की बादशाहत पश्चिम में तुर्की से पूरब में अमुर नदी घाटी तक और दक्षिण पूर्व एशिया में बाली से लेकर इंडोनेशिया तक हुआ करती थी। विस्फोटक रूप से…
नंदनकानन बायोलॉजिकल पार्क, भुवनेश्वर, भारत में एक कैप्टिव ब्लैक (स्यूडोमेलैनिस्टिक) बाघ और अपने भाई के साथ। तस्वीर- राजेश कुमार महापात्रा/नंदनकानन बायोलॉजिकल पार्क
प्लास्टिक कचरे को छांटते कर्मचारी। अक्सर कचरे के ढेर को आग के हवाले कर दिया जाता है, जिससे हानिकारक प्रदूषण होता है। तस्वीर- विश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स

देश में कचरा प्रबंधन की तीन सफल मिसाल

हम में से अधिकतर लोग अपने कूड़े को कचरे के डिब्‍बों या नगरपालिका के कचरा उठाने वाली गाड़ियों में फेंक देने के बाद भूल जाते हैं। फिर सारी जिम्मेदारी नगर…
प्लास्टिक कचरे को छांटते कर्मचारी। अक्सर कचरे के ढेर को आग के हवाले कर दिया जाता है, जिससे हानिकारक प्रदूषण होता है। तस्वीर- विश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स
‘इज ऑफ डूइंग बिजनस’ के नाम पर पर्यावरण मंत्रालय जारी कर रहा नए-नए आदेश

‘इज ऑफ डूइंग बिजनस’ के नाम पर पर्यावरण मंत्रालय जारी कर रहा नए-नए आदेश

बीते कुछ महीनों में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की तरफ से दो महत्वपूर्ण संशोधन का प्रस्ताव आया है- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 और जैवविविधता कानून 2002 ।…
‘इज ऑफ डूइंग बिजनस’ के नाम पर पर्यावरण मंत्रालय जारी कर रहा नए-नए आदेश
कुएं की खुदाई में मारुवन परियोजना की टीम की मदद करते स्थानीय लोग। गौरव गुर्जर द्वारा फोटो।

जापानी विधि से राजस्थान के मरुस्थल में तैयार हो रहा वन

जंगली पेड़ों के जानकार गौरव गुर्जर जोधपुर में पले-बढ़े हैं। पढ़ाई और रोजगार के लिए वे अपने घर से दूर जाने वाले गौरव गुर्जर को इसका अंदाजा यह नहीं था…
कुएं की खुदाई में मारुवन परियोजना की टीम की मदद करते स्थानीय लोग। गौरव गुर्जर द्वारा फोटो।

छत्तीसगढ़: धान के कटोरे से गायब होता स्वाद

छत्तीसगढ़ के बालोद ज़िले के दुर्गीटोला गांव के रहने वाले कार्तिक भूआर्य से आप धान की खेती की बात करें तो वो पुरानी यादों में गुम हो जाते हैं, “अब…
बैनर तस्वीर: मुंबई के धारावी में प्लास्टिक रीसाइक्लिंग यूनिट की एक तस्वीर। अनुमान के मुताबिक मुंबई का 60% प्लास्टिक धारावी में रीसाइकल होता है। तस्वीर- Cory Doctorow/फ्लिकर

कैसे होगा प्‍लास्टिक पर पलटवार!

पिछले कुछ सालों में कई वैश्विक संस्थानों और विशेषज्ञों ने बढ़ते प्लास्टिक कचरे पर रिपोर्ट प्रकाशित की है। जैसे संयुक्‍त राष्‍ट्र जलवायु परिवर्तन सम्‍मेलन (कॉप26) के आयोजन से ठीक पहले…
बैनर तस्वीर: मुंबई के धारावी में प्लास्टिक रीसाइक्लिंग यूनिट की एक तस्वीर। अनुमान के मुताबिक मुंबई का 60% प्लास्टिक धारावी में रीसाइकल होता है। तस्वीर- Cory Doctorow/फ्लिकर
जैव विविधता से संपन्न पूर्वोत्तर राज्यों में जंगल लगातार कम हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबित पूर्वोत्तर में 1,69,521 वर्ग किलोमीटर जंगल है, जो कि पिछली सर्वेक्षण रिपोर्ट 2019 के मुताबले 1,020 वर्ग किमी कम है। तस्वीर- सौरभ सावंत/विकिमीडिया कॉमन्स

विश्लेषण: पिछले दो साल में नागालैंड राज्य के बराबर जंगल हुए ‘खराब’

भारत में जंगलों की स्थिति को लेकर 13 जनवरी का दिन अहम रहा। इस दिन केंद्र सरकार ने वन सर्वेक्षण रिपोर्ट, 2021 (इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट यानी आईएसएफआर) जारी की।…
जैव विविधता से संपन्न पूर्वोत्तर राज्यों में जंगल लगातार कम हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबित पूर्वोत्तर में 1,69,521 वर्ग किलोमीटर जंगल है, जो कि पिछली सर्वेक्षण रिपोर्ट 2019 के मुताबले 1,020 वर्ग किमी कम है। तस्वीर- सौरभ सावंत/विकिमीडिया कॉमन्स