ऊर्जा News

मध्यप्रदेश के रीवा स्थित सोलर प्लांट। यहां बनने वाली बिजली का एक बड़ा भाग दिल्ली में मेट्रो परिचालन के लिए भेजा जाता है। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली मेट्रो में 60 फीसदी बिजली की जरूरत इस पार्क से पूरी होती है। तस्वीर- मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम

क्या बैंकों द्वारा नवीन ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने से भारत के ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव आएगा?

2030 तक क्लीन एनर्जी के अपने तयशुदा लक्ष्य को पाने के लिए भारत को वर्तमान में निवेश की जा रही धन राशि की तुलना में कम से कम दोगुने धन…
मध्यप्रदेश के रीवा स्थित सोलर प्लांट। यहां बनने वाली बिजली का एक बड़ा भाग दिल्ली में मेट्रो परिचालन के लिए भेजा जाता है। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली मेट्रो में 60 फीसदी बिजली की जरूरत इस पार्क से पूरी होती है। तस्वीर- मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम
महाराष्ट्र के गन्ना समृद्ध क्षेत्र बारामती में एक किसान अपने खेत की जुताई करता हुआ। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे

20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य खेतों और भूजल के लिए बन सकता है संकट

भारत सरकार ने हाल ही में संसद में पेश किए अपने बजट भाषण में बताया कि देश ने 9.45 प्रतिशत की इथेनॉल-पेट्रोल मिश्रण के लक्ष्य को हासिल कर लिया है।…
महाराष्ट्र के गन्ना समृद्ध क्षेत्र बारामती में एक किसान अपने खेत की जुताई करता हुआ। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे
बिहार के गया जिले में मुख्यमंत्री सौर पंप योजना के तहत लगा सोलर पंप। तस्वीर- मनीष कुमार

आखिर भारत के गावों में क्यों दम तोड़ देती हैं सोलर परियोजनाएं?

चार साल पहले जब आप दिल्ली से मेरठ की तरफ जाते थे तो यमुना नदी पर बने पुल पर सोलर पैनल का शीशा चमकता दिखता था। इस दिल्ली-मेरठ हाइवे पर…
बिहार के गया जिले में मुख्यमंत्री सौर पंप योजना के तहत लगा सोलर पंप। तस्वीर- मनीष कुमार
पवन चक्की से कुछ दूर जलावन के लिए लकड़ियां इकट्ठा करता एक किसान। नेट जीरो को लेकर भारत की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जानकारों की राय है कि वर्तमान स्थिति में भारत की नीति निर्माण में भारी विरोधाभास है। तस्वीर- वेस्तास/याहू/फ्लिकर

जलवायु परिवर्तन से जंग में पीछे छूटते भारतीय बैंक

भारत एनर्जी ट्रांजिशन के दौर से गुजर रहा है। इस ट्रांजिशन के तहत देश कार्बन उत्सर्जन करने वाले जीवाश्म ऊर्जा के स्रोत जैसे पेट्रोलियम, कोयला आदि की जगह सौर और…
पवन चक्की से कुछ दूर जलावन के लिए लकड़ियां इकट्ठा करता एक किसान। नेट जीरो को लेकर भारत की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जानकारों की राय है कि वर्तमान स्थिति में भारत की नीति निर्माण में भारी विरोधाभास है। तस्वीर- वेस्तास/याहू/फ्लिकर
उद्घाटन के समय पार्क से 30,000 नौकरियां पैदा होने की घोषणा की गई थी, लेकिन आज गांव के महज 60 लोग सुरक्षा गार्ड, तकनीशियन, घास कटाई और पैनल धोने का काम करते हैं। तस्वीर- रवलीन कौर

[वीडियो] देश का पहला सोलर पार्क, 10 साल बाद भी कई वादे हक़ीक़त से दूर

"आपको बारिश के दिनों में यहां आना चाहिए था। तब आपको पता चलता कि हमारी गौचर (चराई भूमि) कितनी बड़ी थी।" गुजरात में रहने वाली 60 साल की नानू रबारी…
उद्घाटन के समय पार्क से 30,000 नौकरियां पैदा होने की घोषणा की गई थी, लेकिन आज गांव के महज 60 लोग सुरक्षा गार्ड, तकनीशियन, घास कटाई और पैनल धोने का काम करते हैं। तस्वीर- रवलीन कौर
छत्तीसगढ़ में इंद्रावती नदी पर चित्रकोट जलप्रपात। इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित बोधघाट परियोजना 40 वर्षों से लंबित है और इस वर्ष इसे नए सिरे से गति मिली है। तस्वीर- इशांत 46एनटी / विकिमीडिया कॉमन्स

देश में मेगा पनबिजली परियोजनाओं की हो रही वापसी, क्या यह व्यवहारिक है

बीते कुछ सालों में, पुरानी पनबिजली परियोजनाओं में राज्य सरकारों की दिलचस्पी बढ़ी है। चाहे किसी भी दल की सरकार हो, इन परियोजनाओं के लिए कई राज्यों में एक साझा…
छत्तीसगढ़ में इंद्रावती नदी पर चित्रकोट जलप्रपात। इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित बोधघाट परियोजना 40 वर्षों से लंबित है और इस वर्ष इसे नए सिरे से गति मिली है। तस्वीर- इशांत 46एनटी / विकिमीडिया कॉमन्स
बैनर तस्वीर: बाजोली-होली जलविद्युत परियोजना का एक दृश्य। तस्वीर- विशेष प्रबंध

हिमाचल में आदिवासियों को उजाड़ती पनबिजली परियोजना

25 मार्च 2014 की तारीख, हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला स्थित झरौता गांव के लोग इस तारीख को भूल नहीं सकते। इसी दिन कम से कम 31 महिलाओं को पुलिस…
बैनर तस्वीर: बाजोली-होली जलविद्युत परियोजना का एक दृश्य। तस्वीर- विशेष प्रबंध
बैनर तस्वीरः ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग परिवहन सहित कई अन्य क्षेत्रों को ऊर्जा देने के लिए किया जा सकता है। तस्वीर- मिरकोन / विकिमीडिया कॉमन्स

ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी: हाइड्रोजन को फ्यूचर फ्यूल बनाने की कोशिश

भारत सरकार ने फरवरी 2022 में ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी (हरित हाइड्रोजन नीति) की घोषणा की। इसके तहत हाइड्रोजन उत्पादन के लिए कम कार्बन उत्सर्जन वाली तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा…
बैनर तस्वीरः ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग परिवहन सहित कई अन्य क्षेत्रों को ऊर्जा देने के लिए किया जा सकता है। तस्वीर- मिरकोन / विकिमीडिया कॉमन्स
पावागढ़ सौर पार्क का नाम शक्ति स्थल रखा गया है। इसे भारत का सबसे बड़ा और विश्व का दूसरे नंबर का सोलर पार्क माना जाता है। तस्वीर- अभिषेक एन. चिन्नप्पा/मोंगाबे

[वीडियो] सूखाग्रस्त इलाके में लगा 13000 एकड़ का सोलर पार्क, कितनी बदली किसानों की जिंदगी?

“अगर हमारे पास पानी की व्यवस्था होती तो यह शहर काफी पहले विकसित हो गया होता,” यह कहना है गिरिश आर का जो कि पावागढ़ में रहते हैं। पावागढ़ कर्नाटक…
पावागढ़ सौर पार्क का नाम शक्ति स्थल रखा गया है। इसे भारत का सबसे बड़ा और विश्व का दूसरे नंबर का सोलर पार्क माना जाता है। तस्वीर- अभिषेक एन. चिन्नप्पा/मोंगाबे

स्वच्छ ऊर्जा की मदद से देसी स्टार्टअप बदल रहे हैं गांवों की तस्वीर

गुजरात के सूरत जिले का एक तटीय गांव है ओलपाड। गांव के बगल में पानी ही पानी है, लेकिन यहां पीने लायक पानी की किल्लत है। समुद्र का खारा पानी,…
प्लास्टिक कचरों के बीच प्लास्टिक बॉटल की तलाश में एक कचरा बीनने वाला। तस्वीर- कार्तिक चंद्रमौली/मोंगाबे

अर्थव्यवस्था पर भारी प्लास्टिक कचरे का गणित

वर्तमान सामाजिक व्यवस्था में कचरा भी बहुत तेजी से बढ़ रहा है। 2012 में दुनिया में प्रति वर्ष 1.3 अरब टन नगरीय ठोस कचरा पैदा हुआ था। फिर 2018 में…
प्लास्टिक कचरों के बीच प्लास्टिक बॉटल की तलाश में एक कचरा बीनने वाला। तस्वीर- कार्तिक चंद्रमौली/मोंगाबे
सोलर पंप के साथ समूह की महिलाएं। भूजल संरक्षण के लिए इन सोलर पंप का इस्तेमाल सिर्फ सतही पानी को पंप करने में किया जा सकता है। तस्वीर- श्रीकांत चौधरी

अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में छोटे-छोटे कदम से सुनिश्चित हो रही महिलाओं की भागीदारी

कर्नाटक के बिंदूर स्थित एक डेयरी में इकतीस वर्ष की नागरत्ना मवेशियों के बीच काम में लगी हैं। वह एक जुगाड़ से बनी मशीन  खींच रही हैं। यह मशीन एक…
सोलर पंप के साथ समूह की महिलाएं। भूजल संरक्षण के लिए इन सोलर पंप का इस्तेमाल सिर्फ सतही पानी को पंप करने में किया जा सकता है। तस्वीर- श्रीकांत चौधरी
बिहार के गया जिले में मुख्यमंत्री सौर पंप योजना के तहत लगा सोलर पंप। तस्वीर- मनीष कुमार

दो साल बीते, बिहार अब भी सोलर पंप पर सब्सिडी वाले प्रधानमंत्री कुसुम योजना के इंतजार में

बिहार के गया जिले के बाघर गांव में रहने वाले जगदेव प्रसाद के पास कुल 3.5 एकड़ खेती की जमीन है जिसमें खेती कर वे अपने और अपने परिवार का…
बिहार के गया जिले में मुख्यमंत्री सौर पंप योजना के तहत लगा सोलर पंप। तस्वीर- मनीष कुमार

दशरथ मांझी के गांव से समझिए बिहार में सौर ऊर्जा की हकीकत

बिहार के गया जिले में स्थित एक पहाड़ी गांव गहलौर को दशरथ मांझी की वजह से जाना जाता है। वही दशरथ मांझी जिन्होंने दो दशक तक अथक परिश्रम से पहाड़…
[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?

कोविड, किसान आंदोलन, उदारीकरण, पेसा, नेट जीरो से जोड़कर देखा जाएगा साल 2021

अभी 2022 दहलीज पर खड़ा है और इसके साथ ओमीक्रॉन भी। पूरी मानव सभ्यता इस उम्मीद में है कि कोविड के डेल्टा ने 2021 में जो तबाही मचाई वैसे आगे…
[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?

पोखर-तालाब पर लग रहे हैं सोलर पैनल, क्या है इसका भविष्य? 

भूरबन्धा, असम राज्य के मोरीगांव ज़िले का एक ऐसा गांव है जहां वर्ष 2017 तक बिजली नहीं पहुच पाई थी। गाँव में पढ़ाई करने वाले छात्र अक्सर किरोसिन तेल से…
उत्तराखंड की वादियों में लगे सोलर पैनल्स। तस्वीर- वर्षा सिंह।

सौर ऊर्जा से पूरी हो सकती है उत्तराखंड की ऊर्जा जरूरत

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं का डर हमेशा बना ही रहता है। वैसे तो इसके लिए अन्य प्राकृतिक वजहें भी हैं पर अब इसके साथ यहां जलवायु परिवर्तन का प्रभाव भी…
उत्तराखंड की वादियों में लगे सोलर पैनल्स। तस्वीर- वर्षा सिंह।
हैदराबाद में एक इलेक्ट्रिक बस स्टैंड। आंकड़े बताते है की तेलंगाना राज्य मे देश मे ईवी के लिए सबसे ज्यादा चार्जिंग पॉइंट्स है। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे

नीति आयोग के निर्देश के तीन साल बाद भी इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर नीति नहीं बना पा रहे राज्य

नीति आयोग ने 2018 मे सभी राज्यो को खुद की इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाने के लिए कहा था। अब 2022 आने को है पर छत्तीसगढ़ जैसे राज्य अभी तक, इस…
हैदराबाद में एक इलेक्ट्रिक बस स्टैंड। आंकड़े बताते है की तेलंगाना राज्य मे देश मे ईवी के लिए सबसे ज्यादा चार्जिंग पॉइंट्स है। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे
फ्राइडे फॉर फ्यूचर नामक समूह ने कॉप 26 सम्मेलन स्थल के बाहर मार्च में हिस्सा लिया। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे

कॉप-26: ग्लासगो वार्ता में बेचे गए बस सपने, आर्थिक मदद और ठोस कार्रवाई नदारद

दो सप्ताह की बातचीत के बाद ग्लासगो में चल रहा संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन शनिवार को समाप्त हो गया।  आखिर में जो हासिल हुआ उसे आयोजकों ने उपलब्धि बताई…
फ्राइडे फॉर फ्यूचर नामक समूह ने कॉप 26 सम्मेलन स्थल के बाहर मार्च में हिस्सा लिया। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे
हरियाणा स्थित एक थर्मल पावर प्लांट। विशेषज्ञ मानते हैं कि कोयला संकट के पीछे की असल वजह पावर प्लांट की माली हालत और ढुलाई से जुड़ी दिक्कतें हैं। तस्वीर- विक्रमदीप सिधु/विकिमीडिया कॉमन्स

कोयला से बिजली पैदा होने वाले संयंत्रों को बंद करना चुनौतीपूर्ण काम, एनजीटी के आदेश पर तैयार हुआ दिशानिर्देश

भारत फॉशिल फ्यूल आधारित ऊर्जा से गैर परंपरागत ऊर्जा यानी अक्षय ऊर्जा की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में कोयले से चलने वाले कई…
हरियाणा स्थित एक थर्मल पावर प्लांट। विशेषज्ञ मानते हैं कि कोयला संकट के पीछे की असल वजह पावर प्लांट की माली हालत और ढुलाई से जुड़ी दिक्कतें हैं। तस्वीर- विक्रमदीप सिधु/विकिमीडिया कॉमन्स
ग्लासगो शहर में चल रहे कॉप 26 शिखर वार्ता के दौरान कई तरह के विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ब्ला ब्ला ब्लाह के पोस्टर यहां काफी देखे जा रहे हैं, जिसका अर्थ है सम्मेलन में वैश्विक नेता बे मतलब की बातें कर रहे हैं, जबकि युवा तत्काल जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कार्रवाई चाहते हैं। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे

कॉप-26: बढ़ते प्राकृतिक आपदा के बीच क्या ग्लासगो भी एक खानापूर्ति का मंच बनकर रह जाएगा?

शनिवार और रविवार को ग्लासगो की सड़कों पर खासा रौनक थी। दुनिया भर से आए हजारों हजार लोग रंगीन पोस्टर, गीत-संगीत, नारेबाजी के माध्यम से कॉप-26 में मौजूद राजनीतिज्ञों, उद्योगपतियों…
ग्लासगो शहर में चल रहे कॉप 26 शिखर वार्ता के दौरान कई तरह के विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ब्ला ब्ला ब्लाह के पोस्टर यहां काफी देखे जा रहे हैं, जिसका अर्थ है सम्मेलन में वैश्विक नेता बे मतलब की बातें कर रहे हैं, जबकि युवा तत्काल जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कार्रवाई चाहते हैं। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को सौर ऊर्जा ग्रिड के पहले अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के की घोषणा की। इसे ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव – वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड के रूप में सामने रखा गया। तस्वीर- संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन/कियारा वर्थ

कॉप-26: ग्रीन ग्रिड के सपने की राह में खड़ी हैं ढेरों तकनीकी और राजनैतिक चुनौतियां

ग्लासगो में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में भारत और यूके द्वारा स्वच्छ ऊर्जा के विस्तार के बाबत दुनिया के बिजली पावर ग्रिड को जोड़ने की संयुक्त पहल…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को सौर ऊर्जा ग्रिड के पहले अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के की घोषणा की। इसे ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव – वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड के रूप में सामने रखा गया। तस्वीर- संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन/कियारा वर्थ
साबरमती नदी किनारे स्थित थर्मल पावर स्टेशन। देश में कोयले की कमी की चर्चा के बीच कई ऊर्जा संयंत्र बंद होने की कगार पर हैं। तस्वीर- कोशी/विकिमीडिया कॉमन्स

क्या देश में कोयला संकट से तैयार हो रहा कानूनों में परिवर्तन का रास्ता?

पिछले कुछ दिनों से, देश के ताप विद्युत संयत्रों में कोयले की कमी की चर्चा जोरों पर है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इसकी वजह से देश में…
साबरमती नदी किनारे स्थित थर्मल पावर स्टेशन। देश में कोयले की कमी की चर्चा के बीच कई ऊर्जा संयंत्र बंद होने की कगार पर हैं। तस्वीर- कोशी/विकिमीडिया कॉमन्स

चुनौतियों के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों के विस्तार की कोशिश में ओडिशा

संतोष दास समुद्र तट पर बसे पूरी शहर में रहते हैं। 35 वर्षीय इस युवक ने हाल ही में इलेक्ट्रिक रिक्शा (ई-रिक्शा) चलाना शुरू किया है। आज से लगभग तीन…
उत्तराखंड की वादियों में लगे सोलर पैनल्स। राज्य सरकार ने कोविड-19 की वजह से बेरोजगार हुए लोगों को पलायन से रोकने के लिए सौर स्वरोज़गार योजना की शुरुआत की थी। तस्वीर- वर्षा सिंह

[वीडियो] उत्तराखंड: सौर स्वरोज़गार योजना की इस रफ़्तार से कैसे रुकेंगे रोज़गार की तलाश कर रहे प्रवासी

पर्वतीय ज़िले पौड़ी के कोट ब्लॉक के कोट गांव के सागर रावत की दिल्ली की आईटी कंपनी की नौकरी छूट गई थी। वह बताते हैं, “लॉकडाउन की वजह से मेरे…
उत्तराखंड की वादियों में लगे सोलर पैनल्स। राज्य सरकार ने कोविड-19 की वजह से बेरोजगार हुए लोगों को पलायन से रोकने के लिए सौर स्वरोज़गार योजना की शुरुआत की थी। तस्वीर- वर्षा सिंह
महानदी की कछार पर ताप विद्युत गृह और साथ में धान के खेत। यहां पानी का बेतहाशा इस्तेमाल होता है। तस्वीर- रंजन पांडा

महानदी को लेकर ओडिशा और छत्तीसगढ़ में खींचतान, क्या बच पाएगी नदी?

ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित संबलपुर में हीराकुंड बांध का पानी दोनों राज्यों के लिए खींचतान का विषय बना हुआ है। ओडिशा का आरोप है कि महानदी पर…
महानदी की कछार पर ताप विद्युत गृह और साथ में धान के खेत। यहां पानी का बेतहाशा इस्तेमाल होता है। तस्वीर- रंजन पांडा
ग्रीन पावर कंपनियों द्वारा ओरण में चल रहे कामकाज का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां बीते डेढ़ साल से कई सोलर कंपनियां ओरण के मायने बदलने की ही कोशिश कर रही हैं। तस्वीर- सुमेर सिंह भाटी

[वीडियो] ‘ग्रीन पावर’ से राजस्थान के ओरण और गोडावण के अस्तित्व को खतरा

‘ओरण उपजै औषधी, ओरण लाभ अनेक, ओरण बचावण आवसक, निश्चै कारज नैक।‘  यानी ओरण के अंदर कई प्रकार की औषधियां उत्पन्न होती है। ओरण के अनेक लाभ हैं। ओरण को…
ग्रीन पावर कंपनियों द्वारा ओरण में चल रहे कामकाज का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां बीते डेढ़ साल से कई सोलर कंपनियां ओरण के मायने बदलने की ही कोशिश कर रही हैं। तस्वीर- सुमेर सिंह भाटी
धान के खेत की प्रतीकात्मक तस्वीर। छत्तीसगढ़ को धान के बंपर उत्पादन को लेकर चावल का कटोरा नाम से जाना जाता है। तस्वीर- डब्लूबीके फोटोग्राफी/फ्लिकर

छत्तीसगढ़ ने बनाई धान से बायोफ्यूल बनाने की योजना

छत्तीसगढ़ में धान से बायोफ्यूल बनाने की तरकीब पर काम हो रहा है। इससे पहले सरकार बायोफ्यूल के एक प्रयोग में असफल हो चुकी है। प्रयोग था जेट्रोफा से बायोडीजल…
धान के खेत की प्रतीकात्मक तस्वीर। छत्तीसगढ़ को धान के बंपर उत्पादन को लेकर चावल का कटोरा नाम से जाना जाता है। तस्वीर- डब्लूबीके फोटोग्राफी/फ्लिकर
कोसी के भीमनगर बराज से जुड़ी कटैया विद्युत परियोजना जो बुरी तरह असफल साबित हुई। फोटो- प्रत्यूष सौरभ

बिहारः क्या कोसी वालों के लिए दूसरी आपदा साबित होगी डगमारा परियोजना?

बिहार के कोसी नदी के इलाके में इन दिनों अचानक फिर से डगमारा परियोजना से जुड़ी गतिविधियां तेज हो गयी हैं। लंबे समय से प्रस्तावित 130 मेगावाट क्षमता वाली इस…
कोसी के भीमनगर बराज से जुड़ी कटैया विद्युत परियोजना जो बुरी तरह असफल साबित हुई। फोटो- प्रत्यूष सौरभ
[व्याख्या] जस्ट ट्रांजिशन: जलवायु परिवर्तन की लड़ाई में पीछे छूटते लोगों की वकालत

[व्याख्या] जस्ट ट्रांजिशन: जलवायु परिवर्तन की लड़ाई में पीछे छूटते लोगों को साथ लेकर चलने की कोशिश

जस्ट ट्रांजिशन (जेटी) क्या है? आज के समय की सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती है- जलवायु परिवर्तन। इसका असर बढ़ता ही जा रहा है। इस चुनौती से निपटने के लिए कार्बन…
[व्याख्या] जस्ट ट्रांजिशन: जलवायु परिवर्तन की लड़ाई में पीछे छूटते लोगों की वकालत