छत्तीसगढ़ के बलरामपुर ज़िले में 10 मार्च को लगभग दस साल के एक नर हाथी को करंट लगा कर मार डाला गया। वाड्रफनगर से लगे हुए फोकली महुआ वनक्षेत्र में…
पूर्वी घाट के एक अध्ययन में मेसिक सवाना पारिस्थितिकी तंत्र में तेजी से फैल रही देसी सिम्बोपोगोन घास (लेमनग्रास) को लेकर चिंता जाहिर की और पारिस्थितिक तंत्र को पुरानी स्थिति…
सुप्रीम कोर्ट ने 19 फरवरी को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) को वनों की पुरानी परिभाषा को बहाल करने का निर्देश दिया। इस परिभाषा में जंगलों की…
भारत में चीतों को फिर से बसाने की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को एक साल से ज्यादा हो गया है। अब सरकार गुजरात के कच्छ जिले में स्थित कच्छ…
भारत में जंगल में रहने वाले आदिवासी समुदायों के लिए जंगल का क्या मतलब है? क्या वे वन पारिस्थितिकी तंत्र को उसी तरह देखते हैं जैसे जंगल के बाहर के…
"हाथ में पैसा होगा तभी त्योहार मनाना अच्छा लगता है," रक्षाबंधन के त्यौहार के दिन मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से सटे मोरावन गांव की सहरिया आदिवासी बस्ती में…
भारत के तीन टाइगर रिजर्व क्षेत्रों में धार्मिक गतिविधियों और संरक्षण के बीच तालमेल बिठाने के तरीकों को समझने के लिए एक दीर्घकालिक अध्ययन किया गया था। इस अध्ययन में…
नए सरकारी नियमों के मुताबिक, जंगलों में प्राकृतिक भंडार से तेल और गैस निकालने के लिए अब परियोजना के डेवलपर्स को वन मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। शर्त बस…
एक अध्ययन में पाया गया है कि कम्युनिटी रिजर्व (सीआर) यानी आदिवासी समुदायों द्वारा प्रबंधित संरक्षित क्षेत्र, संरक्षण प्राथमिकताओं और समुदायों की आजीविका की जरूरतों को संतुलित करने के लिए…
पिछली तीन मौतें एक महीने से कुछ ज्यादा वक्त के दरम्यान हुईं। इन मौतों की वजह चीतों के रेडियो कॉलर के नीचे घावों में अंडे देने वाले कीड़ों और सेप्टीसीमिया…
सितंबर 2011 में, जम्मू यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेन एनवायरनमेंट (आईएमई) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने जम्मू-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सियार के एक जोड़े को मरा हुआ पाया। वन्यजीव…
“हम लैंटाना (विदेशी प्रजाति का एक पौधा) के प्रकोप से आजाद हैं,” मध्य भारत में स्थानीय समुदाय के एक सदस्य बसंत झारिया मुस्कुराते हुए कहते हैं। यह क्षेत्र कभी आक्रामक…
तीखी सॉस के साथ परोसे जाने वाले मसालेदार मांसाहारी कीमा से भरे मोमो नेपाल और तिब्बत से निकल कर दुनिया भर में लोकप्रिय हो गए हैं। यह नेपाल के लोगों…
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 9 मई की सुबह पौने 11 बजे अफरातफरी मच गई। वजह थी मॉनिटरिंग टीम ने एक मादा चीते को बाड़े में घायल देखा।…
मध्यप्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में अलसुबह पर्यटक, देनवा नदी को पार करके मढ़ई के जंगलों में पहुँच रहे हैं और सफारी के लिए जिप्सियाँ तैयार हो रही हैं। एक-एक…
जैव-विविधता पर गहराते संकट को हल करने के लिए दुनिया भर में कई तरह की कोशिशें चल रही हैं। इन्हीं में से एक है साल 2030 तक धरती के 30…
कीट प्राकृतिक प्रकाश व्यवस्था के संतुलन में काम करते हैं और प्रकाश की तीव्रता, तरंग दैर्ध्य (वेवलेंथ), स्रोतों और अन्य बदलावों के प्रति संवेदनशील होते हैं। निशाचर (रात को चलने…
पूर्वी महाराष्ट्र में स्थित गढ़चिरौली जिले में जंगल के आसपास बसे गांवों में इन दिनों कौतूहल है। यहां के लोगों की नजर जब भी आसमान की ओर जाती है उन्हें…
बीते महीने हिमाचल के किन्नौर स्थित जंगी गांव के 66-वर्षीय किसान रोशन लाल जंगल की आग से परेशान रहे। गांव से सटे जंगल में बीते 12 जून को आग लग…
दक्षिण अफ्रीका के क्रूगर नेशनल पार्क के जैव विविधता संरक्षण के प्रबंधक स्टीफन मिड्ज़ी को लगता है कि नदियों को वैसा ही होना चाहिए जैसी नदियां होती हैं। मिड्ज़ी निर्बाध…
जंगल की आग यानि फॉरेस्ट फायर्स को अनियंत्रित आग माना जाता है। इससे अक्सर जंगलों, घास के मैदानों, ब्रशलैंड और टुंड्रा प्रदेश के पेड़-पौधों की व्यापक तबाही के रूप में…
वनों के पुनर्रोपण और कृषिवानिकी के जरिए अतिरिक्त कार्बन को सोखकर जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने की कोशिश हो रही है। पर इसके जरिए जो लक्ष्य हासिल…
भारत में लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत करने के लिहाज से साल 1992 को मील का पत्थर माना जाता है। तीन दशक पहले इसी साल संविधान में 73वां (पंचायती…
घुसपैठिया शब्द पढ़कर हमारे जेहन में किसी पड़ोसी देश से आए किसी इंसान की तस्वीर उभरती है। पर देश में घुसपैठ कई तरह से हो रहा है और उससे लाखों-करोड़ों…
जंगल में प्रवेश करते ही चना राना रबारी लकड़ी का एक टुकड़ा उठाते हैं। उन्हें लकड़ी के सहारे उबड़-खाबड़ और कांटेदार वनस्पतियों से भरे रास्ते को आसानी के साथ पार…
उत्तरकाशी ज़िले के भटवाड़ी ब्लॉक में रहने वाले मोहन सिंह राणा ने 17 साल सेना में नौकरी की। अब यह रिटायर फौजी संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र में अपने जंगलों को बचाने…
देश में जंगलों की वित्तीय कीमत के आकलन के लिए एक फार्मूला अपनाया जाता है जिसमें संशोधन की मांग कई सालों से उठ रही है। बीते जनवरी (2022) सुप्रीम कोर्ट…
जंगल से सटा गांव मसियारी के लोगों के लिए मार्च-अप्रैल का महीना व्यस्तताओं भरा रहता है। वजह हैं महुआ के फूल। इन दो महीनों में हर कोई अधिक से अधिक…
बीते कुछ महीनों में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की तरफ से दो महत्वपूर्ण संशोधन का प्रस्ताव आया है- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 और जैवविविधता कानून 2002 ।…
भारत सरकार ने हाल ही में वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 (आईएसएफआर) जारी किया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दो साल पहले की तुलना में देश के वन क्षेत्र…