पर्यावरण से जुड़ी सुर्खियां

प्रकृति और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों की खोज खबर। मोंगाबे एक गैर-लाभकारी संस्था है।

नुब्रा वैली में सी बकथ्रॉन की झाड़ियों के बीच एक यूरेशियाई लिंक्स। तस्वीर- स्टैनज़िन चंबा।

लद्दाख: आम नागरिकों की पहल से कारगर हो रहा वन्यजीव संरक्षण

लेह में रहने वाले 35 वर्षीय स्टैनज़िन चंबा प्रकृति की खोज में लद्दाख के नुब्रा घाटी में बीते पांच साल से जा रहे हैं। लेह शहर से लगभग 160 किलोमीटर…
नुब्रा वैली में सी बकथ्रॉन की झाड़ियों के बीच एक यूरेशियाई लिंक्स। तस्वीर- स्टैनज़िन चंबा।
मानस नेशनल पार्क में बादलदार तेंदुए की कैमरा-ट्रैप तस्वीर। बादलदार तेंदुए काफी हद तक जंगली, शर्मीले जानवर हैं जिन्हें दुनिया में "सबसे छोटी बड़ी बिल्ली" माना जाता है। तस्वीर- साल्वाडोर लिंगदोह/डब्ल्यूआईआई।

प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए बादलदार तेंदुए ने विकसित किए अपने तरीके

बादलदार तेंदुओं (क्लाउडेड तेंदुआ) ने जंगल में खुद को बचाए रखने के लिए सह-अस्तित्व की बारीक रणनीतियां विकसित की हैं। इसमें चरम गतिविधि का समय अन्य मांसाहारी जीवों के साथ…
मानस नेशनल पार्क में बादलदार तेंदुए की कैमरा-ट्रैप तस्वीर। बादलदार तेंदुए काफी हद तक जंगली, शर्मीले जानवर हैं जिन्हें दुनिया में "सबसे छोटी बड़ी बिल्ली" माना जाता है। तस्वीर- साल्वाडोर लिंगदोह/डब्ल्यूआईआई।
रांची के बिरसा चिड़ियाघर में अपने शावक के साथ लेपर्ड कैट। तस्वीर- डॉ. अजय कुमार

[साक्षात्कार] अनुकूल माहौल और पसंदीदा भोजन जंगली बिल्लियों के प्रजनन के लिए सबसे जरूरी

एनिमल ब्रीडिंग एवं जेनेटिक्स के विशेषज्ञ अजय कुमार झारखंड की राजधानी रांची में स्थित भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में वेटनरी ऑफिसर रहे हैं। कुमार ने बिरसा जू में अपने…
रांची के बिरसा चिड़ियाघर में अपने शावक के साथ लेपर्ड कैट। तस्वीर- डॉ. अजय कुमार
ताइवान में एक तेंदुआ बिल्ली। तस्वीर- ourskyuamlea/विकिमीडिया कॉमन्स।

बहुत ज्यादा गर्मी नहीं सह सकता लेपर्ड कैट, जलवायु परिवर्तन का होगा असर

लेपर्ड कैट या तेंदुआ बिल्ली, बिल्ली की एक प्रजाति है जो कद-काठी में छोटी है। इसे IUCN (इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर) रेड लिस्ट में सबसे कम चिंता वाली…
ताइवान में एक तेंदुआ बिल्ली। तस्वीर- ourskyuamlea/विकिमीडिया कॉमन्स।
रस्टी-स्पॉटेड बिल्ली, जिसे अक्सर बिल्लियों में सबसे छोटी कद-काठी वाला माना जाता है। यह छोटी और फुर्तीली बिल्ली है और IUCN रेड लिस्ट में करीबी खतरे वाली श्रेणी में शामिल है। तस्वीर-राधेश्याम बिश्नोई।

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में रस्टी स्पॉटेड कैट की निगरानी के लिए 100 कैमरा ट्रैप

पिछले महीने राजस्थान के भरतपुर में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में अपने बिल्ली के बच्चे को ले जाते हुए एक रस्टी स्पॉटेड कैट (लोहे पर लगे जंग जैसे धब्बे) (वैज्ञानिक नाम-…
रस्टी-स्पॉटेड बिल्ली, जिसे अक्सर बिल्लियों में सबसे छोटी कद-काठी वाला माना जाता है। यह छोटी और फुर्तीली बिल्ली है और IUCN रेड लिस्ट में करीबी खतरे वाली श्रेणी में शामिल है। तस्वीर-राधेश्याम बिश्नोई।
म्यांमार में किनाबातांगन नदी के किनारे देखी गई एक तेंदुआ बिल्ली। म्यांमार सीमा पर मानव रहित सीमा क्षेत्र और मिजोरम और म्यांमार को विभाजित करने वाली तियाउ नदी के किनारे घने जंगल ने भारत के इस हिस्से में पहुंच, व्यापार को आसान बनाने और अवैध शिकार में सामान्य वृद्धि में योगदान दिया है। तस्वीर- माइक प्रिंस/विकिमीडिया कॉमन्स

मिजोरम में लुप्तप्राय छोटी बिल्लियों का गुपचुप तरीके से हो रहा है व्यापार

पूरे एशिया में मध्यम वर्ग के बीच बढ़ती मांग के चलते दुर्लभ वन्यजीव प्रजातियों के उत्पादों का व्यावसायिक मूल्य काफी हद तक बढ़ गया है। भारत-म्यांमार सीमा पर दुर्लभ छोटी…
म्यांमार में किनाबातांगन नदी के किनारे देखी गई एक तेंदुआ बिल्ली। म्यांमार सीमा पर मानव रहित सीमा क्षेत्र और मिजोरम और म्यांमार को विभाजित करने वाली तियाउ नदी के किनारे घने जंगल ने भारत के इस हिस्से में पहुंच, व्यापार को आसान बनाने और अवैध शिकार में सामान्य वृद्धि में योगदान दिया है। तस्वीर- माइक प्रिंस/विकिमीडिया कॉमन्स
खेत में किसान। प्रतिकात्मक तस्वीर। तुम्मलापल्ले खदान के पास रहने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि यूरेनियम खदान के टेलिंग तालाब से अपशिष्ट भूजल में मिल रहा है, जिससे फसलों की ग्रोथ पर असर पड़ रहा है। तस्वीर- सूरज मोंडोल/विकिमीडिया कॉमन्स 

यूरेनियम खदानों के पास रहने वाले लोगों ने कहा, प्रदूषण से उनकी सेहत और खेतों पर असर पड़ा

आंध्र प्रदेश के वाईएसआर कडपा जिले के तुम्मलपल्ले और अन्य गांवों के पास यूरेनियम टेलिंग्स तालाब में यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) द्वारा खनन के संभावित प्रभावों के कारण,…
खेत में किसान। प्रतिकात्मक तस्वीर। तुम्मलापल्ले खदान के पास रहने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि यूरेनियम खदान के टेलिंग तालाब से अपशिष्ट भूजल में मिल रहा है, जिससे फसलों की ग्रोथ पर असर पड़ रहा है। तस्वीर- सूरज मोंडोल/विकिमीडिया कॉमन्स 
चैनपुरा गांव में अपना खेत दिखाते मनोज कुमार। तस्वीर-पारुल कुलश्रेष्ठ/मोंगाबे 

घटते भूजल के कारण राजस्थान के किसानों के लिए सोलर पंप का इस्तेमाल कर पाना हुआ मुश्किल

इस साल जून में जैसे ही तापमान बढ़ा, राजस्थान के झुंझुनू जिले के बदनगढ़ गांव में रहने वाले 69 साल के किसान जमन सिंह सैनी की मुसीबतें भी बढ़ने लगीं…
चैनपुरा गांव में अपना खेत दिखाते मनोज कुमार। तस्वीर-पारुल कुलश्रेष्ठ/मोंगाबे 
पर्पल सनबर्ड का यह घोंसला मानवजनित कचरे का इस्तेमाल करके बनाया गया है। तस्वीर-प्रीति सरयान।

भोपाल में कुछ पक्षी अब कचरे से बना रहे हैं अपने घोंसले

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) भोपाल के वैज्ञानिकों की ओर से किए गए एक नए अध्ययन में पक्षियों के घोंसलों के निर्माण में मानवजनित कचरे के प्रभाव की…
पर्पल सनबर्ड का यह घोंसला मानवजनित कचरे का इस्तेमाल करके बनाया गया है। तस्वीर-प्रीति सरयान।
पश्चिम बंगाल के हावड़ा में सब्जी बेचता एक विक्रेता। तस्वीरः बिस्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स

खाने की पौष्टिकता को कम कर रहा बढ़ता कार्बन डाइऑक्साइड

वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड का बढ़ता स्तर पौधों में प्रमुख खनिज पोषक तत्वों पर नकारात्मक असर डाल रहा है। इसकी वजह से उनमें पोषकता कम हो रही है। ‘ट्रेंड्स इन…
पश्चिम बंगाल के हावड़ा में सब्जी बेचता एक विक्रेता। तस्वीरः बिस्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स
नेपाल के नवलपुर में एकत्रित सफेद पूंछ वाले गिद्ध। तस्वीर - अभय राज जोशी/मोंगाबे।

नेपाल में स्थिर है गिद्धों की आबादी, एक्शन प्लान बनाकर आबादी बढ़ाने पर जोर

नेपाल में निचले पहाड़ चीड़ के पेड़ों (पीनस रॉक्सबर्गी) से ढके हुए हैं। गुनगुनी धूप वाली एक सुबह सफ़ेद पूंछ वाले गिद्ध (जिप्स बेंगालेंसिस) का एक जोड़ा एक पेड़ की…
नेपाल के नवलपुर में एकत्रित सफेद पूंछ वाले गिद्ध। तस्वीर - अभय राज जोशी/मोंगाबे।
हरीशपुर में धंसी हुई सड़क और ढहे हुए घर। तस्वीरें- गीतिका मिश्रा

पश्चिम बंगाल के कोयला खदान के पास रहने वालों का अभी तक पुनर्वास नहीं

जैसे ही आप पश्चिम बंगाल के इस गांव की चौड़ी और टूटी-फूटी हुई सड़क पर चलते हैं, यह साफ हो जाता है कि यहां कुछ विनाशकारी हुआ है। चारों ओर…
हरीशपुर में धंसी हुई सड़क और ढहे हुए घर। तस्वीरें- गीतिका मिश्रा
नेपाल में हिमालय के सागरमाथा राष्ट्रीय उद्यान में एक पर्वत। तस्वीर- पीटर प्रोकोच

कम हो रहे हैं हिमालय के ग्लेशियर और बर्फ, आने वाले समय में और अधिक खतरे की आशंका – अध्ययन

हिमालयन यूनिवर्सिटी कंसोर्टियम (एचयूसी) के फेलो जैकब एफ. स्टीनर ने कहा, "वैज्ञानिकों के रूप में, हमें सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि हिमालय में ग्लेशियर किस पैमाने पर…
नेपाल में हिमालय के सागरमाथा राष्ट्रीय उद्यान में एक पर्वत। तस्वीर- पीटर प्रोकोच
मुथलप्पोझी बंदरगाह, जो मछुआरों के लिए जोखिम भरा क्षेत्र है, के पास एक टूटी हुई नाव बह गई। तस्वीर- बेनेट जॉन।

केरलः संचार के नए माध्यमों से मॉनसून के दौरान सुरक्षित रहने के उपाय ढूंढते मछुआरे

अपनी छोटी नाव के आउटबोर्ड इंजन को चालू करते हुए, डेविडसन एंथोनी आदिमा, जिनकी उम्र 40 वर्ष के आसपास थी, केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 23 किलोमीटर उत्तर में, मुथलप्पोझी…
मुथलप्पोझी बंदरगाह, जो मछुआरों के लिए जोखिम भरा क्षेत्र है, के पास एक टूटी हुई नाव बह गई। तस्वीर- बेनेट जॉन।
गुजरात की स्वदेशी पाटनवाड़ी भेड़। तस्वीर-अज़रा परवीन रहमान 

गुजरात की स्थानीय पाटनवाड़ी ऊन और भेड़ों की मांग में गिरावट

जब हम गुजरात की देशी नस्ल की भेड़ पाटनवाड़ी की तलाश में निकले, तो हमें कच्छ का वह एक दिन काफी लंबा लगा था। काफी तलाश के बाद हमें कुछ…
गुजरात की स्वदेशी पाटनवाड़ी भेड़। तस्वीर-अज़रा परवीन रहमान 
रेडियो कॉलर वाला एक हाथी 18 मई, 2023 को कर्नाटक के हसन जिले के सकलेशपुर के पास एक कॉफी बागान से गुजर रहा है। तस्वीर - अभिषेक एन चिन्नप्पा।

रेडियो कॉलर का कई तरीके से इस्तेमाल, जानवरों से जुड़े अध्ययन में है बेहद कारगर

रेडियो कॉलर, वन्यजीवों की निगरानी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक लोकप्रिय तकनीक है। लेकिन, हाल के महीनों में कूनो में लाए गए चीतों के साथ हुए हादसे के…
रेडियो कॉलर वाला एक हाथी 18 मई, 2023 को कर्नाटक के हसन जिले के सकलेशपुर के पास एक कॉफी बागान से गुजर रहा है। तस्वीर - अभिषेक एन चिन्नप्पा।
कैराकल को भारत में आईयूसीएन  रेड लिस्ट में खतरे के करीब के रूप में रखा गया है और यह भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) कानून की अनुसूची- I में आता है। तस्वीर: गोबिंद सागर भारद्वाज।

संरक्षण के अभाव में कहीं विलुप्त न हो जाए रोबदार बिल्ली स्याहगोश

भारत में एक छोटी जंगली बिल्ली पाई जाती है। स्थानीय भाषा में इसे स्याहगोश कहते हैं। इसे कैराकल (कैराकल कैराकल श्मित्ज़ी)  के नाम से भी जाना जाता है। अब अनुमान…
कैराकल को भारत में आईयूसीएन  रेड लिस्ट में खतरे के करीब के रूप में रखा गया है और यह भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) कानून की अनुसूची- I में आता है। तस्वीर: गोबिंद सागर भारद्वाज।

क्या बाड़ लगाने से कम हो सकता है बांग्लादेश के सुंदरबन में मानव-बाघ संघर्ष?

अधिकारी सुंदरबन में मानव-बाघ संघर्ष से निपटने के लिए एक नए और अनोखे समाधान के साथ आगे आए हैं। वह इस इलाके को नायलॉन की बाड़ लगाकर सुरक्षित बनाने का…
विरोध-प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं का मानना है कि झींगा उद्योग के मुनाफे के लिए सीमांत मछुआरों के हितों की बलि दी गई है। तस्वीर - टिमोथी ए. गोंसाल्वेस/विकिमीडिया कॉमन्स। 

कानून में बदलाव से मछुआरों की बढ़ी चिंता, झींगा फार्म को पिछले उल्लंघनों से मिल गई छूट

"ट्रैवलिंग-प्रोजेक्ट भाई भाई, एक डोरी-ते फांसी चाय" (ट्रॉउलिंग और झींगा कल्चर भाई-भाई हैं और दोनों को एक ही रस्सी से लटकाने की जरूरत है) बांग्ला में लिखी गई ये लाइनें…
विरोध-प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं का मानना है कि झींगा उद्योग के मुनाफे के लिए सीमांत मछुआरों के हितों की बलि दी गई है। तस्वीर - टिमोथी ए. गोंसाल्वेस/विकिमीडिया कॉमन्स। 

[टिप्पणी] मैंग्रोव के बीच एक यात्रा और उससे मिले जीवन के सबक

जैसे ही मैं मैदान से रिकॉर्डिंग्स को ट्रांसक्रिप्ट करने के लिए बैठी तो यादें ताज़ा हो गईं। चलने के दौरान मेरी भारी सांसों के पीछे मैं केवल "पच-पच " और…
राजस्थान के रेगिस्तान में सूखी घास के रंग में भारतीय रेगिस्तानी बिल्ली का रंग पूरी तरह मिल जाता है। तस्वीर-राधेश्याम बिश्नोई।

भारतीय रेगिस्तानी बनबिलाव की आबादी घटने की वजह बन रहा संकरण और सड़कों पर हो रही मौत

राजस्थान की जलाने वाली गर्मी में दो प्रकृतिवादी नागफनी की एक बहुत बड़ी झाड़ी के सामने सब्र के साथ इंतजार कर रहे हैं। कैमरे तैयार हैं और आंखें विलुप्त होती…
राजस्थान के रेगिस्तान में सूखी घास के रंग में भारतीय रेगिस्तानी बिल्ली का रंग पूरी तरह मिल जाता है। तस्वीर-राधेश्याम बिश्नोई।
उत्तराखंड के पौड़ी जिले स्थित श्रीनगर वैली का दृश्य। ब्लैक कार्बन अब उच्च हिमालयीय क्षेत्रों में स्थित ग्लेशियरों तक पहुंच रहा है, जिसके कारण ग्लेशियरों के पिघलने की गति बढ़ रही है। तस्वीर- सत्यम कुमार/मोंगाबे

बढ़ते वाहन, जंगल की आग से निकलने वाला ब्लैक कार्बन ग्लेशियरों के लिए बनता बड़ा ख़तरा

ब्लैक कार्बन हाल ही में वैश्विक जलवायु परिवर्तन में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में उभर कर सामने आया है, जो संभवतः वैश्विक जलवायु परिवर्तन के मुख्य चालक कार्बन डाइऑक्साइड…
उत्तराखंड के पौड़ी जिले स्थित श्रीनगर वैली का दृश्य। ब्लैक कार्बन अब उच्च हिमालयीय क्षेत्रों में स्थित ग्लेशियरों तक पहुंच रहा है, जिसके कारण ग्लेशियरों के पिघलने की गति बढ़ रही है। तस्वीर- सत्यम कुमार/मोंगाबे
महाराष्ट्र के ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व में बाघ और उसके शावक की 2016 की तस्वीर। तस्वीर- अजिंक्य विश्वेकर/विकिमीडिया कॉमन्स।

बाघ तस्करो के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश, असम से महाराष्ट्र तक फैला था सिंडिकेट

हाल के दिनों में मिली एक बड़ी सफलता में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली से असम के गुवाहाटी तक फैले अवैध शिकार के सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया गया। यह वन्यजीव अपराध नियंत्रण…
महाराष्ट्र के ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व में बाघ और उसके शावक की 2016 की तस्वीर। तस्वीर- अजिंक्य विश्वेकर/विकिमीडिया कॉमन्स।
4 अक्टूबर को सिक्किम में जीएलओएफ घटना के बाद बचाव प्रयास। फोटो: प्रेस सूचना ब्यूरो, भारत सरकार

बांध सुरक्षा और पूर्व चेतावनी प्रणाली की अनदेखी ने बनाया सिक्किम की बाढ़ को घातक

साल 2011 में सिक्किम में आए 6.9 तीव्रता के भूकंप की याद में हर साल 18 सितंबर को राज्य में आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है।…
4 अक्टूबर को सिक्किम में जीएलओएफ घटना के बाद बचाव प्रयास। फोटो: प्रेस सूचना ब्यूरो, भारत सरकार
कैमरा ट्रैप के माध्यम से ली गई रिबिलिक की तस्वीर। तस्वीर- वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण विभाग, लद्दाख।

अधिक नजर आने लगी है लद्दाख की अनोखी बिल्ली रिबिलिक, क्या बढ़ रही है संख्या

साल 2002 में मैंने एक अनोखा जीव देखा जो दिखने में बिल्ली जैसा था, लेकिन मैंने इसे पहले कभी नहीं देखा था। लद्दाख के एक कारिश्माई जीव के बारे में…
कैमरा ट्रैप के माध्यम से ली गई रिबिलिक की तस्वीर। तस्वीर- वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण विभाग, लद्दाख।
लेह में साल 2022 की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च के बीच 244.53 टन कचरा उत्पन्न हुआ वहीं इस दौरान कारगिल में 36 टन कचरा उत्पन्न हुआ। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

कठिन मौसम और बढ़ते पर्यटन के बीच बढ़ती लद्दाख की कचरे की समस्या

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख पिछले कुछ सालों में एक बड़े पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है। हर साल गर्मी के मौसम में यहां सैलानियों की भीड़ लगी होती है।…
लेह में साल 2022 की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च के बीच 244.53 टन कचरा उत्पन्न हुआ वहीं इस दौरान कारगिल में 36 टन कचरा उत्पन्न हुआ। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे
चाय बागान श्रमिक। तस्वीर - CC BY-NC-SA 3.0 IGO © यूनेस्को-UNEVOC/अमिताव चंद्रा।

चाय बागान की महिला मजदूरों के लिए सर्पदंश बड़ा खतरा, हर साल होती हैं कई मौत

पाही भूमिज उस दिन को याद करके कांप उठती हैं। वह कहती हैं कि मौत से बच निकलने के लिए वह ऊपर वाले की शुक्रगुजार है। भूमिज असम के शिवसागर…
चाय बागान श्रमिक। तस्वीर - CC BY-NC-SA 3.0 IGO © यूनेस्को-UNEVOC/अमिताव चंद्रा।
मुंबई में बारिश का दिन। अन्य महासागरों की तुलना में गर्म हो रहे अरब सागर को स्पस्ट तौर पर पहचाना जा रहा है। हिंद महासागर बहुत तेजी से गर्म हो रहा है। तस्वीर- सौमित्र शिंदे/मोंगाबे।

भीषण तूफान और अनियमित बारिश, मौसम में बदलाव से बढ़ रही चिंता?

पिछली सदी से हो रहे जलवायु परिवर्तन के चलते महासागर भी गर्म हो रहे हैं। कुछ स्थानों पर ज्यादा तो कुछ जगहों पर कम। 1901 से 2020 के बीच, समुद्र…
मुंबई में बारिश का दिन। अन्य महासागरों की तुलना में गर्म हो रहे अरब सागर को स्पस्ट तौर पर पहचाना जा रहा है। हिंद महासागर बहुत तेजी से गर्म हो रहा है। तस्वीर- सौमित्र शिंदे/मोंगाबे।
एम.एस. स्वामीनाथन अपनी लायब्रेरी में। तस्वीर-एमएसएसआरएफ/फ़्लिकर

एम. एस. स्वामीनाथन की याद में…

जाने-माने कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन ने 28 सितंबर को आखिरी सांस ली और इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने 7 अगस्त को अपना 98वां जन्मदिन मनाया था। स्वामीनाथन का स्वास्थ्य पिछले कुछ सालों से…
एम.एस. स्वामीनाथन अपनी लायब्रेरी में। तस्वीर-एमएसएसआरएफ/फ़्लिकर

जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करते भारत के टाइगर रिज़र्व

नए शोध से पता चलता है कि भारत की बाघ संरक्षण नीति ने न केवल बाघों की आबादी को संरक्षित करने और बढ़ाने में मदद की है, बल्कि इसने जंगल…