पर्यावरण से जुड़ी सुर्खियां

प्रकृति और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों की खोज खबर। मोंगाबे एक गैर-लाभकारी संस्था है।

यूपी के गाज़ियाबाद में सामूहिक प्रयासों से शुरू होते शहरी जंगल, कम होता प्रदूषण

करीब तीन साल पहले गाज़ियाबाद के प्रताप विहार इलाके में नगर निगम की लगभग 600 वर्ग मीटर की एक जमीन पर कचरा फेंका जाने लगा। एक तरफ मेडिकल कॉलेज और…
समुद्र में टूटे हुए जाल (भूतिया जाल) जैसे मलबे समुद्री वन्यजीवों के लिए खतरा बने हुए हैं। तस्वीर- टिम शीरमैन / विकिमीडिया कॉमन्स

समुद्री जीवों को प्लास्टिक प्रदूषण से बचाने पर आगे बढ़ी चर्चा, अंतरराष्ट्रीय संधि के लिए प्रस्ताव पारित

समुद्री जीवों को प्लास्टिक के प्रदूषण से बचाने के लिए कई देश एक वार्ता पर सहमत हुए हैं। इसके लिए एक प्रस्ताव पर सहमति जताई गई है। अक्टूबर में स्लोवानिया…
समुद्र में टूटे हुए जाल (भूतिया जाल) जैसे मलबे समुद्री वन्यजीवों के लिए खतरा बने हुए हैं। तस्वीर- टिम शीरमैन / विकिमीडिया कॉमन्स
जोशीमठ के तकरीबन 700 सौ मकानों में दरारें आ रही हैं। यहां के मकान तेजी से धंस रहे हैं। तस्वीर- सत्यम कुमार

उत्तराखंड का एक दरकता शहरः कैसे बदतर हुए जोशीमठ के हालात

ऋषि देवी (37) के परिवार के लिए जोशीमठ का सरकारी स्कूल इन दिनों आशियाना बना हुआ है। सर्द रातों में जब पारा -3 डिग्री सेल्सियस पहुँच जाता है, ऋषि देवी…
जोशीमठ के तकरीबन 700 सौ मकानों में दरारें आ रही हैं। यहां के मकान तेजी से धंस रहे हैं। तस्वीर- सत्यम कुमार
जोशीमठ में 678 मकान जर्जर हो गए हैं। वहां से लोगों को अस्थाई रूप से सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया जा रहा है। तस्वीर- सत्यम कुमार

[वीडियो] ढह रहा उत्तराखंड का जोशीमठ, किस हाल में हैं वहां के लोग?

उत्तराखंड के शहर जोशीमठ में हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। कोई अपने घर से फर्नीचर निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचा रहा है तो कोई अपने परिवार समेत घर छोड़ने की…
जोशीमठ में 678 मकान जर्जर हो गए हैं। वहां से लोगों को अस्थाई रूप से सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया जा रहा है। तस्वीर- सत्यम कुमार
गुमला जिले के गुनिया गांव के सीताराम उरांव अपने तरबूज के खेत में काम कर रहे हैं। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे

सर्द रातों में सिंचाई की समस्या का समाधान बनती सौर बिजली

राजस्थान के गंगानगर जिले में लुढ़कता पारा नए रिकॉर्ड बना रहा है। हालात ऐसे हैं कि लोग गर्म रजाई में भी ठिठुर रहे हैं। ऐसे वक्त में मोहनपुरा गांव के…
गुमला जिले के गुनिया गांव के सीताराम उरांव अपने तरबूज के खेत में काम कर रहे हैं। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे
कार्बन उत्सर्जन की कीमत इसलिए है क्योंकि कार्बन आधारित गैसें, मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड है, उत्सर्जन में सबसे प्रचुर मात्रा में ग्रीनहाउस गैसें हैं। तस्वीर-  मार्सिनजोज़्विआक/पिक्साबे

कार्बन मूल्य-निर्धारण क्या है?

उन्नीस सौ बीस के दशक में एक ब्रिटिश अर्थशास्त्री आर्थर पिगौ ने उद्योगों को उनके द्वारा किए गए प्रदूषण की लागत के लिए भुगतान करने के सामाजिक लाभों पर प्रकाश…
कार्बन उत्सर्जन की कीमत इसलिए है क्योंकि कार्बन आधारित गैसें, मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड है, उत्सर्जन में सबसे प्रचुर मात्रा में ग्रीनहाउस गैसें हैं। तस्वीर-  मार्सिनजोज़्विआक/पिक्साबे
बिरला इंडस्ट्रियल एंड टेक्नोलॉजिकल म्यूजियम, कोलकाता में फोटो खिंचवाते कोयला खदान के श्रमिकों का भित्ति चित्र। तस्वीर- बिश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स

भारत में बढ़ती सौर ऊर्जा के बावजूद कोयला ऊर्जा का प्रमुख स्रोत बना रहेगा

भारत के ऊर्जा स्रोतों में सौर ऊर्जा एक प्रमुख स्रोत के रूप में उभरेगा, लेकिन कोयला अभी भी देश के ऊर्जा क्षेत्र का मुख्य आधार बना रहेगा। आने वाले दशक…
बिरला इंडस्ट्रियल एंड टेक्नोलॉजिकल म्यूजियम, कोलकाता में फोटो खिंचवाते कोयला खदान के श्रमिकों का भित्ति चित्र। तस्वीर- बिश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स
ब्लू माउंटेन के परिदृश्य को दिखाती तस्वीर। तस्वीर- कार्तिक बालासुब्रमण्यन।

मिजोरम के ब्लू माउंटेन में पेड़ों की काई में मिले डायटम के नमूने

डायटम पर रिसर्च और खोजबीन करने वाले कार्तिक बालासुब्रमण्यम को जब मिजोरम के ब्लू माउंटेन पर होने वाले खोजी अभियान के लिए बुलाया गया तो उन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं…
ब्लू माउंटेन के परिदृश्य को दिखाती तस्वीर। तस्वीर- कार्तिक बालासुब्रमण्यन।
20वीं सदी की शुरुआत से ही हंगुल की संख्या में गिरावट आ रही है। शोधकर्ताओं का कहना है कि हंगुल आवास के पास कारखानों से होने वाले उत्सर्जन ने हंगुल के शरीर विज्ञान और भोजन के पैटर्न को प्रभावित किया है। तस्वीर- मोहम्मद दाऊद

सिकुड़ते जंगलों की वजह से विलुप्ति की कगार पर जाता कश्मीरी का शर्मीला हिरण हंगुल

जंगलों से आच्छादित हिमालय की तलहटी में पाया जाने वाला एक शर्मीला हिरण अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहा है। कश्मीर के जंगली हंगुल के आवास और संख्या पर औद्योगीकरण,…
20वीं सदी की शुरुआत से ही हंगुल की संख्या में गिरावट आ रही है। शोधकर्ताओं का कहना है कि हंगुल आवास के पास कारखानों से होने वाले उत्सर्जन ने हंगुल के शरीर विज्ञान और भोजन के पैटर्न को प्रभावित किया है। तस्वीर- मोहम्मद दाऊद
पेड़ों के भीतर छिपता हुआ हाथी। भारत की राष्ट्रीय जैव-विविधता कार्य योजना को लागू करने के लिए 12 अरब डॉलर वार्षिक का अनुमान लगाया गया है। तस्वीर- एस गोपीकृष्ण वारियर/मोंगाबे

जैव-विविधता वित्त और इसकी अहमियत

जैव-विविधता के संरक्षण के लिए पूंजी जुटाना और उसका प्रबंधन करना जैव विविधता वित्त या बायो डायवर्सिटी फाइनेंस है। यह संरक्षण वित्त के जैसे व्यापक विषय के तहत आता है,…
पेड़ों के भीतर छिपता हुआ हाथी। भारत की राष्ट्रीय जैव-विविधता कार्य योजना को लागू करने के लिए 12 अरब डॉलर वार्षिक का अनुमान लगाया गया है। तस्वीर- एस गोपीकृष्ण वारियर/मोंगाबे
महाराष्ट्र के बारामती में गन्ने की फसल में पानी लगाता एक किसान। इस फसल की सिंचाई के लिए आवश्यक बिजली के कारण इथेनॉल उत्पादन में वृद्धि से कार्बन फुटप्रिंट भी बढ़ेगा। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे

महाराष्ट्र के गन्ना किसानों तक कितना पहुंच रहा गन्ने से ईंधन बनाने की योजना का लाभ

साहू थोरत महाराष्ट्र के सतारा जिले  कलावडे गांव में रहने वाले 47 वर्ष के एक गन्ना किसान हैं। थोरत पिछले 25 वर्षों से गन्ने की खेती अपने चार एकड़ के…
महाराष्ट्र के बारामती में गन्ने की फसल में पानी लगाता एक किसान। इस फसल की सिंचाई के लिए आवश्यक बिजली के कारण इथेनॉल उत्पादन में वृद्धि से कार्बन फुटप्रिंट भी बढ़ेगा। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे
फरक्का बैराज के पास गंगा नदी। गंगा के लोअर स्ट्रेच या लोअर स्ट्रीम में फरक्का से फ्रेजरगंज तक मछुआरों के सामाजिक-आर्थिक आकलन में पता चला है कि हिलसा जैसी मछलियां मछुआरों की आय में 38.84% का योगदान करती हैं। तस्वीर- राहुल सिंह

भारत में कैसे कम हुई हिलसा मछली, इस दुर्लभ प्रजाति को बचाने में क्या हैं चुनौतियां?

पश्चिम बंगाल में फरक्का के प्रसनजीत मंडल (30) का पुश्तैनी काम मछली पकड़ना है। लेकिन इन दिनों वह रिक्शा चला कर भी गुजारा करते हैं। साथ ही अपने दोस्तों के…
फरक्का बैराज के पास गंगा नदी। गंगा के लोअर स्ट्रेच या लोअर स्ट्रीम में फरक्का से फ्रेजरगंज तक मछुआरों के सामाजिक-आर्थिक आकलन में पता चला है कि हिलसा जैसी मछलियां मछुआरों की आय में 38.84% का योगदान करती हैं। तस्वीर- राहुल सिंह
बल्ली द्वीप पर मृत मैंग्रोव के बगल में लगाए गए नए मैंग्रोव। विशेषज्ञों का कहना है कि उन क्षेत्रों में जहां लहर का वेग अधिक है, और कटाव तेज है, वहां मैंग्रोव तब तक नहीं बचेंगे जब तक कि मैंग्रोव को लहरों से सुरक्षित नहीं किया जाता। तस्वीर- सुभ्रजीत सेन/मोंगाबे।

[वीडियो] सुंदरबनः तटीय कटाव और मवेशियों की वजह से मुश्किल में मैंग्रोव के नए पौधे

भारत के सुंदरबन में स्थित एक द्वीप पखिरालय घाट के पश्चिम में 700 से 800 मीटर हिस्से में मैंग्रोव (समुद्री तट पर उगने वाला पौधा या झाड़ी) को लगाना, 2020…
बल्ली द्वीप पर मृत मैंग्रोव के बगल में लगाए गए नए मैंग्रोव। विशेषज्ञों का कहना है कि उन क्षेत्रों में जहां लहर का वेग अधिक है, और कटाव तेज है, वहां मैंग्रोव तब तक नहीं बचेंगे जब तक कि मैंग्रोव को लहरों से सुरक्षित नहीं किया जाता। तस्वीर- सुभ्रजीत सेन/मोंगाबे।

सुंदरबन: दूरदर्शी नीति के अभाव में ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण का गंवाया बेहतर अवसर

सीमेंट ब्लॉक की लाइनें एक लावारिस कब्रिस्तान के पत्थर की तरह दिखती हैं। एक खेत से सटा पुराना टूटा-फूटा एक मंजिला घर किसी डरावनी फिल्म के सेट जैसा दिखता है।…

[कमेंट्री] हिमालय के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में समृद्ध जैव-विविधता के संरक्षण के विविध पहलू

हिमालय के पूर्वी क्षेत्र में जैव-विविधता से समृद्ध हिंदुकुश हिमालय दुर्लभ, स्थानीय और संकटग्रस्त वनस्पतियों और जीवों की कई प्रजातियों का आवास है। वैश्विक जैव विविधता के तीन हॉटस्पॉट, हिमालय,…
जूनागढ़, गुजरात में एक धान के खेत में काम करती महिलाएँ। अगर भारत के स्वच्छ वायु लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाता है तो प्रजनन आयु की महिलाओं में एनीमिया का प्रसार 53 प्रतिशत से गिरकर 39.5% हो जाएगा। तस्वीर- बर्नार्ड गगनोन/विकिमीडिया कॉमन्स

गहराते वायु प्रदूषण से महिलाओं में बढ़ा एनीमिया का खतरा, जल्द कदम उठाने की जरूरत

अगर भारत साफ-सुथरी हवा और ऊर्जा के लक्ष्यों को पूरा करता है तो इससे कई तरह के फायदे होंगे। एक लाभ यह होगा कि प्रजनन वाली आयु की महिलाओं में…
जूनागढ़, गुजरात में एक धान के खेत में काम करती महिलाएँ। अगर भारत के स्वच्छ वायु लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाता है तो प्रजनन आयु की महिलाओं में एनीमिया का प्रसार 53 प्रतिशत से गिरकर 39.5% हो जाएगा। तस्वीर- बर्नार्ड गगनोन/विकिमीडिया कॉमन्स
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के पास डुमरी गांव में ग्रामीण खेतों में काम करते हुए। तस्वीर- मनीष शांडिल्य

[वीडियो] बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व में बढ़ता मानव-बाघ संघर्ष और सह-अस्तित्व के रास्ते

वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व (वीटीआर) बिहार का इकलौता टाइगर रिजर्व है। करीब 900 वर्ग किलोमीटर में फैला वीटीआर बाघ संरक्षण में एक सफल हस्तक्षेप साबित हुआ है। साल 2010 में यहाँ…
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के पास डुमरी गांव में ग्रामीण खेतों में काम करते हुए। तस्वीर- मनीष शांडिल्य
तेलंगाना के करीमनगर जिलें में परगी में लगा एक पवन ऊर्जा का मिल। तस्वीर-मनीष कुमार/मोंगाबे

ग्रीन बॉन्ड के लिए फ्रेमवर्क सही दिशा में कदम लेकिन आगे है लंबा रास्ता

जलवायु परिवर्तन को रोकने से जुड़े कदमों (क्लाइमेट एक्शन) के लिए फंड मुहैया कराने में निवेशकों का भरोसा बढ़ाने के लिए सरकार ने एक कदम और बढ़ाया है। भारत सरकार…
तेलंगाना के करीमनगर जिलें में परगी में लगा एक पवन ऊर्जा का मिल। तस्वीर-मनीष कुमार/मोंगाबे
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में सरसो के खेत। सीक्वेंस की जानकारी के आधार पर, स्टेवियोल ग्लाइकोसाइड्स का उत्पादन करने वाले जैवसंश्लेषण जीन पर पेटेंट का मालिकाना हक स्विस मुख्यालय वाली बायोटेक कंपनी इवोल्वा के पास है। तस्वीर- अभिजीत कर गुप्ता/विकिमीडिया कॉमन्स

कॉप15: छाया रहेगा डिजिटल जेनेटिक इन्फॉर्मेशन से समान लाभ का मुद्दा

संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (कॉप15) में डिजिटल सीक्वेंस इन्फॉर्मेशन (डीएसाई) पर जोरदार बहस चल रही है। सम्मेलन में शामिल सभी पक्ष जेनेटिक स्रोतों (डीएसाई) तक पहुंच और लाभ साझाकरण…
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में सरसो के खेत। सीक्वेंस की जानकारी के आधार पर, स्टेवियोल ग्लाइकोसाइड्स का उत्पादन करने वाले जैवसंश्लेषण जीन पर पेटेंट का मालिकाना हक स्विस मुख्यालय वाली बायोटेक कंपनी इवोल्वा के पास है। तस्वीर- अभिजीत कर गुप्ता/विकिमीडिया कॉमन्स
तेलंगाना के खम्मम जिले में अपने तेल ताड़ के खेत में एक ताड़ का किसान। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे

धान से लेकर पाम तक: पानी की अधिक खपत करने वाली फसलों की ओर तेलंगाना का रुख

बासठ साल के बी.बुच्छया तेलंगाना के खम्मम जिले में पाम या ताड़ की खेती करने वाले एक किसान हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी 12 एकड़ की जमीन पर ताड़…
तेलंगाना के खम्मम जिले में अपने तेल ताड़ के खेत में एक ताड़ का किसान। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे
मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के समापन के दो सप्ताह बाद जैव विविधता शिखर सम्मेलन हो रहा है। तस्वीर: संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता/फ़्लिकर।

कॉप15: साल 2030 तक 30% जैव-विविधता को बचाने पर भारत का जोर, सहमति बनाना बड़ी चुनौती

संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (कॉप15) को लेकर आयोजक देश कनाडा में गहमागहमी बढ़ गई है। जैव विविधता को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए यहां ऐतिहासिक समझौते पर…
मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के समापन के दो सप्ताह बाद जैव विविधता शिखर सम्मेलन हो रहा है। तस्वीर: संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता/फ़्लिकर।
खम्मम जिले के नेलकोंडापल्ली मंडल के कोराटलागुडेम गांव में अपने ताड़ के तेल के बागान में बी. बुच्चैया। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे

पाम ऑयलः सब्सिडी के सहारे बढ़ती तेलंगाना में ताड़ की खेती, भविष्य में नुकसान की आशंका

तेलंगाना का खम्मम जिला पूरे राज्य में ताड़ की खेती के लिए जाना जाता है। यह राज्य के चार ऐसे चुनिन्दा जिलों में से है जहां 1990 के दशक में…
खम्मम जिले के नेलकोंडापल्ली मंडल के कोराटलागुडेम गांव में अपने ताड़ के तेल के बागान में बी. बुच्चैया। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे
[व्याख्या] जस्ट ट्रांजिशन: जलवायु परिवर्तन की लड़ाई में पीछे छूटते लोगों की वकालत

जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन में तेजी: जी-7 के साथ साझेदारी से पहले कोयला श्रमिकों के हितों पर भारत को देना होगा ध्यान

हाल ही में जी-7 देशों ने इंडोनेशिया के साथ एक साझेदारी की घोषणा की है। इसका मकसद जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन (just energy transition) में तेजी लाते हुए जीवाश्म ईंधनों से…
[व्याख्या] जस्ट ट्रांजिशन: जलवायु परिवर्तन की लड़ाई में पीछे छूटते लोगों की वकालत
प्याज की फसल की कटाई करते किसान। जीबी-9 ने ‘फसल विविधता के संरक्षक’ के रूप में किसानों की भूमिका को मान्यता देते हुए एक प्रस्ताव का अंतिम रूप दिया। तस्वीर- मीना631/विकिमीडिया कॉमन्स।

प्लांट जेनेटिक पर अंतरराष्ट्रीय संधि में किसानों के अधिकारों पर बनी आम सहमति

खाद्य और कृषि के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों (प्लांट जेनेटिक रिसोर्से फॉर फ़ूड एंड एग्रीकल्चर) पर हुई अंतरराष्ट्रीय संधि में खाद्य और कृषि में पौधों के आनुवंशिक संसाधनों पर किसानों…
प्याज की फसल की कटाई करते किसान। जीबी-9 ने ‘फसल विविधता के संरक्षक’ के रूप में किसानों की भूमिका को मान्यता देते हुए एक प्रस्ताव का अंतिम रूप दिया। तस्वीर- मीना631/विकिमीडिया कॉमन्स।
द्रास क्षेत्र में ग्लेशियर। तस्वीर- शकील ए रोमशू।

लद्दाख: बढ़ते तापमान व ब्लैक कार्बन से पिघलते ग्लेशियर, आपदा की आशंका

पश्चिमी हिमालय के ग्लेशियर, जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लिए पानी के स्रोत हैं। शोधकर्ताओं ने विभिन्न अध्ययनों में पाया है कि, ब्लैक कार्बन और ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ने के…
द्रास क्षेत्र में ग्लेशियर। तस्वीर- शकील ए रोमशू।
बेंगलुरु शहर के दक्षिण पूर्व में बेलंदूर झील शहर की सबसे बड़ी झील है। तस्वीर- अश्विन कुमार/विकिमीडिया कॉमन्स

झीलों पर अतिक्रमण, अनियमित निर्माण बेंगलुरु की बाढ़ के मुख्य कारण

भारत की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का गढ़ बेंगलुरु, हाल ही में शहरी बाढ़ की वजह से सुर्खियों में बना हुआ था। इस साल अगस्त के अंतिम सप्ताह और सितंबर के…
बेंगलुरु शहर के दक्षिण पूर्व में बेलंदूर झील शहर की सबसे बड़ी झील है। तस्वीर- अश्विन कुमार/विकिमीडिया कॉमन्स
भारत और बांग्लादेश ने हाल ही में कुशियारा नदी से पानी साझा करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। तस्वीर- अबू सिद्दीकी / मोंगाबे।

भारत और बांग्लादेश के बीच पानी साझा करने पर प्रभावी समझौते की मांग

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस वर्ष उनकी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये। समझौते के तहत दोनों सरकारें नवंबर से…
भारत और बांग्लादेश ने हाल ही में कुशियारा नदी से पानी साझा करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। तस्वीर- अबू सिद्दीकी / मोंगाबे।
रंग लाई गैंड़ा संरक्षण की कोशिशें, यूपी के दुधवा में चार दशक में आठ गुना बढ़ी गैंडों की आबादी

[वीडियो] रंग लाई गैंडा संरक्षण की कोशिशें, यूपी के दुधवा में चार दशक में आठ गुना बढ़ी गैंडों की आबादी

भारत में जब भी एक सींग वाले गैंडे (राइनो) की बात होती है, तो हमारे दिमाग में एक नाम ही आता है। वो है असम का काजीरंगा नेशनल पार्क। लेकिन…
रंग लाई गैंड़ा संरक्षण की कोशिशें, यूपी के दुधवा में चार दशक में आठ गुना बढ़ी गैंडों की आबादी
मछुआरा समुदाय की महिलाएं मछली को नमक से धो कर उन्हें धूप में सुखाती हैं। इन सूखी मछलियों को 'सुखुआ' या सूखी मछली के रूप में बेचा जाता है। तस्वीर- ऐश्वर्या मोहंती/मोंगाबे

आजीविका और वजूद की लड़ाई लड़ रहीं ओड़िशा की तटीय महिलाएं

देश के पूर्वी समुद्र-तट पर स्थित ओड़िशा राज्य की 480 किलोमीटर लंबी तटरेखा पर मछली पकड़ने पर साल में दो तरह का प्रतिबंध लगाया जाता है। मछलियों के संरक्षण के…
मछुआरा समुदाय की महिलाएं मछली को नमक से धो कर उन्हें धूप में सुखाती हैं। इन सूखी मछलियों को 'सुखुआ' या सूखी मछली के रूप में बेचा जाता है। तस्वीर- ऐश्वर्या मोहंती/मोंगाबे
पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने और 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान की सीमा को पहुंच के भीतर रखने के लिए उत्सर्जन में भारी कटौती जरूरी है। तस्वीर- आईआईएसडी/ईएनबी।

कॉप27: लॉस एंड डैमेज फंड पर सहमति, अन्य मुद्दों पर अटका जलवायु शिखर सम्मेलन

मिस्र में संपन्न हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन - कॉप27 में सालों तक न-नुकुर के बाद आखिरकार अमीर देशों को गरीब देशों की मदद के लिए आगे आना पड़ा…
पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने और 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान की सीमा को पहुंच के भीतर रखने के लिए उत्सर्जन में भारी कटौती जरूरी है। तस्वीर- आईआईएसडी/ईएनबी।