जलवायु परिवर्तन

13 दिसंबर, 2023 को संयुक्त अरब अमीरात के दुबई  स्थित एक्सपो सिटी में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन कॉप28 के समापन समारोह के दौरान प्रतिनिधि। तस्वीर- कॉप28/क्रिस्टोफ़ विसेक्स/फ़्लिकर।

कॉप28 में जीवाश्म ईंधन से ‘दूर जाने’ का वादा लेकिन पूंजी और समान भागीदारी बड़ी चुनौती

कॉप28 में जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को खत्म करने पर ऐतिहासिक समझौता हुआ है। यह करार संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अध्यक्षता में हुए 28वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी28/कॉप28) में…
13 दिसंबर, 2023 को संयुक्त अरब अमीरात के दुबई  स्थित एक्सपो सिटी में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन कॉप28 के समापन समारोह के दौरान प्रतिनिधि। तस्वीर- कॉप28/क्रिस्टोफ़ विसेक्स/फ़्लिकर।
कई देशों, विशेष रूप से यूरोपीय संघ द्वारा समर्थित छोटे द्वीप राज्यों ने कॉप28 में जीवाश्म ईंधन को पूरी तरह से बंद करने का आह्वान किया है। तस्वीर-

कॉप28 के समापन तक भी देशों के बीच नहीं बनी आम सहमति

अट्ठाईसवें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (कॉप28) ने सम्मेलन के पहले दिन जलवायु हानि और क्षति के लिए एक फंड शुरू करने का निर्णय देकर इतिहास रच दिया। लेकिन जैसे-जैसे दो सप्ताह…
कई देशों, विशेष रूप से यूरोपीय संघ द्वारा समर्थित छोटे द्वीप राज्यों ने कॉप28 में जीवाश्म ईंधन को पूरी तरह से बंद करने का आह्वान किया है। तस्वीर-
कॉप28 के आयोजन स्थल पर विरोध प्रदर्शन करते लोग। जलवायु वित्त और किफायती नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे और भंडारण के अभाव में, विकासशील देशों का कहना है कि उन्हें विकासात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ऊर्जा के भरोसेमंद स्रोत के रूप में जीवाश्म ईंधन पर निर्भर रहने की आवश्यकता है।  तस्वीर- सिमरिन सिरूर/मोंगाबे 

विकसित देशों को वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उत्सर्जन में कटौती की जरूरत: विशेषज्ञ

संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन पर फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) द्वारा प्रकाशित राष्ट्रीय ग्रीनहाउस गैस सूची के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि सबसे अमीर विकसित देशों ने पिछले दो…
कॉप28 के आयोजन स्थल पर विरोध प्रदर्शन करते लोग। जलवायु वित्त और किफायती नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे और भंडारण के अभाव में, विकासशील देशों का कहना है कि उन्हें विकासात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ऊर्जा के भरोसेमंद स्रोत के रूप में जीवाश्म ईंधन पर निर्भर रहने की आवश्यकता है।  तस्वीर- सिमरिन सिरूर/मोंगाबे 
कांचीपुरम के बाहर एक मिल में चावल सुखाते और भूसी निकालते मजदूर। भारत की दलील है कि कृषि प्रणालियों में बदलाव के किसी भी क्रांतिकारी कदम से देश की चावल की खेती और इसके बड़े पशुधन क्षेत्र को नुकसान होगा। तस्वीर - लंदन, यूके से मैके सैवेज/विकिमीडिया कॉमन्स।

कॉप28: जलवायु चर्चा में पहली बार दिखा खेती-बाड़ी का मुद्दा, दूर रहा भारत

बढ़ते तापमान पर अंकुश लगाने के तरीक़ों पर लगभग तीन दशकों से गहन बातचीत हो रही है। इस दौरान सालाना संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में खेती-बाड़ी को प्रमुखता से…
कांचीपुरम के बाहर एक मिल में चावल सुखाते और भूसी निकालते मजदूर। भारत की दलील है कि कृषि प्रणालियों में बदलाव के किसी भी क्रांतिकारी कदम से देश की चावल की खेती और इसके बड़े पशुधन क्षेत्र को नुकसान होगा। तस्वीर - लंदन, यूके से मैके सैवेज/विकिमीडिया कॉमन्स।
ताइवान में एक तेंदुआ बिल्ली। तस्वीर- ourskyuamlea/विकिमीडिया कॉमन्स।

बहुत ज्यादा गर्मी नहीं सह सकता लेपर्ड कैट, जलवायु परिवर्तन का होगा असर

लेपर्ड कैट या तेंदुआ बिल्ली, बिल्ली की एक प्रजाति है जो कद-काठी में छोटी है। इसे IUCN (इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर) रेड लिस्ट में सबसे कम चिंता वाली…
ताइवान में एक तेंदुआ बिल्ली। तस्वीर- ourskyuamlea/विकिमीडिया कॉमन्स।
नेपाल में हिमालय के सागरमाथा राष्ट्रीय उद्यान में एक पर्वत। तस्वीर- पीटर प्रोकोच

कम हो रहे हैं हिमालय के ग्लेशियर और बर्फ, आने वाले समय में और अधिक खतरे की आशंका – अध्ययन

हिमालयन यूनिवर्सिटी कंसोर्टियम (एचयूसी) के फेलो जैकब एफ. स्टीनर ने कहा, "वैज्ञानिकों के रूप में, हमें सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि हिमालय में ग्लेशियर किस पैमाने पर…
नेपाल में हिमालय के सागरमाथा राष्ट्रीय उद्यान में एक पर्वत। तस्वीर- पीटर प्रोकोच
युवा जलवायु इंटर्नशिप सत्र के दौरान तटीय खतरों पर चर्चा करते प्रतिभागी। तस्वीर- अपर्णा गणेशन।

चेन्नई में पर्यावरण और जलवायु साक्षरता बेहतर कर रहा प्रकृति-आधारित पढ़ाई का तरीका

प्रकृतिवादी, शिक्षक और कार्यकर्ता, युवान एवेस बच्चों के 18 सदस्यीय समूह के साथ तमिलनाडु के चेन्नई में इलियट समुद्र तट के किनारे घूम रहे हैं। वह बच्चों को एक सीप…
युवा जलवायु इंटर्नशिप सत्र के दौरान तटीय खतरों पर चर्चा करते प्रतिभागी। तस्वीर- अपर्णा गणेशन।
शहरी खेती को बढ़ावा देने के लिए छत पर की जाने वाली खेती। तस्वीर - Maheshcm76/विकिमीडिया कॉमन्स

कार्बन उत्सर्जन कम करने में महत्वपूर्ण है शहरी और कस्बाई खेती की भूमिका

कृषि कीटविज्ञानी (एंटोमोलोजिस्ट) राजेंद्र हेगड़े (53) बेंगलुरु में कुछ-कुछ हफ्तों में एक बड़ी सभा को संबोधित करते रहे हैं। अपनी इस सभा में वह लोगों के सामने एक प्रस्ताव रखते…
शहरी खेती को बढ़ावा देने के लिए छत पर की जाने वाली खेती। तस्वीर - Maheshcm76/विकिमीडिया कॉमन्स

आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की जांच करती आरबीआई की रिपोर्ट

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2022-23 के लिए मुद्रा और वित्त रिपोर्ट (आरसीएफ) में मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन पर ध्यान दिया है। यह भारत में केंद्रीय बैंकिंग और व्यापक…
सिक्किम में एक तितली। एक नई मॉडलिंग स्टडी के मुताबिक, हर साल लगभग 5 लाख लोग अपनी उम्र पूरी किए बिना ही मर जा रहे हैं क्योंकि वैश्विक स्तर पर परागणक का काम करने वाले कीड़े-मकोड़ों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। तस्वीर- नंदिता चंद्रप्रकाश/मोंगाबे।

मधुमक्खी और तितली जैसे कीड़े-मकोड़ों के कम होने का असर इंसानों पर भी, हर साल मर रहे पांच लाख लोग

बटरफ्लाई थ्योरी कहती है कि न के बराबर होने वाले बदलाव भी बहुत बड़ा असर दिखाते हैं। केओस थ्योरी के बारे में चर्चा के दौरान अक्सर एक रूपक का इस्तेमाल…
सिक्किम में एक तितली। एक नई मॉडलिंग स्टडी के मुताबिक, हर साल लगभग 5 लाख लोग अपनी उम्र पूरी किए बिना ही मर जा रहे हैं क्योंकि वैश्विक स्तर पर परागणक का काम करने वाले कीड़े-मकोड़ों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। तस्वीर- नंदिता चंद्रप्रकाश/मोंगाबे।
साल 2018 में भारतीय हिमालय क्षेत्र (IHR) के लिए किए गए जलवायु की अनिश्चितता के आकलन के मुताबिक, असम सबसे ज्यादा संवेदनशील राज्य है। तस्वीर: बंदिता बरुआ।

अचानक बाढ़ और सूखे जैसे हालात से प्रभावित हो रही है असम की खेती

साल 2022 में असम में हुई रिकार्ड तोड़ बारिश के बाद आई बाढ़ पिछले एक दशक में राज्य में आई सबसे भयावह बाढ़ थी। इसके ठीक पहले असम के कुछ…
साल 2018 में भारतीय हिमालय क्षेत्र (IHR) के लिए किए गए जलवायु की अनिश्चितता के आकलन के मुताबिक, असम सबसे ज्यादा संवेदनशील राज्य है। तस्वीर: बंदिता बरुआ।
एक निर्माणाधीन डैम की प्रतीकात्मक तस्वीर। ऊर्जा मंत्रालय ने संसद को बताया है कि सभी बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं को अनुमति देने से पहले पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से मंजूरी ली जाती है और एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी से व्यापक आकलन करवाया जाता है। तस्वीर- इंटरनेशनल रिवर्स 

जलवायु परिवर्तन और ज्यादा बारिश से जलविद्युत परियोजनाओं पर पड़ेगा असर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गांधीनगर की एक स्टडी के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन से जल विद्युत परियोजनाओं की क्षमता पर व्यापक असर पड़ सकता है। 17 फरवरी 2023 को सामने आई…
एक निर्माणाधीन डैम की प्रतीकात्मक तस्वीर। ऊर्जा मंत्रालय ने संसद को बताया है कि सभी बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं को अनुमति देने से पहले पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से मंजूरी ली जाती है और एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी से व्यापक आकलन करवाया जाता है। तस्वीर- इंटरनेशनल रिवर्स 
2019 में ओडिशा में फानी चक्रवात के आने के एक दिन बाद पुरी के बाहरी इलाके में अपने घर को ठीक करने की कोशिश कर रहा शख्स। तस्वीर- मनीष कुमार।

जलवायु परिवर्तन की मार भारत पर सबसे अधिक, जोखिम घटाने के लिए बढ़ाना होगा निवेश

जलवायु परिवर्तन से बुनियादी ढांचे पर बढ़ रहे जोखिम के मामले में भारत सबसे ऊपर के देशों में शामिल है। हाल ही में आई वैश्विक भौतिक जलवायु जोखिम रिपोर्ट (ग्लोबल…
2019 में ओडिशा में फानी चक्रवात के आने के एक दिन बाद पुरी के बाहरी इलाके में अपने घर को ठीक करने की कोशिश कर रहा शख्स। तस्वीर- मनीष कुमार।

कश्मीर की गर्म सर्दियों की वजह से जल्दी खिल रहे हैं गुल तूर के फूल

गुल तूर के पीले फूलों का खिलना, कश्मीर में दर्द भरी आंखों के लिए एक सुकून रहा है। कश्मीर में लंबी सर्दियों के बाद यह रंग गायब है। आम तौर…
मणिपुर का लोकतक तालाब 38 स्थानीय मछलियों का घर है। वेटलैंड्स जैव-विविधता को पनाह देने के साथ-साथ इंसानों के लिए रोजगार के मौके भी प्रदान करता है। तस्वीर- कार्तिक चंद्रमौली/मोंगाबे-हिन्दी

आर्थिक सर्वेक्षण: जलवायु वित्त पर भारत का जोर, जी-20 में विकासशील देशों के रुख को मिलेगी मजबूती

भारत ने संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण के जरिए विकासशील देशों के लिए ग्रीन फाइनेंस (पर्यावरण को बचाने के लिए धन की व्यवस्था) की खातिर मुखरता से अपनी बात रखी है। इसमें कहा गया है…
मणिपुर का लोकतक तालाब 38 स्थानीय मछलियों का घर है। वेटलैंड्स जैव-विविधता को पनाह देने के साथ-साथ इंसानों के लिए रोजगार के मौके भी प्रदान करता है। तस्वीर- कार्तिक चंद्रमौली/मोंगाबे-हिन्दी
पेड़ों के भीतर छिपता हुआ हाथी। भारत की राष्ट्रीय जैव-विविधता कार्य योजना को लागू करने के लिए 12 अरब डॉलर वार्षिक का अनुमान लगाया गया है। तस्वीर- एस गोपीकृष्ण वारियर/मोंगाबे

जैव-विविधता वित्त और इसकी अहमियत

जैव-विविधता के संरक्षण के लिए पूंजी जुटाना और उसका प्रबंधन करना जैव विविधता वित्त या बायो डायवर्सिटी फाइनेंस है। यह संरक्षण वित्त के जैसे व्यापक विषय के तहत आता है,…
पेड़ों के भीतर छिपता हुआ हाथी। भारत की राष्ट्रीय जैव-विविधता कार्य योजना को लागू करने के लिए 12 अरब डॉलर वार्षिक का अनुमान लगाया गया है। तस्वीर- एस गोपीकृष्ण वारियर/मोंगाबे
द्रास क्षेत्र में ग्लेशियर। तस्वीर- शकील ए रोमशू।

लद्दाख: बढ़ते तापमान व ब्लैक कार्बन से पिघलते ग्लेशियर, आपदा की आशंका

पश्चिमी हिमालय के ग्लेशियर, जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लिए पानी के स्रोत हैं। शोधकर्ताओं ने विभिन्न अध्ययनों में पाया है कि, ब्लैक कार्बन और ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ने के…
द्रास क्षेत्र में ग्लेशियर। तस्वीर- शकील ए रोमशू।
पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने और 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान की सीमा को पहुंच के भीतर रखने के लिए उत्सर्जन में भारी कटौती जरूरी है। तस्वीर- आईआईएसडी/ईएनबी।

कॉप27: लॉस एंड डैमेज फंड पर सहमति, अन्य मुद्दों पर अटका जलवायु शिखर सम्मेलन

मिस्र में संपन्न हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन - कॉप27 में सालों तक न-नुकुर के बाद आखिरकार अमीर देशों को गरीब देशों की मदद के लिए आगे आना पड़ा…
पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने और 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान की सीमा को पहुंच के भीतर रखने के लिए उत्सर्जन में भारी कटौती जरूरी है। तस्वीर- आईआईएसडी/ईएनबी।
आशा के साथ शुरू हुए कॉप27 का समापन निराशाजनक न रह जाए

आशा के साथ शुरू हुए कॉप27 का समापन निराशाजनक न रह जाए

मिस्र के शर्म-अल-शेख में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन – कॉप27 बीते एक सप्ताह से चल रहा है। बैठक की शुरुआत लॉस एंड डैमेज के मुद्दे के आधिकारिक एजेंडे में…
आशा के साथ शुरू हुए कॉप27 का समापन निराशाजनक न रह जाए
एक नए अध्ययन में हर साल के अधिकतर दिनों में उच्च स्तर की खतरनाक गर्मी होने का संकेत दिया गया है। इससे गर्मी से होने वाली बीमारियों में काफी इजाफ़ा होगा। ख़ास तौर से बुजुर्गों, आउटडोर काम करने वाले श्रमिकों और कम आय वाले लोगों में। तस्वीर- माइकल कैनन/विकिमीडिया कॉमन्स।

लोगों के स्वास्थ्य पर दिखने लगा बढ़ती गर्मी का असर, बड़े प्रयासों की जरूरत

“गर्मी में पंखा चलाने पर, कमरे के अंदर की हवा आग की तरह उठती है,” भारत में कोलकाता महानगर के उत्तरी भाग में प्लास्टिक के तिरपाल, बांस और टिन से…
एक नए अध्ययन में हर साल के अधिकतर दिनों में उच्च स्तर की खतरनाक गर्मी होने का संकेत दिया गया है। इससे गर्मी से होने वाली बीमारियों में काफी इजाफ़ा होगा। ख़ास तौर से बुजुर्गों, आउटडोर काम करने वाले श्रमिकों और कम आय वाले लोगों में। तस्वीर- माइकल कैनन/विकिमीडिया कॉमन्स।

कॉप27: जलवायु एजेंडा में शामिल हुआ ‘लॉस एंड डैमेज’ का मुद्दा, रंग लाई भारत की कोशिशें

पूर्वी मिस्र में शर्म-अल-शेख में आयोजित कॉप27 (COP27) संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन से एक आशावादी जानकारी सामने आई है। सभी भाग लेने वाले देशों ने सम्मेलन के आधिकारिक एजेंडे पर…
भारत में रणथंभौर के शुष्क पर्णपाती वन। 2001 से 2010 के बीच वनों ने वैश्विक CO2 उत्सर्जन का लगभग 20-30% अवशोषित कर लिया है। 2001 और 2019 के बीच वनों ने प्रति वर्ष लगभग 7.6 गीगाटन CO2 को अवशोषित किया। तस्वीर- पाहुल महाजन/विकिमीडिया कॉमन्स।

कार्बन सिंक क्या हैं?

कार्बन सिंक ऐसे स्थान या उत्पाद हैं जो कार्बन को ऑर्गेनिक या इनऑर्गेनिक यौगिकों के रूप में अलग-अलग समय के लिए संग्रहित करते हैं। प्राकृतिक या कृत्रिम प्रक्रियाओं के माध्यम…
भारत में रणथंभौर के शुष्क पर्णपाती वन। 2001 से 2010 के बीच वनों ने वैश्विक CO2 उत्सर्जन का लगभग 20-30% अवशोषित कर लिया है। 2001 और 2019 के बीच वनों ने प्रति वर्ष लगभग 7.6 गीगाटन CO2 को अवशोषित किया। तस्वीर- पाहुल महाजन/विकिमीडिया कॉमन्स।
गर्मियों के महीनों के दौरान मनरेगा मजदूर सुबह होने से पहले काम शुरू करते हैं, और दोपहर से पहले काम खत्म करने की कोशिश करते हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के उपाय टिकाऊ नहीं हैं।

क्या मनरेगा गर्म क्षेत्र में महिलाओं के सामाजिक सुरक्षा योजना के रूप में काम कर सकता है?

राजस्थान के उदयपुर जिले के केरपुरा गांव के लोग भावना देवी या भूरी का नाम अच्छी तरह से जानते हैं। जो खुशी-खुशी अपने घर में जंग लगे लोहे के दरवाजे…
गर्मियों के महीनों के दौरान मनरेगा मजदूर सुबह होने से पहले काम शुरू करते हैं, और दोपहर से पहले काम खत्म करने की कोशिश करते हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के उपाय टिकाऊ नहीं हैं।
गर्मी में ठंड और ठंड में गर्मी, घर बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान

गर्मी में ठंडा और सर्दी में गर्म रहने वाले घर बनाने हों तो इन बातों का रखें ध्यान

आप साल 2030 में इंदौर या सूरत जैसे शहरों में किसी आवासीय परिसर (रेसिडेंशियल कॉम्पलेक्स) की कल्पना करें। अगर ये इमारतें मौजूदा दौर की गगनचुंबी इमारतों की तरह ही हुईं,…
गर्मी में ठंड और ठंड में गर्मी, घर बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान
शहरों में आस-पास के इलाकों के तापमान में अंतर क्यों होता है?

शहरों में आस-पास के इलाकों के तापमान में अंतर क्यों होता है?

अर्बन हीट आइलैंड (UHI) प्रभाव के कारण ख़ास तौर से शहरी इलाकों में  गर्मी का असर अधिक हुआ। इन इलाकों में गर्मी का बढ़ना कोई पहली या एक बार की…
शहरों में आस-पास के इलाकों के तापमान में अंतर क्यों होता है?

[वीडियो] आने वाले दिनों में जलवायु परिवर्तन से कम हो सकती है सौर और पवन ऊर्जा की क्षमता

भारत में आज के समय में पवन ऊर्जा का विस्तार कुछ चुनिन्दा जगहों पर ही हो रहा है। इसके कई कारण हैं। अव्वल तो पवन चक्की के हिसाब से हवा…
राज्यसभा के नवनिर्वाचित/पुनर्निर्वाचित सदस्यों के लिए शपथ ग्रहण समारोह 22 जुलाई, 2020 को राज्यसभा में आयोजित किया गया। तस्वीर- राज्यसभा

भारतीय संसद में जलवायु परिवर्तन पर बहुत कम होती है चर्चा, शोध में हुआ खुलासा

“यह हर बार की कहानी है। किसी आपदा के आने पर राजनेता अक्सर जलवायु परिवर्तन की आड़ लेते हैं,” यह बात जलवायु वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल ने कही। वे विधायकों…
राज्यसभा के नवनिर्वाचित/पुनर्निर्वाचित सदस्यों के लिए शपथ ग्रहण समारोह 22 जुलाई, 2020 को राज्यसभा में आयोजित किया गया। तस्वीर- राज्यसभा
दिल्ली के मयूर विहार इलाके में चल रहा एक इलेक्ट्रिक बस। तस्वीर-मनीष कुमार

एनडीसी: जलवायु परिवर्तन से जुड़ा भारत का नया स्वैच्छिक एक्शन प्लान कितना कारगर?

केंद्र सरकार की कैबिनेट ने हाल ही में अपनी राष्ट्रीय निर्धारित योगदान (एनडीसी) को मंजूरी  दी। एनडीसी में लिखे भारत के नए लक्ष्यों और प्रतिबद्धताओं को अब संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क…
दिल्ली के मयूर विहार इलाके में चल रहा एक इलेक्ट्रिक बस। तस्वीर-मनीष कुमार
सिंधुदुर्ग जिले के एक किसान महेश दिनकर सावंत ने कई अन्य किसानों को जलवायु के अनुकूल प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रशिक्षित किया है। बढ़ते तापमान के कारण काजू के फूल सूख रहे हैं और चुनौती बनकर सामने आ रहे हैं। तस्वीर- अरविंद शुक्ला

बेमौसम बारिश, गर्मी और कीटों से महाराष्ट्र के काजू किसान हलकान, खराब हुई फसल

महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के किसान हरिश्चंद्र देसाई के पास 1,100 काजू के पेड़ हैं। लेकिन, इस मौसम में कुछ ही पेड़ों में फल लगे हैं। 65 वर्षीय देसाई, लांजा…
सिंधुदुर्ग जिले के एक किसान महेश दिनकर सावंत ने कई अन्य किसानों को जलवायु के अनुकूल प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रशिक्षित किया है। बढ़ते तापमान के कारण काजू के फूल सूख रहे हैं और चुनौती बनकर सामने आ रहे हैं। तस्वीर- अरविंद शुक्ला
पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास के बाद क्षतिग्रस्त सड़क के बगल में खड़ी एक महिला। यह साबित करने के लिए पर्याप्त वैश्विक सबूत हैं कि जलवायु परिवर्तन से महिलाएं अनुपातहीन रूप से प्रभावित हैं। तस्वीर- सुमिता रॉय दत्ता / विकिमीडिया कॉमन्स

महिलाएं और बच्चे जलवायु परिवर्तन से काफी प्रभावित, पर नीति से हैं गायब

साक्ष्यों से पता चलता है कि जैसे-जैसे तेजी के साथ जलवायु से संबंधित समस्याएं बढ़ रही है, वैसे-वैसे महिलाओं और बच्चों पर इसका बोझ भी जाहिर होता जा रहा है। …
पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास के बाद क्षतिग्रस्त सड़क के बगल में खड़ी एक महिला। यह साबित करने के लिए पर्याप्त वैश्विक सबूत हैं कि जलवायु परिवर्तन से महिलाएं अनुपातहीन रूप से प्रभावित हैं। तस्वीर- सुमिता रॉय दत्ता / विकिमीडिया कॉमन्स