climate change

सिक्किम में एक तितली। एक नई मॉडलिंग स्टडी के मुताबिक, हर साल लगभग 5 लाख लोग अपनी उम्र पूरी किए बिना ही मर जा रहे हैं क्योंकि वैश्विक स्तर पर परागणक का काम करने वाले कीड़े-मकोड़ों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। तस्वीर- नंदिता चंद्रप्रकाश/मोंगाबे।

मधुमक्खी और तितली जैसे कीड़े-मकोड़ों के कम होने का असर इंसानों पर भी, हर साल मर रहे पांच लाख लोग

बटरफ्लाई थ्योरी कहती है कि न के बराबर होने वाले बदलाव भी बहुत बड़ा असर दिखाते हैं। केओस थ्योरी के बारे में चर्चा के दौरान अक्सर एक रूपक का इस्तेमाल…
सिक्किम में एक तितली। एक नई मॉडलिंग स्टडी के मुताबिक, हर साल लगभग 5 लाख लोग अपनी उम्र पूरी किए बिना ही मर जा रहे हैं क्योंकि वैश्विक स्तर पर परागणक का काम करने वाले कीड़े-मकोड़ों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। तस्वीर- नंदिता चंद्रप्रकाश/मोंगाबे।

[वीडियो] पालतू पशु और शाकाहारी वन्य जीव मिट्टी के कार्बन को अलग तरह से प्रभावित करते हैं

एक नए अध्ययन से पता चलता है कि मिट्टी के कार्बन और उसके फलस्वरूप जलवायु पर मवेशियों और शाकाहारी वन्य जीवों के प्रभाव भिन्न होते हैं। पालतू पशुओं में एंटीबायोटिक…
2019 में ओडिशा में फानी चक्रवात के आने के एक दिन बाद पुरी के बाहरी इलाके में अपने घर को ठीक करने की कोशिश कर रहा शख्स। तस्वीर- मनीष कुमार।

जलवायु परिवर्तन की मार भारत पर सबसे अधिक, जोखिम घटाने के लिए बढ़ाना होगा निवेश

जलवायु परिवर्तन से बुनियादी ढांचे पर बढ़ रहे जोखिम के मामले में भारत सबसे ऊपर के देशों में शामिल है। हाल ही में आई वैश्विक भौतिक जलवायु जोखिम रिपोर्ट (ग्लोबल…
2019 में ओडिशा में फानी चक्रवात के आने के एक दिन बाद पुरी के बाहरी इलाके में अपने घर को ठीक करने की कोशिश कर रहा शख्स। तस्वीर- मनीष कुमार।

जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय में आमने-सामने आते बाघ, तेंदुए और हिम तेंदुए

पिछले दिनों एक वीडियो, संभवतः भारत के जंगल में रिकॉर्ड किया गया, वायरल हुआ। इस वीडियो में एक बाघ पेड़ों के बीच चुपचाप कुछ दूरी पर अपना ध्यान केंद्रित कर…

कश्मीर की गर्म सर्दियों की वजह से जल्दी खिल रहे हैं गुल तूर के फूल

गुल तूर के पीले फूलों का खिलना, कश्मीर में दर्द भरी आंखों के लिए एक सुकून रहा है। कश्मीर में लंबी सर्दियों के बाद यह रंग गायब है। आम तौर…
बेंगलुरु शहर के दक्षिण पूर्व में बेलंदूर झील शहर की सबसे बड़ी झील है। तस्वीर- अश्विन कुमार/विकिमीडिया कॉमन्स

झीलों पर अतिक्रमण, अनियमित निर्माण बेंगलुरु की बाढ़ के मुख्य कारण

भारत की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का गढ़ बेंगलुरु, हाल ही में शहरी बाढ़ की वजह से सुर्खियों में बना हुआ था। इस साल अगस्त के अंतिम सप्ताह और सितंबर के…
बेंगलुरु शहर के दक्षिण पूर्व में बेलंदूर झील शहर की सबसे बड़ी झील है। तस्वीर- अश्विन कुमार/विकिमीडिया कॉमन्स
पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने और 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान की सीमा को पहुंच के भीतर रखने के लिए उत्सर्जन में भारी कटौती जरूरी है। तस्वीर- आईआईएसडी/ईएनबी।

कॉप27: लॉस एंड डैमेज फंड पर सहमति, अन्य मुद्दों पर अटका जलवायु शिखर सम्मेलन

मिस्र में संपन्न हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन - कॉप27 में सालों तक न-नुकुर के बाद आखिरकार अमीर देशों को गरीब देशों की मदद के लिए आगे आना पड़ा…
पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने और 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान की सीमा को पहुंच के भीतर रखने के लिए उत्सर्जन में भारी कटौती जरूरी है। तस्वीर- आईआईएसडी/ईएनबी।
एक नए अध्ययन में हर साल के अधिकतर दिनों में उच्च स्तर की खतरनाक गर्मी होने का संकेत दिया गया है। इससे गर्मी से होने वाली बीमारियों में काफी इजाफ़ा होगा। ख़ास तौर से बुजुर्गों, आउटडोर काम करने वाले श्रमिकों और कम आय वाले लोगों में। तस्वीर- माइकल कैनन/विकिमीडिया कॉमन्स।

लोगों के स्वास्थ्य पर दिखने लगा बढ़ती गर्मी का असर, बड़े प्रयासों की जरूरत

“गर्मी में पंखा चलाने पर, कमरे के अंदर की हवा आग की तरह उठती है,” भारत में कोलकाता महानगर के उत्तरी भाग में प्लास्टिक के तिरपाल, बांस और टिन से…
एक नए अध्ययन में हर साल के अधिकतर दिनों में उच्च स्तर की खतरनाक गर्मी होने का संकेत दिया गया है। इससे गर्मी से होने वाली बीमारियों में काफी इजाफ़ा होगा। ख़ास तौर से बुजुर्गों, आउटडोर काम करने वाले श्रमिकों और कम आय वाले लोगों में। तस्वीर- माइकल कैनन/विकिमीडिया कॉमन्स।

कॉप27: जलवायु एजेंडा में शामिल हुआ ‘लॉस एंड डैमेज’ का मुद्दा, रंग लाई भारत की कोशिशें

पूर्वी मिस्र में शर्म-अल-शेख में आयोजित कॉप27 (COP27) संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन से एक आशावादी जानकारी सामने आई है। सभी भाग लेने वाले देशों ने सम्मेलन के आधिकारिक एजेंडे पर…
गर्मी में ठंड और ठंड में गर्मी, घर बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान

गर्मी में ठंडा और सर्दी में गर्म रहने वाले घर बनाने हों तो इन बातों का रखें ध्यान

आप साल 2030 में इंदौर या सूरत जैसे शहरों में किसी आवासीय परिसर (रेसिडेंशियल कॉम्पलेक्स) की कल्पना करें। अगर ये इमारतें मौजूदा दौर की गगनचुंबी इमारतों की तरह ही हुईं,…
गर्मी में ठंड और ठंड में गर्मी, घर बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान
(बाएं से) नशीमन अशरफ, महरीन खलील और उल्फत मजीद। तस्वीर- मेहरीन खलील और उल्फत मजीद और हिरा अज़मत

केसर, जैव विविधता और हिमनद: कश्मीर की महिला वैज्ञानिक कर रही हैं क्षेत्र के जलवायु गतिविधियों का नेतृव

इस जलवायु परिवर्तन से स्थानीय पारिस्थितिकी, आजीविका और उन्हें बनाए रखने वाले नेटवर्क के लिए खतरा है। वैज्ञानिक नशीमन अशरफ, उल्फत मजीद और महरीन खलील अलग-अलग पृष्ठभूमि से हैं और…
(बाएं से) नशीमन अशरफ, महरीन खलील और उल्फत मजीद। तस्वीर- मेहरीन खलील और उल्फत मजीद और हिरा अज़मत
शहरों में आस-पास के इलाकों के तापमान में अंतर क्यों होता है?

शहरों में आस-पास के इलाकों के तापमान में अंतर क्यों होता है?

अर्बन हीट आइलैंड (UHI) प्रभाव के कारण ख़ास तौर से शहरी इलाकों में  गर्मी का असर अधिक हुआ। इन इलाकों में गर्मी का बढ़ना कोई पहली या एक बार की…
शहरों में आस-पास के इलाकों के तापमान में अंतर क्यों होता है?
राज्यसभा के नवनिर्वाचित/पुनर्निर्वाचित सदस्यों के लिए शपथ ग्रहण समारोह 22 जुलाई, 2020 को राज्यसभा में आयोजित किया गया। तस्वीर- राज्यसभा

भारतीय संसद में जलवायु परिवर्तन पर बहुत कम होती है चर्चा, शोध में हुआ खुलासा

“यह हर बार की कहानी है। किसी आपदा के आने पर राजनेता अक्सर जलवायु परिवर्तन की आड़ लेते हैं,” यह बात जलवायु वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल ने कही। वे विधायकों…
राज्यसभा के नवनिर्वाचित/पुनर्निर्वाचित सदस्यों के लिए शपथ ग्रहण समारोह 22 जुलाई, 2020 को राज्यसभा में आयोजित किया गया। तस्वीर- राज्यसभा
दिल्ली के मयूर विहार इलाके में चल रहा एक इलेक्ट्रिक बस। तस्वीर-मनीष कुमार

एनडीसी: जलवायु परिवर्तन से जुड़ा भारत का नया स्वैच्छिक एक्शन प्लान कितना कारगर?

केंद्र सरकार की कैबिनेट ने हाल ही में अपनी राष्ट्रीय निर्धारित योगदान (एनडीसी) को मंजूरी  दी। एनडीसी में लिखे भारत के नए लक्ष्यों और प्रतिबद्धताओं को अब संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क…
दिल्ली के मयूर विहार इलाके में चल रहा एक इलेक्ट्रिक बस। तस्वीर-मनीष कुमार
ब्राजील के अमेज़ॅन में बेलो मोंटे मेगा बांध। तस्वीर- ज़ो सुलिवन/ मोंगाबे

बांध दुनिया के लिए ज़ोखिम भरी ज़रूरत हैं पर क्या इनका बेहतर प्रबंधन संभव है?

दक्षिण अफ्रीका के क्रूगर नेशनल पार्क के जैव विविधता संरक्षण के प्रबंधक स्टीफन मिड्ज़ी को लगता है कि नदियों को वैसा ही होना चाहिए जैसी नदियां होती हैं। मिड्ज़ी निर्बाध…
ब्राजील के अमेज़ॅन में बेलो मोंटे मेगा बांध। तस्वीर- ज़ो सुलिवन/ मोंगाबे
सिंधुदुर्ग जिले के एक किसान महेश दिनकर सावंत ने कई अन्य किसानों को जलवायु के अनुकूल प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रशिक्षित किया है। बढ़ते तापमान के कारण काजू के फूल सूख रहे हैं और चुनौती बनकर सामने आ रहे हैं। तस्वीर- अरविंद शुक्ला

बेमौसम बारिश, गर्मी और कीटों से महाराष्ट्र के काजू किसान हलकान, खराब हुई फसल

महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के किसान हरिश्चंद्र देसाई के पास 1,100 काजू के पेड़ हैं। लेकिन, इस मौसम में कुछ ही पेड़ों में फल लगे हैं। 65 वर्षीय देसाई, लांजा…
सिंधुदुर्ग जिले के एक किसान महेश दिनकर सावंत ने कई अन्य किसानों को जलवायु के अनुकूल प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रशिक्षित किया है। बढ़ते तापमान के कारण काजू के फूल सूख रहे हैं और चुनौती बनकर सामने आ रहे हैं। तस्वीर- अरविंद शुक्ला
पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास के बाद क्षतिग्रस्त सड़क के बगल में खड़ी एक महिला। यह साबित करने के लिए पर्याप्त वैश्विक सबूत हैं कि जलवायु परिवर्तन से महिलाएं अनुपातहीन रूप से प्रभावित हैं। तस्वीर- सुमिता रॉय दत्ता / विकिमीडिया कॉमन्स

महिलाएं और बच्चे जलवायु परिवर्तन से काफी प्रभावित, पर नीति से हैं गायब

साक्ष्यों से पता चलता है कि जैसे-जैसे तेजी के साथ जलवायु से संबंधित समस्याएं बढ़ रही है, वैसे-वैसे महिलाओं और बच्चों पर इसका बोझ भी जाहिर होता जा रहा है। …
पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास के बाद क्षतिग्रस्त सड़क के बगल में खड़ी एक महिला। यह साबित करने के लिए पर्याप्त वैश्विक सबूत हैं कि जलवायु परिवर्तन से महिलाएं अनुपातहीन रूप से प्रभावित हैं। तस्वीर- सुमिता रॉय दत्ता / विकिमीडिया कॉमन्स
शहरों की कई विशेषताओं के कारण ऐसे क्षेत्र बनते हैं जहां अधिक गर्मी होती है। सबसे पहले तो शहरों में पेड़-पौधों के कम होने के कारण ज्यादा वाष्पीकरणऔर ज्यादा वाष्पोत्सर्जन होता है। इन दोनों प्रक्रियाओं के कारण गर्मी ज्यादा होती है। तस्वीर- मैके सैवेज/विकिमीडिया कॉमन्स

शहर में अधिक गर्मी क्यों पड़ रही और शहर हीट आईलैंड क्यों बन जाते हैं?

आजकल गर्मी अपने चरम पर है और इसके तरह-तरह के रूप देखने को मिल रहे हैं। जैसे शहरों में गावों से अधिक गर्मी होना। इसी को अर्बन हीट आईलैंड कहते…
शहरों की कई विशेषताओं के कारण ऐसे क्षेत्र बनते हैं जहां अधिक गर्मी होती है। सबसे पहले तो शहरों में पेड़-पौधों के कम होने के कारण ज्यादा वाष्पीकरणऔर ज्यादा वाष्पोत्सर्जन होता है। इन दोनों प्रक्रियाओं के कारण गर्मी ज्यादा होती है। तस्वीर- मैके सैवेज/विकिमीडिया कॉमन्स
चक्रवाती तूफान नीलम के बाद तमिलनाडु के एक समुद्री तट का दृष्य। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए संसाधन जुटाना भारत के महत्वपूर्ण लक्ष्यों में शामिल है। तस्वीर- विनोथ चंदर/विकिमीडिया कॉमन्स

[कमेंट्री] बढ़ रहा मौसम का प्रकोप,भविष्य की चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करने की जरूरत

अभी देश के कई राज्य खासकर उत्तर भारत का हिस्सा भीषण गर्मी की चपेट में है। मौसम विभाग न केवल हीटवेव से संबंधित अलर्ट जारी कर रहा बल्कि इससे बचने…
चक्रवाती तूफान नीलम के बाद तमिलनाडु के एक समुद्री तट का दृष्य। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए संसाधन जुटाना भारत के महत्वपूर्ण लक्ष्यों में शामिल है। तस्वीर- विनोथ चंदर/विकिमीडिया कॉमन्स
बैनर तस्वीर: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) संस्थानों के वैज्ञानिकों द्वारा इस परियोजना की समीक्षा की गई। इसमें कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के चुनिंदा गांवों का अध्ययन हुआ। तस्वीर- विजय कुट्टी /आईएलओ एशिया पैसिफिक / फ़्लिकर

जलवायु परिवर्तन से जूझने में कितने कारगर कार्बन पॉजिटिव गांव?

कर्नाटक के किसान महेश जब भी ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कम करने के लिए जल और मृदा संरक्षण को लेकर चर्चा करते हैं, उनका सवाल होता कि उससे कृषि की…
बैनर तस्वीर: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) संस्थानों के वैज्ञानिकों द्वारा इस परियोजना की समीक्षा की गई। इसमें कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के चुनिंदा गांवों का अध्ययन हुआ। तस्वीर- विजय कुट्टी /आईएलओ एशिया पैसिफिक / फ़्लिकर
केरल में निर्माण श्रमिक। कई भारतीयों को अपने काम की प्रकृति के कारण गर्मियों में लंबे समय तक कड़ी धूप में रहना पड़ता है। तस्वीर- अरकर्जुन/विकिमीडिया कॉमन्स

जलवायु परिवर्तन का कहर, बढ़ गए हैं हीटवेव वाले दिन

देश के कई हिस्सों में गर्मी का कहर अब असहनीय हो चला है। गर्मी के इस कहर को दिल्ली के बाहरी इलाके नोएडा में एक रिक्शा चालक सुनील दास की…
केरल में निर्माण श्रमिक। कई भारतीयों को अपने काम की प्रकृति के कारण गर्मियों में लंबे समय तक कड़ी धूप में रहना पड़ता है। तस्वीर- अरकर्जुन/विकिमीडिया कॉमन्स
आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट कहती है कि दक्षिण एशिया और विशेष रूप से भारत में गर्म दिन और रातों की संख्या बढ़ रही है। तस्वीर- पिक्साबे

जलवायु परिवर्तन के सबसे स्पष्ट संकेत हीटवेव से कैसे बचें?

यह एक संयोग ही है कि जब जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञ पैनल (आईपीसीसी) ने अपनी छठी आकलन रिपोर्ट का तीसरा और अंतिम हिस्सा जारी किया तभी भारत…
आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट कहती है कि दक्षिण एशिया और विशेष रूप से भारत में गर्म दिन और रातों की संख्या बढ़ रही है। तस्वीर- पिक्साबे
प्रयागराज स्थित संगम का एक दृष्य। आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में गर्मी की वजह से मौसम की चरम घटनाओं में वृद्धि होगी। इससे स्थलीय, मीठे पानी, तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के जैव विविधता का नुकसान होगा। तस्वीर- प्रियम/विकिमीडिया कॉमन्स

जलवायु परिवर्तन का असर जैवविविधता से लेकर समाज तक, नई आईपीसीसी रिपोर्ट में आया सामने

इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज या आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट बता रही है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से लोगों के स्वास्थ्य के साथ पृथ्वी की सेहत भी खराब हो…
प्रयागराज स्थित संगम का एक दृष्य। आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में गर्मी की वजह से मौसम की चरम घटनाओं में वृद्धि होगी। इससे स्थलीय, मीठे पानी, तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के जैव विविधता का नुकसान होगा। तस्वीर- प्रियम/विकिमीडिया कॉमन्स
नरेन हांसदा ने संथाली और बंगाली भाषाओं में कम से कम 120 गीतों की रचना की है। तस्वीर- तज़ीन कुरैशी

एक संथाली गायक का भागीरथी प्रयास, गीतों के सहारे संवार रहे जंगल

पीठ तक लटकते लंबे बाल और दोतारा के साथ नरेन हंसदा पहली नजर में किसी रॉकस्टार लगते हैं। लेकिन जब वह गाना शुरू करते हैं तो उनकी यह छवि जाती…
नरेन हांसदा ने संथाली और बंगाली भाषाओं में कम से कम 120 गीतों की रचना की है। तस्वीर- तज़ीन कुरैशी

छत्तीसगढ़: धान के कटोरे से गायब होता स्वाद

छत्तीसगढ़ के बालोद ज़िले के दुर्गीटोला गांव के रहने वाले कार्तिक भूआर्य से आप धान की खेती की बात करें तो वो पुरानी यादों में गुम हो जाते हैं, “अब…
अपने सम्बोधन में भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब देशों को जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद के तौर पर अमीर देशों से एक लाख करोड़ डॉलर की मांग की।। तस्वीर- संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन/कियारा वर्थ

जलवायु परिवर्तन को लेकर कॉप-26 में क्या हुआ हासिल?

संयुक्त राष्ट्र का 26वां जलवायु परिवर्तन सम्मेलन को आयोजन यूनाइटेड किंगडम के ग्लासगो में आयोजित किया गया था। इसे कॉप-26 के नाम से भी जाना जाता है। इस सम्मेलन का…
अपने सम्बोधन में भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब देशों को जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद के तौर पर अमीर देशों से एक लाख करोड़ डॉलर की मांग की।। तस्वीर- संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन/कियारा वर्थ
गुजरात के हाइवे पर मवेशियों को ले जाते चरवाहे। मीथेन उत्सर्जन में मवेशियों की भी भूमिका होती है। मीथेन गैस उत्सर्जन में कटौती की जाए तो देश में कई लोगों की आजीविका संकट में आ जाएगी। तस्वीर- दिव्या मुदप्पा/विकिमीडिया

कॉप-26 और मीथेन उत्सर्जन: वैश्विक जलवायु परिवर्तन की बातचीत में भारतीय मवेशी भी रहे मुद्दा

हाल ही में संपन्न हुए ग्लासगो पर्यावरण सम्मेलन की कुछेक उपलब्धियों में मीथेन गैस के उत्सर्जन में कटौती करना भी शामिल है। हालांकि भारत ने अपने को इससे दूर रखा…
गुजरात के हाइवे पर मवेशियों को ले जाते चरवाहे। मीथेन उत्सर्जन में मवेशियों की भी भूमिका होती है। मीथेन गैस उत्सर्जन में कटौती की जाए तो देश में कई लोगों की आजीविका संकट में आ जाएगी। तस्वीर- दिव्या मुदप्पा/विकिमीडिया
23-वर्षीय एलिस बरवा ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन में आदिवासी युवाओं का प्रतिनिधित्व किया। उनके नेतृत्व में गांव छोड़ब नहीं और हसदेव अरण्य बचाओ जैसे पोस्टर्स प्रदर्शनी में शामिल किए गए। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे

कॉप-26 में गूंजा ‘गांव छोड़ब नहीं’ की धुन, युवाओं ने भी संभाला मोर्चा

यह ग्लासगो में जलवायु सम्मेलन कॉप 26 का दूसरा सप्ताह है। विश्व के नेताओं ने ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने की आवश्यकता के साथ अपने देशों…
23-वर्षीय एलिस बरवा ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन में आदिवासी युवाओं का प्रतिनिधित्व किया। उनके नेतृत्व में गांव छोड़ब नहीं और हसदेव अरण्य बचाओ जैसे पोस्टर्स प्रदर्शनी में शामिल किए गए। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे
तमिलनाडु स्थित एक ताप ऊर्जा संयंत्र। कोविड-19 महामारी का प्रकोप कम होने पर ऊर्जा जरूरत की पूर्ति के लिए भारत में कोयले की खपत बढ़ी है। तस्वीर- राजकुमार/विकिमीडिया कॉमन्स 

कॉप-26 और भारत: वैश्विक कार्बन बजट, न्याय की लड़ाई और विकासशील देशों का नेतृत्व

कोविड-19 महामारी की वजह से विश्व भर में लगे लॉकडाउन ने कार्बन उत्सर्जन में थोड़ी कमी जरूर की थी। पर वैश्विक अर्थव्यवस्था खुलने के साथ उत्सर्जन भी तेजी से बढ़ा…
तमिलनाडु स्थित एक ताप ऊर्जा संयंत्र। कोविड-19 महामारी का प्रकोप कम होने पर ऊर्जा जरूरत की पूर्ति के लिए भारत में कोयले की खपत बढ़ी है। तस्वीर- राजकुमार/विकिमीडिया कॉमन्स 
पवन चक्की से कुछ दूर जलावन के लिए लकड़ियां इकट्ठा करता एक किसान। नेट जीरो को लेकर भारत की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जानकारों की राय है कि वर्तमान स्थिति में भारत की नीति निर्माण में भारी विरोधाभास है। तस्वीर- वेस्तास/याहू/फ्लिकर

कॉप 26: नेट-जीरो की घोषणा कर भारत ने ग्लासगो क्लाइमेट सम्मेलन में किया ऊर्जा का संचार

ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र का जलवायु सम्मेलन की शुरुआत में ही एक बड़ा मोड़ आया जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बड़ी घोषणाएं की और दुनिया को चौंका…
पवन चक्की से कुछ दूर जलावन के लिए लकड़ियां इकट्ठा करता एक किसान। नेट जीरो को लेकर भारत की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जानकारों की राय है कि वर्तमान स्थिति में भारत की नीति निर्माण में भारी विरोधाभास है। तस्वीर- वेस्तास/याहू/फ्लिकर