Categories for जलवायु परिवर्तन

साबरमती नदी किनारे स्थित थर्मल पावर स्टेशन। देश में कोयले की कमी की चर्चा के बीच कई ऊर्जा संयंत्र बंद होने की कगार पर हैं। तस्वीर- कोशी/विकिमीडिया कॉमन्स

कम हो रही जानलेवा सल्फर डाइऑक्साइड के बढ़ने की रफ्तार, प्रदूषण नियमों में और सख्ती की जरूरत

वायु प्रदूषण की समस्या देश में साल-दर-साल बढ़ती ही जा रही है। इस बीच राहत की एक खबर भी आई है। एक शोध के मुताबिक स्वास्थ्य और जलवायु पर गंभीर…
साबरमती नदी किनारे स्थित थर्मल पावर स्टेशन। देश में कोयले की कमी की चर्चा के बीच कई ऊर्जा संयंत्र बंद होने की कगार पर हैं। तस्वीर- कोशी/विकिमीडिया कॉमन्स
हिमाचल के ठंडे रेगिस्तान में खेती की चुनौती: बदलता जलवायु और बदलती फसल

हिमाचल के ठंडे रेगिस्तान में खेती की चुनौती: बदलता जलवायु और बदलती फसल

हिमाचल प्रदेश के ठंडे रेगिस्तान में स्थित तांदी गांव के 30 किसानों के लिए 2022 की गर्मी बेरहम साबित हुई। सिंचाई के लिए पानी की कमी के कारण लाहौल और…
हिमाचल के ठंडे रेगिस्तान में खेती की चुनौती: बदलता जलवायु और बदलती फसल
गुवाहाटी में एक राफ्ट पर स्थित दुकान। असम में देश के कुल बाढ़ संभावित क्षेत्र का 9.40 प्रतिशत हिस्सा है। तस्वीर- नबरुन गुहा

बाढ़ क्यों आती है?

अभी सोशल मीडिया पर बेंगलुरु में आई बाढ़ की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। बताया जा रहा है कि इस अचानक आई बाढ़ से शहर का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया…
गुवाहाटी में एक राफ्ट पर स्थित दुकान। असम में देश के कुल बाढ़ संभावित क्षेत्र का 9.40 प्रतिशत हिस्सा है। तस्वीर- नबरुन गुहा
गर्मी में ठंड और ठंड में गर्मी, घर बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान

गर्मी में ठंडा और सर्दी में गर्म रहने वाले घर बनाने हों तो इन बातों का रखें ध्यान

आप साल 2030 में इंदौर या सूरत जैसे शहरों में किसी आवासीय परिसर (रेसिडेंशियल कॉम्पलेक्स) की कल्पना करें। अगर ये इमारतें मौजूदा दौर की गगनचुंबी इमारतों की तरह ही हुईं,…
गर्मी में ठंड और ठंड में गर्मी, घर बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान
शहरों में आस-पास के इलाकों के तापमान में अंतर क्यों होता है?

शहरों में आस-पास के इलाकों के तापमान में अंतर क्यों होता है?

अर्बन हीट आइलैंड (UHI) प्रभाव के कारण ख़ास तौर से शहरी इलाकों में  गर्मी का असर अधिक हुआ। इन इलाकों में गर्मी का बढ़ना कोई पहली या एक बार की…
शहरों में आस-पास के इलाकों के तापमान में अंतर क्यों होता है?
राज्यसभा के नवनिर्वाचित/पुनर्निर्वाचित सदस्यों के लिए शपथ ग्रहण समारोह 22 जुलाई, 2020 को राज्यसभा में आयोजित किया गया। तस्वीर- राज्यसभा

भारतीय संसद में जलवायु परिवर्तन पर बहुत कम होती है चर्चा, शोध में हुआ खुलासा

“यह हर बार की कहानी है। किसी आपदा के आने पर राजनेता अक्सर जलवायु परिवर्तन की आड़ लेते हैं,” यह बात जलवायु वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल ने कही। वे विधायकों…
राज्यसभा के नवनिर्वाचित/पुनर्निर्वाचित सदस्यों के लिए शपथ ग्रहण समारोह 22 जुलाई, 2020 को राज्यसभा में आयोजित किया गया। तस्वीर- राज्यसभा
सिंधुदुर्ग जिले के एक किसान महेश दिनकर सावंत ने कई अन्य किसानों को जलवायु के अनुकूल प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रशिक्षित किया है। बढ़ते तापमान के कारण काजू के फूल सूख रहे हैं और चुनौती बनकर सामने आ रहे हैं। तस्वीर- अरविंद शुक्ला

बेमौसम बारिश, गर्मी और कीटों से महाराष्ट्र के काजू किसान हलकान, खराब हुई फसल

महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के किसान हरिश्चंद्र देसाई के पास 1,100 काजू के पेड़ हैं। लेकिन, इस मौसम में कुछ ही पेड़ों में फल लगे हैं। 65 वर्षीय देसाई, लांजा…
सिंधुदुर्ग जिले के एक किसान महेश दिनकर सावंत ने कई अन्य किसानों को जलवायु के अनुकूल प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रशिक्षित किया है। बढ़ते तापमान के कारण काजू के फूल सूख रहे हैं और चुनौती बनकर सामने आ रहे हैं। तस्वीर- अरविंद शुक्ला
ये हैं मेघालय की गुफाएं, जो देश में सबसे बड़ी और गहरी मानी जाती हैं। तस्वीर- अर्कदीप भट्टाचार्य/विकिमीडिया कॉमन्स

अतिवृष्टि वाले स्थान पर कम हो रही बारिश, वजह है समुद्र का बढ़ता तापमान और खत्म होते जंगल

बीते दो महीने से पूर्वोत्तर भारत अत्यधिक वर्षा और बाढ़ की वजह से चर्चा में है। इसे जलवायु परिवर्तन से भी जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि बीते कुछ दशक…
ये हैं मेघालय की गुफाएं, जो देश में सबसे बड़ी और गहरी मानी जाती हैं। तस्वीर- अर्कदीप भट्टाचार्य/विकिमीडिया कॉमन्स
उत्तर प्रदेश का एक गांव। फाइल तस्वीर- विश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स

उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों को क्लाइमेट स्मार्ट बनाने की योजना कितनी गंभीर?

उत्तर प्रदेश सरकार जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है। इसके तहत राज्य की 27 ग्राम पंचायतों को नेट जीरो यानी क्लाइमेट स्मार्ट…
उत्तर प्रदेश का एक गांव। फाइल तस्वीर- विश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स
दिल्ली में प्रदूषण, भारत-गंगा के मैदान (IGP) का हिस्सा। तस्वीर- तारकेश्वर रावत/विकिमीडिया कॉमन्स

बारिश की अनियमितता के पीछे हवा में मौजूद ब्लैक कार्बन भी जिम्मेदार

असम के तेजपुर में रहने वाले शाहजहां से हमने एक सवाल पूछा। आपको किस तरह का चिकन पसंद है, एलपीजी चूल्हे वाला या खुले में जलावन वाले चूल्हे पर पका…
दिल्ली में प्रदूषण, भारत-गंगा के मैदान (IGP) का हिस्सा। तस्वीर- तारकेश्वर रावत/विकिमीडिया कॉमन्स
अंडमान की गुफाओं में एडिबल नेस्ट स्विफ्टलेट (ऐरोड्रमस फुकीफगस) नामक पक्षी पाई जाती है। तस्वीर- SACON

गहराते जलवायु संकट के मद्देनजर भारतीय वैज्ञानिकों ने की गुफाओं को संरक्षित करने की अपील

जस्टिन सुमित कुमार का काम अंधेरी गुफाओं की खाक छानना है, लेकिन उनकी दिनचर्या काफी दिलचस्प और रोमांचक होती है। इस समय वह अंडमान की अंधेरी गुफाओं में एक वैज्ञानिक…
अंडमान की गुफाओं में एडिबल नेस्ट स्विफ्टलेट (ऐरोड्रमस फुकीफगस) नामक पक्षी पाई जाती है। तस्वीर- SACON
कारगिल के जंस्कर स्थित एक प्रोग्लेशियल झील। तस्वीर- इरफ़ान राशिद

[व्याख्या] ग्लेशियल झील में बाढ़ का विस्फोट क्यों होता है और वह हिमालय को किस तरह से प्रभावित करता है?

हिमालय क्षेत्र झीलों के अचानक टूटने से भीषण आपदा आती है। इसे अंग्रेजी में जीएलओएफ कहते हैं। जीएलओएफ का मतलब ग्लेशियल लेक आउटब्रस्ट फ्लड यानी हिमनद झील की वजह से…
कारगिल के जंस्कर स्थित एक प्रोग्लेशियल झील। तस्वीर- इरफ़ान राशिद
सिलचर का करीब 80 फीसदी हिस्सा जलमग्न हो गया। तस्वीर- सुभदीप दत्ता

[वीडियो] भीषण बाढ़ से असम में जन-जीवन अस्त-व्यस्त, जाल-माल को भारी क्षति

असम में नेशनल हाईवे 31 के किनारे जिस ओर नजर जाती है, पानी ही पानी दिखता है। यहां कुछ दिन पहले तक धान की लहलहाती फसल दिखती थी। इसी हाइवे…
सिलचर का करीब 80 फीसदी हिस्सा जलमग्न हो गया। तस्वीर- सुभदीप दत्ता
पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास के बाद क्षतिग्रस्त सड़क के बगल में खड़ी एक महिला। यह साबित करने के लिए पर्याप्त वैश्विक सबूत हैं कि जलवायु परिवर्तन से महिलाएं अनुपातहीन रूप से प्रभावित हैं। तस्वीर- सुमिता रॉय दत्ता / विकिमीडिया कॉमन्स

महिलाएं और बच्चे जलवायु परिवर्तन से काफी प्रभावित, पर नीति से हैं गायब

साक्ष्यों से पता चलता है कि जैसे-जैसे तेजी के साथ जलवायु से संबंधित समस्याएं बढ़ रही है, वैसे-वैसे महिलाओं और बच्चों पर इसका बोझ भी जाहिर होता जा रहा है। …
पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास के बाद क्षतिग्रस्त सड़क के बगल में खड़ी एक महिला। यह साबित करने के लिए पर्याप्त वैश्विक सबूत हैं कि जलवायु परिवर्तन से महिलाएं अनुपातहीन रूप से प्रभावित हैं। तस्वीर- सुमिता रॉय दत्ता / विकिमीडिया कॉमन्स
मध्य प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक पिछले पांच साल में मध्य प्रदेश में उर्वरक की खपत दोगुनी हो गई है, 2015-16 में राज्य में 19.65 मीट्रिक टन खाद का वितरण किया गया था। इस साल यह बढ़कर 39.75 मीट्रिक टन होने का अनुमान है।  तस्वीर- राकेश कुमार मालवीय

नर्मदापुरम: गेहूं की नहीं बढ़ रही उपज, उर्वरकों के बेतहाशा इस्तेमाल ने बढ़ाई चिंता

“हमारे गांव की मिट्टी कुछ अलग है। यहां की फसल पूरे जिले में अलग दिखाई देती है। पानी भी भरपूर है और अब तो यहां पर तीन फसलें ली जा…
मध्य प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक पिछले पांच साल में मध्य प्रदेश में उर्वरक की खपत दोगुनी हो गई है, 2015-16 में राज्य में 19.65 मीट्रिक टन खाद का वितरण किया गया था। इस साल यह बढ़कर 39.75 मीट्रिक टन होने का अनुमान है।  तस्वीर- राकेश कुमार मालवीय

ईपीआई इंडेक्स: जलवायु परिवर्तन, वातावरण संरक्षण में पिछड़ा भारत, रैंकिंग की प्रक्रिया पर उठ रहें हैं सवाल

अमेरिका के येल और कोलंबिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने हाल ही में अपनी नई रिपोर्ट- पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (ईपीआई इंडेक्स) 2022 प्रकाशित की। इस रिपोर्ट में इन शोधकर्ताओं ने 180…
अफ्रीकी कैटफ़िश को नए और कठिन माहौल पसंद है और वे यहां आसानी से अपना विकास कर सकती हैं। तस्वीर– सौम्यब्रत रॉय / विकिमीडिया कॉमन्स

बढ़ते तापमान के सहारे गंगा में बढ़ रही घुसपैठिए मछलियों की संख्या

गंगा नदी घाटी में 25 किलोमीटर के दायरे में क्षेत्रीय जलवायु मॉडल (रीजनल क्लाइमेट मॉडल) के जरिए अध्ययन किया गया। अध्ययन के नतीजों के आधार पर भविष्यवाणी की गई कि…
अफ्रीकी कैटफ़िश को नए और कठिन माहौल पसंद है और वे यहां आसानी से अपना विकास कर सकती हैं। तस्वीर– सौम्यब्रत रॉय / विकिमीडिया कॉमन्स
बैनर तस्वीर: हरियाणा के रोहतक जिले में एक गेहूं का खेत। तस्वीर- कपिल काजल

[वीडियो] हीटवेव की मार से उत्तर भारत में गेहूं के दाने हुए खराब

36 वर्षीय हरदीप कौर और उनके 39 वर्षीय पति चमकौर सिंह के पास उत्तर भारतीय राज्य पंजाब के बठिंडा जिले में दो एकड़ कृषि भूमि है। मार्च और अप्रैल में…
बैनर तस्वीर: हरियाणा के रोहतक जिले में एक गेहूं का खेत। तस्वीर- कपिल काजल
प्लास्टिक का उत्पादन जीवाश्म ईंधन उद्योग से मजबूती से जुड़ा हुआ है और जैसे-जैसे तेल की मांग घट रही है वैसे-वैसे पेट्रोकैमिकल उद्योग प्लास्टिक के उत्पादन में तेजी ला रहे हैं। तस्वीर- लुई वेस्ट / फ़्लिकर।

हमने पृथ्वी पर रासायनिक प्रदूषण की निर्धारित सीमा-रेखा पार कर ली है- अध्ययन

पूरी दुनिया में उत्पादन के क्षेत्रों में मानव-निर्मित रसायन और सिंथैटिक प्रदूषक तत्वों का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। जबकि हमारे प्लेनेट पर पहले से ही ऐसे हजारों रसायन इस्तेमाल…
प्लास्टिक का उत्पादन जीवाश्म ईंधन उद्योग से मजबूती से जुड़ा हुआ है और जैसे-जैसे तेल की मांग घट रही है वैसे-वैसे पेट्रोकैमिकल उद्योग प्लास्टिक के उत्पादन में तेजी ला रहे हैं। तस्वीर- लुई वेस्ट / फ़्लिकर।
लेह, कुशोक बकुला रिन्पोचे हवाई अड्डे का 2009 का हवाई दृश्य। फोटो- कैफीनएएम/विकिमीडिया कॉमन्स।

कार्बन न्यूट्रालिटी की तरफ लेह हवाई अड्डे के बढ़ते कदम

पिछले साल 13 नवम्बर को, एक इंजीनियर से शिक्षा सुधारक और पर्यावरणविद बने सोनम वांगचुक ने सोशल मीडिया के ट्विटर प्लेटफार्म पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए एक…
लेह, कुशोक बकुला रिन्पोचे हवाई अड्डे का 2009 का हवाई दृश्य। फोटो- कैफीनएएम/विकिमीडिया कॉमन्स।
पिछले साल स्वीडिश अंतरिक्ष निगम के साथ मिलकर हार्वर्ड अनुसंधान इकाई द्वारा स्ट्रैटोस्फेरिक गुब्बारे के साथ एक सौर सोलर जियोइंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के परीक्षण की योजना बनाई गई थी। इसे लोगों के भारी विरोध के बाद स्थगित कर दिया गया था। फोटो-नासा/गोद्दर्द/बैरल के सौजन्य से।0

सूरज को मद्धम कर पृथ्वी को ठंडा करने की कोशिश रोकी जाए, कह रहे हैं वैज्ञानिक

देश में लू का मौसम चल रहा है। देश के कई हिस्सों का तापमान सदियों का रिकार्ड तोड़ रहा है और जनजीवन अस्त-व्यस्त है। कई लोग इसे जलवायु परिवर्तन का…
पिछले साल स्वीडिश अंतरिक्ष निगम के साथ मिलकर हार्वर्ड अनुसंधान इकाई द्वारा स्ट्रैटोस्फेरिक गुब्बारे के साथ एक सौर सोलर जियोइंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के परीक्षण की योजना बनाई गई थी। इसे लोगों के भारी विरोध के बाद स्थगित कर दिया गया था। फोटो-नासा/गोद्दर्द/बैरल के सौजन्य से।0
उदयपुर में मॉनसून की बारिश। हवा में धूल से भी बारिश का पैटर्न बदलता है। तस्वीर- मैके सैवेज/विकिमीडिया कॉमन्स

वैश्विक और स्थानीय घटनाओं से कैसे प्रभावित होता है भारतीय ग्रीष्मकालीन मॉनसून?

आमिर खान की फिल्म लगान में एक बहुत मशहूर दृश्य है जिसमें सूखे से परेशान लोग बादल की राह देख रहे हैं। उस सूखाग्रस्त इलाके में काले बादल आते हैं…
उदयपुर में मॉनसून की बारिश। हवा में धूल से भी बारिश का पैटर्न बदलता है। तस्वीर- मैके सैवेज/विकिमीडिया कॉमन्स
पर्याप्त मशरूम इकट्ठा करने के बाद स्थानीय लोग इसे एक साथ किसी रस्सी में माला की तरह गुंथकर रखते हैं। उसके बाद इसे धूप में सुखाने के लिए टांग दिया जाता है। तस्वीर- जिज्ञासा मिश्रा

मुश्किल हो रहा हिमालयी मशरूम गुच्छी का संग्रह, बढ़ता हुआ तापमान है जिम्मेदार

शिमला के कोटी की रहने वाली रीना देवी पिछले साल तक घर के नजदीक के जंगल में दिन में 6-7 घंटे बिताती थीं। वे गुच्छी चुनने के लिये घर से…
पर्याप्त मशरूम इकट्ठा करने के बाद स्थानीय लोग इसे एक साथ किसी रस्सी में माला की तरह गुंथकर रखते हैं। उसके बाद इसे धूप में सुखाने के लिए टांग दिया जाता है। तस्वीर- जिज्ञासा मिश्रा
शहरों की कई विशेषताओं के कारण ऐसे क्षेत्र बनते हैं जहां अधिक गर्मी होती है। सबसे पहले तो शहरों में पेड़-पौधों के कम होने के कारण ज्यादा वाष्पीकरणऔर ज्यादा वाष्पोत्सर्जन होता है। इन दोनों प्रक्रियाओं के कारण गर्मी ज्यादा होती है। तस्वीर- मैके सैवेज/विकिमीडिया कॉमन्स

शहर में अधिक गर्मी क्यों पड़ रही और शहर हीट आईलैंड क्यों बन जाते हैं?

आजकल गर्मी अपने चरम पर है और इसके तरह-तरह के रूप देखने को मिल रहे हैं। जैसे शहरों में गावों से अधिक गर्मी होना। इसी को अर्बन हीट आईलैंड कहते…
शहरों की कई विशेषताओं के कारण ऐसे क्षेत्र बनते हैं जहां अधिक गर्मी होती है। सबसे पहले तो शहरों में पेड़-पौधों के कम होने के कारण ज्यादा वाष्पीकरणऔर ज्यादा वाष्पोत्सर्जन होता है। इन दोनों प्रक्रियाओं के कारण गर्मी ज्यादा होती है। तस्वीर- मैके सैवेज/विकिमीडिया कॉमन्स
चक्रवाती तूफान नीलम के बाद तमिलनाडु के एक समुद्री तट का दृष्य। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए संसाधन जुटाना भारत के महत्वपूर्ण लक्ष्यों में शामिल है। तस्वीर- विनोथ चंदर/विकिमीडिया कॉमन्स

[कमेंट्री] बढ़ रहा मौसम का प्रकोप,भविष्य की चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करने की जरूरत

अभी देश के कई राज्य खासकर उत्तर भारत का हिस्सा भीषण गर्मी की चपेट में है। मौसम विभाग न केवल हीटवेव से संबंधित अलर्ट जारी कर रहा बल्कि इससे बचने…
चक्रवाती तूफान नीलम के बाद तमिलनाडु के एक समुद्री तट का दृष्य। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए संसाधन जुटाना भारत के महत्वपूर्ण लक्ष्यों में शामिल है। तस्वीर- विनोथ चंदर/विकिमीडिया कॉमन्स
बैनर तस्वीर: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) संस्थानों के वैज्ञानिकों द्वारा इस परियोजना की समीक्षा की गई। इसमें कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के चुनिंदा गांवों का अध्ययन हुआ। तस्वीर- विजय कुट्टी /आईएलओ एशिया पैसिफिक / फ़्लिकर

जलवायु परिवर्तन से जूझने में कितने कारगर कार्बन पॉजिटिव गांव?

कर्नाटक के किसान महेश जब भी ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कम करने के लिए जल और मृदा संरक्षण को लेकर चर्चा करते हैं, उनका सवाल होता कि उससे कृषि की…
बैनर तस्वीर: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) संस्थानों के वैज्ञानिकों द्वारा इस परियोजना की समीक्षा की गई। इसमें कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के चुनिंदा गांवों का अध्ययन हुआ। तस्वीर- विजय कुट्टी /आईएलओ एशिया पैसिफिक / फ़्लिकर
इंडियन स्किमर पक्षी का एक झुंड। इनकी लंबी चोंच पानी को चीरने का काम करती है ताकि ये अंदर तैर रही मछलियों का शिकार कर सके। तस्वीर- वाइल्डमिश्रा/विकिमीडिया कॉमन्स

[कमेंट्री] रियो सम्मेलन के तीस साल, बिगड़ते हालात में भी दिख रही उम्मीद की किरण

इस गर्मी में रियो अर्थ समिट के तीस साल पूरे हो जाएंगे। इस समिट के हरेक दशक के पूरा होने पर संयुक्त राष्ट्र एक बड़ा आयोजन करता रहा है। पर…
इंडियन स्किमर पक्षी का एक झुंड। इनकी लंबी चोंच पानी को चीरने का काम करती है ताकि ये अंदर तैर रही मछलियों का शिकार कर सके। तस्वीर- वाइल्डमिश्रा/विकिमीडिया कॉमन्स
आईपीसीसी की रिपोर्ट कहती है कि महज मीडिया कवरेज बढ़ाने से जलवायु परिवर्तन से लड़ाई का अधिक सटीक कवरेज नहीं होता है। गलत सूचना के प्रसार भी बढ़ सकता है। तस्वीर- स्नेहा/पिक्साहाइव

फेक न्यूज या गलत जानकारी से जलवायु परिवर्तन से लड़ना हो रहा मुश्किल: आईपीसीसी

जलवायु परिवर्तन के बारे में मिसइंफॉर्मेशन या गलत सूचना से लोगों की धारणा पर गलत असर होता है। ये गलत सूचनाएं फेक न्यूज या गलत जानकारी के रूप में समाज…
आईपीसीसी की रिपोर्ट कहती है कि महज मीडिया कवरेज बढ़ाने से जलवायु परिवर्तन से लड़ाई का अधिक सटीक कवरेज नहीं होता है। गलत सूचना के प्रसार भी बढ़ सकता है। तस्वीर- स्नेहा/पिक्साहाइव