नदी

नेपााल के सप्तसरी जिले में कोसी नदी से लकड़ियां ले जाता एक ग्रामीण। कोसी नदी में भारी मात्रा में लकड़ियां पहाड़ पर से बहकर आयी हैं, जिसे जगह-जगह लोग नदी से चुनते दिखे। तस्वीर- राहुल सिंह मोंगाबे के लिए

बिहार में बाढ़ की एक बड़ी वजह कोसी में जमी गाद, क्या है समाधान?

नेपाल के सप्तरी जिले के 63 वर्षीय रामेश्वर यादव माहुली नदी के एक नंबर पुल से कुछ दूरी पर एक पेड़ के नीचे चबूतरे पर बैठे हैं। उनके साथ हैं 74…
नेपााल के सप्तसरी जिले में कोसी नदी से लकड़ियां ले जाता एक ग्रामीण। कोसी नदी में भारी मात्रा में लकड़ियां पहाड़ पर से बहकर आयी हैं, जिसे जगह-जगह लोग नदी से चुनते दिखे। तस्वीर- राहुल सिंह मोंगाबे के लिए
मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के आदिवासी गांवों से होकर बहती नर्मदा नदी। तस्वीर - रचित तिवारी।

[कमेंट्री] नर्मदा नदी पर क्रूज: क्या यह वैध, उचित या न्यायोचित है?

मध्य प्रदेश के पर्यटन विभाग ने साल 2022 की शुरुआत में नर्मदा नदी पर पर्यटकों के लिए क्रूज शिप सेवा शुरू करने का प्रस्ताव रखा था। ये क्रूज अभी तक…
मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के आदिवासी गांवों से होकर बहती नर्मदा नदी। तस्वीर - रचित तिवारी।
बर्लिन के एक चिड़ियाघर में तिलापिया मछली। जब इन्हें जंगली इलाकों में छोड़ा जाता है, तो समय के साथ तिलापिया की आबादी तेजी से बढ़ती जाती है, जो संभावित रूप से देशी मछली प्रजातियों को विस्थापित कर देती है। तस्वीर: उडो श्रोटर/विकिमीडिया कॉमन्स। 

मीठे पानी के जलाशयों के बाद समुद्री जल में डेरा डालती तिलापिया मछली

तिलापिया मछली पाक खाड़ी के तटीय जल में अपने लिए नई जगह बना रही हैं। वो न सिर्फ इस नए क्षेत्र में बस रही हैं बल्कि प्रजनन भी कर रही…
बर्लिन के एक चिड़ियाघर में तिलापिया मछली। जब इन्हें जंगली इलाकों में छोड़ा जाता है, तो समय के साथ तिलापिया की आबादी तेजी से बढ़ती जाती है, जो संभावित रूप से देशी मछली प्रजातियों को विस्थापित कर देती है। तस्वीर: उडो श्रोटर/विकिमीडिया कॉमन्स। 
गंडक नदी के किनारे मौजूद एक घड़ियाल। इस प्रजाति के लगातार कम होते जाने की वजह इनकी खास प्रकृति, खासकर इनके निवास स्थल को लेकर इनका व्यवहार और इनके संरक्षण के खिलाफ होने वाली कई इंसानी गतिविधियां हैं। तस्वीर- आशीष पांडा।

असंरक्षित नदियों में भी होना चाहिए घड़ियालों का संरक्षण

गेविलियस जीन वाले मगरमच्छों की फैमिली में से बची एकमात्र प्रजाति, घड़ियाल की संख्या कम होती जा रही है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की रेड लिस्ट में…
गंडक नदी के किनारे मौजूद एक घड़ियाल। इस प्रजाति के लगातार कम होते जाने की वजह इनकी खास प्रकृति, खासकर इनके निवास स्थल को लेकर इनका व्यवहार और इनके संरक्षण के खिलाफ होने वाली कई इंसानी गतिविधियां हैं। तस्वीर- आशीष पांडा।

केमफोली नाइट मेंढकों की जेनेटिक जानकारी से बेहतर बनेगी संरक्षण की रणनीति

पश्चिमी घाट में की गई एक नई स्टडी में पता चला है कि आम जनधारणा के विपरीत नदी की धाराओं की सीमाएं जलीय केमफोली नाइट मेंढकों के घूमने-फिरने के लिए…
पश्चिम बंगाल की संतरागाछी झील में मौजूद प्रवासी पक्षी। तस्वीर- बिस्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स।  

पश्चिम बंगाल के दक्षिण-मध्य में प्रवासी पक्षियों के अवैध शिकार पर रोक

इसी साल 15 फरवरी को पश्चिम बंगाल के वन विभाग के अधिकारियों ने एक शख्स को पश्चिम बंगाल के मध्य में स्थित मुर्शिदाबाद जिले के 100 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र…
पश्चिम बंगाल की संतरागाछी झील में मौजूद प्रवासी पक्षी। तस्वीर- बिस्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स।  
बेतवा नदी मध्य प्रदेश के अशोकनगर से होकर उत्तर प्रदेश की सीमा के पास बहती है। तस्वीर- पंकज सक्सेना/विकिमीडिया कॉमन्स

केन-बेतवा परियोजना आगे बढ़ी, लेकिन नदियों को जोड़ने से सूखे की आशंका

केन-बेतवा लिंक परियोजना को 'सैद्धांतिक' मंजूरी दिए जाने के तकरीबन छह साल बाद ‘पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय’ की तरफ से 3 अक्टूबर को अंतिम वन मंजूरी दे दी…
बेतवा नदी मध्य प्रदेश के अशोकनगर से होकर उत्तर प्रदेश की सीमा के पास बहती है। तस्वीर- पंकज सक्सेना/विकिमीडिया कॉमन्स
जमुई के गरही थाना में लगभग दो दर्जन ऐसे वाहन हैं जो बालू लदे स्थिति में जब्त किये गये हैं। इस थाने में सबसे अधिक मामले बालू के अवैध उत्खनन के अपराध के ही आते हैं। तस्वीर- राहुल सिंह/मोंगाबे 

बिहार में बालू के बढ़ते खनन से बिगड़ती नदियों की सेहत, बढ़ता अपराध सरकार के लिए चुनौती

दक्षिण बिहार के जमुई जिले के आखिरी छोर पर स्थित गरही थाने में तैनात दारोगा प्रभात रंजन 14 नवंबर 2023 को अवैध बालू उठाव की एक गुप्त सूचना के बाद…
जमुई के गरही थाना में लगभग दो दर्जन ऐसे वाहन हैं जो बालू लदे स्थिति में जब्त किये गये हैं। इस थाने में सबसे अधिक मामले बालू के अवैध उत्खनन के अपराध के ही आते हैं। तस्वीर- राहुल सिंह/मोंगाबे 
गम्बूसिया मछली की बड़ी प्रजाति है, जिसमें 40 से ज्यादा प्रजातियां हैं और यह मुख्य रूप से मीठे पानी में पाई जाती है। इसे मॉस्किटोफिश के नाम से भी जाना जाता है। तस्वीर - एम. नोबिनराजा।

नदी जोड़ो: बढ़ सकता है विदेशी आक्रामक मछलियों का फैलाव, जैव-विविधता पर खतरा

एक नए रिसर्च से पता चलता है कि भारत की महत्वाकांक्षी नदी जोड़ो (आईएलआर) परियोजना उन जलाशयों में आक्रामक विदेशी मछलियों का फैलाव बढ़ा सकती है, जो लुप्तप्राय मछली प्रजातियों…
गम्बूसिया मछली की बड़ी प्रजाति है, जिसमें 40 से ज्यादा प्रजातियां हैं और यह मुख्य रूप से मीठे पानी में पाई जाती है। इसे मॉस्किटोफिश के नाम से भी जाना जाता है। तस्वीर - एम. नोबिनराजा।
इस रिवरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के जरिए जम्मू-कश्मीर में तवी नदी को रोजगार के खास मौके पैदा करने वाली बनाया जाएगा। तस्वीर- पॉल ला पोर्टे/विकीमीडिया कॉम्नस।

जम्मू के तवी रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट से हो सकता है नदी को नुकसान, पर्यावरणविदों ने जताई चिंता

जम्मू-कश्मीर में सरकार की ओर से बनाए जा रहे तवी रिवरफ्रंट को लेकर पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भी चिंता जताई है कि इससे पर्यावरण को खतरा है और जलवायु परिवर्तन के…
इस रिवरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के जरिए जम्मू-कश्मीर में तवी नदी को रोजगार के खास मौके पैदा करने वाली बनाया जाएगा। तस्वीर- पॉल ला पोर्टे/विकीमीडिया कॉम्नस।
अडयार नदी के बाढ़ क्षेत्र पर बना चेन्नई हवाई अड्डा 2015 की बाढ़ के दौरान बाढ़ में डूब गया था। तस्वीर- भारतीय वायु सेना / विकिमीडिया कॉमन्स 

(एक्सप्लेनर) बाढ़ के मैदान और भारत में उनका प्रबंधन?

पानी और परिवहन तक आसान पहुंच के लिए शहर और कस्बे अक्सर नदी तटों और बाढ़ के मैदानों के करीब बनाए जाते हैं। ऐतिहासिक रूप से, भारत में मौसमी नदियों…
अडयार नदी के बाढ़ क्षेत्र पर बना चेन्नई हवाई अड्डा 2015 की बाढ़ के दौरान बाढ़ में डूब गया था। तस्वीर- भारतीय वायु सेना / विकिमीडिया कॉमन्स 
आटपाडी में अपने शिमला मिर्च के पौधों की देखभाल करती एक महिला। तस्वीर- जयसिंह चव्हाण/मोंगाबे

[वीडियो] समान सिंचाई के मॉडल से बदलती महाराष्ट्र के इस सूखाग्रस्त क्षेत्र की तस्वीर

लगभग 1.5 लाख से ज्यादा आबादी वाले दक्षिणी महाराष्ट्र के सांगली जिले के आटपाडी तालुका (प्रशासनिक प्रभाग) में लगभग 60 गाँव हैं। यह इलाका सह्याद्रि के सुदूर पूर्वी हिस्से में…
आटपाडी में अपने शिमला मिर्च के पौधों की देखभाल करती एक महिला। तस्वीर- जयसिंह चव्हाण/मोंगाबे
भारत और बांग्लादेश ने हाल ही में कुशियारा नदी से पानी साझा करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। तस्वीर- अबू सिद्दीकी / मोंगाबे।

भारत और बांग्लादेश के बीच पानी साझा करने पर प्रभावी समझौते की मांग

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस वर्ष उनकी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये। समझौते के तहत दोनों सरकारें नवंबर से…
भारत और बांग्लादेश ने हाल ही में कुशियारा नदी से पानी साझा करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। तस्वीर- अबू सिद्दीकी / मोंगाबे।
ब्राजील के अमेज़ॅन में बेलो मोंटे मेगा बांध। तस्वीर- ज़ो सुलिवन/ मोंगाबे

बांध दुनिया के लिए ज़ोखिम भरी ज़रूरत हैं पर क्या इनका बेहतर प्रबंधन संभव है?

दक्षिण अफ्रीका के क्रूगर नेशनल पार्क के जैव विविधता संरक्षण के प्रबंधक स्टीफन मिड्ज़ी को लगता है कि नदियों को वैसा ही होना चाहिए जैसी नदियां होती हैं। मिड्ज़ी निर्बाध…
ब्राजील के अमेज़ॅन में बेलो मोंटे मेगा बांध। तस्वीर- ज़ो सुलिवन/ मोंगाबे
रांची शहर की तस्वीर रांची हिल्स से ली गई है। यह समुद्र तल से 2064 फुट की ऊंचाई पर बसा है। तस्वीर- बिश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स

हिल स्टेशन रांची में पानी के लिए क्यों मच रहा हाहाकार?

रांची में रहने वाली चालीस साल की सुगन बिन्हा ने पानी का भीषण संकट कई बार देखा है लेकिन इस बार जैसी परेशानी उन्होंने पहले कभी नहीं झेली। इस गर्मी…
रांची शहर की तस्वीर रांची हिल्स से ली गई है। यह समुद्र तल से 2064 फुट की ऊंचाई पर बसा है। तस्वीर- बिश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स
कोसी अपने साथ भारी मात्रा में गाद लाती है, जिसकी वजह से यह नदी बहुत तेजी से अपना रास्ता बदलती है और किसानों के खेतों से होकर बहने लगती है। तस्वीर- उमेश कुमार राय/मोंगाबे

बिहारः कोसी क्षेत्र के किसान क्यों कर रहे भू-सर्वेक्षण का विरोध?

60 वर्षीय सत्यनारायण यादव ने पिछले साल जिस 2.75 एकड़ खेत में खेती की थी, उस जमीन पर कोसी नदी की धारा बह रही है। “खेत में नदी बह रही…
कोसी अपने साथ भारी मात्रा में गाद लाती है, जिसकी वजह से यह नदी बहुत तेजी से अपना रास्ता बदलती है और किसानों के खेतों से होकर बहने लगती है। तस्वीर- उमेश कुमार राय/मोंगाबे
बैनर तस्वीर: बाजोली-होली जलविद्युत परियोजना का एक दृश्य। तस्वीर- विशेष प्रबंध

हिमाचल में आदिवासियों को उजाड़ती पनबिजली परियोजना

25 मार्च 2014 की तारीख, हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला स्थित झरौता गांव के लोग इस तारीख को भूल नहीं सकते। इसी दिन कम से कम 31 महिलाओं को पुलिस…
बैनर तस्वीर: बाजोली-होली जलविद्युत परियोजना का एक दृश्य। तस्वीर- विशेष प्रबंध
मोतिहारी शहर स्थित रघुनाथपुर पुल से धनौती नदी कुछ इस तरह की दिखती है। तस्वीर- सीटू तिवारी

चंपारण के धनौती नदी को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार पर स्थानीय लोग असमंजस में, आखिर क्यों?

बिहार के मोतिहारी शहर के बीचोंबीच होकर बहती धनौती एक बड़े नाले में तब्दील हो गई है। नदी के ऊपर बने रघुनाथपुर पुल से, गंदगी से बजबजाती इस नदी से…
मोतिहारी शहर स्थित रघुनाथपुर पुल से धनौती नदी कुछ इस तरह की दिखती है। तस्वीर- सीटू तिवारी
अधिकतर विकसित देश अपना प्लास्टिक कचरा रिसाइकलिंग के लिए बांग्लादेश भेजते हैं। यहां अधिकतर कचरा खुले में या फिर नदियों में जा मिलता है। तस्वीर- मारूफ रहमान/पिक्साबे

प्‍लास्टिक की जीवन यात्रा: जन्‍म से नायक, लावारिस मौत, दैत्‍य के रूप में पुनर्जन्‍म

प्‍लास्टिक हमारे जीवन में किसी बॉलीवुड फिल्म के नायक की तरह आता है। सर्वगुण संपन्न। अनेक जरूरतों के लिए सबसे उपयुक्त, कम लागत में तैयार हो जाने वाला समाधान। इससे…
अधिकतर विकसित देश अपना प्लास्टिक कचरा रिसाइकलिंग के लिए बांग्लादेश भेजते हैं। यहां अधिकतर कचरा खुले में या फिर नदियों में जा मिलता है। तस्वीर- मारूफ रहमान/पिक्साबे
[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?

कोविड, किसान आंदोलन, उदारीकरण, पेसा, नेट जीरो से जोड़कर देखा जाएगा साल 2021

अभी 2022 दहलीज पर खड़ा है और इसके साथ ओमीक्रॉन भी। पूरी मानव सभ्यता इस उम्मीद में है कि कोविड के डेल्टा ने 2021 में जो तबाही मचाई वैसे आगे…
[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?
बिहार के सुलतानगंज में नाव से गंगा पार करते श्रद्धालु। फिल्मकार सिद्धार्थ अग्रवाल ने गंगासागर से गंगोत्री तक की पैदल यात्रा कर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है। तस्वीर- सिद्धार्थ अग्रवाल

[समीक्षा] मूविंग अप्स्ट्रीम: गंगा- हजार किस्से मिले नदी के साथ चलने में

‘मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था/ वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था।’ अंजुम रहबर के इस शेर की मदद से उत्तराखंड का एक युवक यूं तो अपने कुनबे…
बिहार के सुलतानगंज में नाव से गंगा पार करते श्रद्धालु। फिल्मकार सिद्धार्थ अग्रवाल ने गंगासागर से गंगोत्री तक की पैदल यात्रा कर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है। तस्वीर- सिद्धार्थ अग्रवाल
महानदी की कछार पर ताप विद्युत गृह और साथ में धान के खेत। यहां पानी का बेतहाशा इस्तेमाल होता है। तस्वीर- रंजन पांडा

महानदी को लेकर ओडिशा और छत्तीसगढ़ में खींचतान, क्या बच पाएगी नदी?

ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित संबलपुर में हीराकुंड बांध का पानी दोनों राज्यों के लिए खींचतान का विषय बना हुआ है। ओडिशा का आरोप है कि महानदी पर…
महानदी की कछार पर ताप विद्युत गृह और साथ में धान के खेत। यहां पानी का बेतहाशा इस्तेमाल होता है। तस्वीर- रंजन पांडा
गंडक नदी में रेत के टापू पर आराप फरमाता एक घड़ियाल। नदी में घड़ियाल संरक्षण की कोशिशें चल रही हैं। वर्ष 2018 में नदी में 211 घड़ियाल पाए गए, जो कि एक समय में विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके थे। तस्वीर- समीर कुमार सिन्हा

गंडक नदी के घड़ियालों का आशियाना उजाड़ सकता है यह अंतर्राष्ट्रीय जलमार्ग

बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मांडविया ने 18 मार्च, 2021 को लोकसभा में यह जानकारी दी थी कि बिहार के सारण जिले के कालू…
गंडक नदी में रेत के टापू पर आराप फरमाता एक घड़ियाल। नदी में घड़ियाल संरक्षण की कोशिशें चल रही हैं। वर्ष 2018 में नदी में 211 घड़ियाल पाए गए, जो कि एक समय में विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके थे। तस्वीर- समीर कुमार सिन्हा
[फ़ोटो] पश्चिम बंगाल में गंगा नदी की कटाई से बेहाल हैं लोग

[फ़ोटो] पश्चिम बंगाल में गंगा नदी की हर साल बढ़ती कटाई से बेहाल हैं लोग

मुर्शिदाबाद जिले के धनघरा गांव के लोग पिछले साल आधी रात आए सैलाब को चाहकर भी भूल नहीं पा रहे हैं। गांव वालों पर गंगा का रौद्र रूप कहर बनकर…
[फ़ोटो] पश्चिम बंगाल में गंगा नदी की कटाई से बेहाल हैं लोग
अमरकंटक में जंगलों के बीच से गुजरती नर्मदा। यहां जंगल से निकली छोटी-छोटी जलधाराएं नर्मदा को विशाल बनाती जाती है। तस्वीर- अजय ताव/फ्लिकर

नर्मदा के उद्गम से ही शुरू हो रही है नदी को खत्म करने की कोशिश

मध्य भारत की जीवन रेखा मानी जाने वाली नर्मदा नदी के लिए उद्गम स्थल से ही अस्तित्व का संकट शुरू होने लगा है। यह नदी मध्यप्रदेश के अमरकंटक के आस-पास…
अमरकंटक में जंगलों के बीच से गुजरती नर्मदा। यहां जंगल से निकली छोटी-छोटी जलधाराएं नर्मदा को विशाल बनाती जाती है। तस्वीर- अजय ताव/फ्लिकर